Sunday 2 March 2014

रोहित शेखर की मां उज्ज्वला शर्मा(नारायण दत्त तिवारी) ने कहा: एनडी तिवारी सिर्फ़ मेरे बेटे के पिता हैं आखिर कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी ने मान लिया रोहित शेखर को अपना बेटा

 रोहित शेखर की मां उज्ज्वला शर्मा(नारायण दत्त तिवारी) ने कहा:  एनडी तिवारी सिर्फ़ मेरे बेटे के पिता हैं

आखिर कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी ने मान लिया रोहित शेखर को अपना बेटा

 मंगलवार, 4 मार्च, 2014 को 12:20 IST तक के समाचार

नारायण दत्त तिवारी
नारायण दत्त तिवारी ने रोहित शेखर को अपना बेटा मान लिया है
तक़रीबन छह साल से कांग्रेस नेता एनडी तिवारी को अपना पिता साबित करने के लिए अदालती लड़ाई लड़ रहे रोहित शेखर को आख़िरकार जीत मिली.
पितृत्व से जुड़े विवाद में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता क्लिक करें नारायण दत्त तिवारी को अदालत के आदेश पर अपना डीएनए टेस्ट कराना पड़ा. इसमें यह साबित हुआ कि एनडी तिवारी ही 34 साल के रोहित शेखर के पिता हैं.
समाचार  ने रोहित शेखर की मां उज्ज्वला शर्मा से बात की.
उज्ज्वला शर्मा ने कहा, ''मेरे लिए यह बहुत बड़ी राहत है. हम बहुत बड़े तनाव से गुज़र रहे थे. अदालत में लड़ाई लड़ना बेहद जटिल और कठिन काम है. लंबा संघर्ष करना पड़ा.''

क़ानूनी दर्जा

एनडी तिवारी के ख़िलाफ़ रोहित शेखर साल 2008 में पहली बार अदालत गए थे. वहां उन्होंने दावा किया कि वो अपनी मां उज्ज्वला शर्मा और कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी के क़रीबी रिश्ते से पैदा हुए हैं.
रोहित की मां मानती हैं कि कम साधन संपन्न होने की वजह से उन्हें काफ़ी जद्दोजहद करनी पड़ी. उन्होंने कहा कि जैसे-तैसे करके हम लोगों ने न्याय की इस लड़ाई को लड़ा है.
क्या उज्ज्वला शर्मा और उनके बेटे रोहित की लड़ाई बेटा मान लिए जाने तक ही सीमित रहेगी, उज्ज्वला बताती हैं, ''काफ़ी हद तक लड़ाई का मक़सद पूरा हुआ है. अभी एनडी तिवारी जी ने बेटा स्वीकार करने की जो बात कही है, अदालती प्रक्रिया पूरी होने के बाद रोहित को उनके पुत्र होने का क़ानूनी दर्जा मिल जाएगा.''
"रोहित और एन डी तिवारी जी के बीच पिता-पुत्र का रिश्ता तो है मगर मेरे साथ उनका रिश्ता सह-अभिभावक का रहेगा."
उज्ज्वला शर्मा, रोहित शेखर की मां
वे मानती हैं कि एनडी तिवारी का रोहित शेखर को बेटा मान लेना बेहद सकारात्मक क़दम है और इस पर विश्वास किया जा सकता है.
वे कहती हैं, ''तिवारी जी ने रोहित को एक छोटे समूह के सामने नहीं बल्कि पूरे भारत के सामने, पूरी मीडिया के सामने बेटा स्वीकारा है. इसलिए मुझे पूर्ण संतोष है.''

पितृत्व परीक्षण

दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर एनडी तिवारी को 2012 में क्लिक करें पितृत्व परीक्षण कराना पड़ा था. अदालत ने कहा था कि अगर एनडी तिवारी नमूना न दें और ज़रूरत पड़े तो इसमें पुलिस की सहायता ली जाए. इसके ख़िलाफ़ एनडी तिवारी सुप्रीम कोर्ट तक गए थे. लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली.
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी रोहित शेखर के दावों को ग़लत बताते रहे हैं.
अब जब उन्होंने ये रिश्ता ख़ुद स्वीकार किया तो पिता के अपने पुत्र के साथ इस रिश्ते को वे किस तरह परिभाषित करेंगी. इस सवाल के जवाब में रोहित की मां ने कहा, ''रोहित और एनडी तिवारी जी के बीच पिता पुत्र का रिश्ता तो है मगर मेरे साथ उनका रिश्ता एक सह-अभिभावक का रहेगा.''
रोहित को अपना बेटा मान लेने के बाद कई समीकरण बदल जाएंगे. अब घर में परिवार के बीच संवाद की एक नई स्थिति उत्पन्न होगी.
रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा कहती हैं, ''चूंकि तिवारी जी ज़्यादा ताक़तवर हैं तो यह संवाद उनके रवैये पर निर्भर करेगा. उनका रिस्पॉन्स यदि सही होगा तो संवाद की स्थिति भी संतुलित रहेगी.''
"हालांकि बेटा मान लेने मात्र से परिवार की अनुभूति तो नहीं आई है. बस रोहित की एक शुरूआत हुई है. जहां तक मेरा सवाल है, हमने हमेशा उन्हें परिवार की तरह माना है. मगर जब उन्होंने मजबूर कर दिया तो हमें अदालत का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा."
उज्जवला शर्मा, रोहित शेखर की मां
उन्होंने इस रिश्ते के प्रति अपनी आशा जताते हुए कहा, ''हालांकि बेटा मान लेने मात्र से परिवार की अनुभूति तो नहीं आई है. बस रोहित की एक शुरूआत हुई है. जहां तक मेरा सवाल है हमने हमेशा उन्हें परिवार की तरह माना है. मगर जब उन्होंने मजबूर कर दिया तो हमें अदालत का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा.''

