राज्यसभा में लोकपाल पास, अन्ना हुए खुश, बोले-'लोकसभा में पास होने के बाद तोड़ूंगा अनशन'
नई दिल्ली, 18 दिसम्बर 2013 | अपडेटेड: 04:40 IST
राज्यसभा में लोकपाल विधेयक मंगलवार को पास हो गया. बुधवार को यह बिल
लोकसभा में पेश किया जाएगा. बिल पास होते ही रालेगण सिद्धि में अनशन पर
बैठे समाजसेवी अन्ना हजारे ने सरकार और बिल पास करने में मदद करने वाली सभी
पार्टियों को धन्यवाद दिया. उन्होंने उम्मीद जताई कि बिल लोकसभा में भी
पास हो जाएगा जिसके बाद वह अनशन खत्म कर देंगे.
उन्होंने सभी सांसदों से विनती की कि लोकपाल देश की मांग है इसलिए इसे
लोकसभा में भी पारित करवाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे पूरी तरह
भ्रष्टाचार खत्म तो नहीं होगा लेकिन 40 से 50 फीसदी करप्शन खत्म होगा.
रालेगण सिद्धि में अन्ना ने कहा:
जनता की तरफ से मैं धन्यवाद देता हूं. अभी कल ये बिल लोकसभा में आएगा. और मुझे विश्वास है कि राज्यसभा में पास हो गया न, अभी लोकसभा में भी पास होगा.
राज्यसभा में हमारे जो सांसद हैं, उनको ये अभी महसूस हो रहा है कि देश की जनता भ्रष्टाचार के विरोध में कानून मांगती है. कल लोकसभा में पास होने के बाद मैं अपना अनशन छोड़ दूंगा.
राज्यसभा में बैठे हुए समाजवादी पार्टी के छोड़कर जितने सांसदों ने सपोर्ट किया, उन्हें धन्यवाद और आभार करता हूं और विनती करता हूं लोकसभा के सभी बैठे हुए मेंबर्स से. उनसे विनती करता हूं कि ये देश की मांग है, अन्ना हजारे की मांग नहीं है.
अन्ना हजारे क्या है, एक फकीर आदमी है. उसके लिए कुछ नहीं मांगना है. जो कुछ मांगना है देश के लिए मांगना है.
कहीं पर भी जाओ. पैसे दिए बिना काम ही नहीं होता. ये बिल में जो मुद्दा आ गया. क्लास 1 और 2 लोकपाल के दायरे में और 3-4 सीवीसी के दायरे में. तो गरीबों के लिए बहुत अच्छा कानून बना. ऐसा मैं मानता हूं. उन्हें न्याय मिलेगा.
सीबीआई पर गर्वनमेंट का कंट्रोल हटा दिया. बहुत महत्वपूर्ण बात है. रिजल्ट मिलने में देर लगेगा.
समाजवादी पार्टी ने नहीं किया समर्थन
हालांकि आज सुबह जैसे ही संसद की कार्यवाही शुरू हुई, चंद मिनटों के अंदर समाजवादी पार्टी के हंगामे की वजह से कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा. इसके बाद गतिरोध खत्म करने की कोशिशें शुरू हुईं. इस बाबत प्रधानमंत्री की सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से मुलाकात भी हुई. इस मुलाकात का नतीजा 12 बजे दिखा जब अंततः सदन में लोकसभा बिल पर चर्चा शुरू हुई.
रालेगण सिद्धि में अन्ना ने कहा:
जनता की तरफ से मैं धन्यवाद देता हूं. अभी कल ये बिल लोकसभा में आएगा. और मुझे विश्वास है कि राज्यसभा में पास हो गया न, अभी लोकसभा में भी पास होगा.
राज्यसभा में हमारे जो सांसद हैं, उनको ये अभी महसूस हो रहा है कि देश की जनता भ्रष्टाचार के विरोध में कानून मांगती है. कल लोकसभा में पास होने के बाद मैं अपना अनशन छोड़ दूंगा.
राज्यसभा में बैठे हुए समाजवादी पार्टी के छोड़कर जितने सांसदों ने सपोर्ट किया, उन्हें धन्यवाद और आभार करता हूं और विनती करता हूं लोकसभा के सभी बैठे हुए मेंबर्स से. उनसे विनती करता हूं कि ये देश की मांग है, अन्ना हजारे की मांग नहीं है.
अन्ना हजारे क्या है, एक फकीर आदमी है. उसके लिए कुछ नहीं मांगना है. जो कुछ मांगना है देश के लिए मांगना है.
