BREAKING NEWS FROM 18 AUGUST TO TILL DATE(22 August)
नरेंद्र मोदी की तारीफ के लिए अपनी आवाज के इस्तेमाल पर भड़के अमिताभ, बोले केस कर दूंगा
मुंबई, 22 अगस्त 2013
गुजरात पर्यटन का प्रचार करने वाले अमिताभ बच्चन प्रदेश के मुख्यमंत्री नरेंद्र
मोदी की तारीफ के लिए अपनी आवाज के गलत इस्तेमाल पर नाराज हो गए हैं.
यूट्यूब पर चले इस वीडियो में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ
के लिए उनकी आवाज का इस्तेमाल किया गया है.इस पर बिग बी ने कड़ी
आपत्ति जताई. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'किसी ने मेरी आवाज के इस्तेमाल से
एक फर्जी वीडियो बनाया है. मेरे शब्दों को शरारती और गलत तरीके से गुजरात
के मुख्यमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी के प्रचार के लिए बनाए गए वीडियो
के साथ इस्तेमाल किया गया है.'
इस पर नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करके लिखा है, 'वीडियो बनाने वाले को तुरंत अमिताभ जी से माफी मांगनी चाहिए'.
लीड इंडिया का विज्ञापन मोदी पर चिपका दिया
वीडियो में अमिताभ बच्चन की आवाज सुनाई दे रही है, जिसमें वह कह रहे हैं, 'इंतजार है एक ऐसे सारथी का जो इस कुरुक्षेत्र में हमें विजयी बनाए. जरूरत है एक ऐसे नेता की जो हमारे युवाओं के सपने को साकार करे और हमें उस शिखर तक ले जाए जहां सारी दुनिया हमारे कदमों में हो'. इस वॉयस ओवर के साथ नरेंद्र मोदी के विजुअल्स लगा दिए गए हैं.
अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा, 'असल वीडियो 2007 में बनाया गया था. मैंने ये शब्द 'लीड इंडिया' कैंपेन के विज्ञापन के लिए भारत के सम्मान में कहे थे.'
अमिताभ बोले, हैरान हूं, गुस्से में हूं
अमिताभ ने यह भी लिखा कि उन्होंने अपनी डिजिटल टीम से फेक वीडियो बनाने वालों के बारे में पता करने और उन पर कार्रवाई करने को कहा है.
उन्होंने लिखा, 'यह कड़ी कार्रवाई को निमंत्रण देने वाला अवैध काम है. मैं इससे हैरान हूं. यह बिना सहमति के किया गया काम है. यह खुला दुरुपयोग है और कॉपीराइट कानून का उल्लंघन भी है. इसकी सब ओर से आलोचना की जानी चाहिए.' उन्होंने लिखा, 'मैं गुस्से में हूं'.
देखें वीडियो : http://youtu.be/UksdYSBxxT0
अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर पांच वीडियो के लिंक पोस्ट किए. इनमें से चार डिलीट किए जा चुके हैं. हालांकि एक वीडियो चल रहा है, जिसमें असली और नकली दोनों वीडियो एक साथ देखे जा सकते हैं.
इस पर नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करके लिखा है, 'वीडियो बनाने वाले को तुरंत अमिताभ जी से माफी मांगनी चाहिए'.
लीड इंडिया का विज्ञापन मोदी पर चिपका दिया
वीडियो में अमिताभ बच्चन की आवाज सुनाई दे रही है, जिसमें वह कह रहे हैं, 'इंतजार है एक ऐसे सारथी का जो इस कुरुक्षेत्र में हमें विजयी बनाए. जरूरत है एक ऐसे नेता की जो हमारे युवाओं के सपने को साकार करे और हमें उस शिखर तक ले जाए जहां सारी दुनिया हमारे कदमों में हो'. इस वॉयस ओवर के साथ नरेंद्र मोदी के विजुअल्स लगा दिए गए हैं.
अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा, 'असल वीडियो 2007 में बनाया गया था. मैंने ये शब्द 'लीड इंडिया' कैंपेन के विज्ञापन के लिए भारत के सम्मान में कहे थे.'
अमिताभ बोले, हैरान हूं, गुस्से में हूं
अमिताभ ने यह भी लिखा कि उन्होंने अपनी डिजिटल टीम से फेक वीडियो बनाने वालों के बारे में पता करने और उन पर कार्रवाई करने को कहा है.
उन्होंने लिखा, 'यह कड़ी कार्रवाई को निमंत्रण देने वाला अवैध काम है. मैं इससे हैरान हूं. यह बिना सहमति के किया गया काम है. यह खुला दुरुपयोग है और कॉपीराइट कानून का उल्लंघन भी है. इसकी सब ओर से आलोचना की जानी चाहिए.' उन्होंने लिखा, 'मैं गुस्से में हूं'.
देखें वीडियो : http://youtu.be/UksdYSBxxT0
अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर पांच वीडियो के लिंक पोस्ट किए. इनमें से चार डिलीट किए जा चुके हैं. हालांकि एक वीडियो चल रहा है, जिसमें असली और नकली दोनों वीडियो एक साथ देखे जा सकते हैं.
रुपये की रेकॉर्ड तोड़ गिरावट बुधवार को भी जारी, प्रति डॉलर 64.52 रुपये हुआ
मुंबई, 21 अगस्त 2013 | अपडेटेड: 17:16 IST
भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप के बावजूद रुपये में बुधवार को भी
गिरावट जारी रही और यह डॉलर के मुकाबले 64.52 पर पहुंच गया. इस तरह रुपये
के गिरने के इतिहास में भी हर बीतते दिन की तरह बुधवार को एक नया रेकॉर्ड
कायम हो गया. गौरतलब है कि बैंकों और इंपोर्ट करने वालों की तरफ से डॉलर की
भारी मांग के कारण लगातार चौथे सत्र में रुपये ने ऐतिहासिक गिरावट हासिल
की है.
अंतर बैंकिंग विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया इससे पहले मंगलवार को भी एतिहासिक निचला स्तर कायम करते हुए 64.13 पर पहुंच गया था. हालांकि बाद में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हस्तक्षेप के बाद यह डॉलर के मुकाबले 63.25 के स्तर पर बंद हुआ था.
बुधवार को रुपये में गिरावट फिर नए सिरे से शुरू हुई. इसका असर देश के शेयर बाजारों पर भी देखा गया और प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स भारी गिरावट के साथ 18,000 के स्तर से नीचे पहुंच गया. सेंसेक्स 340.13 अंकों की गिरावट के साथ 17,905.91 पर तथा निफ्टी 98.90 अंकों की गिरावट के साथ 5,302.55 पर बंद हुआ.
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 299.40 अंकों की तेजी के साथ 18,545.44 पर खुला और 340.13 अंकों या 1.86 फीसदी की गिरावट के साथ 17,905.91 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 18,567.70 के ऊपरी और 17,807.19 के निचले स्तर को छुआ.
अंतर बैंकिंग विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया इससे पहले मंगलवार को भी एतिहासिक निचला स्तर कायम करते हुए 64.13 पर पहुंच गया था. हालांकि बाद में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हस्तक्षेप के बाद यह डॉलर के मुकाबले 63.25 के स्तर पर बंद हुआ था.
बुधवार को रुपये में गिरावट फिर नए सिरे से शुरू हुई. इसका असर देश के शेयर बाजारों पर भी देखा गया और प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स भारी गिरावट के साथ 18,000 के स्तर से नीचे पहुंच गया. सेंसेक्स 340.13 अंकों की गिरावट के साथ 17,905.91 पर तथा निफ्टी 98.90 अंकों की गिरावट के साथ 5,302.55 पर बंद हुआ.
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 299.40 अंकों की तेजी के साथ 18,545.44 पर खुला और 340.13 अंकों या 1.86 फीसदी की गिरावट के साथ 17,905.91 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 18,567.70 के ऊपरी और 17,807.19 के निचले स्तर को छुआ.
विकिलिक्स को गुप्त दस्तावेज़ देने वाले मैनिंग को 35 साल की क़ैद
बुधवार, 21 अगस्त, 2013 को 20:12 IST तक के समाचार
विकिलीक्स को गुप्त अमरीकी दस्तावेज़ सप्लाई करने वाले सैनिक को 35 साल क़ैद की सज़ा सुनाई गई है.
पच्चीस साल के ब्रैडली मैनिंग के ख़िलाफ़ बीस मामले में केस दर्ज किया गया था.इसमें जासूसी का आरोप भी शामिल था.
मैनिंग ने पिछले हफ्ते अमरीका को नुक़सान पहुंचाने और अपने किए के 'अनपेक्षित नतीजों' के लिए माफ़ी मांगी थी.
विकिलीक्स को जारी किए गए दस्तावेज़ों में बहुत सारे राजनयिक संदेश भी थे जो अमरीकी अधिकारियों ने मुख्यालय या किसी और को लिखे थे.
इसको लेकर अमरीका की काफ़ी बदनामी हुई थी.
