Sunday, 15 December 2013

Hack: चीनी हैकरों ने की यूरोपीय देशों की जासूसी?

Hack: चीनी हैकरों ने की यूरोपीय देशों की जासूसी?

 रविवार, 15 दिसंबर, 2013 को 22:34 IST तक के समाचार

शोधकर्ताओं के मुताबिक वे एक सप्ताह तक सर्वर पर नजर रखने में कामयाब रहे थे.
अमरीकी सुरक्षा कंपनी 'फ़ायर आई' के मुताबिक पिछली गर्मियों के दौरान चीनी हैकरों ने यूरोपीय संघ के पाँच विदेश मंत्रालयों के कंप्यूटरों की जासूसी की थी.
हैकरों ने सीरिया में संभावित अमरीकी हस्तक्षेप को विस्तार से जानने के लिए मालवेयर (वायरसयुक्त सॉफ्टवेयर) से भरे ईमेल युक्त संदेश भेजे थे.
कम्पनी ने यह खुलासा नहीं किया है कि जासूसी के दौरान किन मंत्रालयों को निशाना बनाया गया. लेकिन फ़ायर आई के मुताबिक ये मैलवेयर जी-20 समिट के दौरान हुई अलग-अलग व्यक्तिगत बातचीत से जुड़े थे.

'नेटवर्क टोही'

इस कम्पनी ने बीबीसी को बताया कि कुल नौ कम्प्यूटरों में सेंध लगाकर छेड़छाड़ की गई.
फ़ायर आई के मुताबिक, '' इन कंप्यूटरों को सितंबर में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में जी-20 समूह (जिसमें चीन भी शामिल है) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान निशाना बनाया गया था. इस बातचीत में सीरिया के मुद्दे पर बात की गई थी.''
शोधकर्ताओं का कहना है कि अगस्त में एक सप्ताह के लिए वे हैकरों द्वारा प्रयोग किये गए 23 कंप्यूटर सर्वर पर नज़र रखने में सक्षम रहे थे, जिसे उन्होंने एक फ़ाइल के नाम में इसके दुर्भावनापूर्ण कोड प्रयोग के बाद के3 चैंग समूह क़रार दिया.
उन्होंने कहा, ''सप्ताह के दौरान मालवेयर की कार्यवाही पर नज़र रखी गई और इस दौरान कोई फ़ाइल चोरी नहीं हुई थी.''
फ़ायर आई के वरिष्ठ शोधकर्ता नरोत्तम विलेनेयूव ने बीबीसी को बताया, ''इस स्तर पर यह नेटवर्क की जासूसी करने जैसा प्रतीत होता है.''
कुछ दिनों पहले अमरीका पर भारत सहित कई देशों की जासूसी करने का आरोप लगा था.
शोधकर्ताओं का कहना है कि अनुमान के मुताबिक के3 चैंग समूह 2010 से काम कर रहा है.
फ़ायर आई के मुताबिक पारंपरिक तौर पर इस समूह ने एयरोस्पेस, एनर्जी और विनिर्माण उद्योगों को निशाना बनाया है लेकिन उन्होंने हाई-टेक कंपनियों और सरकारों को भी मालवेयर युक्त ईमेल भेजे हैं.

'कार्ला ब्रूनी'

शोधकर्ताओं का कहना है कि, ''2012 में इस समूह ने लंदन ओलंपिक की थीम वाले हमले का प्रयोग किया और इससे एक साल पहले फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति की पत्नी कार्ला ब्रूनी की नग्न तस्वीरों को फैलाने के उद्देश्य से ईमेल का प्रयोग किया था.''
विलेनेयूव ने बीबीसी को बताया कि अपने ताजा हमलों में इस समूह ने विशेष तौर पर विदेश मंत्रालयों को निशाना बनाया है.
उन्होंने आगे बताया कि, ''हैकर चीन से संबंधित है, लेकिन तकनीकी बिंदु से देखने पर यह तय कर पाना बहुत मुश्किल है कि वे किसी एक राष्ट्र या राज्य से जुड़े हैं.''
उन्होंने स्पष्ट किया कि हैकरों के सर्वे तक पहुँचने में उन्होंने किस तरह पैठ बनाई.
उन्होंने कहा, ''जब वे बुनियादी ढांचे में बदलाव करते हैं तो सर्वर खुल जाते हैं. मैं तभी सर्वर की जांच करता था जब वे सुरक्षित नहीं होते थे.''
हाल के वर्षों में साइबर जासूसी को लेकर चीन औऱ पश्चिमी देशों में लगातार तनाव बढ़ता रहा है.
जून में अमरीकी रक्षा सचिव चक हेगल ने आरोप लगाया था कि चीनी हैकर गुप्त अमरीकी कार्यक्रमों तक पहँचने की कोशिश कर रहे हैं.

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