क्या देश भर में मोदी की लहर है?...
UP में लोकसभा की 80 सीट...एक भी मुसलमान को टिकट क्यों नहीं दिया?...
क्या बड़ी आबादी को इस तरह नजरअंदाज करना वाजिब है?...भाजपा से है नाराजगी
यहां उठा सवाल, मोदी की लहर में मुस्लिम कहां?
मुस्लिमो को टिकट क्यों नहीं
इन दिनों देश भर में मोदी लहर चलने की बात की जा रही है पर क्या लहर में मुस्लिम पीछे छूट गये हैं, ये सवाल हमारा नहीं अलीगढ़ की जनता का है।अलीगढ़ के जाबिर खान कहते हैं कि प्रदेश में लोकसभा की 80 सीट हैं। भाजपा ने एक भी मुसलमान को टिकट क्यों नहीं दिया? क्या बड़ी आबादी को इस तरह नजरअंदाज करना वाजिब है?बिजनेस और एजुकेशन के प्रमुख सेंटर के रूप में देश-विदेश में पहचान रखने वाले अलीगढ़ संसदीय क्षेत्र में सियासी माहौल पूरी तरह गरमा जाने के बावजूद चुनावी समीकरण किंतु-परंतु पर टिके हुए हैं।वोटों का ध्रुवीकरण सही नहीं
मुस्लिम बहुल इलियासपुर गांव में साबिर अली के ढाबे पर कई लोग सियासी गुफ्तगू में मशगूल हैं। साबिर कहते हैं, मुस्लिम रुझान सपा के प्रति ज्यादा है।मुकाबला सपा, भाजपा और बसपा में लगता है। आम आदमी पार्टी और दूसरे छोटे दलों का देहात में वजूद नहीं है।निजामुद्दीन का कहना है कि सेकुलर वोटों का बंटवारा नहीं होना चाहिए। पम्मी और खलील अहमद कहते हैं कि मौजूदा सांसद ने क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं दिया।नेता ऐसा होना चाहिए जो आसानी से उपलब्ध हो, जिसे फोन करके बुलाया जा सके।भाजपा से है नाराजगी
अलीगढ़ बस स्टैंड के निकट खड़े खैर से सोमवीर सिंह
कहते हैं कि जनता की चिंता किसे है। चुनाव आ गए तो नेता गांव-गांव आ रहे
हैं। वोट डल जाएंगे तो कोई पूछने वाला नहीं मिलेगा।वह मानते हैं कि मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और सपा के बीच लगता है।अलीगढ़
मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मिंटों सर्किल गेट के बाहर ढाबे पर रात करीब आठ
बजे छात्रों के सात-आठ ग्रुप सियासत पर तो कहीं राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा
कर रहे हैं।एमबीए फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर के छात्र एक ग्रुप में
चुनावी चर्चा में मशगूल हैं। ताज कलाम कहते हैं, मुस्लिम ही क्यों, हर युवा
चुनाव को लेकर गंभीर है। वे शांति, भाईचारा, विकास और रोजगार चाहते हैं।
राजा भईया को मंत्री क्यों बना दिया
एबीए फर्स्ट ईयर के छात्र फौकुल बशर कहते हैं,
पुराने नेता पक चुके हैं। आम आदमी पार्टी के उभार के बाद हालांकि सियासी
दलों और नेताओं में थोड़ा बदलाव आया लेकिन अब नए चेहरों की जरूरत है।यूथ
को आगे आना चाहिए, ‘आप’ से उम्मीदें हैं। कहते हैं सपा राज में लॉ एंड
आर्डर बेहतर नहीं रहता, बसपा हुकूमत मूर्तियां बनवाती है। कई छात्र उनकी
बातों से सहमति जताते हुए राजनीति में बदलाव पर जोर देते हैं।ताज कलाम मुजफ्फरनगर दंगे में सरकार की चूक मानते हैं। कहते हैं, अवाम ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर टिप्पणी की है।मो. शोएब कहते हैं, दंगे के बाद हालात थोड़े बदले हैं। याहिया खान राजा भैया को फिर मंत्री बनाने पर सवाल उठाते हैं।
किसी एक दल की नहीं रही है सीट
अलीगढ़ सीट की खासियत है कि यह किसी दल विशेष के
साथ बंधकर कभी नहीं रही। यहां कांग्रेस, बीकेडी, जनता पार्टी, जनता दल,
भाजपा और बसपा अपने परचम लहरा चुके हैं।सपा अभी तक इस सीट पर खाता नहीं खोल सकी है। भाजपा की शीला गौतम ने सर्वाधिक चार बार लोकसभा में इस सीट की नुमाइंदगी की।लोगों
का मानना है कि बेहतर रहे कि लोकल प्रत्याशी को चुना जाए ताकि मुरादाबाद
से जीते अजहरुद्दीन की तरह लोगों को सांसद को ढूंढने के लिए पोस्टर न लगाने
पड़ें।अहमद कासमी को लगता है कि अलीगढ़ सीट पर भाजपा का मुकाबला
बसपा या कांग्रेस से हो सकता है। हालांकि तारिक कासमी को सपा और बसपा में
चुनाव नजर आ रहा है।
मुस्लिमों के रूख पर निर्भर होगा परिणाम
मैरिस रोड स्थित सिटी सेंटर पर रात को नौ बजे चहल-पहल हैं। चुनावी चर्चा भी चल रही है। यहां के रहने वाले मयंक चतुर्वेदी कहते हैं, सौ प्रतिशत मोदी लहर है। मुकाबला भाजपा और सपा के बीच है।जनकपुरी के मोहन चौहान उनसे नाइत्तेफाक जताते हुए मुकाबला भाजपा-बसपा के बीच बताते हैं। पहली बार के वोटर राजीव नगर के केशव सिंह जाडौन कहते हैं कि युवा मोदी से प्रभावित हैं।नई बस्ती रामपुर के महावीर सिंह कहते हैं, पूरा चुनाव मुस्लिमों के रुख पर निर्भर है। भाजपा को हराने के लिए वे जिस दल का समर्थन करेंगे, उसी से मुकाबला होगा।दीपपुर के नीतू सिंह मानते हैं कि देहात के लोग भाजपा प्रत्याशी नहीं मोदी को वोट दे रहे हैं।ध्रुवीकरण की है संभावना
चूहरपुर गांव में कंचन लाल अग्रवाल मायावती की अलीगढ़ रैली से लौटती बसों की तरफ इशारा करते हुए कहते हैं, आज भाजपा का मुकाबला बसपा से लग रहा है लेकिन वोटों का ध्रुवीकरण स्थिति बदल भी सकता है। खेड़ियां टेवाखां के बचन सिंह रालोद से गठबंधन के चलते कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला मान रहे हैं।प्रमुख प्रत्याशी
भाजपा- सतीश गौतम (नया चेहरा, उम्मीदवारी पर खेमेबंदी भी सामने आई)
बसपा- डॉ. अरविंद कुमार सिंह (वर्तमान सांसद राजकुमारी चौहान के पुत्र हैं। यहां राजकुमारी की कम सक्रियता के चर्चे खूब हैं।)
कांग्रेस : बिजेन्द्र सिंह (पूर्व सांसद)
सपा : जफर आलम (शहर विधायक)
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