आरटीआई हुई ऑनलाइन लेकिन दायर करने में मुश्किलें
बुधवार, 21 अगस्त, 2013 को 18:00 IST तक के समाचार
बुधवार से तमाम केंद्रीय विभागों और मंत्रालयों से ऑनलाइन आवेदन के ज़रिए सूचना के अधिकार के तहत जानकारी माँगी जा सकेगी.
दिल्ली में आयोजित एक समारोह में कार्मिक मामलों के राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने शाम चार बजे आरीटाई ऑनलाइन वेबसाइट का विमोचन किया.शुरू में यह सेवा सिर्फ कार्मिक विभाग से जानकारियाँ माँगने के लिए ही उपलब्ध थी लेकिन अब इसे 37 अन्य विभागों और मंत्रालयों में लागू किया जा रहा है.
केंद्रीय विभाग
अब तमाम केंद्रीय विभागों, आयोगों और मंत्रालयों को ऑनलाइन माँगे जाने पर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी उपलब्ध करवानी होगी.केंद्र सरकार द्वारा 2005 में लागू किए गए सूचना के अधिकार के तहत भारत का कोई भी नागरिक दस रुपये का शुल्क चुकाकर वाँछित जानकारी हासिल कर सकता है.
सराहनीय लेकिन अपर्याप्त
"यह सरकार का एक सराहनीय क़दम है लेकिन आरटीआई ऑनलाइन करना आम आदमी के लिए ज्यादा व्यावहारिक नहीं है क्योंकि आम आदमी क्रेडिट कॉर्ड या डेबिट कार्ड नहीं रखता है. यह उन लोगों के लिए ही अच्छा विकल्प है जो क्रेडिट और डेबिट कार्ड रखते हैं. और अधिक पारदर्शिता के लिए सरकार को ऐसे पोस्ट ऑफिस जहाँ पोस्टल शुल्क लिए बिना ही आरटीआई ली जाती है उनकी संख्या भी बढ़ानी चाहिए."
सुभाष अग्रवाल, आरटीआई कार्यकर्ता
सामान्य नागरिकों के लिए आवेदन का शुल्क दस रुपये होगा जो स्टैंट बैंक ऑफ इंडिया और इससे जुड़ी अन्य बैंकों की इंटरनेट बैकिंग सेवाओं या फिर क्रेडिट कार्ड के जरिए चुकाया जा सकेगा. ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए यह सेवा निशुल्क होगी. हालाँकि इसके लिए उन्हें संबंधित प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना होगा.
माँगे जाने पर संबंधित विभागों को तीस दिन के भीतर जानकारी उपलब्ध करानी होगी जिसके न मिलने पर अपील भी ऑनलाइन ही दायर की जा सकती है. अपील दायर करने के लिए कोई शुल्क नहीं है.
मुश्किल
हालाँकि जब हमने इस नई वेबसाइट के जरिए आरटीआई दायर करने की कोशिश तो दो प्रयासों में नाकामी ही हाथ लगी. वेबसाइट पर खाता आसानी से खुल गया. इसके बाद जब आरटीआई दायर करने की कोशिश की गई तो दो बार पूरा फार्म भरने के बाद वेबसाइट ने लॉग ऑउट कर दिया और पहले पन्ने पर पहुँचा दिया. वेबसाइट पर मौजूद हेल्पलाइन नंबर पर बात करने की कोशिश भी कई लेकिन कई प्रयासों के बावजूद इसमें भी कामयाबी नहीं मिल सकी.शब्द सीमित
नई व्यवस्था के तहत राष्ट्रपति भवन, केंद्रीय सचिवालय, उपराष्ट्रपति कार्यालय आदि से भी ऑनलाइन आवेदन के ज़रिए ही जानकारियाँ माँगी जा सकती है.
जानकारी प्राप्त करने के लिए पहले नागरिकों को आरटीआई ऑनलाइन वेबसाइट पर अपना प्रोफ़ाइल बनाना होगा.
इसमें ईमेल और मोबाइल नंबर की जानकारी देने पर नागरिकों को ईमेल और मोबाइल मैसेज के ज़रिए आरटीआई के बारे में अपडेट मिलते रहते हैं.
इस प्रोफ़ाइल के ज़रिए आवेदनकर्ता आरटीआई फ़ाइल कर सकेंगे साथ ही उसकी स्थिति पर भी नजर रख सकेंगे.
सराहनीय क़दम
वे कहते हैं, "आरटीआई के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पोस्टल ऑर्डर सरकार को काफ़ी महंगा पड़ता है. एक पोस्टल ऑर्डर पर सरकार के क़रीब तीस रुपये ख़र्च होते हैं जबकि सरकार को मिलते हैं सिर्फ़ दस ही रुपये ऐसे में हमने सूचना आयोग से माँग की है कि आरटीआई के लिए भी रिवेन्यू स्टांप की तरह ही स्टांप लाया जाए."
अब जबाव न मिलने की स्थिति में अपील दायर करना भी बेहद आसान होगा. वेबसाइट के इस्तेमाल में कोई दिक्कत आने पर टेलिफोन संख्या 011-24622461 पर कॉल करके जानकारी भी ली जा सकती है. हालाँकि इस नंबर पर सिर्फ दफ़्तर के वक्त पर ही बात हो सकेगी.
आरीटाई क़ानून को और मज़बूत और उपयोगी बनाने की दिशा में यह सरकार का एक और क़दम है लेकिन हाल ही में सरकार ने आरटीआई क़ानून में संशोदन कर राजनितक दलों को आरटीआई के दायरे से बाहर कर दिया था. सरकार के इस फ़ैसले की काफ़ी आलोचना भी हुई थी.
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