अयोध्या जा रहे विहिप के 100 कार्यकर्ता गिरफ्तार:परिक्रमा पर रोक बरकरार
लखनऊ/अयोध्या. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विहिप की 84 कोसी परिक्रमा पर रोक बरकरार रखी है। लखनऊ बेंच ने इस रोक के खिलाफ दायर अर्जी खारिज कर दी। सरकारी वकील एसपी त्रिपाठी ने बताया कि चूंकि 50 सालों से यह यात्रा नहीं हुई है, ऐसे में अदालत ने यात्रा पर रोक बरकरार रखने का आदेश सुनाया। इस बीच, अयोध्या जा रहे विहिप के 100 कार्यकर्ताओं को इलाहाबाद में गिरफ्तार किया गया है। 84 कोसी परिक्रमा को लेकर विहिप और यूपी सरकार के बीच टकराव के चलते अयोध्या अभेद किले में तब्दील हो रही है। इस किले बंदी के पीछे राजनीतिक निहतार्थ भी तलाशे जा रहें है। लोगों को 1989 की अयोध्या की याद आ रही है जब तत्कालीन मुलायम सरकार ने एलान किया था कि परिंदा भी पर नही मार सकता है। विहिप और भाजपा से जुड़े सैकड़ों फोन सर्विलांस मे लगा दिये गए हैं। पुलिस व्यवस्था को जांचने के लिए माक ड्रिल की भी योजना है।
अयोध्या के सरयू नदी पर गोंडा व मखभूमि मखौड़ा को जोड़ने वाला पुराने
पुल पर बैरीकेटिंग शुरू कर दी गई है। अयोध्या फैजाबाद के बीच बाईपास और
दूसरे करीब 42 स्थानों पर बैरीकेटिंग कर सुरक्षा का तिलस्मी बंदोबस्त किया
जा रहा है। शनिवार तक अयोध्या में परिंदे के प्रवेश पर भी सुरक्षा बलों की
निगाह होगी। पूरी व्यूह रचना को दुरूस्त रखने और कमजोरी कड़ी को मजबूत करने
के लिए राज्य सरकार ने अपने सबसे काबिल पुलिस अधिकारी को जिम्मेदारी दी
है।
विहिप की 84 कोसी परिक्रमा के मद्देनजर फैजाबाद और अयोध्या में तैनात
सभी सरकारी डॉक्टरों की छुट्टियां अगले आदेश तक निरस्त कर दी गई हैं।
फैजाबाद के जिला अस्पताल में आपातकालीन स्थिति के लिए 50 बेड रिज़र्व कर लिए
गए हैं। प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नानक शरण ने बताया कि अस्पताल
प्रशासन ने आवश्यकता पड़ने पर टेंट हाउस से 100 बेड मंगवा कर ओपीडी ब्लाक
में रखने की व्यवस्था कर ली है। ब्लड बैंकों को अलर्ट कर दिया गया है।
रविवार से दो एम्बुलेंस 24 घंटे किसी भी इमरजेंसी के लिए तैनात कर दी
जाएंगी।
एडीजी कानून व्यवस्था अरुण कुमार को अयोध्या में कैम्प करने का निर्देश दिया गया है। सुरक्षा प्रबंधन को चाकचौबंद करने के लिए दो एसपी, 16 एएसपी, 32 डिप्टीएसपी, 80 इंस्पेक्टर, 247 सब इंस्पेक्टर, 600 सिपाही के साथ ही 13 कंपनी पीएसी, सरयू नदी पर निगाह रखने के लिए एक कंपनी जल पीएसी तैनात कर दी है। इसके अलावा एक कंपनी अतिरिक्त आरएएफ तैनात की गयी है। पहले से ही तैनात 10 कंपनी आरएएफ का कार्य अवधि भी बढ़ा दी गयी है।
बाराबंकी के एसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि धारा 144 के कंप्लायंस के
लिए जो भी संभव होगा वह कदम उठाया जाएगा। लखनऊ से आने वाला ट्रैफिक
फैजाबाद की ओर चौपुला पुल से अब रामनगर तिराहा से जरवल रोड गोंडा होकर
जाएगा। इसी तरह से रायबरेली से हैदरगढ़, भिटरिया होते हुए फैजाबाद जाने के
लिए आने वाला ट्रैफिक अब रामनगर तिराहे से गोंडा की ओर भेजा जाएगा। वहीं,
