बिहार: ट्रेन हादसे में 37 की मौत, रेलकर्मी बंधक
सोमवार, 19 अगस्त, 2013 को 14:37 IST तक के समाचार
बिहार के खगड़िया जिले में ट्रेन
की चपेट में आकर 37 लोगों की मौत हो गई है. इससे नाराज़ लोगों ने दो
ट्रेनों को आग लगा दी है और कुछ रेलकर्मियों को बंधक बना लिया है.
सहरसा के ज़िला प्रशासन ने 37 लोगों के मारे जाने
की पुष्टि की है. मृतकों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. मरने
वालों की संख्या बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है.हादसा खगड़िया और सहरसा जिले की सीमा पर स्थित धमारा घाट स्टेशन पर हुआ. घटना से नाराज़ लोगों ने ट्रेन के दोनों ड्राइवरों को उतार लिया और उनके साथ मारपीट की.
ट्रेन में अब भी आग लगी है और उसके चार डिब्बे जलकर खाक हो गए हैं.
स्टेशन पर अब भी बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं और तोड़फोड़ कर रहे हैं. वहां खड़ी एक पैसेंजर ट्रेन को भी आग लगा दी गई है.
इस बीच सुरक्षा कारणों से राहत ट्रेन को एक स्टेशन पहले ही कोपड़िया में रोक दिया गया है. उधर खगड़िया से आ रहे पुलिस बल को लोगों ने खदेड़ दिया है.
खगड़िया के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक स्टेशन के पास कात्यायनी मंदिर के पास मौजूद हैं और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल के पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं.
हादसा
हादसा सुबह क़रीब नौ बजे हुआ. कात्यायनी पूजा की वजह से बड़ी संख्या में वहां लोग जमा थे. इनमें से दर्जनों लोग सहरसा से पटना जा रही राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में आ गए.लोगों में इस बात का गुस्सा है कि न तो हॉर्न बजाया गया और न ही ट्रेन की रफ्तार कम की गई. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों का घटनास्थल पर पहुंचना शुरू हो गया है.
जान बचाने के लिए सैकड़ों यात्री पैदल ही पास के बदलाघाट स्टेशन पहुंचे.
समस्तीपुर डिवीजन के सीनियर डीसीएम एम हुमायूं ने बीबीसी को बताया कि कुछ रेलकर्मियों को बंधक बना लिया गया और उनसे बात नहीं हो पा रही है.
प्रतिक्रिया
बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल युनाइटेड के नेता शरद यादव ने कहा है कि यह सरकार या रेल विभाग की चूक नहीं है.पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को दस लाख रुपए और नौकरी देने की मांग की है.
भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि रेल मंत्री को खुद बिहार जाकर हताहत हुए लोगों के परिजनों को ढ़ाढस बढाना चाहिए.
इस बीच एबीपी न्यूज़ के मुताबिक़ रेल राज्य मंत्री अधीर रंजन ने कहा है कि यह हादसा स्थानीय प्रशासन की चूक के कारण हुआ. उन्होंने कहा कि अगर रेलवे को वहां की स्थिति का पता होता तो ट्रेन की रफ्तार कम रखी जा सकती थी.
रफ्तार
रेल राज्य मंत्री ने कहा कि ट्रेन की रफ़्तार 80 किमी प्रति घंटे थी.पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर डिवीजन के अधिकारियों ने बताया कि मानसी और सहरसा के अधिकारियों को घटनास्थल पर भेजा जा रहा है.
धमारा घाट स्टेशन के पास कात्यायनी स्थान मंदिर में हर सोमवार को बड़ा मेला लगता है जिससे वहां बहुत भीड़भाड़ थी. धमारा स्टेशन पर राज्यरानी एक्सप्रेस का ठहराव नहीं था और यही वजह है कि ट्रेन की रफ्तार बहुत अधिक थी.
धमारा घाट स्टेशन बागमती और कोसी नदियों के बीच स्थित है और वहां सड़क मार्ग से पहुंचना दुष्कर है.
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