विकीलीक्स को जानकारी देने वाले मैनिंग को 35 साल की सज़ा
बुधवार, 21 अगस्त, 2013 को 21:23 IST तक के समाचार
अमरीकी गोपनीय दस्तावेज़ वेबसाइट विकीलीक्स को सौंपने के दोषी करार अमरीकी सैनिक ब्रैडले मैनिंग को 35 साल की सज़ा सुनाई गई है.
ब्रैडले मैनिंग को 20 जुलाई को 20 आरोपों का दोषी पाया गया था, इनमें जासूसी के भी आरोप थे.हालांकि अभियोजन पक्ष ने मैनिंग को 60 साल की सज़ा देने की मांग की थी.
सैन्य अदालत ने मैनिंग को सज़ा सुनाते हुए कहा कि उन्हें अमरीकी सेना की नौकरी से 'अपमानजनक रूप से' निकाल दिया जाएगा और उनके वेतन का कुछ हिस्सा भी ज़ब्त कर लिया जाएगा.
ब्रैडले मैनिंग ने जेल में अब तक जो समय बिताया है उसके बदले उन्हें सज़ा की अवधि में छूट मिलेगी.
गिरफ्तारी के ठीक बाद मुश्किल हालात में रहने के लिए भी हर्जाने के तौर पर मैनिंग को 112 दिन की छूट मिलेगी.
'शुक्रिया ब्रैडले'
ब्रैडले मैनिंग को जब सज़ा सुनाई गई तब उनके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे लेकिन वो कुछ पल के लिए बैठे और अपने हाथों को मज़बूती से पकड़ लिया इसके बाद उन्हें अदालत से ले जाया गया.बीबीसी संवाददाता टॉम जियोगेगन के मुताबिक जैसे ही ब्रैडली मैनिंग को अदालत से ले जाया गया उनके समर्थकों ने उनके पक्ष में "हम आपका इंतज़ार करेंगे, ब्रैडले" और "शुक्रिया ब्रैडले, हम आपसे प्यार करते हैं" जैसे नारे लगाए.
ब्रैडले मैनिंग 2010 में इराक में तैनात थे और तब उन्होंने हज़ारों रिपोर्ट और राजनयिक केबल को जूलियन असांज की वेबसाइट विकीलीक्स को सौंप दिया था.
मैनिंग ने मुकदमे से पहले की सुनवाई में कहा था कि उन्होंने गोपनीय फाइलें इसलिए लीक की क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि इससे अमरीकी विदेश नीति और सेना के बारे में बहस छिड़ेगी.
सज़ा को लेकर सुनवाई के दौरान मैनिंग ने मैरीलैंड के फोर्ट मीड की सैन्य अदालत से कहा, "बीते तीन साल में मैंने काफ़ी कुछ सीखा है."
ब्रैडले मैनिंग की सज़ा की समीक्षा होगी और संभव है कि एक सैन्य कमांडर उनकी सज़ा घटा दे, अमरीकी सेना की आपराधिक अपील अदालत भी अपने आप ही सज़ा की समीक्षा करेगी.
इस बीच मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल और 'ब्रैडले मैनिंग सपोर्ट नेटवर्क' ने एक ऑनलाइन याचिका में अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से कहा है कि वो मैनिंग को माफ़ कर दें.
पद छोटा लेकिन जानकारियां बड़ी थी मैनिंग के पास
अमरीकी सेना के प्राइवेट फर्स्ट
क्लास अधिकारी ब्रैडली मैनिंग पर सेना के कंप्यूटरों से हजारों वर्गीकृत
दस्तावेजों को डाउनलोड करने का अपराध साबित हो गया है. मैंनिग के कंप्यूटर
हैकर दोस्त ने इस बात की तस्दीक की है.
विकीलीक्स को गुप्त दस्तावेज मुहैया कराने के आरोप में ब्रैडली मैनिंग को गिरफ्तार किया गया था.अमरीकी सेना के ख़ुफ़िया विश्लेषकों के मुताबिक मैनिंग की पहुंच अत्यधिक संवेदनशील सूचनाओं तक थी.
लेकिन प्राइवेट फर्स्ट क्लास के रूप में उसकी रैंक काफी कम थी और साथ ही वेतन भी मामूली था.
उसके दोस्त के मुताबिक वह सैन्य पेशे से असंतुष्ट था और इस कारण निष्क्रीय हो गया था.
निजी जीवन
प्राइवेट मैनिंग कम वेतन की नौकरियों से गुजरते हुए 2007 में सेना में शामिल हुआ थे.
वह ओकलाहोमा के एक छोटे कस्बे क्रीसेंट में पले-बढ़े. बताया जाता है कि उनके पिता ने सेना में पांच साल गुजारे थे.
लेकिन जब वह छोटे थे, उनके माता-पिता के बीच तलाक हो गया था और वह अपनी मां के साथ ब्रिटेन के दक्षिण-पश्चिम वेल्स में स्थित हैवरफोर्डवेस्ट में चले गये.
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक उनके शुरुआती दिन काफी मुश्किलों से भरे थे. अक्सर उनका मजाक उड़ाया जाता था.
वेल्स में उनके स्कूल के दिनों के एक दोस्त जेम्स क्रिकपैट्रिक ने बीबीसी को बताया कि वह काफी मजाकिया व्यक्ति था, जो हमेशा कंप्यूटरों से चिपका रहता था.
कुछ रिपोर्टों का कहना है कि वेल्स में उनका समय काफी कठिनाईयों भरा था और उसे समलैंगिक होने के कारण गालियों का सामना भी करना पड़ता था.
सेना में प्रवेश
उसे 2009 में इराक में नियुक्त किया गया. लेकिन फेसबुक पर उसके संदेशों से पता चलता है कि वह वहाँ जाकर खुश नहीं था.
उसकी कुछ पोस्टों से संबंधों में उसके अलगाव का पता भी चलता है.
इसके बाद अमरीकी सेना के अधिकारियों ने गोपनीय सूचनाओं की चोरी के संदेह में उसे गिरफ्तार कर लिया.
कंप्यूटर हैकर एड्रियन लामो ने स्वयं मीडिया के सामने कबूल किया कि प्राइवेट मैनिंग ने किस तरह इंटरनेट पर बातचीत के दौरान आंकड़ों की चोरी की बात स्वीकार की थी.
उनके संदेशों के ट्रांसस्क्रिप्ट के मुताबिक प्राइवेट मैनिंग ने कहा, “एक कमजोर सर्वर, कमजोर लॉगिंग, कमजोर भौतिक सुरक्षा, कमजोर खुफिया तंत्र, असावधान संकेत विश्लेषण... धावा बोलने के लिए सही मौका.”
लामो ने बताया कि इसके बाद उसने अधिकारियों को संदेश दिखाए.
चोरी के आरोप
वह गोपनीयता विरोधी संगठन विकीलीक्स के उस वीडियो फुटेज को लीक करने का भी आरोपी था, जिसमे 2007 में एक अपाचे हैलीकॉप्टर के जरिए बगदाद में 12 नागरिकों को मारते हुए दिखाया गया है.
विकीलीक्स ने अफगानिस्तान युद्ध से संबंधित कई हजार दस्तावेज जारी किए हैं.
वर्ष 2011 में अमरीकी सेना ने प्राइवेट मैनिंग पर 22 आरोप लगाए जो अनाधिकृत रूप से 7,20,000 से अधिक राजनयिक और सैन्य दस्तावेजों को हथियाने और उसके वितरण से संबंधित थे.
प्राइवेट मैनिंग ने इन आरोपों से इनकार नहीं किया और फरवरी 2012 में उस पर लगाए गए 22 आरोपों में से उसे 10 में दोषी पाया गया, लेकिन शत्रु को सहायता का सबसे गंभीर आरोप साबित नहीं हो सका.
उसने अदालत को बताया कि उसने इन दस्तावेजों को इसलिए लीक किया क्योंकि वह अमरीका में सेना की भूमिका और अमरीकी विदेश नीति पर सार्वजनिक बहस शुरू करना चाहता था.
इसके बाद जुलाई 2013 में प्राइवेट मैनिंग पर 20 आरोप सही साबित हुए, जिसमें जासूसी, चोरी और कंप्यूटर धोखाधड़ी शामिल थे.
लेकिन न्यायाधीश कर्नल डेनिस लिंड ने उसे शत्रु को मदद के सबसे गंभीर आरोप से मुक्त कर दिया. साथ ही न्यायाधीश ने माना की जेल में उसके साथ किया गया व्यवहार कठोर था और इसलिए क्षतिपूर्ति के रूप में उसकी सजा में 112 दिन कम कर दिए गए.
असांज ने की मैनिंग के ख़िलाफ़ फ़ैसले की आलोचना
विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन
असांज ने अमरीकी सैनिक ब्रैडली मैनिंग को जासूसी का दोषी करार देने के
फ़ैसले की आलोचना करते हुए इसे 'ख़तरनाक मिसाल' बताया है.
असांज ने लंदन में इक्वाडोर के राजदूतावास में
कहा, "ये निष्पक्ष सुनवाई नहीं थी. मैनिंग ने कोई गलत काम नहीं किया.