कहीं पर भी जाओ. पैसे दिए बिना काम ही नहीं होता. ये बिल में जो मुद्दा आ गया. क्लास 1 और 2 लोकपाल के दायरे में और 3-4 सीवीसी के दायरे में. तो गरीबों के लिए बहुत अच्छा कानून बना. ऐसा मैं मानता हूं. उन्हें न्याय मिलेगा.
सीबीआई पर गर्वनमेंट का कंट्रोल हटा दिया. बहुत महत्वपूर्ण बात है. रिजल्ट मिलने में देर लगेगा.
समाजवादी पार्टी ने नहीं किया समर्थन
हालांकि आज सुबह जैसे ही संसद की कार्यवाही शुरू हुई, चंद मिनटों के अंदर समाजवादी पार्टी के हंगामे की वजह से कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा. इसके बाद गतिरोध खत्म करने की कोशिशें शुरू हुईं. इस बाबत प्रधानमंत्री की सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से मुलाकात भी हुई. इस मुलाकात का नतीजा 12 बजे दिखा जब अंततः सदन में लोकसभा बिल पर चर्चा शुरू हुई.
अब भ्रष्ट अफसरों को बचा नहीं पाएगी सरकार
बड़े-बड़े घोटालों में अकसर आइएएस और दूसरे बड़े अफसर इसलिए बचते रहें
हैं कि उनके खिलाफ तब तक जांच नहीं हो पाती जब तक कि केंद्र सरकार इसकी
इजाजत न दे दे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों की इस ढाल को भी आज गिरा
दिया. सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि सीबीआई को अदालती निगरानी
वाले भ्रष्टाचार के मामलों में वरिष्ठ नौकरशाहों के खिलाफ अभियोजन में
केंद्र सरकार की मंजूरी की कोई जरूरत नहीं है. इसने एजेंसी को मजबूत किया
है जिससे वह सरकार से पूर्व मंजूरी लिए बिना अधिकारियों के खिलाफ जांच कर
सकती है.
न्यायमूर्ति आर एम लोधा की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने केंद्र की मंजूरी के इंतजार के बगैर कोलगेट में कथित रुप से संलिप्त नौकरशाहों के खिलाफ अभियोजन के लिए सीबीआई का मार्ग प्रशस्त कर दिया है. खंडपीठ ने कहा, ‘‘ जब कोई मामला भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत अदालत की निगरानी में हो तो दिल्ली विशेष पुलिस संस्थापन डीएसपीई कानून की धारा 6ए के तहत मंजूरी आवश्यक नहीं है.’’
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने भ्रष्टाचार के सभी मामलों में वरिष्ठ नौकरशाहों के खिलाफ जांच के लिए आवश्यक मंजूरी के केंद्र के रुख पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इस प्रकार का वैधानिक प्रावधान कोलगेट जैसे मामलों में अदालती निगरानी वाली जांच में न्यायिक शक्ति को कम करेगा। उसने केंद्र के इस दावे को दरकिनार कर दिया था कि डीएसपीई कानून की धारा 6ए के तहत संयुक्त सचिव स्तर के दर्जे या उससे उपर के दर्जे के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के लिए सक्षम प्राधिकरण की मंजूरी की आवश्यकता होती है.
न्यायमूर्ति आर एम लोधा की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने केंद्र की मंजूरी के इंतजार के बगैर कोलगेट में कथित रुप से संलिप्त नौकरशाहों के खिलाफ अभियोजन के लिए सीबीआई का मार्ग प्रशस्त कर दिया है. खंडपीठ ने कहा, ‘‘ जब कोई मामला भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत अदालत की निगरानी में हो तो दिल्ली विशेष पुलिस संस्थापन डीएसपीई कानून की धारा 6ए के तहत मंजूरी आवश्यक नहीं है.’’
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने भ्रष्टाचार के सभी मामलों में वरिष्ठ नौकरशाहों के खिलाफ जांच के लिए आवश्यक मंजूरी के केंद्र के रुख पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इस प्रकार का वैधानिक प्रावधान कोलगेट जैसे मामलों में अदालती निगरानी वाली जांच में न्यायिक शक्ति को कम करेगा। उसने केंद्र के इस दावे को दरकिनार कर दिया था कि डीएसपीई कानून की धारा 6ए के तहत संयुक्त सचिव स्तर के दर्जे या उससे उपर के दर्जे के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के लिए सक्षम प्राधिकरण की मंजूरी की आवश्यकता होती है.
