गिरफ्तारी के दौरान कई बार रो पड़ी थीं देवयानी, पढ़िए महिला डिप्लोमैट की आपबीती
नई दिल्ली/वॉशिंगटन. अमेरिका में तैनात भारतीय महिला राजनयिक देवयानी खोब्रागडे के साथ बदसलूकी
के बाद अमेरिका न सिर्फ खुद को सही ठहरा रहा है बल्कि उसने भारत को आंखें
भी दिखाई हैं। हालांकि, भारत ने अपनी महिला डिप्लोमैट के साथ हुई बदसलूकी पर कड़ा रुख
अपनाया है। भारत का यह रुख देवयानी के उस ई मेल की प्रतिक्रिया के तौर पर
देखा जा रहा है जो भारतीय डिप्लोमैट ने अपने आईएफएस साथियों को भेजकर अपने
साथ हुई बदसलूकी का ब्यौरा दिया है। देवयानी ने बताया है कि अमेरिका में
उनके कपड़े उतार कर तलाशी ली गई थी। उन्हें हथकड़ी लगाई गई। अपराधियों के
साथ हवालात में रखा गया। उनका कैविटी टेस्ट भी किया गया जो केवल अपराधियों
का होता है। डीएनए टेस्ट के लिए नमूने भी लिए गए। गिरफ्तारी के दौरान
देवयानी कई बार रो पड़ी थीं हालांकि उन्होंने अपनी गरिमा बनाए रखी
क्योंकि वह अमेरिका में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रही थीं।
‘जब मैं इस सबसे गुजर रही थी, तब मैं कई बार रोई क्योंकि मेरे साथ
लगातार ऐसा सलूक किया जा रहा था कि जैसे मैं कोई बड़ी अपराधी हूं। मुझे
हथकड़ी लगाना, कपड़े उतरवाकर तलाशी लेना, मुंह की तलाशी लेना, डीएनए
स्वैबिंग, अपराधियों और नशेड़ियों के साथ रखना वो भी तब जबकि मुझे राजनयिक
होने के नाते विशेष अधिकार मिले हुए हैं। लेकिन इस ज्यादती का सामना करने
के लिए मुझे इस बात से शक्ति मिली कि मुझे अपने साथियों और देश का
प्रतिनिधित्व पूरे विश्वास और सम्मान के साथ करना है’।
अमेरिका ने की कपड़े उतारकर जांच किए जाने की पुष्टि, भारत के रुख से भड़का
यूएस मार्शल सर्विस (यूएसएमएस) ने इस बात की पुष्टि की है कि राजनयिक
देवयानी को पिछले हफ्ते गिरफ्तार करने के बाद उनके कपड़े उतारकर उनकी जांच
की गई थी। यूएसएमएस ने इस बात की भी पुष्टि की है कि देवयानी के साथ वैसा
ही बर्ताव किया गया, जैसा अन्य गिरफ्तार लोगों के साथ किया जाता है।
यूएसएमएस की प्रवक्ता निक्की क्रेडिक-बैरेट ने इस मुद्दे पर कहा, '(देवयानी
की) गिरफ्तारी में उसी प्रक्रिया का पालन किया गया जो पहले से तय है।'
प्रवक्ता ने यह भी कहा, 'गिरफ्तार महिला (देवयानी) को उसी सेल में रखा गया
था जहां अन्य महिलाओं को रखा गया था जो कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही
थीं।'
वहीं, दूसरी ओर अमेरिका में तैनात भारतीय राजनयिक देवयानी के साथ
बदसलूकी के मामले के तूल पकड़े जाने के बाद अमेरिका ने अपने रुख में बदलाव
के संकेत दिए हैं। अमेरिका की उप विदेश मंत्री निशा देसाई-बिस्वाल ने कहा
है कि यह (देवयानी की गिरफ्तारी) भारत में कई लोगों के लिए बहुत ही
संवेदनशील मसला है। निशा के मुताबिक, 'हम ऐसे मामलों में गिरफ्तारी की
प्रक्रिया की समीक्षा कर रहे हैं।' हालांकि, निशा ने अमेरिकी एजेंसियों के
रवैये को लेकर कोई खेद नहीं जाहिर किया।
इससे पहले भारत सरकार द्वारा नई दिल्ली में तैनात अमेरिकी राजनयिकों की सुविधाएं कम करने से अमेरिका भड़क गया है। अमेरिका ने कहा है कि भारत वियना कन्वेंशन के तहत उसके राजनयिकों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराए।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मैरी हर्फ ने एक बयान में कहा,
'हमने भारत सरकार को यह बता दिया है कि वह राजनयिकों को लेकर वियना
कन्वेंशन के तहत अपनी जिम्मेदारियां निभाए। भारत में तैनात राजनयिकों की
सुरक्षा हमारे लिए सबसे अहम बात है। हम इसे बहुत गंभीरता से लेते हैं। हम