उन्होंने अमरीका और दुनिया के लोगों के सरकार की करतूत बताई."लेकिन अमरीका की एक सैन्य अदालत ने 25 वर्षीय मैनिंग को जासूसी समेत 20 अन्य आरोपों में दोषी पाया गया है. ब्रैडली मैनिंग ने विकीलीक्स को दस्तावेज़ लीक करने की बात स्वीकार कर ली थी.
लेकिन उनका ये भी कहना था कि उन्होंने ऐसा सिर्फ़ इसलिए किया था ताकि अमरीका की विदेश नीति पर बहस हो सके.
इसे अमरीकी सरकारी ख़ुफ़िया जानकारी लीक करने का सबसे बड़ा मामला माना जा रहा था. मैनिंग को इस मामले में 100 साल से भी ज़्यादा की सज़ा हो सकती है.
सज़ा के मामले में सुनवाई बुधवार से शुरू होगी. जासूसी के कई आरोपों के अलावा उन्हें चोरी के पाँच मामलों, कंप्यूटर धोखाधड़ी के एक मामले और सैन्य अपराध के कई मामलों में भी दोषी पाया गया है.
गिरफ़्तारी
मैनिंग को मई 2010 में गिरफ़्तार किया गया था. गिरफ़्तारी के वक्त वह इराक़ में तैनात थे. अमरीका भेजे जाने से पहले मैनिंग कई हफ़्तों तक कुवैत स्थित अमरीकी सैन्य ठिकाने के कैम्प एरीफजैन में हिरासत में रहे थे.मुकदमे की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मेजर एश्डेन फीन ने कहा था कि ब्रैडली मैनिंग ने सुनियोजित तरीके से हजारों गुप्त सरकारी दस्तावेजों को विकीलीक्स को उपलब्ध कराया था.
मेजर एश्डेन ने अदालत से कहा कि खुफिया विश्लेषक होने के नाते मैनिंग को पता होना चाहिए था कि उन्होंने जो दस्तावेज लीक किए थे वे क्लिक करें अल-कायदा के पास भी पहुंच सकते थे.
अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा कि मैनिंग ने जो दस्तावेज लीक किए हैं उनसे अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा है जिसके कारण अमरीकी नागरिकों, विदेशी खुफिया कर्मचारियों और कूटनीतिज्ञों के जीवन को खतरा बढ़ गया.
मेजर फीन ने कहा कि इनमें से कुछ दस्तावेज आखिरकार ओसामा बिन लादेन तक पहुंच भी गए थे.
लेकिन मैनिंग के वकील डेविड कूम्ब ने कहा था कि मैनिंग ने “किसी दुर्भावना के बिना” यह कार्य किया था इसलिए उनके ऊपर 'शत्रु की मदद' का आरोप न्यायोचित नहीं है.
सैन्य नीति पर 'बहस'
मैनिंग ने जो दस्तावेज लीक किए थे उनमें अमरीकी अपाचे हेलिकॉप्टर से इराक की राजधानी बग़दाद में किए एक हमले का विस्तृत विवरण था. 2007 में हुए इस हमले में करीब एक दर्जन लोग मारे गए थे. मारे गए लोगों में समाचार एजेंसी रॉयटर्स का एक पत्रकार भी शामिल था.
मैनिंग ने जो दस्तावेज लीक किए थे उनमें इराक और अफगानिस्तान युद्ध की 4,70,000 रिपोर्टें और अमरीकी सरकार एवं उसके विभिन्न दूतावासों के बीच हुए 2,50,000 गुप्त पत्राचार शामिल हैं.
इराक़ पर अमरीकी युद्ध की 'छिपी सच्चाई' बताई: विकिलीक्स का मुखबिर
वेबसाइट
क्लिक करें
विकीलीक्स को बड़ी संख्या में खुफिया दस्तावेज मुहैया कराने का
आरोप झेल रहे अमरीकी सैनिक का कहना है कि वो इराक़ और अफगानिस्तान में
युद्ध के औचित्य पर बहस कराना चाहते थे.
ब्रैडली मैनिंग पर सरकारी सूचनाओं के दुरुपयोग का मुकदमा चल रहा है, लेकिन उन्होंने अपने ऊपर लगे कई आरोपों से इंकार किया है.बाद में सेना के एक न्यायाधीष ने उनके 'कसूरवार' होने की अनुनय को माना जिसके लिए मैनिंग को 20 साल तक की सज़ा हो सकती है.
सेना की भूमिका
क्लिक करें मैनिंग ने अदालत में कहा, "मैं मानता हूं कि अगर ये दस्तावेज़ अमरीकी जनता के सामने होते तो इससे सेना की भूमिका और अमरीका की विदेश नीति पर एक सार्वजनिक बहस छिड़ सकती थी."उन्होंने उस घटना का भी ज़िक्र किया जब इराक़ में एक हवाई हमले में रॉयटर्स समाचार एजेंसी के दो कर्मचारियों की मौत हो गई थी.
"मेरे लिए सबसे ज्यादा चिंताजनक बात ये थी कि किस आनंद के साथ हवाई दस्ते ने इस खूनी खेल को अंजाम दिया था. वो ऐसा था मानो बच्चे चींटियों को मैगनिफाइंग लेंस से सता रहे हों."
"मेरे लिए सबसे ज्यादा चिंताजनक बात ये थी कि किस आनंद के साथ हवाई दस्ते ने इस खूनी खेल को अंजाम दिया था. वो ऐसा था मानो बच्चे चींटियों को मैगनिफाइंग लेंस से सता रहे हों"
ब्रैडली मैनिंग
ऐडम्स के मुताबिक मैनिंग के समर्थक उन्हें एक हीरो मानते हैं जिन्हें सेना क्रूर सज़ा दे रही है लेकिन अमरीकी सेना उन्हें एक देशद्रोही मानती है.
सबसे बड़ी लीक
मैनिंग पर कम से कम 72,000 से ज़्यादा गुप्त सरकारी सैन्य दस्तावेज़ों को अपने पास रखने और उन्हें सार्वजनिक करने का आरोप है.मैनिंग की गिरफ्तारी तब हुई थी जब एक इंटरनेट हैकर अमरीकी अधिकारियों के सामने उन सबूतों के साथ पेश हुआ जिनमें मैनिंग ने दस्तावेज़ चोरी करने की बात स्वीकार की थी.
सरकारी प्रवक्ता पी जे क्राउली ने इसके विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और कई ब्रितानी नेताओं ने भी इसकी भर्त्सना की थी.
मैनिंग को 2010 जुलाई में क्वानटिको के सुरक्षित जेल में अकेले रखा गया था लेकिन अप्रैल 2011 के बाद उसे फोर्ट लेवनवर्थ के निचले सुरक्षा जेल में रखा गया है.
आरटीआई हुई ऑनलाइन लेकिन दायर करने में मुश्किलें
बुधवार, 21 अगस्त, 2013 को 18:00 IST तक के समाचार
बुधवार से तमाम केंद्रीय विभागों और मंत्रालयों से ऑनलाइन आवेदन के ज़रिए सूचना के अधिकार के तहत जानकारी माँगी जा सकेगी.
दिल्ली में आयोजित एक समारोह में कार्मिक मामलों के राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने शाम चार बजे आरीटाई ऑनलाइन वेबसाइट का विमोचन किया.शुरू में यह सेवा सिर्फ कार्मिक विभाग से जानकारियाँ माँगने के लिए ही उपलब्ध थी लेकिन अब इसे 37 अन्य विभागों और मंत्रालयों में लागू किया जा रहा है.
केंद्रीय विभाग
अब तमाम केंद्रीय विभागों, आयोगों और मंत्रालयों को ऑनलाइन माँगे जाने पर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी उपलब्ध करवानी होगी.केंद्र सरकार द्वारा 2005 में लागू किए गए सूचना के अधिकार के तहत भारत का कोई भी नागरिक दस रुपये का शुल्क चुकाकर वाँछित जानकारी हासिल कर सकता है.
सराहनीय लेकिन अपर्याप्त
"यह सरकार का एक सराहनीय क़दम है लेकिन आरटीआई ऑनलाइन करना आम आदमी के लिए ज्यादा व्यावहारिक नहीं है क्योंकि आम आदमी क्रेडिट कॉर्ड या डेबिट कार्ड नहीं रखता है. यह उन लोगों के लिए ही अच्छा विकल्प है जो क्रेडिट और डेबिट कार्ड रखते हैं. और अधिक पारदर्शिता के लिए सरकार को ऐसे पोस्ट ऑफिस जहाँ पोस्टल शुल्क लिए बिना ही आरटीआई ली जाती है उनकी संख्या भी बढ़ानी चाहिए."
सुभाष अग्रवाल, आरटीआई कार्यकर्ता
सामान्य नागरिकों के लिए आवेदन का शुल्क दस रुपये होगा जो स्टैंट बैंक ऑफ इंडिया और इससे जुड़ी अन्य बैंकों की इंटरनेट बैकिंग सेवाओं या फिर क्रेडिट कार्ड के जरिए चुकाया जा सकेगा. ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए यह सेवा निशुल्क होगी. हालाँकि इसके लिए उन्हें संबंधित प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना होगा.