लोकपाल पर अन्ना ने चिट्ठी लिख कर थपथपाई राहुल की पीठ, जबाव आया- थैंक्यू
अन्ना हजारे ने राहुल गांधी को एक चिट्ठी लिखकर लोकपाल बिल को लेकर उनकी
प्रतिबद्धता की प्रशंसा की है. उन्होंने इस पत्र में राहुल गांधी से यह
आग्रह भी किया है कि वो सेलेक्ट कमिटी द्वारा सुझाए गए सभी बिंदुओं को
लोकपाल बिल में शामिल करें. उन्होंने पत्र में राहुल को लिखा है कि जनता
जनलोकपाल की प्रतीक्षा कर रही है.
अन्ना हजारे ने इस चिट्ठी की एक-एक प्रतिलिपि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कार्मिक मंत्री वी नारायण सामी और सेलेक्ट कमिटी के अध्यक्ष को भी भेजा है.
इस पत्र के जवाब में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अन्ना को एक धन्यवाद पत्र लिखा. राहुल ने इस पत्र में अन्ना को लिखा है कि उनके लेटर से बहुत प्रोत्साहन मिला. राहुल ने इस पत्र के जरिए अन्ना द्वारा लोकपाल की दिशा में किए गए कार्यों की सराहना करते हुए मजबूत लोकपाल बिल पास कराने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया.
बिल पास हुआ तो अनशन तोड़ेंगे अन्ना
इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में प्रस्तावित लोकपाल बिल को अन्ना हजारे ने स्वीकार करते हुए कहा था कि इस विधेयक के पास हो जाने पर वो अपना अनशन तोड़ देंगे. हजारे ने कहा था, ‘मैं इसे पूरी तरह स्वीकार करता हूं. यदि यह विधेयक पारित हो जाता है तो मैं अपना अनशन समाप्त कर दूंगा. इस विधेयक से देश के गरीबों को फायदा होगा.’ हजारे ने समाजवादी पार्टी से भी इस विधेयक का समर्थन करने की अपील की है. उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि सभी दल इसका समर्थन करेंगे और यह पारित होगा.’
लोकपाल पर अन्ना और केजरीवाल भिड़े
हजारे ने राज्यसभा में पेश संशोधित लोकपाल विधेयक की प्रशंसा की है. वहीं केजरीवाल ने इसे खारिज करते हुए विधेयक को जोकपाल करार दिया है. केजरीवाल ने कहा कि इस लोकपाल से एक चूहे तक को जेल नहीं भेजा जा सकता. इसपर अन्ना हजारे ने उनकी आलोचना करते हुए कहा, ‘आप चूहे की बात कर रहे हैं, मैं समझता हूं कि विधेयक में शेर तक को पकड़ने के प्रावधान हैं.
सरकार लोकपाल लाने को प्रतिबद्ध
उधर केंद्र ने लोकपाल विधेयक पारित कराने को लेकर कहा है कि सरकार इसके लिए संसद के शीतकालीन सत्र की अवधि बढ़ाने के लिए भी तैयार है. राज्यसभा में सोमवार को इस विधेयक पर चर्चा होनी थी, लेकिन केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला के निधन के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित हो गयी.
इस बीच संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘लोकपाल विधेयक सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है. यह देश के लिए ऐतिहासिक विधेयक है. देश को इसकी जरूरत है. हम चाहते हैं कि इसी सत्र में संसद के दोनों सदन इस विधेयक को पारित करें.’
कमलनाथ की यह टिप्पणी कांग्रेस कोर समूह की बैठक के बाद आयी. बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने भी शिरकत की. उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो संसद का मौजूदा सत्र बढ़ाया जाएगा. यदि जरूरत पड़ी तो हम सदन में देर तक बैठने को तैयार हैं.
अन्ना हजारे ने इस चिट्ठी की एक-एक प्रतिलिपि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कार्मिक मंत्री वी नारायण सामी और सेलेक्ट कमिटी के अध्यक्ष को भी भेजा है.
इस पत्र के जवाब में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अन्ना को एक धन्यवाद पत्र लिखा. राहुल ने इस पत्र में अन्ना को लिखा है कि उनके लेटर से बहुत प्रोत्साहन मिला. राहुल ने इस पत्र के जरिए अन्ना द्वारा लोकपाल की दिशा में किए गए कार्यों की सराहना करते हुए मजबूत लोकपाल बिल पास कराने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया.
