बीजेपी की राहुल को धमकी- हम भी खोल सकते हैं पोल, हैं नेहरू-राजीव तक के सबूत :::: मोदी के पतिधर्म पर राहुल का निशाना
बीजेपी की राहुल को धमकी- हम भी खोल सकते हैं पोल, हैं नेहरू-राजीव तक के सबूत
Apr 11, 2014, 16:50PM IST
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नरेंद्र मोदी|राहुल गांधी
नई दिल्ली. शुक्रवार को नरेंद्र मोदी को सुप्रीम कोर्ट से भले ही राहत मिल गई हो, लेकिन कांग्रेस ने उनकी परेशानी बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वडोदारा सीट पर उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री ने उन्हें कोर्ट में घसीटने की बात की, तो राहुल गांधी ने भी उन पर जुबानी हमले किए। कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी वेबसाइट पर अटल बिहारी वाजपेयी का सहारा लेकर मोदी को निशाना बनाया।
चुनावी सरगर्मी तेज
होने के साथ-साथ बीजेपी और कांग्रेस के बीच जंग भी तेज होती जा रही है। एक
तरफ राहुल गांधी और कांग्रेस ने पतिधर्म और राजधर्म को लेकर नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया तो उससे बौखलाई बीजेपी ने कहा कि अगर निजी बात उखाड़ेंगे तो हमारे पास नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक के सबूत हैं।
दरअसल, कांग्रेस ने जहां अपनी वेबसाइट पर अटल बिहारी वाजपेयी की एक
तस्वीर के जरिए मोदी के राजधर्म पर सवाल खड़े किए वहीं पार्टी उपाध्यक्ष
राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के डोडा में एक रैली के दौरान मोदी के पतिधर्म पर सवाल उठाए। राहुल ने कहा कि मोदी अब तक कितने ही चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी के बारे में जानकारी नहीं दी। आखिर उन्होंने अपनी शादी की बात छिपाई क्यों?
राहुल के इस सीधे हमले के बाद बीजेपी ने भी कांग्रेस उपाध्यक्ष
पर पलटवार किया। बीजेपी ने कहा कि मोदी ने कभी अपनी वैवाहिक स्थिति के
बारे में झूठ नहीं बोला, राहुल को ठीक से होमवर्क करना चाहिए। पार्टी ने
कहा कि राहुल मोदी के हलफनामे को ठीक से पढ़े क्योंकि मोदी ने कुछ भी झूठ
नहीं लिखा है।
मोदी द्वारा जशोदाबेन को अपनी पत्नी स्वीकार किए जाने के
बाद से ही उन पर हमले हो रहे हैं। हर किसी का यही सवाल है कि वडोदरा से
नामांकन भरने से पहले तक मोदी जशोदाबेन को अपनी पत्नी क्यों नहीं मानते
थे? क्यों वह पिछले चुनाव के दौरान हलफनामे में पत्नी के कॉलम को खाली
छोड़ देते थे? गौरतलब है कि वडोदरा से नामांकन दाखिल करते वक्त मोदी ने
पहली बार माना था कि जशोदाबेन उनकी पत्नी हैं।
मोदी के पतिधर्म पर राहुल का निशाना
डोडा की रैली के दौरान राहुल गांधी ने मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी
पहले भी चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने कभी भी अपनी पत्नी
का नाम नहीं बताया था। हलफनामे में पत्नी के नाम वाले कॉलम को वह खाली
छोड़ देते थे। आखिर उन्होंने इतने वक्त तक यह बात छिपाई क्यों रखी? डोडा
में कांग्रेस उम्मीदवार गुलाम नबी आजाद के प्रचार के दौरान राहुल ने
गुजरात में एक महिला का पीछा किए जाने वाले वाकये को भी फिर से उछाला। मोदी
पर महिला सुरक्षा और स्वाभिमान से जुड़ी बातों पर हमला बोलते हुए राहुल ने
कहा कि एक मुख्यमंत्री और गुजरात की पूरी पुलिस टीम एक महिला की जानकारी
लेने में जुट जाती है।
बीजेपी पर हमला करते हुए राहुल ने आडवाणी और जसवंत सिंह जैसे नेताओं
की उपेक्षा की बात कही और बिजनेसमैन अडाणी का मुद्दा उठाया। राहुल ने कहा
कि पार्टी से आडवाणी को निकाला गया और अडाणी को ले आए। कांग्रेस उपाध्यक्ष
ने बीजेपी के बारे में कहा कि बीजेपी समाज को बांटती है और सारी ताकत एक
ही व्यक्ति (मोदी) के हाथ में देना चाहती है। रैली के दौरान राहुल ने एक
बार फिर दोहराया कि शांति के बिना विकास संभव नहीं है और कहा कि यूपी की 10
लाख महिलाओं को कांग्रेस ने बैंक से जोड़ा है।
बीजेपी ने कहा, हमारे पास भी हैं नेहरू-राजीव तक के सबूत