बस मिठास!

छह साल की लंबी लड़ाई लड़ने के बाद अब क्या क्लिक करें पुराने मतभेद भुला दिए जाएंगे. उज्ज्वला शर्मा बताती हैं कि अब यदि कोई रिश्ता होगा तो वह सौहार्द्र का होगा, हम अपने मतभेद भुला देंगे.
तो क्या एनडी तिवारी, रोहित शेखर और उज्ज्वला शर्मा अदालत अपनी लड़ाई, सारी खट्टी बातें भूल जाएंगे?
वे कहती हैं, ''व्यक्ति का रिश्ता मान लेना बहुत बड़ी बात होती है. लड़ाई तो तब की थी कि व्यक्ति रिश्ता ही न माने. रिश्ता मान लेने के बाद तो परिवार के लिए प्यार-दुलार वाला ही रिश्ता होगा. क्योंकि परिवार सहनशीलता और परस्पर क्षमा पर ही टिका होता है.''
वे इस जीत को राष्ट्र की महिलाओं की, एक नागरिक और सच्चाई की जीत मानती हैं.

 

 

आखिर कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी ने मान लिया रोहित शेखर को अपना बेटा

नई दिल्ली, 3 मार्च 2014 | अपडेटेड: 12:35 IST
टैग्स: एन डी तिवारी| रोहित शेखर| दिल्ली हाई कोर्ट| उज्वला शर्मा| पितृत्व मामला
नारायण दत्त तिवारी
नारायण दत्त तिवारी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी (एन.डी. तिवारी) ने रोहित शेखर को अपना बेटा स्वीकार कर लिया है. इसके साथ ही 2008 से चल रहे पितृत्व मामले का निपटारा हो गया लगता है. 89 वर्षीय तिवारी ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘मैंने स्वीकार कर लिया है कि रोहित शेखर मेरा बेटा है. डीएनए रिपोर्ट ने भी यह साबित किया है कि वो मेरा जैविक बेटा है.’
इस पर रोहित ने प्रतिक्रिया दी, ‘मैं अचंभित हूं कि एन डी तिवारी ने अंततः मुझे अपना बेटा स्वीकार लिया है.’
एन डी तिवारी का यह बयान हाई कोर्ट द्वारा मध्यस्थता की गुजारिश खारिज करने के कुछ दिनों बाद आया.
शेखर की मां उज्वला शर्मा ने इस मामले में मध्यस्थता की गुजारिश को यह कहते हुए नकार दिया था कि यह उनकी प्रॉपर्टी से जुड़ा मामला नहीं बल्कि केवल इतना है कि शेखर उनका बेटा है.
उज्वला शर्मा ने कहा, ‘डीएनए रिपार्ट ने यह साबित कर दिया था कि वो ही शेखर के पिता हैं. वो तभी इस पर बीच का रास्ता निकाल सकते थे लेकिन वो कोर्ट चले गए.’
हालांकि अब लगता है कि पिछले छह सालों से चला आ रहा इस विवाद का निपटारा हो गया है. सूत्रों के मुताबिक तिवारी ने रोहित शेखर को इस पर बात करने के लिए अपने घर बुलाया है.
गौरतलब है कि नारायण दत्त तिवारी आंध्र प्रदेश के राज्यपाल और उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.


एनडी ‌तिवारी ने रोहित शेखर पर किया बड़ा खुलासा

बाप-बेटे पर विवाद का अंत?‍

बाप-बेटे पर विवाद का अंत?‍


छह साल से जारी कानूनी लड़ाई अब अंत की ओर बढ़ चली है। इसमें भावनात्मक दलीलें भी दी गईं और डीएनए टेस्ट की भी चर्चा हुई। मामला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनडी तिवारी से जुड़ा है।

एक तरफ रोहित शेखर दावा कर रहे थे कि वह एनडी तिवारी के बेटे हैं और उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए। दूसरी तरफ वरिष्ठ नेता बार-बार कह रहे थे कि ऐसा कुछ नहीं है।

रोहित और उनकी मां ने तस्वीरों समेत कई सबूत सामने रखे, मामला अदालत तक गया और फिर शुरू हुई ऐसी लड़ाई, जिस पर देश भर की निगाह थी। लेकिन अब एनडी तिवारी ने रोहित शेखर को बड़ा खुलासा कर दिया है।

