जस्टिस गांगुली के बचाव में जेठमलानी, बोले- मैं नहीं मानता कि सब औरतें सच बोलती हैं
नई दिल्ली, 17 दिसम्बर 2013 | अपडेटेड: 00:57 IST
लॉ इंटर्न लड़की का यौन शोषण करने के आरोपी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज
एके गांगुली के सपोर्ट में देश के वरिष्ठ वकील और पूर्व कानून मंत्री राम
जेठमलानी सामने आए हैं. एक केस के सिलसिले में कोलकाता पहुंचे जेठमलानी ने
कहा कि मैं इस केस में किसी भी तरह के अंदाजे लगाने के खिलाफ हूं और जो ऐसा
कर रहे हैं वे गैर जिम्मेदाराना हैं.
जेठमलानी बोले कि मैं यह नहीं मानता कि लड़की अपने बयान में जो कुछ कह रही
है, वह सही है और सभी पुरुष झूठ बोल रहे हैं. वरिष्ठ वकील के मुताबिक क्रॉस
एग्जामिनेशन के बिना लड़की के बयान को सही नहीं माना जा सकता.
जेठमलानी ने कहा कि मैं इस मसले पर क्या बोलूं. जज और लड़की के बीच जब ये वाकया हुआ, तो मैं तो वहां मौजूद था नहीं. लेकिन इस बारे में इस तरह की बयानबाजी लापरवाही दिखाती है. जब तक आरोप लगाने वाले से सवाल-जवाब न हों, चीजों पर यकीन नहीं किया जा सकता. हो सकता है कि वह एक ईमानदार लड़की हो. उन्होंने कहा, 'मैं जानता हूं कि ऊंचे पदों पर बैठे लोगों ने पहले भी अपराध किए हैं. कुछ भी मुमकिन है. मगर मैं ये भी नहीं मानता कि ऐसे मसलों पर हमेशा सभी पुरुष झूठ बोलते हैं और सभी औरतें सच.'
बोले गांगुली, आपसे क्या मतलब
इससे पहले जब जस्टिस गांगुली से पूछा गया कि वह इन आरोपों और सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई कमेटी की टिप्पणी के बाद भी पं. बंगाल मानवाधिकार आयोग का पद क्यों नहीं छोड़ रहे हैं, तो उनका जवाब था, आपसे क्या मतलब. गौरतलब है कि देश के कई बड़े नेता इस मसले पर जस्टिस गांगुली को पद छोड़ने के लिए कह चुके हैं.
जेठमलानी ने कहा कि मैं इस मसले पर क्या बोलूं. जज और लड़की के बीच जब ये वाकया हुआ, तो मैं तो वहां मौजूद था नहीं. लेकिन इस बारे में इस तरह की बयानबाजी लापरवाही दिखाती है. जब तक आरोप लगाने वाले से सवाल-जवाब न हों, चीजों पर यकीन नहीं किया जा सकता. हो सकता है कि वह एक ईमानदार लड़की हो. उन्होंने कहा, 'मैं जानता हूं कि ऊंचे पदों पर बैठे लोगों ने पहले भी अपराध किए हैं. कुछ भी मुमकिन है. मगर मैं ये भी नहीं मानता कि ऐसे मसलों पर हमेशा सभी पुरुष झूठ बोलते हैं और सभी औरतें सच.'
बोले गांगुली, आपसे क्या मतलब
इससे पहले जब जस्टिस गांगुली से पूछा गया कि वह इन आरोपों और सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई कमेटी की टिप्पणी के बाद भी पं. बंगाल मानवाधिकार आयोग का पद क्यों नहीं छोड़ रहे हैं, तो उनका जवाब था, आपसे क्या मतलब. गौरतलब है कि देश के कई बड़े नेता इस मसले पर जस्टिस गांगुली को पद छोड़ने के लिए कह चुके हैं.
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