राहुल गांधी द्वारा नरेंद्र मोदी के पतिधर्म पर सवाल खड़े किए जाने के बाद बीजेपी ने राहुल पर जमकर हमला बोला। बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी निजी बातें नहीं उखाड़ें नहीं तो हमारे पास नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक के सबूत हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल अगर इन चीजों पर आ गए हैं तो हमारे पास नेहरू से लेकर राजीव तक के जुड़े सबूत हैं। हालांकि, प्रसाद ने यह भी जोड़ा कि बीजेपी इस तरह के निजी हमलों से बचती है और ऐसा नहीं करना चाहती। प्रसाद ने कहा, अगर राहुल ऐसा करेंगे तो हम भी गांधी परिवार से जुड़ी निजी चीजें सामने लाकर हमला कर सकते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं।
राहुल गांधी द्वारा नरेंद्र मोदी के पतिधर्म पर सवाल खड़े किए जाने के बाद बीजेपी ने राहुल पर जमकर हमला बोला। बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी निजी बातें नहीं उखाड़ें नहीं तो हमारे पास नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक के सबूत हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल अगर इन चीजों पर आ गए हैं तो हमारे पास नेहरू से लेकर राजीव तक के जुड़े सबूत हैं। हालांकि, प्रसाद ने यह भी जोड़ा कि बीजेपी इस तरह के निजी हमलों से बचती है और ऐसा नहीं करना चाहती। प्रसाद ने कहा, अगर राहुल ऐसा करेंगे तो हम भी गांधी परिवार से जुड़ी निजी चीजें सामने लाकर हमला कर सकते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं।
कांग्रेस ने लिया वाजपेयी का सहारा, मोदी के राजधर्म पर उठाया सवाल
कांग्रेस ने अपनी वेबसाइट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर के जरिए नरेंद्र मोदी
पर निशाना साधा है। इस तस्वीर में कहा गया है, 'पूर्व प्रधानमंत्री श्री
अटल बिहारी वाजपेयी जिस व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद के योग्य नहीं समझते थे,
क्या आप देश का भविष्य उस व्यक्ति के हाथों में दे सकते हैं?'
कांग्रेस ने वेबसाइट पर लिखा है, 'बीजेपी में कोई भी नेता अटल बिहारी
वाजपेयी की कद का नहीं हो सकता। पार्टी के इस संस्थापक अध्यक्ष ने 6 साल तक
देश की बागडोर संभाली। 2004 में कांग्रेस के हाथों मिली हार के बाद
वाजपेयी ने खुद माना था कि मोदी के कार्यकाल में दंगों की वजह से उनकी हार
हुई। वह मोदी के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते थे। इसकी पुष्टि एनडीए सरकार
में मंत्री रहे जसवंत सिंह ने भी की थी। वाजपेयी ने तो मोदी के खिलाफ
कार्रवाई न होने की स्थिति में इस्तीफे की धमकी भी दे दी थी।'
वेबसाइट पर आगे लिखा गया है, 'वाजपेयी की पीड़ा की वजह थी मोदी द्वारा
राजधर्म का पालन नहीं करना। उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कर्तव्य
नहीं निभाए। वाजपेयी ने मोदी को राजधर्म का पालन करने की नसीहत दी थी। उनसे
कहा था कि वह लोगों को जाति, धर्म और रंग के आधार पर ना बांटे। इससे साफ
है कि गुजरात के मुख्यमंत्री दंगे रोकने में तो नाकाम रहे ही साथ में
गुजरातियों के साथ भेदभाव भी किया।'
मोदी को सुप्रीम कोर्ट से राहत
गुजरात दंगा मामले में नरेंद्र मोदी
को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने दंगों की जांच के लिए बनी
एसआईटी द्वारा मोदी को क्लीनचिट देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने
से इनकार कर दिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने दंगों की जांच के लिए
नई एसआईटी बनाने की याचिका भी खारिज कर दी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एसआईटी ने गुलबर्ग सोसायटी
दंगा मामले में 2012 में मोदी को क्लीन चिट दे दी थी। दंगे में मारे गए
पूर्व कांग्रेस सांसद जाकिया जाफरी की पत्नी ने इसके विरोध में याचिका दी
थी, लेकिन निचली अदालत ने दिसंबर 2013 में मोदी को क्लीन चिट देने वाली
एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट पर मुहर लगा दी थी। अपनी क्लोजर रिपोर्ट में
एसआईटी ने कहा था कि उसे मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। हालांकि,
जाकिया जाफरी का कहना है कि इस मामले में मोदी समेत दूसरे नेताओं, पुलिस
अधिकारियों और नौकरशाहों के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
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