एनडी ने माना रोहित को बेटा

एनडी ने माना रोहित को बेटा


भावनात्मक दलीलों और डीएनए टेस्ट वाली छह साल लंबी कानूनी जंग के बाद कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता एनडी तिवारी ने आखिरकार मान लिया है कि जो नौजवान उन्हें कोर्ट तक घसीट ले गया, वो उनका ही बेटा है।

34 वर्षीय रोहित शेखर और उनकी मां उज्‍ज्वला शर्मा को पहली बार स्वीकारते हुए एनडी तिवारी ने एक चैनल से बातचीत में कहा, "मैं स्वीकार करता हूं कि रोहित शेखर मेरे बेटे हैं। डीएनए टेस्ट ने भी साबित किया है कि वह मेरे बायोलॉजिकल बेटे हैं।"

रविवार रात को तिवारी ने रोहित को अपने घर बुलाया और कई साल में पहली बार उनसे बातचीत की। तिवारी ने कथित तौर पर उनसे कहा कि वह लड़ते-लड़ते थक चुके हैं।

अब एनडी को परिवार पर गर्व


एनडी तिवारी ने रोहित को अपना बेटा स्वीकार करने के साथ-साथ इस परिवार को लेकर अपना रुख भी पूरी तरह बदल दिया है। 89 वर्षीय नेता ने कहा, "मुझे इस बढ़िया परिवार के साथ रिश्ता रखने पर गर्व महसूस हो रहा है।"

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का पदभार संभाल चुके ‌एनडी तिवारी अपने बेटे से कानूनी जंग लड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गए और उसके बाद तय किया कि अब वो सभी एक परिवार की तरह बैठ सकते हैं।

रोहित शेखर ने साल 2008 में तिवारी के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कहा था कि वह सिर्फ यह चाहते हैं कि उनके पिता उन्हें बेटा स्वीकार करे। तिवारी ने रोहित की ‌बर्थडे पार्टी में शिरकत की और बचपन में उनके साथ खेले भी।

मैं नहीं चाहता कोई और ये सब झेलेः रोहित


मैं नहीं चाहता कोई और ये सब झेलेः रोहित
दिल्ली उच्च न्यायालय अब भी इस मामले की सुनवाई कर रहा है, लेकिन रोहित का कहना है कि उन्हें जो चाहिए था, अब मिल चुका है। उन्हें यहां तक पहुंचने में लंबा वक्‍त लगा है।

साल 2012 में तिवारी को दिल्ली उच्च न्यायालय ये चेतावनी मिलने के बाद पैटरनिटी टेस्ट से गुजरना पड़ा था। कोर्ट का कहना था कि अगर जरूरत पड़े, तो पुलिस यह जांच जबरन भी करा सकती है।

रोहित ने कहा, "जिससे मैं और मेरी मां गुजरी हैं, वो जख्म, वो दर्द... मैं नहीं चहाता कि कोई और इन सभी चीजों से गुजरे। मुझे उम्‍मीद है कि हम जख्म भर पाएंगे।"
पिता के साथ वक्‍त गुजारने की चाहत

पिता के साथ वक्‍त गुजारने की चाहत


रोहित शेखर का कहना है कि इस कानूनी जंग के बीच में उन्हें दिल का दौरा पड़ चुका है और क्रोनिक इनसोमनिया भी है। यानी रात में सोते वक्‍त उन्हें काफी दिक्कत रहती है।

उन्होंने स्वीकार किया कि पति का स्वीकार किया जाना, सही दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा, "ये जख्म जाएंगे नहीं, भले में ऐसा ऊपर से दिखाऊं। लेकिन अब मैं सिर्फ अपने पिता के साथ वक्‍त गुजारना चाहता हूं। हमारे मामले ने उदाहरण पेश किया है और उम्‍मीद है कि उन लोगों को इससे मदद मिलेगी, जो ऐसे ही दौर से गुजरे हैं।"

यह पूछने पर कि क्या वो अपने नए बेटे के साथ ज्यादा वक्त गुजारना चाहेंगे, एनडी तिवारी ने जवाब में कहा, "क्यों नहीं?" जाहिर है, अब दोनों पक्षों के बीच सुलह हो गई है।
हाई कोर्ट ने खारिज की थी अर्जी

हाई कोर्ट ने खारिज की थी अर्जी


खास बात यह है कि एनडी तिवारी और रोहित शेखर के बीच सहमति बनने से दो दिन पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पूर्व राज्यपाल की वो याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने पैटरनिटी मामले में मध्यस्‍थता की मांग की थी।

2008 से यह जंग लड़ रहे तिवारी ने अर्जी दाखिल करते हुए कहा था कि वह मध्यस्‍थता के जरिए 'सौहार्द्रपूर्ण समाधान' की संभावनाएं खंगालना चाहते हैं, ताकि न्याय हो सके।

27 जुलाई, 2012 को उच्च न्यायालय ने इस मामले में डीएनए रिपोर्ट पढ़ी थी, जिसके मुताबिक यह साबित हुआ कि एनडी तिवारी ही शेखर के बायोलॉजिकल पिता हैं।
 


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