सीतापुर की ओर से आने वाले ट्रैफिक को भी रामनगर तिराहे से ही जरवल रोड
गोंडा के लिए भेजा जायेगा।
बाराबंकी प्रशासन ने परिक्रमा मार्ग की ओर जाने वाले दो दर्जन स्थानों
को पहचान की है और यहाँ पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गई है।
बाराबंकी प्रशासन ने परिक्रमा मार्ग की ओर जाने वाले दो दर्जन स्थानों को
पहचान की है और यहाँ पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गई है। इसके
अलावा अयोध्या की ओर जाने से रोकने पर वापस न लौटने वालों को गिरफ्तार कर
अस्थाई जेलों में रखने के लिए स्थान भी चिन्हित किये गए हैं।
'हिंसा हुई या महौल बिगड़ा तो जिम्मेदार होगी प्रदेश सरकार'
विहिप ने उप्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य सरकार जानबूझ
कर माहौल बिगाड़ रही है। एक रणनीति के तहत व तनाव भड़का रही है, उसकी कोशिश
है कि दंगे फसाद हो। विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि
हिंसा होती है तो उसके लिए प्रदेश की सपा सरकार ही जिम्मेदार होती है। वरना
दो ढाई सौ संतों की परंपरागत परिक्रमा को लेकर पूरे प्रदेश का महौल खराब
करने की कोशिश न होती।
उन्होंने कहा कि यह एक धार्मिक यात्रा है। सरकार का रवैया वोट की
राजनीति के लिए बहुसंख्यक हिंदुओं का अपमान और अल्पसं यक वर्ग को खुश करना
है। हांलाकि अल्पसं यक वर्ग भी सरकार की नीति को समझ रहा है। शर्मा ने आरोप
लगाया कि पुलिस के अधिकारी उनके समर्थकों को धमका रहें है।
यूपी सरकार की चौतरफा घेरेबंदी के बीच विहिप के सावन मेले व राम झूले के लिए अयोध्या आये संत सन्यासी उम्मीद की किरण है। अयोध्या के मठों व मंदिरों में इनकी तादात करीब पांच हजार है। प्रशासन के पास भी इनकी पक्की सं या नही है। विहिप के कार्यकर्ताओं व परिक्रमा से जुड़े जि मेदार लोगों ने इनसे संपर्क कर सहयोग मांगा है। परिक्रमा में जान फूंकने में इनकी बेहद अहम भूमिका होगी। हालांकि यूपी सरकार व प्रशासन की कोशिश है कि विहिप से जुड़ा कोई भी साधू संत तुलसी घाट पर न पहुंच सके। इसके लिए वे श्वेत व केसरिया वस्त्रों के साथ घाट की ओर जाने वालों को हिरासत में लेकर अयोध्या से बाहर की किसी अस्थाई जेल में भेज देगें।
सपा के मंत्री ने तोड़ा विहिप से जुड़े अहम महंत को
अयोध्या फैजाबाद के विधायक और राज्यमंत्री पवन पांडेय ने शुक्रवार को
विहिप से जुड़े परिक्रमा मार्ग पर सबसे ज्यादा पहचाने जाने वाले महंत
गयादास को झटक लिया। मंत्री के इशारे में उनके खास लोगों ने महंत गयादास की
विहिप से नाराजगी का लाभ उठाते हुए प्रेसकांफ्रेंस में पेश कर दिया। महंत
गया दास ने विहिप की परिक्रमा पर कई सवाल लगाते हुए कहा कि वे परिक्रमा के
समर्थक है और चाहते है कि परिक्रमा हो लेकिन शांतिभंग की कीमत पर नही। महंत
ने कहा कि विहिप ने पहले उन्हे परिक्रमा का संयोजक बनाया फिर दूध की मक्खी
की तरह फेंक दिया। महंत इसी वजह से आहत है।
परिक्रमा मार्ग में होती है मारपीट और लूटपाट
महंत गयादास ने कहा कि मुस्लिम अल्पसंख्यक बाहुल क्षेत्रों से गुजरते
समय श्रद्धालुओं को लूटपाट या मारपीट का भय होता है। उनके साथ पिछले वर्षो