माँगे जाने पर संबंधित विभागों को तीस दिन के भीतर जानकारी उपलब्ध करानी होगी जिसके न मिलने पर अपील भी ऑनलाइन ही दायर की जा सकती है. अपील दायर करने के लिए कोई शुल्क नहीं है.
मुश्किल
हालाँकि जब हमने इस नई वेबसाइट के जरिए आरटीआई दायर करने की कोशिश तो दो प्रयासों में नाकामी ही हाथ लगी. वेबसाइट पर खाता आसानी से खुल गया. इसके बाद जब आरटीआई दायर करने की कोशिश की गई तो दो बार पूरा फार्म भरने के बाद वेबसाइट ने लॉग ऑउट कर दिया और पहले पन्ने पर पहुँचा दिया. वेबसाइट पर मौजूद हेल्पलाइन नंबर पर बात करने की कोशिश भी कई लेकिन कई प्रयासों के बावजूद इसमें भी कामयाबी नहीं मिल सकी.शब्द सीमित
नई व्यवस्था के तहत राष्ट्रपति भवन, केंद्रीय सचिवालय, उपराष्ट्रपति कार्यालय आदि से भी ऑनलाइन आवेदन के ज़रिए ही जानकारियाँ माँगी जा सकती है.
जानकारी प्राप्त करने के लिए पहले नागरिकों को आरटीआई ऑनलाइन वेबसाइट पर अपना प्रोफ़ाइल बनाना होगा.
इसमें ईमेल और मोबाइल नंबर की जानकारी देने पर नागरिकों को ईमेल और मोबाइल मैसेज के ज़रिए आरटीआई के बारे में अपडेट मिलते रहते हैं.
इस प्रोफ़ाइल के ज़रिए आवेदनकर्ता आरटीआई फ़ाइल कर सकेंगे साथ ही उसकी स्थिति पर भी नजर रख सकेंगे.
सराहनीय क़दम
वे कहते हैं, "आरटीआई के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पोस्टल ऑर्डर सरकार को काफ़ी महंगा पड़ता है. एक पोस्टल ऑर्डर पर सरकार के क़रीब तीस रुपये ख़र्च होते हैं जबकि सरकार को मिलते हैं सिर्फ़ दस ही रुपये ऐसे में हमने सूचना आयोग से माँग की है कि आरटीआई के लिए भी रिवेन्यू स्टांप की तरह ही स्टांप लाया जाए."
अब जबाव न मिलने की स्थिति में अपील दायर करना भी बेहद आसान होगा. वेबसाइट के इस्तेमाल में कोई दिक्कत आने पर टेलिफोन संख्या 011-24622461 पर कॉल करके जानकारी भी ली जा सकती है. हालाँकि इस नंबर पर सिर्फ दफ़्तर के वक्त पर ही बात हो सकेगी.
आरीटाई क़ानून को और मज़बूत और उपयोगी बनाने की दिशा में यह सरकार का एक और क़दम है लेकिन हाल ही में सरकार ने आरटीआई क़ानून में संशोदन कर राजनितक दलों को आरटीआई के दायरे से बाहर कर दिया था. सरकार के इस फ़ैसले की काफ़ी आलोचना भी हुई थी.
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आजकल हर कोई विदेश जाने के सपने देखता है। विदेश में पढ़ने की बात हो या फिर बात हो घूमने की लोगों का ध्यान ऐसी चीजों की तरफ जरूर जाता है। अब अगर विदेश जाने की बात आए तो बिना पासपोर्ट आपकी दाल गलने वाली नहीं। गाहे-बगाहे आजकल लोग पासपोर्ट बनवाने के लिए पासपोर्ट ऑफिस के चक्कर लगा ही लेते हैं।
पासपोर्ट बनवाना आजकल एक नया ट्रेंड बन गया है। टीनएज में आने वाला हर बच्चा चाहता है कि उसके पास भी पासपोर्ट हो अब ऐसे में सबसे जरूरी हो जाता है पासपोर्ट के बारे में जानकारी होना। कई लोग एक्स्ट्रा पैसे देकर तत्काल में 10 दिन में पासपोर्ट बनवाना पसंद करते हैं।
कई लोग तो सिर्फ पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया जानने के लिए पासपोर्ट ऑफिस के चक्कर लगाते रहते हैं। ऐसा ना हो इसलिए हम आज आपको बताने जा रहे हैं ऑनलाइन पासपोर्ट बनवाने का आसान तरीका।
सबसे पहले तो आपको लॉगइन करना होगा पासपोर्ट बनवाने के लिए बनाई गई ऑफिशियल साइट पर। पासपोर्ट सेवा केन्द्र की साइट पर आप इस लिंक से जा सकते हैं।
http://passportindia.gov.in/AppOnlineProject/welcomeLink
इस साइट में आपको पासपोर्ट बनवाने से जुड़े कई सारे काम कर सकते हैं। जैसे ऑनलाइन फॉर्म को डाउनलोड करना, भरना और अपोइंटमेंट जैसे कई काम आप कर सकते हैं।
पासपोर्ट बनवाने के लिए आपको सबसे पहले डाउनलोड करना होगा एक ऑनलाइन फॉर्म। यह फॉर्म पीडीएफ फॉर्मेट में आपके कम्प्यूटर में सेव हो जाएगा। इस फॉर्म को बड़े ध्यान से भरिएगा। एक गलती और आपका फॉर्म रिजेक्ट भी हो सकता है। फॉर्म डाउनलोड करने के लिए आपको "Download e-Form" लिंक पर क्लिक करना होगा।
फॉर्म भरने के बाद बारी आती है इसे सेव करने की। इसके लिए फॉर्म के नीचे दिए Validate & Save (वैलिडेट एंड सेव) बटन पर क्लिक करना होगा। ऐसा करने से आपका फॉर्म एक XML फाइल में तब्दील हो जाएगा। यह XML फाइल ही आपको वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।
अब पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। इसके लिए आपको पोर्टल पर एक आईडी बनानी होगी। आपके पासवर्ड में अल्फान्यूमैरिक डिजिट का होना जरूरी होता है। इस आईडी से आपको पासपोर्ट पोर्टल में लॉग ऑन करना पड़ेगा।
अब आपको अपनी XML फाइल उस साइट पर अपलोड करनी होगी। इसके लिए "Upload e-Form" लिंक पर क्लिक करना होगा। यह लिंक सिर्फ आपकी XML फाइल ही एक्सेप्ट करेगा।
इसके बाद आएगा सबसे महत्वपूर्ण काम, ये है पासपोर्ट सेवा केन्द्र में आपकी अपोइंटमेंट फिक्स करने का। इस काम के लिए आपको अपनी आईडी से "Schedule Appointment" बटन पर क्लिक करना होगा। आजकल ऑनलाइन पेमेन्ट करना जरूरी हो गया है। इसके लिए आपको ऑनलाइन पैसे जमा करवाने होंगे जिसके बाद आपको अपोइंटमेंट लेनी होगी।
आजकल ऑनलाइन पेमेन्ट करना जरूरी हो गया है। इसके लिए आपको ऑनलाइन पैसे जमा करवाने होंगे जिसके बाद आपको अपोइंटमेंट लेनी होगी।
इसके बाद निर्धारित समय में पासपोर्ट सेवा केन्द्र जाकर अपने सारे दस्तावेज दिखाने होंगे। इसके लिए पहले "Print Application Receipt" बटन पर क्लिक करके आपको अपना रिफरेंस नंबर लेना होगा जो अपोइंटमेंट के समय आपके काम आएगा। इसके बाद पासपोर्ट पुलिस वेरिफिकेशन का नंबर आएगा।
पुलिस वेरिफिकेशन आपके पासपोर्ट फॉर्म में दिए गए ठिकाने पर होगा। इसके बाद निश्चित समय लेकर आपका पासपोर्ट आप तक पहुंचा दिया जाएगा।
Apply Online (Normal/Tatkaal passport)
Here two method is available
First one is submit your form online
or
Second one is download your E-form (pdf) (Click here for download E-form) from web site and after filling it( upload it (xml because after save and validate it is automatically converted in pdf to xml which is only acceptable) upload it online before upload xml, you need to register (Click on link for register) your self or create your profile in its portal then login (Click on Link for login) to upload xml.
