मोदी को चुनाव से हटाने की कवायद, कोर्ट जाएगा शादीशुदा होने का केस
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'शादीशुदा' मोदी को अयोग्य घोषित करवाने सुप्रीम कोर्ट जाएंगे मिस्त्री, राहुल ने भी साधा निशाना
Apr 11, 2014, 16:38PM IST
नई दिल्ली. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को चुनाव लड़ने के अयोग्य करार किए जाने की मांग चुनाव आयोग ने ठुकरा दी है। यह मांग वडोदरा में उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवार
मधुसूदन मिस्त्री ने की थी। मिस्त्री ने कहा है कि अगर आयोग ने उनकी
नहीं सुनी तो वह सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। उधर, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी शुक्रवार को डोडा की जनसभा में मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'पता नहीं वह (मोदी) कितने चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन पत्नी का नाम हलफनामे में पहली बार अब लिखा है। ऐसा आदमी महिलाओं को कैसे सुरक्षा दे सकता है?' राहुल के इस हमलावर रुख के बाद भाजपा ने भी नेहरू-गांधी परिवार के दिग्गजों की पोल खोलने की धमकी दी है।
मधुसूदन मिस्त्री का कहना है कि मोदी ने अपने शादीशुदा होने की बात छिपाते
हुए कई विधानसभा चुनाव लड़े और 2014 में दायर हलफनामे में भी पत्नी का
नाम बताया, लेकिन संपत्ति नहीं बताई। मिस्त्री ने कहा, 'अब जब आखिरकार
उन्होंने यह बता भी दिया कि वह 46 साल से शादीशुदा हैं तो पत्नी की
संपत्ति छिपा रहे हैं। सार्वजनिक जीवन जीते हुए जो व्यक्ति पारदर्शिता और
नैतिकता की बात करता रहा हो, उसे ऐसी हरकत के लिए तत्काल चुनाव लड़ने के
अयोग्य करार देना चाहिए। मैं इंसाफ पाने के लिए इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट
भी ले जाऊंगा।'
नरेंद्र मोदी
ने पहली बार बुधवार को वडोदरा लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करने के दौरान
दिए गए हलफनामे में अपने शादीशुदा होने की बात बताई। उन्होंने बताया कि
पत्नी जशोदाबेन की संपत्ति के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। इस पर
मिस्त्री की आपत्तियों को खारिज करते हुए वडोदरा के जिला निर्वाचन अधिकारी
(डीईओ) विनोद राव ने कहा कि किसी भी उम्मीदवार को जिस चीज के बारे में
जानकारी नहीं हो, उसके बारे में किसी कॉलम में 'नहीं मालूम है' लिखने का हक
है। उन्होंने कहा कि इस लोकसभा चुनाव से पहले दायर हलफनामे को लेकर
उन्हें कुछ कहने का हक नहीं बनता।
वीडियो से दुनिया ने जाना - कैसी हैं जशोदाबेन
जब वह 17 साल की थी और मोदी 18 के, तब दोनों का विवाह हुआ था। दिसंबर
2007 में आए एक वीडियो में जशोदाबेन ने पहली बार अपनी जिंदगी और मोदी से
रिश्तों पर बात की। वीडियो में उन्होंने बताया कि वे राजोसना प्राइमरी
स्कूल में पढ़ाती हैं और 1968 में उनकी मोदी से शादी हुई थी।
'मेरे पास आज भी वो किताब ''संघर्ष मा गुजरात'' हैं, जो उन्होंने
मुझे बतौर उपहार दी थी। उस वक्त की एक फोटो भी उनके पास है। तब वह 22 या 25
साल के थे। उस किताब को पढ़ते हुए लगता है कि मेरे पति आज भी मेरे साथ
हैं। उन्होंने हमारी शादी की तमाम फोटो फाड़ दी थी, क्योंकि वो नहीं चाहते
थे कि शादी की एक भी फोटो मेरे पास हो।' इस वीडियो क्लिप में जशोदाबेन के
भाई प्रवीणभाई भी यह कहते हुए दिखाई देते हैं कि जशोदाबेन को आज भी भरोसा
है कि ये रिश्ता कायम है।
जशोदाबेन की जब 1968 में शादी हुई थी, तब वह पढ़ रही थीं। शादी के 3
महीने बाद ही वह अपने पिता चिमनलाल मोदी के घर मेहसाणा वापस आ गईं, ताकि
अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। जशोदाबेन और नरेंद्र मोदी
अपने 3 साल के शादीशुदा जीवन में सिर्फ तीन महीने ही साथ रहे। इसके बाद
मोदी संघ से जुड़ गए और उन्होंने बतौर प्रचारक काम शुरू कर दिया। इस दौरान
जशोदाबेन अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थीं। बाद में वह प्राइमरी स्कूल की टीचर
हो गईं और पढ़ाने लगीं।
जशोदाबेन ने कई सालों तक अपना नाम जशोदाबेन नरेंद्र भाई मोदी लिखा, ने
1978 में शासकीय स्कूल में टीचर बनीं। वे राज्य के कई स्थानों पर 2009 तक
काम करती रहीं। इसके बाद वे रिटायर्ड हो गईं।
मोदी का परिवार-
गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी
के चार भाई और एक बहन हैं। ये सभी दामोदरदास मोदी और उनकी पत्नी हिराबा की
संतान हैं। यह वही परिवार है, जिसे छोड़कर मोदी 17 साल पहले संघ से जुड़
गए थे।
सोमभाई
उम्र-72 साल
नरेंद्र मोदी से बड़े सोमभाई (फोटो में) स्वास्थ्य विभाग से रिटायर्ड
अफसर हैं। वे अब अपने पैतृक स्थान वडनगर में ओल्ड एज होम चलाते हैं।
फिलहाल, अहमदाबाद में रह रहे सोमभाई आरएसएस के भी काफी नजदीक हैं, लेकिन
सक्रिय राजनीति से दूर हैं। वे इन दिनों लगातार पूरे देश में घूम-घूम कर
अपने भाई नरेंद्र मोदी को समर्थन देने के लिए सभाएं कर रहे हैं। सोमभाई कई
कांग्रेसी नेताओं के भी काफी नजदीकी हैं।
बसंतीबेन
उम्र - 60 साल
मोदी के पांच भाई-बहनों में इकलौती बहन बसंतीबेन हैं। घरेलू स्त्री
हैं। उनका विवाह एलआईसी अफसर हंसमुखभाई मोदी से हुआ। वह उत्तरी गुजरात के
मेहसाणा के विसनगर कस्बे में रहती हैं। मोदी उनके घर साल में एक बार आते
हैं, वो भी रक्षाबंधन पर राखी बंधवाने।
पंकजभाई
उम्र- 55 साल
मोदी के यह भाई उनसे काफी भावनात्मक जुड़ाव रखते हैं। गुजरात सूचना
विभाग, गांधीनगर में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर पदस्थ हैं। वे अपने फेसबुक पेज पर भी नरेंद्र मोदी
को प्रमोट करते हैं। तमाम अपनत्व और लगाव के बावजूद नरेंद्र मोदी और पंकज
सार्वजनिक जगहों पर दूर ही रहते हैं। मोदी की मां हिराबा पंकज के साथ ही
रहती हैं और मुख्यमंत्री मोदी उनसे साल में यदा-कदा उनसे मिलने भी जाते
हैं। हालांकि, मोदी सीधे तौर पर पंकज से दूरियां बनाकर चलते हैं, ताकि
गुजरात की नौकरशाही को संदेश जाए कि वे भाई-भतीजावाद के खिलाफ हैं।
फोटो- तस्वीर में ऊपर (बाएं) नरेंद्र मोदी की बहन बसंती और कुर्सी में बैठे दाएं से पहले भाई पंकज।
प्रहलादभाई
उम्र- 61 साल
नरेंद्र मोदी
के बाद परिवार में यही बड़े हैं। मोदी के सभी भाइयों में ये एकमात्र हैं,
जो खुले तौर पर उनके नेतृत्व वाली गुजरात सरकार की नीतियों की आलोचना करते
हैं। अहमदाबाद में फेयर प्राइस शॉप चलाते हैं। साथ ही, वे बीते कई सालों से
फेयर प्राइस शॉप्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। प्रहलादभाई (फोटो में)
द्वारा मोदी सरकार की आलोचना फेयर प्राइस शॉप्स से ही जुड़ी है और इसी वजह
से मोदी को कई बार परेशानियां उठानी पड़ी हैं। हालांकि, देर से ही सही,
प्रहलाद ने अब अपने बड़े भाई नरेंद्र मोदी से सुलह कर ली है और अब वे उनकी
सार्वजनिक रूप से प्रशंसा भी करते हैं।
अमृतभाई
उम्र- 70 साल
मोदी के बड़े भाई अमृत हमेशा लो-प्रोफाइल रहना पसंद करते हैं। वे मोदी
के बारे में ज्यादा जानकारी भी नहीं रखते, क्योंकि वे अहमदाबाद की एक
फैक्ट्री में खराद मशीन ऑपरेटर रहे हैं। जब उनसे संपर्क किया गया, तो उनका
जवाब था- प्लीज...मुझे इन सब बातों में मत घसीटिए!
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