इराक़: संसद से इमरजेंसी लगाने की अपील
मंगलवार, 11 जून, 2014
इराक़ी प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी ने देश में आपातकाल लागू करने के लिए देश की संसद से आग्रह किया है.
उन्होंने ये कदम देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसूल और निनवेह प्रांत पर चरमपंथियों का कब्ज़ा हो जाने के बाद उठाया है.इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि देश के उत्तरी शहर मोसूल पर इस्लामी चरमपंथियों ने कब्ज़ा कर लिया है.
वहाँ लगातार जारी लड़ाई के पाँचवे दिन रात को सैंकडों हथियारबंद लोगों ने प्रांतीय सरकार के मुख्यालय पर कब्ज़ा कर लिया. उनके पास रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड, बंदूकें और मशीनगन भी थीं.
उच्च सुरक्षा वाली जेल और सैन्य हवाईअड्डे की ओर बढ़ने से पहले उन्होंने कई पुलिस थानों को भी क्लिक करें ध्वस्त कर दिया.
मंगलवार सुबह क्लिक करें इराक़ के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "मोसूल सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गया है."
'बड़े हमले'
पिछले हफ्ते, जिहादी समूह इस्लामिक स्टेट इन क्लिक करें इराक़ एंड द लेवेंट और उसके सहयोगी संगठनों ने उत्तरी और पश्चिमी इराक में कई शहरों और कस्बों पर बड़े हमले किए थे. इन हमलों में कई लोगों की जान गईं.पश्चिमी प्रांत अनबार की राजधानी रमादी के कुछ हिस्से और पास के शहर फ़ालुजा के बड़े हिस्से पर भी पिछले दिसंबर से चरमपंथियों का कब्ज़ा है.
सुरक्षा बल इन जगहों को चरमपंथियों से मुक्त कराने में विफल रहे हैं.
इराक़ का पश्चिमी प्रांत अनबार देश में बढ़ती हुई सांप्रदायिक हिंसा का केंद्र बन गया है. 30 अप्रैल को हुए संसदीय चुनाव में हिंसा की वजह से इस प्रांत में मतदान नहीं हुआ.
2011 में अमरीका द्वारा अपने सुरक्षा बल वापस बुला लेने के बाद इराक़ में हिंसा में इज़ाफ़ा हुआ है.
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