बिल पास हुआ तो अनशन तोड़ेंगे अन्ना
इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में प्रस्तावित लोकपाल बिल को अन्ना हजारे ने स्वीकार करते हुए कहा था कि इस विधेयक के पास हो जाने पर वो अपना अनशन तोड़ देंगे. हजारे ने कहा था, ‘मैं इसे पूरी तरह स्वीकार करता हूं. यदि यह विधेयक पारित हो जाता है तो मैं अपना अनशन समाप्त कर दूंगा. इस विधेयक से देश के गरीबों को फायदा होगा.’ हजारे ने समाजवादी पार्टी से भी इस विधेयक का समर्थन करने की अपील की है. उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि सभी दल इसका समर्थन करेंगे और यह पारित होगा.’
लोकपाल पर अन्ना और केजरीवाल भिड़े
हजारे ने राज्यसभा में पेश संशोधित लोकपाल विधेयक की प्रशंसा की है. वहीं केजरीवाल ने इसे खारिज करते हुए विधेयक को जोकपाल करार दिया है. केजरीवाल ने कहा कि इस लोकपाल से एक चूहे तक को जेल नहीं भेजा जा सकता. इसपर अन्ना हजारे ने उनकी आलोचना करते हुए कहा, ‘आप चूहे की बात कर रहे हैं, मैं समझता हूं कि विधेयक में शेर तक को पकड़ने के प्रावधान हैं.
सरकार लोकपाल लाने को प्रतिबद्ध
उधर केंद्र ने लोकपाल विधेयक पारित कराने को लेकर कहा है कि सरकार इसके लिए संसद के शीतकालीन सत्र की अवधि बढ़ाने के लिए भी तैयार है. राज्यसभा में सोमवार को इस विधेयक पर चर्चा होनी थी, लेकिन केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला के निधन के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित हो गयी.
इस बीच संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘लोकपाल विधेयक सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है. यह देश के लिए ऐतिहासिक विधेयक है. देश को इसकी जरूरत है. हम चाहते हैं कि इसी सत्र में संसद के दोनों सदन इस विधेयक को पारित करें.’
कमलनाथ की यह टिप्पणी कांग्रेस कोर समूह की बैठक के बाद आयी. बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने भी शिरकत की. उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो संसद का मौजूदा सत्र बढ़ाया जाएगा. यदि जरूरत पड़ी तो हम सदन में देर तक बैठने को तैयार हैं.
LIVE: लोकपाल बिल पर चर्चा, सिब्बल ने बताए बदलाव, जेटली ने की तारीफ, सपा का वॉक आउट
राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पर चर्चा शुरू हो गई है. उधर रालेगण सिद्धि
में अन्ना हजारे और किरण बेदी सहित अनशन कर रहे सभी उपस्थित लोग टीवी पर
राज्यसभा की कार्यवाही देख रहे हैं.
आज सुबह जैसे ही संसद की कार्यवाही शुरू हुई, चंद मिनटों के अंदर समाजवादी पार्टी के हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा. इसके बाद गतिरोध खत्म करने की कोशिशें शुरू हुईं. इस बाबत प्रधानमंत्री की सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से मुलाकात भी हुई. इस मुलाकात का नतीजा 12 बजे दिखा जब अंततः सदन में लोकसभा बिल पर चर्चा शुरू हुई. अरुण जेटली, बीजेपी नेता
आज देश का राजनीतिक माहौल बिल्कुल अलग है. 29 दिसंबर 2011 से लेकर अब तक आए इस बदलाव का असर सरकार की समझ में भी दिखता है. हमारी पार्टी इस बिल को पास कराने के पक्ष में है. हम एक ऐसा बिल पेश करने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें कम खामियां हो और सुचारू ढंग से काम करे. सेलेक्ट कमिटी ने इसी प्रयास में सुझाव दिए. हमारे मित्र कह रहे थे कि इस बिल के कारण लोग फैसले करने से डरेंगे. पर मेरा मानना यह है कि इससे निर्णय प्रक्रिया में सुधार होगी. लोग गलत निर्णय करने से डरेंगे. हम राजनीतिक व्यवस्था को और बेहतर बनाने के पक्ष में हैं. जहां तक भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और संघीय ढांचे का मसला है तो दोनों एक साथ सुचारू ढंग से चल सकते हैं. इस बिल के पास होते ही एक साल के अंदर सभी राज्य सरकारों को लोकायुक्त का गठन करना होगा.