Both methods are given below:
Method 1: Click here for official location
e-Form Submission | |
---|---|
Step 1 | Download the e-Form through the "Download e-Form" link on the Home Page. |
Step 2 | Fill the downloaded e-Form and click the Validate & Save button.This will generate an XML file which will be required later for uploading in the system. |
Step 3 | Register through the Passport Seva Portal. (Click on "Register" link under the Online Application Filling section on the Home Page). |
Step 4 | Login to the Passport Seva Portal with the registered User ID. |
Step 5 | Upload the XML file (generated in Step 2) through the "Upload e-Form" link.Do not upload the PDF form at this stage as only XML file is accepted by the system. |
Step 6 | Click the "Schedule Appointment" link on the "View Saved/Submitted Applications" screen to schedule an appointment. Online Payment has been made mandatory for booking appointments at all Passport Seva Kendras. Online Payment can be made using any one of the following modes:
|
Step 7 | Click the "Print Application Receipt" link to print the application receipt containing Application Reference Number (ARN)/Appointment Number. |
Step 8 | Visit the Passport Seva Kendra (PSK) where appointment has been booked, along with original documents. |
Note:
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Method 2: Click here for official location
Online Form Submission | |
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Step 1 | Register through the Passport Seva Portal. (Click on "Register" link under the Online Application Filling section on the Home Page). |
Step 2 | Login to the Passport Seva Portal with the registered User ID. |
Step 3 | Click "Apply for Fresh Passport / Reissue of Passport" link. |
Step 4 | Fill in the required details in the form and submit. |
Step 5 | Click the "Schedule Appointment" link on the "View Saved/Submitted Applications" screen to schedule an appointment. Online Payment has been made mandatory for booking appointments at all Passport Seva Kendras. Online Payment can be made using any one of the following modes:
|
Step 6 | Click the "Print Application Receipt" link to print the application receipt containing Application Reference Number (ARN)/Appointment Number. |
Step 7 | Visit the Passport Seva Kendra (PSK) where appointment has been booked, along with original documents. |
Note:
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e-Form Submission | |
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Step 1 | Download the e-Form through the "Download e-Form" link on the Home Page. |
Step 2 | Fill the downloaded e-Form and click the Validate & Save button.This will generate an XML file which will be required later for uploading in the system. |
Step 3 | Register through the Passport Seva Portal. (Click on "Register" link under the Online Application Filling section on the Home Page). |
Step 4 | Login to the Passport Seva Portal with the registered User ID. |
Step 5 | Upload the XML file (generated in Step 2) through the "Upload e-Form" link.Do not upload the PDF form at this stage as only XML file is accepted by the system. |
Step 6 | Take the printout of filled application form through the "View / Print Submitted Form" link on View Saved/Submitted Applications page. |
Step 7 | Bring printed application form and original documents while visiting the Passport Office (PO) attached to your present residential address for submitting your application. Refer the instruction page of printed application form for more details. |
Online Form Submission | |
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Step 1 | Register through the Passport Seva Portal. (Click on "Register" link under the Online Application Filling section on the Home Page). |
Step 2 | Login to the Passport Seva Portal with the User ID created in Step 1. |
Step 3 | Click "Apply for Diplomatic/ Official Passport " link. |
Step 4 | Fill in the required details in the form and submit. |
Step 5 | Take the printout of filled application form through the "View / Print Submitted Form" link on View Saved/Submitted Applications page. |
Step 6 | Bring printed application form and original documents while visiting the Passport Office (PO) attached to your present residential address for submitting your application. Refer the instruction page of printed application form for more details. |
e-Form Submission | |
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Step 1 | Download the e-Form through the "Download e-Form" link on the Home Page. |
Step 2 | Fill the downloaded e-Form and click the Validate & Save button.This will generate an XML file which will be required later for uploading in the system. |
Step 3 | Register through the Passport Seva Portal. (Click on "Register" link under the Online Application Filling section on the Home Page). |
Step 4 | Login to the Passport Seva Portal with the registered User ID. |
Step 5 | Upload the XML file (generated in Step 2) through the "Upload e-Form" link.Do not upload the PDF form at this stage as only XML file is accepted by the system. |
Step 6 | Take the printout of filled application form through the "View / Print Submitted Form" link on View Saved/Submitted Applications page. |
Step 7 | Bring printed application form and original documents while visiting the Passport Office (PO) attached to your present residential address for submitting your application. Refer the instruction page of printed application form for more details. |
Online Form Submission | |
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Step 1 | Register through the Passport Seva Portal. (Click on "Register" link under the Online Application Filling section on the Home Page). |
Step 2 | Login to the Passport Seva Portal with the User ID created in Step 1. |
Step 3 | Click "Apply for Identity Certificate" link. |
Step 4 | Fill in the required details in the form and submit. |
Step 5 | Take the printout of filled application form through the "View / Print Submitted Form" link on View Saved/Submitted Applications page. |
Step 6 | Bring printed application form and original documents while visiting the Passport Office (PO) attached to your present residential address for submitting your application. Refer the instruction page of printed application form for more details. |
Online Application Filing
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User Assistance | |||||
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भारत ने दिखाया अपना दम, लद्दाख में उतारा हर्क्युलिस विमान
अकसाई चिन के ठीक सामने की इस हवाई पट्टी के पास ही अप्रैल में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी और वे 20 दिन तक वहां तंबू गाड़ कर रहे थे। वायु सेना ने विश्व की सबसे ऊंची इस हवाई पट्टी पर सुबह छह बजकर 54 पर विमान उतार दिया। सी-130 जे के वील्ड वाइपर्स स्कवेडट्वन के कमांडिंग आफिसर तेजबीर सिंह और उनके चालक दल ने सोलह हजार 641 फुट की ऊंचाई पर विमान उतारकर एक नया इतिहास रचा।
वायु सेना की ओर से जारी एक प्रेस बयान के अनुसार विमान नेदिल्ली के पास हिंडन एयरबेस से उड़ान भरी थी और यह अकवाई चिन क्षेत्र में डीबीओ की हवाई पट्टी पर उतरा। यह हवाई पट्टी 43 साल बाद सक्रिय की गई थी और दो इंजन वाला एएन 32 विमान वहां पहली बार उतरा था। लेकिन सी-130 जे की श्रेणी के विमान ने विश्व की इस सबसे ऊंची पट्टी पर पहली बार उतरने में कामयाबी हासिल की। डीबीआई सेना के लिए महत्वपूर्ण अग्रिम चौकी है जो प्राचीन सिल्क रूट को चीन से जोड़ती है। यह हवाई पट्टी 1962 की जंग के दौरान बनाई गई थी और 1965 तक वहां से वायु सेना के पैकेट विमान का संचालन किया गया था। एएन-32 बहुत कम वजन ले जा सकता था लेकिन अब सी-130जेके उतरने से वायु सेना ने अपनी सामरिक ताकत का प्रदर्शन किया है जो करीब 20 टन तक भार ले जा सकता है।
