अब किसी भी शहर में बस जाइए, आपका मोबाइल नंबर वही रहेगा :::: telecom commission gives in principle approval to full mobile number portability
नई दिल्ली, 14 जून 2014 | अपडेटेड: 11:15 IST
लोग अक्सर अपने मोबाइल का नंबर बदलना नहीं चाहते हैं और जब वह दूसरे शहर
में शिफ्ट भी कर जाते हैं तो अपना नंबर वही रखना चाहते हैं. लेकिन ऐसा
होता नहीं है, उन्हें लोकल नंबर लेना पड़ता है. अब इस मुश्किल से जल्द ही
छुटकारा मिलेगा और आप किसी भी शहर में बस जाएं आपका नंबर वही रहेगा. यह खबर
एक अंग्रेजी अखबार ने दी है.
अखबार के मुताबिक टेलीकॉम कमीशन ने इसकी मंजूरी दे दी है. अब इसके बाद
(टेलीकॉम रेगुल्टरी अथॉरिटी) ट्राई से कुछ स्पष्टीकरण मांगे गए हैं. इनके
मिलने के बाद यह सेवा शुरू हो जाएगी.
इस समय अगर आप एक सर्किल से दूसरे में जाते हैं तो आपको रोमिंग शुल्क देना पड़ता है. इसके अलावा उसी कॉल के लिए आपको एसटीडी चार्ज देना पड़ता है. नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) लागू हो जाने से इस चार्ज से छुटकारा मिल जाएगा. इसके बाद आप अपना वही नंबर उस शहर में भी बिना किसी शुल्क के चला सकते हैं.
नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद टेलीकॉम कमीशन ने अपनी बैठक की और इस बहु प्रतीक्षित प्रस्ताव को पारित किया. उसके एक सूत्र ने अखबार ने बताया कि सिद्धांततः इसे स्वीकृति मिल गई है. ट्राई के विचारों का इंतजार हो रहा है. इसके बाद एमएनपी सारे देश में लागू हो जाएगा.
इस काम में लगभग दो महीने लग जाएंगे क्योंकि ट्राई इतना वक्त ले लेगा और सभी टेलकॉम कंपनियों को भी अपनी तैयारी करनी होगी. इसके बाद भारत के सभी 22 टेलीकॉम जोन एक हो जाएंगे.
इस समय अगर आप एक सर्किल से दूसरे में जाते हैं तो आपको रोमिंग शुल्क देना पड़ता है. इसके अलावा उसी कॉल के लिए आपको एसटीडी चार्ज देना पड़ता है. नेशनल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) लागू हो जाने से इस चार्ज से छुटकारा मिल जाएगा. इसके बाद आप अपना वही नंबर उस शहर में भी बिना किसी शुल्क के चला सकते हैं.
नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद टेलीकॉम कमीशन ने अपनी बैठक की और इस बहु प्रतीक्षित प्रस्ताव को पारित किया. उसके एक सूत्र ने अखबार ने बताया कि सिद्धांततः इसे स्वीकृति मिल गई है. ट्राई के विचारों का इंतजार हो रहा है. इसके बाद एमएनपी सारे देश में लागू हो जाएगा.
इस काम में लगभग दो महीने लग जाएंगे क्योंकि ट्राई इतना वक्त ले लेगा और सभी टेलकॉम कंपनियों को भी अपनी तैयारी करनी होगी. इसके बाद भारत के सभी 22 टेलीकॉम जोन एक हो जाएंगे.
No comments:
Post a Comment