Sunday, 15 December 2013

लोकपाल विधेयकः कौन पार्टी किस ओर?

लोकपाल विधेयकः कौन पार्टी किस ओर?

 सोमवार, 16 दिसंबर, 2013 को 08:50 IST तक के समाचार

चुनावी रैली
तीन साल होने को हैं, जब सामाजिक कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों के साथ एक बड़ा जन समूह जंतर-मंतर और रामलीला मैदान पर जनलोकपाल क़ानून बनवाने के लिए इकट्ठा हो गया था.
इन तीन सालों में चीजें जंतर-मंतर और रामलीला मैदान से कहीं आगे बढ़ गई हैं.
आम आदमी पार्टी नाम से एक नई पार्टी का जन्म हुआ और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और भ्रष्टाचार का सवाल एक मुद्दे के तौर पर प्रभावशाली तरीके से उभरता हुआ दिखा.

रामलीला मैदान में अन्ना हज़ारे के साथ मंच पर दिखने वाले कई लोग सक्रिय राजनीति में आ गए और हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी ज़ोरदार उपस्थिति भी दर्ज कराई.
लेकिन सवाल उठता है कि बीते वक़्त में और पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के मद्देनजर लोकपाल क़ानून को लेकर देश की राजनीतिक पार्टियां क्या रुख़ रखती हैं.

अन्ना हज़ारे

अन्ना हजारे
भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम और जनलोकपाल आंदोलन की अगुवाई करने वाले अन्ना हज़ारे ने कहा है कि वो सरकारी लोकपाल विधेयक पर संतुष्ट हैं.
हालांकि जानकारों के मुताबिक़ आंदोलन के दौरान अन्ना के साथी रहे अरविंद केजरीवाल से उनके फ़ासले बढ़ गए दिखते हैं.
प्रस्तावित लोकपाल विधेयक के मसले पर अरविंद केजरीवाल के विरोध पर अन्ना हज़ारे ने रविवार को कहा, "अगर किसी को लगता है कि विधेयक में कमियाँ हैं तो इसके पारित हो जाने के बाद उन्हें अनशन करना चाहिए."

रविवार को अन्ना के अनशन का छठा दिन था. अन्ना हज़ारे ने ये भी कहा कि राज्यसभा में पेश किए गए विधेयक में उनकी कई माँगों को स्वीकार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि नागरिक चार्टर की माँग भी मान ली गई है.
हालांकि केजरीवाल से मतभेदों के सवाल पर अन्ना कुछ इन शब्दों में टाल गए, "मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहता हूँ."

कांग्रेस

राहुल गाँधी और अन्य कांग्रेसी नेता
विधानसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस लोकपाल विधेयक को लेकर संजीदा दिखने की कोशिश कर रही है.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि उनकी पार्टी लोकपाल विधेयक पर प्रतिबद्ध है और इसे पारित करने के लिए सब पार्टियों का साथ चाहिए.
उन्होंने कहा कि हालिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का लोकपाल बिल से कोई संबंध नहीं है.

सरकार ने लोकपाल विधेयक शुक्रवार को राज्यसभा में पेश किया जिस पर आने वाले दिनों में चर्चा होनी है. लोकसभा में इसे पहले ही पारित किया जा चुका है.
निचले सदन में पारित होने के बाद विधेयक को राज्यसभा की प्रवर समिति के पास भेजा गया था जिसने इसमें कुछ संशोधनों की सिफ़ारिश की थी.
राहुल गांधी ने कहा, "लोकपाल क़ानून पर चर्चा काफ़ी समय से चल रही है. ये मज़बूत विधेयक है और इसमें भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पारदर्शी तरीके से ध्यान दिया गया है."
उन्होंने कहा, "अगर सब पार्टियों का समर्थन मिला तो हम इसे पारित करेंगे. ये राष्ट्रीय हित का मुद्दा है."

आम आदमी पार्टी

अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी
अन्ना हज़ारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से उपजी आम आदमी पार्टी ने लोकपाल विधेयक पर अपना विरोध स्पष्ट कर दिया है.
कभी अन्ना के साथ मंच पर खड़े दिखने वाले अरविंद केजरीवाल ने राज्यसभा में पेश किए गए लोकपाल विधेयक को कमज़ोर क़रार दिया है.
अरविंद का कहना है कि इस विधेयक के पारित होने से कांग्रेस के अलावा किसी और को कोई फ़ायदा नहीं होगा जबकि इसका श्रेय राहुल गाँधी को मिलेगा.