के दौरान कई घटनाएं भी हुई है। इसके पहले उनके गुरू व गुरूभाई के साथ भी
घटनाएं हुई है। महंत से कहा कि वह शांति पसंद है इसलिए पुलिस से मदद तो
लेते है पर एफआईआर नही करते। क्योंकि एफआईआर कदने पर उन्हे मुकदमा लडऩा
पड़ेगा। वे हर साल परिक्रमा शुरू करने के पहले प्रशासन को जानकारी देते है।
प्रशासन उन्हे सुरक्षा देता है। सुरक्षा न होने पर खतरा है।
उन्होंने कहा कि परिक्रमा मार्ग में बाराबंकी के बेलखरा व अलियाबाद, फैजाबाद का रूदौली व सिड़सिड़ा बहराइच का जरवल रोड ऐसी जगहें है जहां खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा छोटे-छोटे कई स्थान है, जहां परिक्रमा का विरोध होता है। गौरतलब है कि कुछ महीने पहले दुर्गापूजा के दौरान रूदौली में सांप्रदायिक तनाव भड़क गया था।
विहिप ने एक महीने पहले कर लिया था परिक्रमा मार्ग का सर्वे
विहिप ने परिक्रमा मार्ग में कर दिया है बदलाव
महंत गयादास ने कहा कि विहिप ने परिक्रमा मार्ग में अपनी सुविधा के
मुताबिक कुछ बदलाव किये है यह बदलाव उन रास्तों पर पानी भरने या बाढ़ आने
के कारण किया गया है। उन्होने कहा कि सामान्य तौर पर 84 कोसी की परिक्रमा
में 252 किमी होते है। लेकिन पानी भरे होने के कारण रास्ते में बदलाव से
मार्ग की लंबाई बढ़ गई है।
हर दिन एक प्रांत के संत होगें परिक्रमा में शामिल
विहिप की 84 कोसी (एक कोस में लगभग तीन किमी) परिक्रमा की शुरूआत 25
अगस्त से होकर 13 सितंबर तक चलेगी। किसी भी दिन भीड़ जुटाने का कार्यक्रम
नही है। प्रशासन का अनुमान है कि भीड़ अनुमान से ज्यादा होगी। 25 अगस्त को
कानपुर अयोध्या व जयपुर के संत कार्यक्रम में शामिल होगें। सुबह सरयू पूजन
के बाद पत्रकारों से बात भी होगी। पदल चलते हुए संत सरयू का पुल पार कर
कटरा कुटी पहुंचेगें। यहां से वाहनों से छह किमी दूर मखौड़ा पहुंचेगें।
जहां चार बजे से यज्ञ किया जाएगा। एक सभा भी होगी।
26 अगस्त को मध्य भारत व मध्य प्रदेश के संत महंत पहुंचेगें। मखौड़ा से
इनका प्रस्थान होगा। यह उसी दिन 19 किमी की परिक्रमा करेगें। विहिप के
कार्यक्रम के अनुसार 27 को काशी प्रांत, 28 को झारखंड प्रांत, 29 को अवध
प्रांत, 30 को महाकौशल व चित्तौडग़ढ़ के संत परिक्रमा के लिए निकलेगें। यह
सिलसिला आगे चलता रहेगा। 31 को पश्चिमी उप्र के मेरठ प्रांत के संत
परिक्रमा करेगें।
परिक्रमा व रोक के पीछे, जनता देख रही है राजनीति
अयोध्या में भारी सुरक्षा बंदोबस्त और लावलश्कर को लेकर लोगों में
संशय है। अयोध्या के मुख्य मार्ग के व्यवसायी राजाराम का दावा है कि सरकार
ने विहिप की यात्रा पर रोक न लगा कर अनुमति दे दी होती तो हंगामा न होता।
किसी को पता नही चलता कि हुआ क्या। वे बताते है कि 2001 में विहिप ने राम
मंदिर के शिलादान का एलान किया, तत्कालीन प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार ने
कहा कि नही लेगें, रामसेवकों के आने पर रोक लगी अयोध्या में सुरक्षा की
किलेबंदी हो गई गोधरा और गुजरात भी हो गया। इसके बाद केन्द्र सरकार के
प्रतिनिधि ने शिला स्वीकार ली। जो आज भी फैजाबाद के कोषागार में जमा है।
मखौड़ा में भीड़ नही जुटने देगा प्रशासन
