Tuesday 17 December 2013

न्यायाधीश रिचर्ड लियोन अमरीका: अमरीकी टेलीफ़ोन निगरानी कार्यक्रम 'ग़ैरकानूनी'

 न्यायाधीश रिचर्ड लियोन अमरीका: अमरीकी टेलीफ़ोन निगरानी कार्यक्रम 'ग़ैरकानूनी'

 मंगलवार, 17 दिसंबर, 2013 को 23:09 IST तक के समाचार

अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी का कार्यालय
एनएसए के एक पूर्व कांट्रैक्टर ने इन आंकड़ों को सार्वजनिक किया था
अमरीका की एक अदालत ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) की ओर से टेलीफ़ोन संबंधी आंकड़े जुटाने का कार्यक्रम असंवैधानिक है.
वॉशिंगटन डीसी के संघीय ज़िला न्यायाधीश रिचर्ड लियोन ने इलेक्ट्रॉनिक जासूसी करने वाली इस एजेंसी के इस काम को 'जबरन घुसपैठ' बताया.
एनएसए ने टेलीफ़ोन नंबरों के साथ-साथ, कॉल का विवरण और कॉल का समय जैसी जानकारियां जुटाई थीं. इन आंकड़ों को एनएसए के एक पूर्व कांट्रेक्टर एडवर्ड क्लिक करें स्नोडेन ने सार्वजनिक कर दिया था.
इस बीच इंटरनेट और टेलीफ़ोन की क्लिक करें निगरानी का मुद्दा तकनीकी कंपनियों के प्रमुखों और अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच मंगलवार को होने वाली बैठक में उठ सकता है.
अदालत ने सोमवार को यह फैसला कंजरवेटिव कार्यकर्ता लैरी क्लेमैन की याचिका पर दिया. वह टेलीफ़ोन सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनी वेरिज़ोन के उपभोक्ता हैं.

चुनौती

"अब अगर एनएसए इस कार्यक्रम को जारी रखता है, तो उसके दिमाग में यह रहेगा कि यह ग़ैर क़ानूनी है और हम एजेंसी पर अदालत की अवमानना का आपाराधिक मुक़दमा करेंगे"
लैरी क्लेमैन, याचिकाकर्ता
उन्होंने टेलीफ़ोन आंकड़े जुटाने के एनएसए के कार्यक्रम को अदालत में चुनौती दी थी.
टेलीफोन सेवा देने वाली कपनी वेरिज़ोन के ग्राहक लैरी क्लेमैन एनएसए को चुनौती दी कि वो कैसे उनकी तरफ से और कंपनी की तरफ से मेटाडाटा जमा कर सकती है.
इसमें टेलीफ़ोन नंबर, कॉलिंग कार्ड के नंबर और फ़ोन के सीरियल नंबर शामिल हैं.
संघीय ज़िला न्यायाधीश लियोन ने क्लिक करें एनएसए के निगरानी कार्यक्रम को भेदभावपूर्ण बताया.
उन्होंने एनएसए के निगरानी कार्यक्रम के ख़िलाफ़ आदेश जारी किया लेकिन न्याय मंत्रालय की अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार करने के बाद अपने आदेश को निलंबित कर दिया.
इससे अब इस कार्यक्रम फिलहाल चलता रहेगा.
क्लेमैन ने बीबीसी से कहा कि अदालत के इस फैसले का तत्काल प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने कहा, ''अब अगर एनएसए इस कार्यक्रम को जारी रखता है, तो उसके दिमाग में यह रहेगा कि यह ग़ैर क़ानूनी है और हम एजेंसी पर अदालत की अवमानना का आपाराधिक मुक़दमा करेंगे.''

बैठक का मुद्दा

इस बीच एक वरिष्ठ अमरीकी अधिकारी ने कहा है कि मंगलवार को राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ ऐपल, क्लिक करें फ़ेसबुक, गूगल औऱ ट्विटर जैसी तकनीकी कंपनियों के प्रमुखों के साथ होने वाली बैठक में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी कार्यक्रम एक प्रमुख मुद्दा होगा.
एनएसए के पूर्व क़ानूनी सलाहकार स्टीवर्ट बेकर ने बीबीसी से कहा कि अदालत ने अपील के बाद अपने फ़ैसले पर रोक लगाई है लेकिन न्यायाधीश की इस कार्यक्रम के बारे में विस्तृत राय अमरीकी सरकार पर असर पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि यह मामला अदालत में चलेगा और सरकार के लिए अगले कुछ महीने या साल का परेशानी वाले होंगे.

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