उत्तराखंड में सुपरटेक को लूट की छूट ,सहस्त्रधारा रोड स्थित आईटी पार्क में 16692.05 वर्ग मीटर भूमि कामर्शियल हब बजाय पूरे सिस्टम को ठेंगा दिखाते हुये आवासीय परियोजना लांच, खुले आम दून स्क्वायर अपार्टमेंट के नाम से 25 लाख में बुकिंग की जा रही है :::: चर्चित नौकरशाह के संरक्षण में फल फूल रहा सुपरटेक का धंधा
उत्तराखंड में सुपरटेक को लूट की छूट
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चर्चित नौकरशाह के संरक्षण में फल फूल रहा सुपरटेक का धंधा
देहरादून। इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सुपरटेक बिल्डर की कलई खुल गई है। न्यायालय ने नोएडा के सेक्टर 93(ए) में स्थत सुपरटेक के विवादित प्रोजेक्ट एमरल्ड के 40 मंजिला दो टावर गिराने के आदेश दिए हैं। सुपरटेक ने ये टावर जिस भूमि पर खड़े किए हैं, उसे पहले प्रोजेक्ट में कामन एरिया दिखाया गया था। इन दोनों टावरों में 500 फ्लेट्स हैं, जो पहले ही बेचे जा चुके हैं। सुपरटेक की कारगुजराी का यह खुलासा उच्च न्यायालय में दायर की गई अपील पर हुआ, जबिक हकीकत यह है कि सुपरटेक बल्डर के लिए इस तरह के कारनामे कोई बड़ी बात नहीं है। इससे भी बड़े कारनामों को सुपरटेक ने उत्तराखंड में अंजाम िदया हुआ है। प्रदेश के एक आला नौकरशाह के संरक्षण में सुपरटेक देहारदून, हरिद्वार और रूद्रपुर में सिडकुल की सैकड़ों हेक्टेयर जमीन कौडि़यों के भाव हथिया चुका है। सिर्फ यही नहीं देहरादून , रूद्रपुर, पंतनगर में सिडकुल से ली इन जमीनों पर मनमाने तरीके से आवासीय परियोजनाएं लांच की है। सभी परियोजनाओं में व्यापक हेराफेरी की गई। सिडकुल ने भी तमाम मानकों को ताक पर रख सुपरटेक को बेशकीमती जमीनें औने पौने दामों पर सौंप दी। आश्चर्यजनक यह है कि सवाल उठने के बावजूद प्रदेश में सुपरेटक का बाल का बांका नहीं हुआ। आलम यह है क सुपरेटक को प्रदेश में लूट की खुली छूट है।नियम कायदे कानून और प्रदेश के हितों से इसका काेई सरोकार नहीं है। हािलया एक मामले में सुपरटेक को सहस्त्रधारा रोड स्थित आईटी पार्क में 16692.05 वर्ग मीटर भूमि कामर्शियल हब के लिए दी गई। सुपरटेक ने यह जमीन लेेने के बाद कामर्शियल हब के बजाय पूरे सिस्टम को ठेंगा दिखाते हुये आवासीय परियोजना लांच कर दी। खुले आम दून स्क्वायर अपार्टमेंट के नाम से 25 लाख में बुकिंग की जा रही है, लेकिन सिडकुल के अिधकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। सिडकुल के अधिकारियों ने अपने बचाव में सुपरटेक को जो नोटिस जारी किये उससे भी साफ है कि सुपरेट ने गड़बड़ी की है। इस सब के बावजूद सुपरटेक का तैयार और बुकिंग जारी है। सूत्रों के मुताबिक सुपरटेक को प्रदेश में जबर्दस्त राजनैतिक व ब्यूरोक्रेटिक संरक्षण हासिल है। सत्ता के गलियारों में यह भी चर्चा है कि सुपरटेक में प्रदेश के एक चर्चित नामी सीनियर नौकरशाह की हिस्सेदारी भी है। यही कारण है कि सुपरटेक मनमाने तरीके से प्रदेश की जमीनों को दून से लेकर पंतनगर तक खुर्द बुर्द करने में लगे है।
देहरादून। इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सुपरटेक बिल्डर की कलई खुल गई है। न्यायालय ने नोएडा के सेक्टर 93(ए) में स्थत सुपरटेक के विवादित प्रोजेक्ट एमरल्ड के 40 मंजिला दो टावर गिराने के आदेश दिए हैं। सुपरटेक ने ये टावर जिस भूमि पर खड़े किए हैं, उसे पहले प्रोजेक्ट में कामन एरिया दिखाया गया था। इन दोनों टावरों में 500 फ्लेट्स हैं, जो पहले ही बेचे जा चुके हैं। सुपरटेक की कारगुजराी का यह खुलासा उच्च न्यायालय में दायर की गई अपील पर हुआ, जबिक हकीकत यह है कि सुपरटेक बल्डर के लिए इस तरह के कारनामे कोई बड़ी बात नहीं है। इससे भी बड़े कारनामों को सुपरटेक ने उत्तराखंड में अंजाम िदया हुआ है। प्रदेश के एक आला नौकरशाह के संरक्षण में सुपरटेक देहारदून, हरिद्वार और रूद्रपुर में सिडकुल की सैकड़ों हेक्टेयर जमीन कौडि़यों के भाव हथिया चुका है। सिर्फ यही नहीं देहरादून , रूद्रपुर, पंतनगर में सिडकुल से ली इन जमीनों पर मनमाने तरीके से आवासीय परियोजनाएं लांच की है। सभी परियोजनाओं में व्यापक हेराफेरी की गई। सिडकुल ने भी तमाम मानकों को ताक पर रख सुपरटेक को बेशकीमती जमीनें औने पौने दामों पर सौंप दी। आश्चर्यजनक यह है कि सवाल उठने के बावजूद प्रदेश में सुपरेटक का बाल का बांका नहीं हुआ। आलम यह है क सुपरेटक को प्रदेश में लूट की खुली छूट है।नियम कायदे कानून और प्रदेश के हितों से इसका काेई सरोकार नहीं है। हािलया एक मामले में सुपरटेक को सहस्त्रधारा रोड स्थित आईटी पार्क में 16692.05 वर्ग मीटर भूमि कामर्शियल हब के लिए दी गई। सुपरटेक ने यह जमीन लेेने के बाद कामर्शियल हब के बजाय पूरे सिस्टम को ठेंगा दिखाते हुये आवासीय परियोजना लांच कर दी। खुले आम दून स्क्वायर अपार्टमेंट के नाम से 25 लाख में बुकिंग की जा रही है, लेकिन सिडकुल के अिधकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। सिडकुल के अधिकारियों ने अपने बचाव में सुपरटेक को जो नोटिस जारी किये उससे भी साफ है कि सुपरेट ने गड़बड़ी की है। इस सब के बावजूद सुपरटेक का तैयार और बुकिंग जारी है। सूत्रों के मुताबिक सुपरटेक को प्रदेश में जबर्दस्त राजनैतिक व ब्यूरोक्रेटिक संरक्षण हासिल है। सत्ता के गलियारों में यह भी चर्चा है कि सुपरटेक में प्रदेश के एक चर्चित नामी सीनियर नौकरशाह की हिस्सेदारी भी है। यही कारण है कि सुपरटेक मनमाने तरीके से प्रदेश की जमीनों को दून से लेकर पंतनगर तक खुर्द बुर्द करने में लगे है।
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