इससे अब वायु सेना सरहद पर तैनात जवानों के लिए तेजी से अधिक सामग्री ले जा सकेगी। वायु सेना ने कहा कि आज की उपलब्धि से यह साबित हो गया है कि भारत अपने बेहद कठिन भूभाग में विशेष कार्रवाई विमानों की उड़ानों में सक्षम है।
भारतीय विमान वाहक पोत से घबराया चीन
बीजिंग, 21-08-13 10:50 AM
ग्लोबल टाइम्स की वेबसाइट के एक लेख में कहा गया है कि भारत के आईएनएस विक्रांत और जापान के हेलीकॉप्टर वाहक का सेना में शामिल किया जाना चीन के लिए चेतावनी की भांति है। शंघाई इंस्टीटयूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के सेंटर फॉर एशिया-पेसिफिक स्टडीज के सहायक शोधार्थी लियू जोंग्यी ने लेख में लिखा है, कुछ चीनी विद्वानों का कहना है कि भारत को अभी भी पोत के लिए महत्वपूर्ण तकनीक हासिल करनी हैं और वह पोत की मरम्मत और उसमें सुधार के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहेगा। उन्होंने कहा कि लेकिन यह भी सच है कि कई देश आधुनिक हथियार विकसित करने में भारत की मदद कर रहे हैं। वह ऐसा सिर्फ लाभ के लिए नहीं बल्कि चीन की शक्ति को संतुलित करने के लिए भी कर रहे हैं।
लेख में दावा किया गया है कि भारत पश्चिमी देशों के इरादों से अच्छी तरह वाकिफ है। भारत के कुछ नेता और मीडिया संगठन चीन को रोकने के लिए जानबूझकर भारतीय सेना को बेहतर बनाने की भूमिका पर जोर देते रहते हैं। वे पारंपरिक शक्तिओं को खुश करने के लिए ऐसा करते हैं। लेकिन साथ ही लेख में कहा गया है कि भारत के स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत को सेना में शामिल किए जाने पर खुशियां मनाई जानी चाहिए क्योंकि यह हथियारों के भारतीयकरण की ओर एक मजबूत कदम है।
लेख में कहा गया है, यह लांच दिखाता है कि भारत सरकार को हथियारों के उत्पादन का स्वदेशीकरण करने में प्राथमिक सफलता मिल गई है। सरकार ने स्वदेशी पोत के निर्माण, अनुसंधान और विकास पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं। स्वदेशी तकनीक से बनी नाभिकीय पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के साथ इसके लांच से अगले वर्ष आम चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की स्थिति मजबूत होगी। उसमें लिखा है, ये हथियार उत्पादन का स्वदेशीकरण में भारत की सफलता को दिखाते हैं।
अयोध्या में धारा 144: "84 कोसी परिक्रमा-सरकार और विहिप आमने-सामने"
84 कोसी परिक्रमाः सरकार और विहिप आमने-सामने
25 अगस्त से 13 सितम्बर तक चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा
निकालने की घोषणा
लखनऊ/अयोध्या, 21-08-13 12:31 PM
लखनऊ/अयोध्या, 21-08-13 12:31 PM
84 कोसी परिक्रमा पर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के अड़ियल रवैये को दखेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अयोध्या और उसके आसपास के जिलों में सुरक्षाबलों की तैनाती शुरू कर दी है। शासन स्तर के अधिकारी जहां यह दावा कर रहे हैं कि अयोध्या और आसपास के इलाकों में संतों का जमावाड़ा किसी भी हाल में नहीं होने दिया जाएगा, वहीं दूसरी ओर विहिप ने भी ऐलान कर दिया है कि 84 कोसी परिक्रमा अपने निर्धारित तिथि पर ही शुरू होगी।
विहिप की ओर से 25 अगस्त से 13 सितम्बर तक चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा
निकालने की घोषणा पहले से ही की गयी है, लेकिन उप्र सरकार ने इस धार्मिक
यात्रा को निकालने पर पाबंदी लगा दी है। सरकार ने कहा कि 84 कोसी परिक्रमा
के बहाने विहिप नई परम्परा की शुरुआत करना चाहती है और इसकी इजाजत नहीं दी
जा सकती।
विहिप ने हालांकि उप्र सरकार पर यह आरोप लगाया है कि सरकार गलत तथ्यों का
सहारा ले रही है। परिक्रमा के लिए कोई समय सीमा नहीं होती है यह कभी भी
आयोजित की जा सकती है।
बहराल 84 कोसी परिक्रमा को लेकर उप्र में सियासी
पारा गरम है।
उप्र के पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा ने साफतौर
पर कहा है कि अयोध्या में संतों का जमावाड़ा रोकने की पूरी तैयारी कर ली गई
है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में फिलहाल पीएसी की 12 कम्पनियां तैनात हैं
और जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त सुरक्षाबलों के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा
जाएगा।
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो अन्य राज्यों से लगी सीमाओं को भी सील किया
जाएगा। अयोध्या, गोंडा, बहराइच, अम्बेडकर नगर, फैजाबाद और बाराबंकी में बड़ी
संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। शासन स्तर के बड़े अधिकारी ने
बताया कि रेलवे स्टेशनों, बस अडडों और हवाईअड्डों पर कड़ी निगरानी शुरू कर
दी गई है। साधु-संत जहां भी मिलेंगे उन्हें वहीं से वापस लौटा दिया जाएगा।
विहिप ने भी सरकार से दो-दो हाथ करने का मन बना लिया है। पूर्व गृह राज्य
मंत्री और रामजन्मभूमि न्यास समिति से जुड़े स्वामी चिन्मयानंद ने भी साफ कर
दिया है कि सरकार चाहे अयोध्या और फैजाबाद की सीमा सील करे या फिर पूरे
उप्र की, संत अपनी परिक्रमा जरूर करेंगे।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रकाश शर्मा ने कहा कि सरकार चाहे जो करे
परिक्रमा तो होकर रहेगी। सरकार को यदि संतों पर लाठी चलाना है तो लाठी
चलाए, गोली चलाना है तो गोली चलाए लेकिन विहिप अपने तय कार्यक्रम के अनुसार
ही आगे बढ़ेगी।
विहिप अयोध्या यात्रा रद्द नहीं करेगी
नई दिल्ली, 20-08-13 10:39 PM
प्रस्तावित यात्रा को प्रतिबंधित करने के लिए समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर पार्टी के साथी आजम खान के दबाव में झुकने का आरोप लगाते हुए विहिप ने कहा कि वह अपनी योजना पर आगे बढ़ेगी।
विहिप अध्यक्ष अशोक सिंघल ने उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि अगर उसने प्रतिबंध को लागू करने के लिए बल का इस्तेमाल किया तो उसे प्रतिकूल परिणाम भुगतने होंगे। सिंघल ने दावा किया कि 20 दिवसीय यात्रा के लिए सपा का समर्थन मांगने के लिए जब वह 17 अगस्त को यादव से मिले तो वह विचार के लिए ग्रहणशील थे। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री खान के स्पष्ट संदर्भ में सिंघल ने कहा कि सरकार के फैसले को जानकर हम हैरत में हैं। उनकी पार्टी में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता ने बैठक के प्रति नाखुशी जताई थी और यादव स्पष्ट तौर पर दबाव में झुक गए। खान ने बैठक के प्रति नाखुशी जाहिर की थी और कहा था कि यह मुस्लिम समुदाय में गलत संदेश भेजेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कल 84 कोसी पदयात्रा प्रतिबंधित कर दी है। उसे विहिप के फैसले के पीछे राजनैतिक कारणों का संदेह था क्योंकि चुनाव अगले साल होने वाले हैं। सिंघल ने दावा किया कि इसके पीछे कोई राजनीति नहीं है क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर के लिए उनका आंदोलन छह दशक से अधिक समय से चल रहा है। उन्होंने कहा कि देशभर के साधुओं को यात्रा की सूचना दी जा चुकी है और इसे रद्द नहीं किया जा सकता। यह यात्रा पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों से होकर गुजरेगी जिसके जरिए मंदिर के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास किया जाएगा।
चौरासी कोसी यात्रा को लेकर शासन सख्त
Wed, 21 Aug 2013 09:51 AM (IST)जागरण ब्यूरो, लखनऊ : विश्व हिंदू परिषद की 25 अगस्त से 13 सितंबर तक प्रस्तावित 84 कोसी पद यात्रा को लेकर शासन की सख्ती बढ़ गयी है। इस यात्रा को प्रतिबंधित किये जाने के बाद फैजाबाद समेत आस-पास जिलों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है। पुलिस को अयोध्या जाने वाले संतों को रोकने के निर्देश दिए गये हैं। पुलिस और प्रशासन पूरे सूबे में कानून-व्यवस्था को लेकर विशेष एहतियात बरत रहा है।
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा और विशेष सचिव गृह अरुण कुमार मिश्र ने बताया कि 84 कोसी यात्रा के लिए पुलिस विशेष कार्ययोजना बना रही है। राज्य स्तर पर, अयोध्या और सम्बंधित छह जिलों (फैजाबाद, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, गोंडा, बस्ती और बहराइच) में संतों से न जाने के लिए काउंसिलिंग करेंगे और अगर वह नहीं माने तो विधिक कार्रवाई की जायेगी।
उधर, पुलिस के उच्चाधिकारी लगातार तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। पुलिस महानिदेशक देवराज नागर, अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अरुण कुमार और आइजी जोन लखनऊ सुभाष चंद्र ने भी मातहतों से अब तक की तैयारियों की जानकारी ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। इस बीच अयोध्या की सीमा सील करने की भी प्रक्रिया शुरू हो गयी है। जिन जिलों से यात्रा प्रस्तावित की गयी है, वहां भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं। सीमावर्ती जिलों में भी चौकसी बरती जा रही है। अधिकारियों को शासन से यह हिदायत है कि परिक्रमा करने वाले हवाई जहाज, बस, ट्रेन या सड़क मार्ग जैसे भी आयें उन्हें रोका जाय।
सुरक्षा में तैनात पुलिस बल के संदर्भ में पूछे जाने पर विश्वकर्मा ने बताया कि ईद के दौरान आवंटित 12 कंपनी आरएएफ और अयोध्या में पहले से ही विवादित स्थल पर तैनात 12 कंपनी पीएसी के अलावा रेड जोन में सीआरपीएफ की बटालियन लगाई गयी है। व्यापक सुरक्षा के इंतजाम किये गये हैं। अफसरों को यह विशेष हिदायत दी गयी है कि किसी भी स्थिति में नागरिक सुविधाएं अव्यवस्थित न होने पायें।
