Saturday 24 August 2013

मुंबई गैंगरेपः पीड़िता की आपबीती सुन खड़े हो जाएंगे रोंगटे...

मुंबई गैंगरेपः पीड़िता की आपबीती सुन खड़े हो जाएंगे रोंगटे...

  मुंबई, 24 अगस्त 2013  21:45
मुंबई में गैंगरेप का शिकार हुई महिला फोटो जर्नलिस्ट हैवानियत से हारी नहीं है. मुंबई पुलिस को इस बहादुर लड़की ने पूरी आपबीती सुनाई. पीड़ित लड़की ने पुलिस को जो बयान दिया वो सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.

बीयर की बोतल दिखा दी थी जान से मारने की धमकी
गैंगरेप का शिकार हुई इस लड़की ने अपने बयान में कहा, 'गुरुवार दोपहर 1 बजे दफ्तर पहुंचने के बाद 5 बजे तक वहीं काम किया. उसके बाद ऑफिस की बताई हुई खबर करने के लिए एक साथी कर्मचारी के साथ शक्ति मिल कंपाउंड में जर्जर इमारत की फोटो निकालने के लिए महालक्ष्मी स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक से चल कर गए. इसी वक्त हमने दो लोगों से अंदर जाने का रास्ता पूछा. उन्होंने रास्ता बताया. कंपाउंड से अंदर जाने के बाद मैं अपने मोबाइल से और मेरा साथी कैमरे से फोटो खींचने लगे. उसी वक्त जिन लोगों ने हमें अंदर आने का रास्ता बताया था, वही लोग वापस अंदर आए. उनके साथ एक और व्यक्ति था, जिसने हमें हिंदी में बताया कि हमारे सेठ ने आपको देखा है आपको सेठ के पास आना पड़ेगा. तब मैंने कहा कि मैं तुम्हारे सेठ से बात करती हूं. पर उन्होंने फोन पर बात कराने से इनकार किया और हमें जबरदस्ती ले जाने लगे. मैंने ऑफिस में संपर्क करने की कोशिश की पर फोन नहीं मिला. तब तक हमें वो अंदर जर्जर इलाके में ले आए थे. फिर ऑफिस से मुझे फोन आया और मैंने उन्हें सारी घटना बताई. मुझे वहां से तुरंत निकल जाने को कहा गया. उन दो लोगों के साथ आए हुए तीसरे आदमी ने हमें कहा कि कुछ दिन पहले यहां मर्डर हुआ था, जो तुमने ही किया है. फिर उन्होंने दो और लोगों को बुला लिया. हम उनसे छूटने की कोशिश करने लगे. मेरे साथी को बेल्ट से मारा और रस्सी से बांध दिया. तब हमने उनसे विनती की कि हमारा मोबाइल और कैमरा जो तीस हजार से भी मंहगा है, वो ले लो और हमें छोड़ दो. लेकिन इसका कोई असर उनपर नहीं हुआ. इसके बाद उनमें से एक मूंछ वाला और बाद में आए दो लोग मुझे कोने में ले गए. तब तक मां का भी फोन आया और वो पूछने लगी कि क्या सब ठीक है. फिर उन लोगों ने मुझे टूटी हुई बियर की बोतल दिखाकर जान से मारने की धमकी दी और चुप रहने को कहा. फिर मां का दोबारा फोन आया पर उठाने नहीं दिया और छीनकर बंद कर दिया. उसके बाद पांचों लोगों ने बलात्कार किया. फिर हमें वहीं पड़े रहने को कहा और वो वहां से भाग गए. फिर मैं अपने साथी की मदद से कंपाउंड के बाहर निकली और टैक्सी पकड़कर जसलोक हॉस्पिल के लिए निकली. फिर मैंने रास्ते से मां को फोन किया और सारी वारदात बताई.'


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