विदेशी चंदे पर केंद्र ने एनजीओ ग्रीनपीस को भेजा नोटिस,एक हफ्ते के भीतर सरकार 10 और एनजीओ को इस तरह का नोटिस, जानें क्या हैं फंडिंग के नियम::::Overseas Donations Received By All NGOs Have Come Under The Scanner
Jun 14, 2014, 12:17PM IST
नई दिल्ली. विदेशी फंडिंग वाले एनजीओ द्वारा देश के विकास में
बाधा पहुंचाने वाली इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार
सक्रिय हो गई है। अब देश के सभी एनजीओ को विदेश से मिलने वाले डोनेशन जांच
के दायरे में आ गए हैं। इसी कड़ी में गृह मंत्रालय ने इंटरनेशनल एनजीओ
ग्रीनपीस को नोटिस जारी किया है और पूछा है कि विदेशी सहायता नियमन कानून
(एफसीआरए) के तहत चंदा लेने की उसकी अनुमति रद्द क्यों नहीं की जानी
चाहिए। सूत्रों का कहना है कि एक हफ्ते के भीतर सरकार 10 और एनजीओ को इस
तरह का नोटिस जारी कर सकती है। उधर, सरकार एनजीओ के पैसे के लेन-देन के
मामले में और सख्त नियम लाने की तैयारी कर रही है। जानकारों का मानना है
कि सरकार जांच के लिए जल्दी ही एक विशेष दल बना सकती है।
बढ़ेगी ग्रीनपीस की मुश्किल
गृह मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि ग्रीनपीस के खिलाफ जो
सबूत मिले हैं, वे काफी पुख्ता हैं और इस इंटरनेशनल एनजीओ के लिए अपना
बचाव करना काफी मुश्किल भरा होगा। अधिकारी ने बताया कि एफसीआरए के तहत कम
से कम 10 और एनजीओ को नोटिस जारी किया जाएगा। उनसे उनकी फंडिंग और खर्च
करने के तरीके के बारे में जानकारी मांगी जाएगी। अधिकारी ने कहा कि आईबी की
रिपोर्ट के बाद जल्द ही एनजीओ के लिए और कड़े दिशानिर्देश लागू किए
जाएंगे। इन नियमों के तहत सभी रजिस्टर्ड एनजीओ को अपनी सालाना रिटर्न जमा
करनी होगी।
आईबी की रिपोर्ट में क्या कहा गया था?
इंटेलिजेंस ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट में कई एनजीओ पर विदेशी शक्तियों
के इशारे पर देश के विकास में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया था। इस
रिपोर्ट के अनुसार विदेशों से डोनेशन पाने वाले कुछ एनजीओ भारत के हितों को
नुकसान पहुंचाने में संलिप्त हैं। साथ ही ये विदेशी हितों को साधने में
लगे हुए हैं और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा कर रहे हैं।
आगे पढ़ें: क्या है विदेशी सहायता नियमन कानून?
फोटो: ग्रीनपीस एक इंटरनेशनल एनजीओ है जो पर्यावरण की दिशा में काम करती है
विदेशी चंदे के लिए एफसीआरए के तहत पंजीकरण जरूरी
फॉरेन फंडिंग कंट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के अनुसार किसी भी एनजीओ के
विदेश से दान लेने के लिए इस अधिनियम के तहत पंजीकृत होना जरूरी है। यदि
आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि देश की केवल 38,436 संस्थाएं ही इस
अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं। इनमें से 21,508 ने 10 हजार करोड़ रुपए से
अधिक का डोनेशन विदेशों से हासिल किया है।
दिक्कत यह है कि बहुत सारे एनजीओ ऐसे भी हैं जो सूचना के अधिकार के तहत तो नहीं आते, लेकिन विदेशों से फंडिंग हासिल करते हैं। ऐसे में इनके लेन-देन के बारे में पुख्ता जानकारी कर पाना मुश्किल होता है। जानकारों के अनुसार, विदेश से अधिक फंडिंग मिलने का एक सीधा मतलब यह है कि उस एनजीओ का एजेंडा विदेशियों द्वारा तय किया जा रहा है।
सीबीआई जांच के दायरे में एनजीओ
मौजूदा स्थिति यह है कि सीबीआई कुछ ऐसे एनजीओ की जांच कर रही है, जिन्हें विदेशों से फंडिंग प्राप्त हुई है। इसके अलावा कुछ एनजीओ की जांच उनके राज्यों की पुलिस द्वारा भी की जा रही है। जांच के दौरान इन एनजीओ को अपनी सफाई देने का अवसर भी उपबलब्ध कराया जाएगा। यदि उन पर एफसीआरए के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप साबित हुआ, तो ऐसी स्थिति में इन संगठनों को मिलने वाली विदेशी सहायता पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
एनजीओ को कब कितना मिला विदेशों से डोनेशन
मौजूदा स्थिति यह है कि सीबीआई कुछ ऐसे एनजीओ की जांच कर रही है, जिन्हें विदेशों से फंडिंग प्राप्त हुई है। इसके अलावा कुछ एनजीओ की जांच उनके राज्यों की पुलिस द्वारा भी की जा रही है। जांच के दौरान इन एनजीओ को अपनी सफाई देने का अवसर भी उपबलब्ध कराया जाएगा। यदि उन पर एफसीआरए के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप साबित हुआ, तो ऐसी स्थिति में इन संगठनों को मिलने वाली विदेशी सहायता पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
एनजीओ को कब कितना मिला विदेशों से डोनेशन
साल डोनेशन पाने वाले एनजीओ की संख्या डोनेशन की राशि (करोड़ रुपए में)
2010-11 22,735 10,334
2009-10 22,275 10,431
2008-09 23,172 10,997
2010-11 22,735 10,334
2009-10 22,275 10,431
2008-09 23,172 10,997
इन देशों से आया सबसे अधिक डोनेशन
अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन
फोटो: परमाणु ऊर्जा विरोधी कार्यकर्ता एसपी उदयकुमार की एनजीओ भी
जांच के दायरे में है। ग्रामीणों से बात करतेे उदयकुमार की फाइल फोटो।
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