अयोध्या में विहिप की परिक्रमा पर सरकार सख्त, छह जिलों में धारा 144 लागू
Wed, 21 Aug 2013 11:36 AM (IST)फैजाबाद। अयोध्या सांस्कृतिक क्षेत्र में विहिप और संतों की प्रस्तावित चौरासी कोसी यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश में माहौल गरम हो गया है। इस यात्रा के लिए यूपी सरकार की ना मंजूरी के बाद विहिप ने ऐलान कर दिया था कि उनकी इस यात्रा को रोकना सही नहीं होगा। ऐसे में सरकार ने प्रदेश के छह जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
इन इलाकों में तनाव की स्थिति की आशंका के मद्देनजर धारा 144 लागू कर दी गई है।
अयोध्या की सीमा सील करने की प्रक्रिया भी शरू हो गई है। इधर, विश्व हिंदू परिषद के संत 25 अगस्त से 13 सितंबर तक चलाने वाली अपनी इस यात्रा पर अड़े हुए हैं।
गौरतलब है कि मंगलवार को सरकार ने इस यात्रा के लिए अपनी सहमति नहीं दी थी। जिसके बाद विहिप संरक्षक अशोक सिंघल ने सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर किसी ने भी उनकी यात्रा में खलल डालने की कोशिश की तो उसका अंजाम अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि अगर ये यात्रा रोकी गई तो इसका असर पूरे देश पर होगा।
गृह विभाग के प्रमुख सचिव आरएम श्रीवास्तव का कहना है कि चौरासी कोसी यात्रा चैत्र पूर्णिमा से बैसाख की पूर्णिमा के बीच होती है। उस हिसाब से यह यात्रा 25 अप्रैल से 20 मई के बीच हो चुकी है। ऐसे में नई परंपरा शुरू करने का कोई मतलब नहीं है। सरकार इसकी इजाजत नहीं देती है।
न्यूयॉर्क : 'इंडिया डे' परेड में छाया अन्ना और विद्या का जलवा
Mon, 19 Aug 2013 06:14 PM (IST)न्यूयॉर्क। न्यूयॉर्क में भारत के 67वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए आयोजित 'इंडिया डे परेड' का सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन ने नेतृत्व किया। परेड के दौरान करीब दो लाख लोगों ने हाथ में तिरंगा थाम रखा था। यह अमेरिका में आयोजित होने वाली सबसे बड़ी भारतीय परेड है। इस परेड का आयोजन फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन (एफआइए) द्वारा किया जाता है।
रंगबिरंगी झांकियां, मार्च करते बैंड और कन्वर्टिबल कारें मैनहटन स्थित मेडिसन एवन्यू के लिए जब निकली तो हजारों लोग अन्ना की जयजयकार करने लगे। मैनहटन की फिजाओं में 'अन्ना हजारे जिन्दाबाद' और 'भ्रष्टाचार हटाओ' के नारे गूंज उठे। हर मोड़ पर बड़ी संख्या में लोगों ने उनका अभिवादन किया। 76 वर्षीय अन्ना अमेरिका में अपना इतना जोरदार स्वागत देखकर अभिभूत नजर आए। वाहन में खड़े अन्ना ने हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया। कुछ जगहों पर उनके वाहन को रोका भी गया जहां लोग उनसे हाथ मिलाने को बेताब दिखे। अन्ना की ओर तिरंगा लहराते हुए भारतीय अमेरिकियों ने जोर से चिल्ला कर कहा कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में उनके साथ हैं।
विद्या बालन को देखकर लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। अभिनेत्री ने कहा, 'इतना बढि़या और दिल को छू लेने वाला समारोह मैंने कभी नहीं देखा।' परेड में शामिल सैकड़ों लोगों ने तिरंगे के रंग वाले कपड़े और गांधी टोपी पहनी थी, जिस पर लिखा हुआ था, 'आइ एम फॉर अन्ना' यानी मैं अन्ना के लिए हूं। अन्ना के प्रति अमेरिकी लोगों में भी दीवानगी देखी गई। परेड में बड़ी संख्या में शामिल अमेरिकी अन्ना को देखने आए थे जिन्होंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के दौरान भारत सरकार को हिला दिया था।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए न्यूयॉर्क पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। वाहन में अन्ना और विद्या बालन के साथ भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख रिटायर्ड जनरल वीके सिंह, तमिल फिल्म स्टार सरथ कुमार और उनकी पत्नी राधिका, एफआइए अध्यक्ष संजय अमीन भी सवार थे।
रसातल में रुपया 62.75 रुपए प्रति डालर, सेंसेक्स हुआ 200 अंकों से चित
सोमवार, 19 अगस्त, 2013 को 15:18 IST तक के समाचार
डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार
गिरावट जारी है. अपने पिछले निचले स्तर को तोड़ते हुए रुपए की कीमत घटकर
62.75 रुपए प्रति डालर के भाव पर पहुंच गई.
इससे पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि रिजर्व बैंक
के डालर बेचने और अन्य सरकारी उपायों के चलते रुपए में मजबूती का रुख देखने
को मिलेगा. लेकिन ऐसा हो न सका.रुपए में गिरावट का नकारात्मक असर शेयर बाज़ार पर भी दिखा. बाजार खुलते ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स में 200 अंकों से ज़्यादा और एनएसई के निफ़्टी में 70 अंकों से ज़्यादा की गिरावट दर्ज की गई.
गिरावट जारी
दोपहर के कारोबार के दौरान सेंसेक्स में करीब 450 अंकों और निफ्टी में 140 अंकों की गिरावट देखने को मिली.
इस दौरान मेटल शेयरों से ही बाज़ार को थोड़ी मदद मिलती हुई दिखाई दी, लेकिन बैंकिंग, पेट्रोलियम, इंफ्रा और ऑटो शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली.
अमरीकी डॉलर के मुकाबले रुपए में जारी गिरावट से चालू खाते का घाटा भी बढ़ रहा है.
चिंता
स्थिति इसलिए भी चिंताजनक बताई जा रही है क्योंकि 1991 के मुकाबले क्लिक करें भारत का चालू खाता घाटा काफी अधिक है और रुपया अधिक कमज़ोर.हालांकि क्लिक करें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को यह स्पष्ट किया था कि देश के सामने 1991 जैसे आर्थिक संकट के हालात नहीं हैं.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीटीआई से कहा था कि 1991 की ओर लौटने का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि उस समय भारत में विदेशी मुद्रा विनिमय स्थिर दर पर आधारित था जबकि अब यह बाज़ार से जुड़ा हुआ है.
बॉम्बे शेयर एक्सचेंज के सेंसेक्स में शुक्रवार को 750 अंकों से ज़्यादा की गिरावट और रुपए के रिकार्ड निचले स्तर पर पहुंचने के बाद आज एक बार फिर शेयर बाज़ार और रुपए में गिरावट का सिलसिला जारी है.
बिहार: ट्रेन हादसे में 37 की मौत, रेलकर्मी बंधक
सोमवार, 19 अगस्त, 2013 को 14:37 IST तक के समाचार
बिहार के खगड़िया जिले में ट्रेन
की चपेट में आकर 37 लोगों की मौत हो गई है. इससे नाराज़ लोगों ने दो
ट्रेनों को आग लगा दी है और कुछ रेलकर्मियों को बंधक बना लिया है.
सहरसा के ज़िला प्रशासन ने 37 लोगों के मारे जाने
की पुष्टि की है. मृतकों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. मरने
वालों की संख्या बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है.हादसा खगड़िया और सहरसा जिले की सीमा पर स्थित धमारा घाट स्टेशन पर हुआ. घटना से नाराज़ लोगों ने ट्रेन के दोनों ड्राइवरों को उतार लिया और उनके साथ मारपीट की.
ट्रेन में अब भी आग लगी है और उसके चार डिब्बे जलकर खाक हो गए हैं.
स्टेशन पर अब भी बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं और तोड़फोड़ कर रहे हैं. वहां खड़ी एक पैसेंजर ट्रेन को भी आग लगा दी गई है.
इस बीच सुरक्षा कारणों से राहत ट्रेन को एक स्टेशन पहले ही कोपड़िया में रोक दिया गया है. उधर खगड़िया से आ रहे पुलिस बल को लोगों ने खदेड़ दिया है.
खगड़िया के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक स्टेशन के पास कात्यायनी मंदिर के पास मौजूद हैं और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल के पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं.
हादसा
हादसा सुबह क़रीब नौ बजे हुआ. कात्यायनी पूजा की वजह से बड़ी संख्या में वहां लोग जमा थे. इनमें से दर्जनों लोग सहरसा से पटना जा रही राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में आ गए.लोगों में इस बात का गुस्सा है कि न तो हॉर्न बजाया गया और न ही ट्रेन की रफ्तार कम की गई. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों का घटनास्थल पर पहुंचना शुरू हो गया है.
जान बचाने के लिए सैकड़ों यात्री पैदल ही पास के बदलाघाट स्टेशन पहुंचे.
समस्तीपुर डिवीजन के सीनियर डीसीएम एम हुमायूं ने बीबीसी को बताया कि कुछ रेलकर्मियों को बंधक बना लिया गया और उनसे बात नहीं हो पा रही है.
प्रतिक्रिया
बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल युनाइटेड के नेता शरद यादव ने कहा है कि यह सरकार या रेल विभाग की चूक नहीं है.पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को दस लाख रुपए और नौकरी देने की मांग की है.
भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि रेल मंत्री को खुद बिहार जाकर हताहत हुए लोगों के परिजनों को ढ़ाढस बढाना चाहिए.
इस बीच एबीपी न्यूज़ के मुताबिक़ रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन ने कहा है कि यह हादसा स्थानीय प्रशासन की चूक के कारण हुआ. उन्होंने कहा कि अगर रेलवे को वहां की स्थिति का पता होता तो ट्रेन की रफ्तार कम रखी जा सकती थी.
रफ्तार
रेल राज्य मंत्री ने कहा कि ट्रेन की रफ़्तार 80 किमी प्रति घंटे थी.पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर डिवीजन के अधिकारियों ने बताया कि मानसी और सहरसा के अधिकारियों को घटनास्थल पर भेजा जा रहा है.
