नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल ने एक बार फिर विबादित बयान दिया है। उन्होंने मुस्लिमों को खुली धमकी दी है। सिंघल ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक समुदायों को हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करना सीखना होगा। वे अगर ऐसा नहीं करेंगे, तो लंबे समय तक वजूद में नहीं रह पाएंगे।’’ इसके बाद सिंघल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें आदर्श स्वयंसेवक बताया।

विश्व हिंदू परिषद के नेता ने कहा कि इस लोकसभा में यह साबित हो चुका है कि चुनाव मुस्लिमों के सपोर्ट के बिना भी जीते जा सकते हैं। इतना ही नही उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को यूनिफॉर्म सिविल कोड को स्वीकार कर अयोध्या, काशी और मथुरा पर अपना दावा छोड़ देना चाहिए। सिंघल के इस बयान की कांग्रेस, सी.पी.एम. समेत दूसरी विपक्षी पार्टियों ने कड़ी निंदा की है। कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि वह इस तरह की राजनीति लंबे समय से करते आ रहे हैं। यह उनकी राजनीतिक की बुनियाद है।

हमारे लिए भारत एक है और देश के हर नागरिक को सरकार चुनने का समान अधिकार है। मुझे नहीं लगता कि नरेंद्र मोदी सिंघल के बयान से सहमत होंगे।एन.सी.पी. नेता तारिक अनवर ने कहा, ‘‘अशोक सिंघल की मानसिकता किसी से छिपी हुई नहीं है। यह छोटी विचारधारा के लोग हैं। ये अपनी दुकान चलाना चाहते हैं। भारत एक अनोखा देश है, जहां बहुमत को अल्पसंख्यक से डराने की कोशिश होती है। ये वही लोग हैं जो हिंदुओं को हमेशा डराकर रखना चाहते हैं।’’

सिंघल द्वारा मुस्लिमों पर दिए गए इस विवादित बयान का भाजपा और शिवसेना ने बचाव किया है। बी.जे.पी. और शिवसेना ने सिंघल के बयान का समर्थन किया है। भाजपा सांसद विनय कटियार ने कहा कि सिंघल ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। वहीं शिव सेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि सिंघल के विचार राष्ट्रीय भावना को प्रकट करते हैं।

भाजपा नेता व प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी सिंघल का बचाव किया। नकवी ने कहा कि मैंने उनका लेख पढ़ा है और उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनावों में मुस्लिम समाज का राजीतिक शोषण करने वाले बेनकाब हुए हैं। भाजपा ने ‘सबका साथ-सबका विकास’ के साथ चुनाव लड़ा है। मोदी सबका विकास कर रहे हैं। सिंघल ने उन सेक्युलर सूरमाओं को आईना दिखाया है, जो सेक्युलरिज्म को अपनी राजनीतिक बैसाखी बनाते रहे हैं।