Thursday 6 March 2014

भारत में 50 रुपये में आप क्या ख़रीद सकते हैं?ट्रैफ़िक पुलिस की कृपा या एक वोट या ?

भारत में 50 रुपये में आप क्या ख़रीद सकते हैं?ट्रैफ़िक पुलिस की कृपा या एक वोट या ?

 गुरुवार, 6 मार्च, 2014 को 17:36 IST तक के समाचार

भारत  में प्याज़ खरीदते लोग
भारत में पचास रुपए में आप क्या खरीद सकते हैं? ट्विटर पर सक्रिय लोगों के मुताबिक इस दाम में ट्रैफ़िक पुलिस की कृपा या एक वोट खरीदा जा सकता है.
भारत की एक बड़ी सुपरमार्केट चेन, बिग बाज़ार, ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एक हैशटैग प्रमोट किया था जिसमें लोगों से पूछा गया कि 50 रुपए में क्या खरीदा जा सकता है?
कंपनी उम्मीद कर रही थी कि इसके जरिए वे दिखा पाएगी कि उनके उत्पादों की कीमत कितनी कम होती है. लेकिन शायद बिग बाज़ार ने ये नहीं सोचा था कि इस हैशटैग को ''हाइजैक'' कर लोग भारत के सामाजिक हालात पर कड़े शब्दों में टिप्पणी करेंगे. ये हैशटैग अब तक सात हज़ार बार ट्वीट हो चुका है.
बिग बाज़ार ने क्लिक करें ट्वीट किया था," क्लिक करें #With50RupeesICanBuy प्रतियोगिता में भाग लीजिए और हमें बताइए कि 50 रुपए में आप क्या खरीद सकते हैं." प्रतियोगिता जीतने वालों को सुपरमार्केट चेन ने एक हज़ार रुपये मूल्य के तीन वाउचर देने का ऐलान किया.
लेकिन भारतीयों ने इस हैशटैग का इस्तेमाल भ्रष्टाचार, घूस, पेट्रोल के दाम और राजनेताओं के बारे में शिकायत करने के लिए किया.

शिक़ायतें

सोनम कुकरेजा क्लिक करें ट्वीट किया कि 50 रुपये से एक ''ग़रीब बच्चे'' के लिए एक दिन का भोजन खरीदा जा सकता है. सोनम ने बीबीसी ट्रेंडिंग को बताया, "हम एक ग़रीब देश हैं और यहां कुपोषित बच्चों की काफ़ी बड़ी तादाद है.
भारतीय मुद्रा
उन्होंने आगे कहा, "हमारा एक आज़ाद ख़्याल देश है और हम अपने मन की बात कह सकते हैं.... ज़्यादातर लोगों ने अपने ट्वीट में ग़रीबी और भ्रष्टाचार की बात की, क्योंकि यह सच्चाई है."
शिल्पा खन्ना ने भी इस क्लिक करें हैशटैग के ज़रिए अमीरों और ग़रीबों के बीच असमानता की ओर ध्यान खींचा है. वह कहती हैं, "मुझे यह देख कर मज़ा आया कि अलग-अलग लोगों के लिए एक ही राशि के अलग-अलग मायने और मूल्य हैं. कुछ लोगों ने इसकी इज़्ज़त की जबकि कुछ और ने इसका मज़ाक उड़ाया."
दरअसल किसी हैशटैग को "हाईजैक'' करना आम समस्या है, ख़ासकर बड़ी कंपनियों और राजनेताओं के लिए.
बिग बाज़ार के मुख्य मार्केटिंग अधिकारी अक्षय मेहरोत्रा ने बीबीसी ट्रैंडिंग को बताया, "प्रचार अभियान में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आती हैं. हम आधुनिक साधनों के ज़रिए लोगों के साथ बातचीत कर उन्हें अपने साथ जोड़ने की कोशिश करते हैं."
हालांकि बहुत बड़ी तादाद में लोगों ने इस हैशटैग का इस्तेमाल मज़ाक बनाने और व्यंग्य करने के लिए किया लेकिन फिर भी सबसे ज़्यादा रीट्वीट बिग बाज़ार के ख़ुद के ट्वीट हुए जिनमें कंपनी ने अपने ब्रैंड का प्रचार किया था.

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