धमारा घाट स्टेशन के पास कात्यायनी स्थान मंदिर में हर सोमवार को बड़ा मेला लगता है जिससे वहां बहुत भीड़भाड़ थी. धमारा स्टेशन पर राज्यरानी एक्सप्रेस का ठहराव नहीं था और यही वजह है कि ट्रेन की रफ्तार बहुत अधिक थी.
धमारा घाट स्टेशन बागमती और कोसी नदियों के बीच स्थित है और वहां सड़क मार्ग से पहुंचना दुष्कर है.
Final IAAF World Championships Athletics Moscow 2013
Usain Bolt:Final IAAF World Championships Athletics Moscow 2013 (All three HD - YouTube videos)
All three HD - YouTube videos:
1- 100 meter race: http://youtu.be/1gc_7GoNVWw
2- 200 meter race : http://youtu.be/C2oPjicUJQ0
3- 4*100 meter race : http://youtu.be/JeCaYNEHHtU
1- 100 meter race:
2- 200 meter race :
3- 4*100 meter race :
यूसैन बोल्ट सोने के शिखर पर जीत लिया आठवां स्वर्ण पदक 4X100
स्पर्धा में
100 मीटर और 200 मीटर स्पर्धाओं मे स्वर्ण वो पहले ही जीत चुके हैं.
सोमवार, 19 अगस्त, 2013 को 09:10 IST तक के समाचार
मॉस्को में चल रही वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रविवार को जमैका के यूसैन बोल्ट ने आठवां स्वर्ण पदक जीत लिया.
बोल्ट को आठवां स्वर्ण पदक 4X100 स्पर्धा में मिला. अब वो इस टूर्नामेंट के सबसे कामयाब धावक बन गए हैं.इस तरह उन्होंने अपने करियर में अब तक वर्ल्ड चैंपियनशिप में आठ स्वर्ण पदक समेत 10 पदक जीत लिए हैं. बोल्ट ने महान धावक कार्ल लुइस और एलीसन फेलिक्स की बराबर कर ली है.
हालांकि कार्ल लुइस के पास आठ स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक हैं जबकि बोल्ट के पास आठ स्वर्ण और दो रजत पदक हैं.
'मेहनत करता रहूंगा'
जमैका ने रविवार को 37.36 सेंकड का समय लेकर 4X100 स्पर्धा में स्वर्ण अपने नाम किया जबकि इस दौड़ में अमरीकी धावकों को दूसरा और कनाडा को तीसरा स्थान मिला.बोल्ट का सुनहरा सफर
- 100 मीटरः 2008, 2012 ओलंपिक, 2009, 2013 वर्ल्ड चैंपियनशिप
- 200 मीटरः 2008, 2012 ओलंपिक, 2009, 2013 वर्ल्ड चैंपियनशिप
- 4X100 मीटरः 2008, 2012 ओलंपिक, 2009, 2011, 2013 वर्ल्ड चैंपियनशिप
मॉस्को में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीसरा स्वर्ण हासिल करने के बाद बोल्ट ने कहा, “ये बहुत ही जबरदस्त है.”
महान अमरीकी धावकों से तुलना किए जाने पर उन्होंने कहा, “मैं दबदबा बनाए रखूंगा. मैं मेहनत करता रहूंगा. मेरी कोशिश है कि महान चीज़ों का हिस्सा बनता रहूं.”
अमरीकी धावक माइकल जॉन्सन, एलीसन फेलिक्स और लुइस ने आठ विश्व खिताब जीते थे.
तिरंगे का अपमान, अन्ना पर दर्ज होगा केस
Sun, 18 Aug 2013 08:28 AM (IST)जागरण संवाददाता, जौनपुर। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान करने के मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नरेंद्र बहादुर प्रसाद ने पुलिस को जांच शुरू करने के लिए कहा है।
अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने पांच अगस्त को न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया था कि 29 जुलाई को जनतंत्र यात्रा के दौरान जौनपुर आगमन पर अन्ना हजारे के वाहन के बोनट पर कपड़े का राष्ट्रीय ध्वज चिपकाया गया था।
लाइन बाजार थानाध्यक्ष केके मिश्र ने बताया कि उन्हें कोर्ट का आदेश प्राप्त हो गया है। मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
विश्व चैम्पियनशिप में चली बोल्ट की आंधी
मास्को, एजेंसी
17-08-13 11:23 PM
जमैका के स्टार उसेन बोल्ट ने आईएएएफ विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में लगातार तीसरा 200 मी खिताब अपने नाम किया, यह इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उनका सातवां स्वर्ण पदक है।
छब्बीस वर्षीय बोल्ट ने 19.66 सेकेंड से पहला स्थान प्राप्त किया। हमवतन एथलीट वारेन वेयर ने 19.79 सेकेंड से रजत पदक जबकि अमेरिका के कर्टिन मिशेल ने 20.04 सेकेंड से कांस्य पदक हासिल किया। बोल्ट का यह विश्व चैम्पियनशिप में सातवां स्वर्ण पदक है। उन्होंने बर्लिन 2009 में 100 और 200 मी में, दीगू 2011 में 200 मी और रविवार को मास्को में 100 मी स्वर्ण अपने नाम किया था। इसके अलावा वह 2009 और 2011 में स्वर्ण पदक जीतने वाली जमैका की चार गुणा 100 मी रिले टीम का भी हिस्सा रहे थे। उन्होंने ओसाका में 2007 विश्व चैम्पियनशिप में 200 मी और चार गुणा 100 मी रिले में दो रजत पदक अपने नाम किये थे। इसके अलावा वह 2008 और 2012 दोनों ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल कर चुके हैं। लेकिन अब उनके पास संन्यास ले चुकी अमेरिकी जोड़ी कार्ल लुईस और माइकल जानसन के आठ विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण पदक की बराबरी का मौका है, जब वह रविवार को चार गुणा 100 मी रिले में शिरकत करेंगे।
बोल्ट रविवार को 100 मी खिताब जीतने के बाद पैर में दर्द से जूझ रहे हैं, लेकिन उन्होंने फिर भी सहजता से 200 मी स्वर्ण पदक जीत लिया। वहीं अमेरिका की ब्रियाना रोलिंस ने 12.44 सेकेंड के समय से महिलाओं की 100 मी बाधा दौड़ खिताब अपने नाम किया। गत चैम्पियन आस्ट्रेलिया की सैली पियर्सन ने 12.50 सेकेंड से रजत जबकि ब्रिटेन के टिफानी पोर्टर ने 12.55 सेकेंड से कांस्य पदक हासिल किया। चेक गणराज्य के विटेस्लाव वेसली ने 87.17 मी की दूरी से पुरुष भाला फेंक का स्वर्ण पदक प्राप्त किया। फिनलैंड के 2007 के विश्व चैम्पियन टेरो पिटकामाकी ने 87.07 मी से रजत और रूस के दिमित्री ताराबिन ने 86.23 मी से कांस्य पदक हासिल किया। रूस की श्वेतलाना शकोलिना ने महिलाओं की ऊंची कूद स्पर्धा में 2.03 मी के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से स्वर्ण पदक जीता। लंदन ओलंपिक की रजत पदकधारी अमेरिका की ब्रिगेटा बारेट ने 2 मी से रजत पदक और गत विश्व और ओलंपिक चैम्पियन रूस की अन्ना चिचेरोवा और स्पेन की रूथ बिटिया ने 1.97 मी से कांस्य पदक हासिल किया।
मौत मांग रहे हैं पाक जेल में बंद 28 भारतीय
बाड़मेर, एजेंसी 17-08-13 03:07 PM
इनमें तीन कैदी बाड़मेर जिले के हैं, जो विक्षिप्त हो चुके हैं। पाकिस्तान की जेल में भारतीय कैदियों को इतनी शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जा रही है कि उनके जीने की इच्छा खत्म हो गई है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि दोनों देशों की संयुक्त न्यायिक कमेटी को जेलों का निरीक्षण करना बंद कर देना चाहिये, क्योंकि इस समिति का कोई महत्व नहीं है।
लाहौर के कोट लखपत जेल में बंद 28 भारतीय कैदियों ने अपने दुखभरे जीवन से मुक्ति पाने के लिए मौत मांगी है। सांसद अविनाश राय खन्ना और मीडिया संस्थानों को संयुक्त रूप से संबोधित किए गए बयान में कैदियों ने भारत और पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया है कि उन सभी को गोली मार दी जाये, ताकि वे अपने दुखभरे जीवन से छुटकारा पा सकें क्योंकि बिना किसी लक्ष्य या उद्देश्य के यह जीवन नर्क के समान है।
हिन्दी में लिखे इस पत्र पर कृपाल सिंह, कुलदीप सिंह, धरम सिंह, मोहम्मद फरीद, तिलक राज, मकबूल लोके, अब्दुल माजिद, शंभूनाथ, सूरज राम, मोहिन्दर सिंह और पुर्नवासी कैदियों के हस्ताक्षर हैं।
पत्र में यह भी दावा किया गया है कि कोट लखपत जेल में बहुत ज्यादा प्रताड़ना के कारण चार महिलाओं सहित अन्य 21 भारतीय कैदियों ने अपने होश गंवा दिये हैं और उन्हें अपने नाम भी नहीं पता।
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