भारत के साथ मिलकर काम करते रहेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे हमारे सभी
राजनयिक और अफसरों को पूरे अधिकार मिलें और उनकी सुरक्षा हो।'
वहीं, देवयानी के साथ हुए बर्ताव पर हर्फ ने कहा, 'भारतीय राजनयिक के
साथ जिस मामले में कार्रवाई की गई, वह राजनयिक छूट के तहत नहीं आता है।'
कपड़े उतार कर तलाशी पर हर्फ ने कहा, ‘राजनयिक सुरक्षा विदेश विभाग के अधीन
आती है। देवयानी की गिरफ्तारी में प्रत्येक मानक का ध्यान रखा गया।’ जब
उनसे हथकड़ी लगाने के बारे में पूछा गया तो कहा, ‘देवयानी को डिप्लोमेटिक
सुरक्षा से यूएस मार्शल को सौंप दिया गया था।’
भारत ने छीनी अमेरिकी राजनयिकों की सुविधाएं
भारतीय राजनयिक देवयानी की अमेरिका में गिरफ्तारी और बदसलूकी का मामला
तूल पकड़ता जा रहा है। भारत ने पहली बार अमेरिका के खिलाफ अप्रत्याशित
सख्ती दिखाई है। सरकार ने भारत स्थित अमेरिकी राजनयिकों की कई सुविधाएं छीन
ली हैं। उनके पहचान पत्र और हवाई अड्डों के लिए जारी विशेष पास वापस ले
लिए हैं। इतना ही नहीं दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के बाहर लगे बैरिकेड्स
भी हटा लिए हैं। अमेरिकी कांसुलेट्स में काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों
के वेतन का ब्यौरा भी मांगा है। साथ ही अमेरिकी राजनयिकों को भारत में मिल
रही सुविधाओं की समीक्षा भी की जा रही है। अमेरिकी राजदूत नैंसी पॉवेल को
तलब कर पहले ही चेतावनी दी जा चुकी है।
इस बीच भाजपा नेता नरेंद्र मोदी भी केंद्र सरकार के साथ आ गए हैं।
उन्होंने भी अमेरिकी सांसदों से मिलने से मना कर दिया। ट्वीट कर कहा वे
भारत सरकार के साथ हैं। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और कांग्रेस के
उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिले। देवयानी के
पिता उत्तम ने मंगलवार को गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से भेंट की। शिंदे
ने उन्हें पूरे समर्थन का भरोसा दिलाया।
अमेरिकी राजनयिकों के खिलाफ ये कार्रवाई
-सभी से डिप्लोमेटिक पहचान पत्र वापस मांगे। विशेष एयरपोर्ट पास भी खारिज किए।
-शराब और विदेशी सामान के आयात पर मिलने वाली छूट भी रद्द की।
-अमेरिकी दूतावास व वाणिज्य दूतावासों में काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों के वेतन का ब्यौरा मांगा।
-दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के बाहर लगे बैरिकेड्स और खास सुरक्षा व्यवस्था भी हटाई।
-भारत में अमेरिकी शिक्षकों के वेतन और नौकरी का पूरा ब्यौरा मांगा गया है।
वियना कन्वेंशन
ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में 1961 में दुनिया के कई देशों ने
राजनयिक रिश्तों और राजनयिकों के साथ बर्ताव को लेकर एक समझौता किया था।
इसे समझौते के आधार पर राजनयिकों के साथ बर्ताव के लिए कई मुद्दों पर सहमति
बनी थी। इसे ही वियना कन्वेंशन कहते हैं। इस कन्वेंशन के मुताबिक किसी देश
में तैनात राजनयिक की सामान्य मामलों में गिरफ्तारी नहीं हो सकती है। उसकी
गिरफ्तारी सिर्फ हत्या जैसे मामलों में की जा सकती है। गिरफ्तार करते समय
राजनयिक को हथकड़ी नहीं लगाई जा सकती है। राजनयिक की सुरक्षा उस देश की अहम
जिम्मेदारी है, जहां वह तैनात है। इसके अलावा और भी कई प्रावधान इस समझौते
में शामिल हैं।
अपराधियों से भी बुरा सलूक किया था देवयानी के साथ
न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास की कार्यवाहक प्रभारी देवयानी