गुरूवार को विहिप के पदाधिकारियों ने यहां बैठक कर इंतजामों की
समीक्षा की है। जबकि बस्ती के डीएम व एसपी ने गुरूवार को परिक्रमा की
शुरूआत मखौड़ा धाम सहित समूचे मार्ग का निरीक्षण किया। साथ ही मातहतों को
वहां साधु-संतों के जमावड़े पर रोक लगाने की हिदायत दी। भाजपा सहित तमाम
हिंदू संगठनों ने आयोजन की रूपरेखा तैयार करने के लिए बैठक कर प्रशासन की
चिंता बढ़ा दी है।
जिलाधिकारी अनिल कुमार दमेले व पुलिस अधीक्षक वीपी श्रीवास्तव ने
हर्रैया के एसडीएम लालजी मिश्र व सीओ चंद्रधर गौड़ के साथ मखौड़ा धाम का
दौरा किया। श्रीराम जानकी मंदिर के महंत से बात कर उन्हें जिले में धारा
144 लागू होने की जानकारी देते हुए कहा कि यदि मंदिर पर साधु.संत आते हैं
या किसी प्रकार की भीड़ होती है तो इसकी सूचना पुलिस को दें। प्रशासनिक टीम
ने छावनी थाना क्षेत्र के रामरेखा मंदिर पर पडऩे वाले संतों के प्रथम
पड़ाव पर भी यही हिदायत दी।
आधा दर्जन जिलों में बन रहीं है अस्थाई जेलें
विहिप की परिक्रमा रोकने के लिए गिर तारी की तैयारी की जा रही है।
प्रदेश सरकार के निर्देश पर मार्ग में पढऩे वाले सभी आधा दर्जन जिलों में
अस्थाई जेलों की व्यवस्था की जा रहा है। इसके लिए स्कूलों व सार्वजनिक
भवनों को सुरक्षित किया जा रहा है।
84 कोसी परिक्रमा पर विहिप का सिक्रेट प्लान
तू डाल-डाल मैं पात-पात की तर्ज पर सरकार के नुमाइंदे और विश्व हिन्दू
परिषद के नेता एक दूसरे की चालों को मात देने में लगे हैं। एक तरफ पुलिस
और प्रशासन के अधिकारी 84 कोसी परिक्रम को रोकने की कवायद में बैठकें कर
रहे हैं, वहीं विहिप के नेता अयोध्या-फैजाबाद के आस-पास के लोगों के साथ
बैठकें कर रणनीति बना रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और विहिप के
स्थानीय नेता लोगों से मिल कर चौरासी कोसी परिक्रमा में शामिल साधु-संतों
के जोरदार स्वागत की तैयारी कर रहे हैं। साधु-संतों और विहिप के नेताओं की
गिरफ्तारी के समय लोगों द्वारा मानव श्रृंखला बनाने की बात समझाई जा रही
है। इससे पुलिस के लिए गिरफ्तारी कठिन हो जाएगी।
भाजपा और विहिप नेताओं द्वारा 21 अगस्त को सावन मेले देश के कोने-कोने
से शामिल होने आए लोगों को परिक्रमा में शामिल होने की अपील भी की जा रही
है। उनसे साधु-संतों के साथ परिक्रमा करने की गुजारिश की जा रही है।
दूसरी तरफ, स्थानीय पुलिस-प्रशासने अयोध्या-फैजाबाद सहित छह जिलों में
धारा-144 लगा दी है। उनके द्वारा सावन मेले में शामिल होने आए लोगों से 22
अगस्त तक वापस चले जाने की अपील की जा रही है।
प्रशानिक सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और विहिप के 23 बड़े नेताओं के
चिन्हित कर लिया गया है। इन्हें रात तक गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके अलावा
करीब 60 और नेताओं के गिरफ्तारी के प्रयास किए जाएंगे। कई नेताओं ने
मोबाइल सर्विलांस की जरिये अपनी रणनीती का खुलासा होने से बचने के लिए या
तो अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए है या फिर नंबर बदल दिये हैं।
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