राज्यसभा से लोकपाल विधेयक के पारित होने पर अन्ना के अनशन तोड़ने की घोषणा से अरविंद केजरीवाल ने नाखुशी ज़ाहिर की और कहा कि प्रस्तावित क़ानून भ्रष्टाचार को रोकने की बजाय भ्रष्ट को बचाएगा.
इससे पहले अरविंद ने ये कहा था कि अन्ना हज़ारे को लोकपाल के मुद्दे पर गुमराह किया जा रहा है.

भारतीय जनता पार्टी

एक भाजपा समर्थक
प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने भी लोकपाल विधेयक का समर्थन किया है. हालांकि उसे विधेयक के कुछ बिंदुओं पर एतराज भी है.
इसमें सीबीआई की स्वायत्तता का भी एक मसला है. माना जा रहा है कि संसद में इससे गतिरोध उत्पन्न हो सकता है.
प्रवर समिति की सिफ़ारिशों और सरकार की तरफ से पेश किए गए संशोधन प्रस्तावों का जिक्र करते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने एक बयान में कहा कि विधेयक के चार मुद्दों पर मतभेद हैं.

इससे पहले जेटली ने प्रवर समिति को ये सुझाव दिया था कि लोकपाल की सिफ़ारिश पर सीबीआई जिन मामलों की जाँच करेगी, उसके जाँचकर्ता अधिकारियों के तबादले भी लोकपाल की मंजूरी से ही कराए जाएँ.
जेटली ने कहा, "सीबीआई अधिकारियों के तबादले का अधिकार फ़िलहाल सरकार के पास है. सरकार की बात न मानने वाले अफ़सर का तबादला वह चाहे तो कर सकती है. इस मसले पर फिर से विचार किए जाने की ज़रूरत है."

समाजवादी पार्टी

अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी
यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी ने लोकपाल विधेयक पर अपनी नाखुशी जाहिर कर दी है. सपा ने कहा है कि वह लोकपाल क़ानून को उसके मौजूदा स्वरूप में स्वीकार नहीं करेगी.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने 22 सांसदों वाली सपा के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से कहा है कि अगर लोकपाल विधेयक लाया गया तो पार्टी लोकसभा में सरकार के ख़िलाफ़ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी.
दिसंबर 2011 में लोकसभा से पारित कराए गए लोकपाल विधेयक में बदलाव किए जाने की वजह से समाजवादी पार्टी सरकार से नाराज़ है.
सपा के महासचिव राम गोपाल यादव ने संवाददाताओं से कहा, "हमारे लिए लोकपाल से बड़ा मुद्दा क़ीमतों में इज़ाफ़े का है. हम मौजूदा स्वरूप में लोकपाल का समर्थन नहीं करते हैं क्योंकि इससे 'पुलिस राज' के हालात बन सकते हैं."
हालांकि कांग्रेस को उम्मीद है कि वह सपा को विधेयक के समर्थन के लिए मना लेगी.

बसपा

मायावती, बसपा
बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकपाल विधेयक का समर्थन किया है.
मायावती ने संसद के मौजूदा सत्र में ही लोकपाल विधेयक को पारित कराए जाने की सरकार से माँग भी की है.
उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी लोकपाल विधेयक के ख़िलाफ़ नहीं है. अगर इसमें किसी बदलाव की ज़रूरत हो तो जनहित में ये किया जाना चाहिए. लेकिन इस विधेयक को नहीं रोका जाना चाहिए और बहस के बाद मौजूदा सत्र में ही इसे पारित कराया जाना चाहिए."

जनता दल यूनाइटेड

जनता दल यूनाइटेड ने भी लोकपाल विधेयक का समर्थन किया है.
पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि प्रवर समिति की सिफ़ारिशें सभी को स्वीकार हैं और हम एक प्रभावशाली लोकपाल के पक्ष में हैं और इसे पारित कराना चाहते हैं. इस मुद्दे पर पूरी बहस होनी चाहिए.

तृणमूल कांग्रेस

पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार की कमान सँभाल रही तृणमूल कांग्रेस ने लोकपाल विधेयक को अपना पूरा समर्थन दिया है.
लेकिन पार्टी ने राज्य सरकारों को लोकायुक्त के गठन में पूरी आज़ादी देने की माँग भी की है.
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, "तृणमूल कांग्रेस लोकपाल विधेयक का पूरा समर्थन करती है. लेकिन लोकायुक्त के गठन और उनको चलाने को लेकर राज्य सरकारों को पूरी आज़ादी होनी चाहिए."

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए की गठबंधन सरकार की एक महत्वपूर्ण साझीदार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी लोकपाल विधेयक का समर्थन किया है.

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