खोबरागड़े (39) को गुरुवार को न्यूयॉर्क में गिरफ्तार किया गया। उन पर
नौकरानी के वीसा आवेदन में झूठी जानकारी देने और नौकरानी को तय से कम वेतन
देने के आरोप लगाए गए। देवयानी को तब गिरफ्तार किया गया जब वे बेटी को
स्कूल छोडऩे गई थीं। उन्हें हथकड़ी लगाई गई। अपराधियों के साथ हवालात में
रखा गया। बाद में कोर्ट ने करीब 1.55 करोड़ रुपए (ढाई लाख डॉलर) के निजी
मुचलके पर जमानत पर छोड़ा। यह बात भी सामने आई कि देवयानी के कपड़े उतार कर
तलाशी भी ली गई थी। उनका कैविटी टेस्ट भी किया गया जो केवल अपराधियों का
होता है।
39 साल की 1999 बैच की भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अफसर हैं। मूल रूप
से महाराष्ट्र निवासी देवयानी ने एमबीबीएस की पढ़ाई की है। देवयानी की छवि
महिला अधिकारों और लिंग-समानता जैसे गंभीर मसलों की सार्वजनिक मंच से
वकालत करने वाली महिला के तौर पर है।
दोषी पाई जाती हैं तो हो सकती है 15 साल की सज़ा
नौकरानी का शोषण करने
के आरोप में गिरफ्तार भारतीय राजनयिक देवयानी के खिलाफ लगे आरोप अगर साबित
हो जाते हैं तो उन्हें अधिकतम 15 साल की जेल हो सकती है। अमेरिका में
नौकरों को लेकर कड़े कानून हैं। अमेरिका में रहने वाला कोई शख्स अगर बाहरी
देश से नौकर लाता है तो उसके लिए अलग वीजा के प्रावधान हैं। इसके अलावा
अमेरिका के हर प्रांत, शहर और शहर के विभिन्न इलाकों में नौकरों को दी
जाने वाली तनख्वाह के लिए अलग-अलग नियम हैं। कानून के मुताबिक विदेशों में
तैनात राजनयिकों को न तो हिरासत में लिया जा सकता है, न गिरफ्तार किया जा
सकता है, न तो हथकड़ी लगाई जा सकती है और न ही उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा
सकता है, चाहे उनका जुर्म कितना ही संगीन क्यों न हो। विएना कन्वेंशन के
तहत राजनयिकों को यह छूट हासिल है।
अमेरिका में नौकरों के लिए कानून
अमेरिका में नौकरों को लेकर कड़े कानून हैं। अमेरिका में रहने वाला
कोई शख्स अगर बाहरी देश से नौकर लाता है तो उसके लिए अलग वीजा के प्रावधान
हैं। इसके अलावा अमेरिका के हर प्रांत, शहर और शहर के विभिन्न इलाकों में
नौकरों को दी जाने वाली तनख्वाह के लिए अलग-अलग नियम हैं। अगर केवल घर के
काम के लिए नौकर रखना है और बच्चों की देखभाल नहीं करनी है तो इसके लिए
अलग वेतनमान निर्धारित है लेकिन अगर घर के काम में बच्चों की देखभाल भी
करनी है तो नौकर के लिए अलग वेतनमान निर्धारित है। बच्चों की देखभाल के
लिए रखे गए नौकरों के लिए पांच तरह के वेतनमान हैं। मौजूदा नियम के मुताबिक
अगर कोई शख्स अपने नौकर पर सालाना 1800 डॉलर से ज्यादा खर्च करता है तो
उसे टैक्स भी चुकाना पड़ता है।
वादा किया प्रति घंटे 9.75 डॉलर देने का, लेकिन दिया कम
देवयानी के खिलाफ लगे आरोपों के मुताबिक उन्होंने अमेरिकी सरकार के
स्टेट्स कौंसुलर इलेक्ट्रॉनिक एप्लीकेशन सेंटर में ऑनलाइन ए-3 वीजा के लिए
एक आवेदन किया। यह अमेरिकी वीजा घरेलू कामगारों और नौकरों के लिए है।
न्यूयार्क में नवंबर 2012 में देवयानी उस भारतीय महिला को अपने यहां रखना
चाहती थीं। वीजा आवेदन में कहा गया कि देवयानी को जिस भारतीय नौकर को रखना
था उसे प्रति माह 4,500 डॉलर दिया जाएगा। रोजगार अनुबंध के मुताबिक देवयानी
को घरेलू सहायकों को मौजूदा अथवा न्यूनतम वेतन (प्रति घंटा 9.75 डॉलर) अदा
करना होता। बहरहाल, भारतीय नौकरानी ने नवंबर 2012 से जून 2013 तक देवयानी
के यहां काम किया। उसने प्रति हफ्ते 40 घंटे से ज्यादा काम किया और उसे
प्रति घंटे 3.31 डॉलर की रकम दी गई।
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