आपके खाते से कट रहे हैं एसएमएस अलर्ट के पैसे
24 अगस्त 2013 12:56 PM
देश के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों ने कमाई करने का नया तरीका निकाल लिया है। पहले लोगों को एटीएम की लत लगवाई और अब कार्ड के जरिए मनी ट्रांजेक्शन करने के बाद लोगों को आने वाले मोबाइल एसएमएस अलर्ट का पैसा वसूला जा रहा है।
टीनएनएन के मुताबिक सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के बैंक ग्राहकों को एसएमएस के जरिए उनके खाते से हुए लेन-देन की जानकारी भेज रहे हैं। दोनों ही क्षेत्रों के बैंकों ने ग्राहकों को बिना बताए ही एसएमएस फीस के रूप में सालाना 60 से 100 रुपए तक एसएमएस शुल्क उनके बैंक एकाउंट से काटना शुरू कर दिया है।
आप भी अपने एकाउंट की डिटेल का चेक कर इसका पता कर सकते हैं।
भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक ग्राहकों से 60 रुपए सालाना का एसएमएस शुल्क वसूल कर रहे हैं। केनरा बैंक एसएमएस शुल्क के तौर पर 100 रुपए ले रहा है। एचडीएफएसी बैंक अभी सिर्फ स्पेशल अलर्ट मैसेज के लिए ही 60 रुपए का शुल्क ले रहा है।
वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा था कि सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र के सिर्फ पांच बैंक ही एसएमएस अलर्ट के लिए शुल्क ले रहे हैं।
वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने लोकसभा में बताया कि विजया बैंक और आईडीबीआई बैंक वर्ष 2010-11 से ही एसएमएस अलर्ट के लिए ग्राहकों से शुल्क ले रहे हैं। आईडीबीआई बैंक ने वर्ष 2010-11 के दौरान एसएमएस अलर्ट के जरिए एक करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की है। वहीं विजया बैंक ने 30 लाख रुपए की कमाई एसएमएस अलर्ट के जरिए की है।
ग्राहकों को अब नेट बैंकिंग के लिए मिलेगा कम समय
रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों के लिए पूंजी की उपलब्धता में कमी करने का असर अब आम ग्राहकों पर पड़ रहा है।
एक तरफ जहां बैंक अपना कर्ज महंगा कर रहे हैं, वहीं छोटे बैंकों के लिए नेट बैंकिंग के जरिए फंड ट्रांसफर की सुविधा भी दिन भर देना मुश्किल हो रहा है।
इसके मद्देनजर आईडीबीआई बैंक ने एनईएफटी ट्रांसफर की अवधि में दो घंटे की कमी कर दी है। यानी, अब बैंक से सामान्य दिन में नेट बैंकिंग के जरिए उसी दिन फंड ट्रांसफर की सुविधा केवल साढ़े तीन बजे तक ही मिल सकेगी।
बैंकर्स के अनुसार आरबीआई ने नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) के लिए प्रतिदिन 99 फीसदी तक राशि सुरक्षित रखनी अनिवार्य कर दी है।
इससे बैंकों को पूंजी की व्यवस्था करने में दिक्कत आ रही है। जिसका खास तौर से असर छोटे बैंकों पर हो रहा है। इसके पहले सीआरआर की सीमा 70 फीसदी निर्धारित थी।
आईडीबीआई बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि बैंक ने सामान्य दिनों में एनईएफटी के जरिए फंड ट्रांसफर की सुविधा साढ़े पांच बजे से घटाकर साढ़े तीन बजे कर दी है। शनिवार को यह सुविधा 11.45 तक ही मिलेगी।
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीआरआर की सीमा 99 फीसदी करने का असर नकदी की उपलब्धता पर हो रहा है। एनईएफटी सेवा के लिए बैंकों को पूंजी 5.30 शाम बजे तक रखनी होगी। ऐसे में मौजूदा हालात में पूंजी उपलब्ध कराना छोटे बैंकों के लिए खास तौर से आसान नहीं है।
पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारी के अनुसार छोटे बैंकों के लिए नकदी की उपलब्धता बनाए रखना काफी मुश्किल हो रहा है। ऐसे समय में जब कॉल मार्केट में रेट 10.25 फीसदी तक पहुंच गए हैं, बैंक या तो कर्ज महंगा करेंगे या दूसरी सुविधाओं में कटौती करेंगे।
कैसे होगा एनईएफटी सुविधा पर असर
बैंकों द्वारा तय अवधि के बीच एनईएफटी के जरिए फंड ट्रांसफर करने से ग्राहकों के खातों में राशि उसी दिन पहुंच जाती है। जबकि उसके बाद ट्रांजेक्शन करने पर राशि अगले दिन ग्राहकों के खातों में पहुंचती है। अवधि कम होने पर उसी दिन फंड ट्रांसफर करने का मौका ग्राहकों को कम समय के लिए मिलेगा।
एक तरफ जहां बैंक अपना कर्ज महंगा कर रहे हैं, वहीं छोटे बैंकों के लिए नेट बैंकिंग के जरिए फंड ट्रांसफर की सुविधा भी दिन भर देना मुश्किल हो रहा है।
इसके मद्देनजर आईडीबीआई बैंक ने एनईएफटी ट्रांसफर की अवधि में दो घंटे की कमी कर दी है। यानी, अब बैंक से सामान्य दिन में नेट बैंकिंग के जरिए उसी दिन फंड ट्रांसफर की सुविधा केवल साढ़े तीन बजे तक ही मिल सकेगी।
बैंकर्स के अनुसार आरबीआई ने नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) के लिए प्रतिदिन 99 फीसदी तक राशि सुरक्षित रखनी अनिवार्य कर दी है।
इससे बैंकों को पूंजी की व्यवस्था करने में दिक्कत आ रही है। जिसका खास तौर से असर छोटे बैंकों पर हो रहा है। इसके पहले सीआरआर की सीमा 70 फीसदी निर्धारित थी।
आईडीबीआई बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि बैंक ने सामान्य दिनों में एनईएफटी के जरिए फंड ट्रांसफर की सुविधा साढ़े पांच बजे से घटाकर साढ़े तीन बजे कर दी है। शनिवार को यह सुविधा 11.45 तक ही मिलेगी।
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीआरआर की सीमा 99 फीसदी करने का असर नकदी की उपलब्धता पर हो रहा है। एनईएफटी सेवा के लिए बैंकों को पूंजी 5.30 शाम बजे तक रखनी होगी। ऐसे में मौजूदा हालात में पूंजी उपलब्ध कराना छोटे बैंकों के लिए खास तौर से आसान नहीं है।
पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारी के अनुसार छोटे बैंकों के लिए नकदी की उपलब्धता बनाए रखना काफी मुश्किल हो रहा है। ऐसे समय में जब कॉल मार्केट में रेट 10.25 फीसदी तक पहुंच गए हैं, बैंक या तो कर्ज महंगा करेंगे या दूसरी सुविधाओं में कटौती करेंगे।
कैसे होगा एनईएफटी सुविधा पर असर
बैंकों द्वारा तय अवधि के बीच एनईएफटी के जरिए फंड ट्रांसफर करने से ग्राहकों के खातों में राशि उसी दिन पहुंच जाती है। जबकि उसके बाद ट्रांजेक्शन करने पर राशि अगले दिन ग्राहकों के खातों में पहुंचती है। अवधि कम होने पर उसी दिन फंड ट्रांसफर करने का मौका ग्राहकों को कम समय के लिए मिलेगा।
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