Monday 3 March 2014

UP छोड़ टाटा मोटर्स ने पकड़ी उत्तराखंड की राह:25 हजार परिवारों को रोजी रोटी बंद

UP छोड़ टाटा मोटर्स ने पकड़ी उत्तराखंड की राह:25 हजार परिवारों को रोजी रोटी बंद

 Mar 03, 2014 at 06:17pm

लखनऊ। यूपी में करीब 25 हजार परिवारों को रोजी रोटी मुहैया करा रही टाटा मोटर्स लखनऊ में अपनी एक यूनिट बंद करने जा रही है। इस यूनिट से भारी ट्रकों का उत्पादन होता है। कंपनी अब यही काम उत्तराखंड से करेगी। कंपनी की मानें तो यूपी में सरकारों के रवैये चलते उसे मजबूरी में ये फैसला लेना पड़ा है। टाटा ने मुलायम सरकार की निवेश प्रोत्साहन योजना को देखते हुए 2006 में ये यूनिट शुरू की थी और इस काम में करीब 1200 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
भारी ट्रकों का उत्पादन करने वाली टाटा मोटर्स की ये यूनिट मार्च के बाद लखनऊ में अपना काम बंद कर देगी। हर साल 10 हजार ट्रक बनाने वाली ये यूनिट अब उत्तराखंड चली जाएगी। यूनिट बंद होने का सीधा असर करीब 25 हजार परिवारों की रोजी रोटी पर पड़ेगा। साथ ही सरकार को सालाना 500 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा।
टाटा मोटर्स में वेंडर मोहित सूरी ने कहा कि ये धक्का मुलायम सिंह के विजन को होगा जिन्होंने सात साल पहले इस संकट का आभास कर लिया था, लेकिन अब उनके विजन को अखिलेश की वजह से झटका लगेगा। वहीं आईआईए के डिविजनल चेयरमैन प्रशांत भाटिया ने कहा कि जो सरकार चाहती है औद्योगिकरण बढ़े, प्रदेश आगे बढ़े उसमें झटका लगेगा। कारखाने बंद होने से बेरोजगारी बढ़ेगी। 40 इंड्रस्टीज के बंद होने से पूरे प्रदेश का वातावरण खराब होगा।
टाटा ने ये यूनिट 2006 में लगाई गई थी। तब मुलायम सरकार ने निवेश प्रोत्साहन योजना शुरू की थी। जिसके तहत उद्यमियों को तमाम तरह की रियायतें दी गई थीं। लेकिन 2007 में मायावती सरकार ने ये योजना बंद कर दी। लिहाजा यूनिट लगाने में खर्च हुई करीब 1200 करोड़ की रकम पर टाटा को कोई खास मुनाफा नहीं हुआ।
प्लांट हेड आलोक सक्सेना का कहना है कि हमें वहां पर बेहतर इंसेन्टिव्स मिल रहे हैं इसलिए हम जा रहे हैं। वहां पर बेहतर सुविधाएं हैं। टाटा को उम्मीद थी कि अखिलेश सरकार में उसकी यूनिट को निवेश प्रोत्साहन योजना का फायदा मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि कारखाना नही हटेगा। उन्हें जो सुविधा देनी थी उसके लिए एक पॉलिसी बनी थी, जिसकी मदद उन्हें नही मिली। जिस कारण उन्हें लगा कि यहां से चले जाएंगे। समाजवादी पाप्टी उस दिशा में फैसला लेगी। पिछली सरकार ने पांच साल में कोई फैसला नहीं लिया। मिनिस्टरों की एक कमेटी बनाई थी सुझाव आया है जिस पर जल्द फैसला लिया जाएगा।
कंपनी की मानें तो उत्तराखंड में उत्पादन शुरू करने पर उसे हर ट्रक पर डेढ़ लाख रूपए की बचत होगी। एक तरफ अखिलेश सरकार उद्यमियों को लुभाने की लगातार कोशिशें कर रही है। वहीं, राजधानी लखनऊ में ही टाटा मोटर्स की इस बड़ी यूनिट के बंद होने से सरकार की साख को बट्टा तो लगेगा ही, निवेशकों का भरोसा भी टूटेगा।
ये यूपी का सौभाग्य है कि पिछले दस सालों में यहां पूरे बहुमत की सरकारें आई हैं, लेकिन ये यूपी का दुर्भाग्य भी है कि इन दस सालों में सूबे का औधोगिक विकास तो नहीं हुआ, बल्कि हजारों परिवारों की रोजी रोटी का जरिया बनी एक इंडस्ट्री भी अब यूपी को अलविदा कहने जा रही है।

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