देहरादून:जिन्दगी पर भारी पड़ रही आचार सहिंता
सड़क हादसे के शिकार राजेंद्र कुमार को नहीं मिल रही सीएम राहत कोष से मदददेहरादून। सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल विक्रम चालक राजेंद्र कुमार की सांसों पर आचार संहिता भारी पड़ रही है। एक महीने तक इंदरेश अस्पताल में वेंटिलेटर पर रहे राजेंद्र को मुख्यमंत्री राहत कोष से पौने दो लाख मदद मिली, लेकिन अब आचार संहिता की बात कहकर मदद से इनकार कर दिया गया है। ऐसे में एक सप्ताह से राजेंद्र घर में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। जबकि निर्वाचन कार्यालय का स्पष्ट कहना है कि मदद दी जा सकती है, लेकिन सीधे अस्पताल को रकम भेजकर।
कृष्ण विहार आईआईपी मोहकमपुर निवासी राजेंद्र कुमार को तीन मार्च की शाम घर लौटते वक्त हरिद्वार रोड पर डंपर ने कुचल दिया था। सीएमआई में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें इंदिरेश अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां करीब एक माह तक वह वेंटिलेटर पर रहे। आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर परिजनों की गुहार पर सीएम राहत कोष से उन्हें दो किस्तों में मदद मिली। लेकिन अब आचार संहिता के चलते स्थानीय विधायक और सचिवालय अफसरों ने मदद दिलाने से मना कर दिया है।
हमारे पास पैसा नहीं है कैसे रखे वेंटिलेटर पर
राजेंद्र की पत्नी कुसुमलता बताती है कि डाक्टरों ने तीन माह तक वेंटिलेटर पर रखने की सलाह दी है। हर दिन का खर्चा पांच से दस हजार रुपये है। लेकिन हमारे पास पैसा नहीं है। बेटी रुचि ने बताया कि खर्चा न उठा पाने के कारण चार अप्रैल को राजेंद्र को घर ले जाया गया है। परिजनों को उनकी सेहत की चिंता खाए जा रही है। राजेंद्र की पांच बेटियां और एक बेटा है। चार बेटियों की शादी हो चुकी है।
”आचार संहिता लगी होने से मुख्यमंत्री राहत कोष से नकद भुगतान के रूप में मदद नहीं की जा सकती, लेकिन अस्पताल को सीधे उपचार के लिए धनराशि ट्रांसफर की जा सकती है।” सौजन्या, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी
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