Wednesday 5 March 2014

मेरठः कश्मीरी छात्रों पर 'देशद्रोह' का मामला दर्ज --मेरठ(भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच):कश्मीरी छात्रों ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए, 67 छात्र सस्पेंड

मेरठः कश्मीरी छात्रों पर 'देशद्रोह' का मामला दर्ज

मेरठ(भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच):कश्मीरी छात्रों ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए, 67 छात्र सस्पेंड

 

 गुरुवार, 6 मार्च, 2014 को 15:09 IST तक के समाचार

मेरठ विश्वविद्यालय
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. भारत प्रशासित कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने ट्वीट करके इसे अवांछित क़दम बताया है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ओमकार सिंह ने बीबीसी को बताया कि स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीके गर्ग की चिट्ठी पर 124-ए (देशद्रोह- इसमें उम्रकैद तक की सज़ा हो सकती है.), 153-ए (धर्म, जाति, क्षेत्र, भाषा आदि के आधार पर वैमनस्य को बढ़ावा देना) और 457 (घर में सेंध लगाकर घुसना) के तहत अज्ञात छात्रों पर मामला दर्ज किया गया है.
विश्वविद्यालय के उप कुलपति महफूज़ अहमद ने बीबीसी से कहा, "हमने घटना वाले दिन चिट्ठी लिखकर उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को पूरे मामले सहित छात्रों के निलंबन की भी सूचना दी थी. उसी चिट्ठी में हमने छात्रों को सुरक्षित भेजने की भी मांग की थी. इसी चिट्ठी को आधार बनाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है."
पिछले रविवार को भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान विश्वविद्यालय के कुछ कश्मीरी छात्रों को कथित तौर पर पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाने और हॉस्टल की संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने का आरोप में निलंबित किया था.

प्रशासन की भूमिका

"मुझे यकीन है कि स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए विश्वविद्यालय को जो ज़रूरी लगा उसने वह किया लेकिन यूपी सरकार की यह कार्रवाई अवांछित है और इसे वापस लिया जाना चाहिए."
उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री
इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत प्रशासित कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने ट्वीट किया, "कश्मीरी छात्रों के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मामला एक अस्वीकार्य और कड़ी सज़ा है जो उनका भविष्य ख़त्म कर देगा और उन्हें विमुख कर देगा."
उन्होने एक और ट्वीट कर कहा, "मुझे यकीन है कि स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए विश्वविद्यालय को जो ज़रूरी लगा उसने वह किया लेकिन यूपी सरकार की यह कार्रवाई अवांछित है और इसे वापस लिया जाना चाहिए."
उमर अब्दुल्लाह ने ट्विटर पर ये भी लिखा है कि वे जल्द ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात करके देशद्रोह का मामला हटाने की मांग करेंगे.
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि तथ्यों और सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि छात्रों के निलंबन में प्रशासन और पुलिस की तरफ से कोई दबाव और भूमिका नहीं रही है.
विश्वविद्यालय के 67 कश्मीरी छात्रों को निलंबित किए जाने के बाद राज्य सरकार ने पूरे मामले की न्यायिक जांच शुरू कर दी थी.
इससे पहले मेरठ के जिला अधिकारी पंकज यादव ने बीबीसी को बताया था कि मामले की जाँच अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपी गई है जो 15 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे.

 

 

मेरठ(भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच):कश्मीरी छात्रों ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए, 67 छात्र सस्पेंड

 बुधवार, 5 मार्च, 2014 को 16:58 IST तक के समाचार

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच, दो मार्च 2014
उत्तर प्रदेश के एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति का कहना है कि 67 कश्मीरी छात्रों को सस्पेंड करने का फ़ैसला उनकी सुरक्षा की वजह से लिया गया था.
 संवाददाता  से बातचीत में डॉक्टर मंज़ूर अहमद ने यह बात कही.
रविवार को दिल्ली से नज़दीक मेरठ शहर में निजी विश्वविद्यालय स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में क्लिक करें भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान कुछ कश्मीरी छात्रों के पाकिस्तान का समर्थन करने के बाद विश्वविद्यालय ने 67 कश्मीरी छात्रों को सस्पेंड कर दिया.

पाकिस्तान का समर्थन

डॉक्टर मंज़ूर अहमद ने बताया, “दो तारीख़ की शाम को छात्र हॉस्टल में टीवी पर भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच देख रहे थे. कुछ छात्रों ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जिसपर हमारे वॉर्डनों ने उन छात्रों को डांट-डपट कर समझा दिया. लेकिन हॉस्टल के बाकी छात्रों ने नारेबाज़ी करने वाले छात्रों के बर्ताव पर आपत्ति की. अगले दिन हमने उन छात्रों को तीन दिन के लिए क्लास एटेंड करने से सस्पेंड कर दिया."
"हमने सोचा था कि वे आकर माफ़ी मांगेगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. ऐसा न होने पर हमने सस्पेंशन अगले आदेश तक बढ़ा दिया.”
"अगर दूसरे छात्र कश्मीरी छात्रों के साथ मार-पीट पर उतर आते, तो हालात बहुत ही ख़राब हो सकती थी. इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए हमने उन्हें सस्पेंड किया."
डॉ. मंज़ूर अहमद, कुलपति, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय
उन्होंने बताया कि कश्मीरी छात्रों के कदम से हॉस्टल के बाकी छात्रों में ग़ुस्सा था इसलिए उन छात्रों से हॉस्टल खाली करने के लिए कहा गया. उन छात्रों ने दिल्ली जाने की मंशा ज़ाहिर की और इसका इंतज़ाम कराया गया.
डॉक्टर अहमद का कहना था, “मेरठ बहुत ही संवेदनशील जगह है. यहां से नज़दीक मुज़फ़्फ़रनगर में हाल ही में दंगे हुए हैं. मामला संवेदनशील इसलिए हो गया था क्योंकि अगर दूसरे छात्र उनके साथ मार-पीट पर उतर आते, तो हालात बहुत ही ख़राब हो सकते थे. इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए हमने उन्हें सस्पेंड किया.”
कुलपति का दावा है कि इस मामले में पाकिस्तान का समर्थन करने वाले सिर्फ़ 10-12 छात्र ही थे लेकिन बाकी छात्र उनका नाम नहीं बता रहे थे इसलिए 67 कश्मीरी छात्रों को सस्पेंड करने का फ़ैसला किया गया.
कुलपति ने कहा, “इरादा यही था कि मामला ठंडा होते ही सस्पेंशन वापस ले लिया जाएगा. हमें दूसरे लड़कों के जज्बात भी देखने थे. हम मामले की जांच करा रहे हैं. बहुत ज़्यादा हुआ तो यह होगा कि वो हॉस्टल के बाहर रहें. सस्पेंशन तो अगले आदेश तक ही है.”
स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में करीब 300 छात्र पढ़ते हैं. पिछले दो-तीन साल से कश्मीर से छात्र वहां पढ़ने आ रहे हैं.

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