कपिल सिब्बल, केंद्रीय मंत्री
यह इस सदन के लिए ऐतिहासिक मौका है. इससे पहले कभी भी किसी एक बिल को लेकर इतनी चर्चा नहीं हुई. हमने सेलेक्ट कमिटी की सिफारिशों को माना है. अब प्रधानमंत्री भी लोकपाल के दायरे में होंगे. इस बिल पर अब राजनीति नहीं होनी चाहिए. हमें साथ आकर इस बिल को पास कराना चाहिए.
रामगोपाल यादव, समाजवादी पार्टी नेता
चर्चा की शुरुआत की समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने. उन्होंने कहा कि यह बिल देश के हित में नहीं है. इसका दुरुपयोग होगा. ईमानदार लोग भी किसी मसले पर निर्णय लेने से डरेंगे. हमारी पार्टी का इसका विरोध करती है. रामगोपाल यादव के भाषण के समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसदों ने सदन से वॉक आउट किया.
मुलाकातों का दौर
लोकपाल बिल पर गतिरोध खत्म करने के लिए संसद परिसर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और राम गोपाल यादव की मुलाकात हुई. इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थीं. फिलहाल सपा ने लोकपाल के मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है. मुलायम सिंह ने प्रधानमंत्री से और वक्त मांगा है. दोनों नेताओं की मुलाकात एक बार फिर होगी.
आज सुबह जैसे ही संसद की कार्यवाही शुरू हुई, चंद मिनटों के अंदर समाजवादी पार्टी के हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा. इसके बाद गतिरोध खत्म करने की कोशिशें शुरू हुईं. इस बाबत प्रधानमंत्री की सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से मुलाकात भी हुई. इस मुलाकात का नतीजा 12 बजे दिखा जब अंततः सदन में लोकसभा बिल पर चर्चा शुरू हुई. अरुण जेटली, बीजेपी नेता
आज देश का राजनीतिक माहौल बिल्कुल अलग है. 29 दिसंबर 2011 से लेकर अब तक आए इस बदलाव का असर सरकार की समझ में भी दिखता है. हमारी पार्टी इस बिल को पास कराने के पक्ष में है. हम एक ऐसा बिल पेश करने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें कम खामियां हो और सुचारू ढंग से काम करे. सेलेक्ट कमिटी ने इसी प्रयास में सुझाव दिए. हमारे मित्र कह रहे थे कि इस बिल के कारण लोग फैसले करने से डरेंगे. पर मेरा मानना यह है कि इससे निर्णय प्रक्रिया में सुधार होगी. लोग गलत निर्णय करने से डरेंगे. हम राजनीतिक व्यवस्था को और बेहतर बनाने के पक्ष में हैं. जहां तक भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और संघीय ढांचे का मसला है तो दोनों एक साथ सुचारू ढंग से चल सकते हैं. इस बिल के पास होते ही एक साल के अंदर सभी राज्य सरकारों को लोकायुक्त का गठन करना होगा.
कपिल सिब्बल, केंद्रीय मंत्री
यह इस सदन के लिए ऐतिहासिक मौका है. इससे पहले कभी भी किसी एक बिल को लेकर इतनी चर्चा नहीं हुई. हमने सेलेक्ट कमिटी की सिफारिशों को माना है. अब प्रधानमंत्री भी लोकपाल के दायरे में होंगे. इस बिल पर अब राजनीति नहीं होनी चाहिए. हमें साथ आकर इस बिल को पास कराना चाहिए.
रामगोपाल यादव, समाजवादी पार्टी नेता
चर्चा की शुरुआत की समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने. उन्होंने कहा कि यह बिल देश के हित में नहीं है. इसका दुरुपयोग होगा. ईमानदार लोग भी किसी मसले पर निर्णय लेने से डरेंगे. हमारी पार्टी का इसका विरोध करती है. रामगोपाल यादव के भाषण के समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसदों ने सदन से वॉक आउट किया.
मुलाकातों का दौर
लोकपाल बिल पर गतिरोध खत्म करने के लिए संसद परिसर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और राम गोपाल यादव की मुलाकात हुई. इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थीं. फिलहाल सपा ने लोकपाल के मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है. मुलायम सिंह ने प्रधानमंत्री से और वक्त मांगा है. दोनों नेताओं की मुलाकात एक बार फिर होगी.
No comments:
Post a Comment