Monday, 19 August 2013

BREAKING NEWS FROM 3 AUGUST TO TILL DATE(18 August)

  BREAKING NEWS FROM 3 AUGUST  TO TILL DATE(18 August)

सिंधुरक्षक हादसा: 'दो मिनट बाद ही जन्मदिन था उनका'

 रविवार, 18 अगस्त, 2013 को 08:31 IST तक के समाचार



पनडुब्बी सिंधुरक्षक में फंसे 18 नौसैनिकों में से क्लिक करें पाँच नौसैनिकों के शव मिल चुके हैं. शवों को नौसेना के अस्पताल आईएनएस अश्विनी में डीएनए टेस्ट के लिए ले जाया गया है.
सभी 18 नौसैनिकों के परिवार दो दिन पहले ही मुंबई पहुंच चके हैं और उन्होंने नौसेना के अधिकारियों से मुलाकात की है.

सभी परिवार वालों ने एक ही इच्छा जताई है कि उन्हें वह जगह देखनी है जहाँ पनडुब्बी डूबी है लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और फंसे हुए नौसैनिकों के निकालने का काम जारी होने के चलते उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं दी गई.
बीबीसी ने नौसैनिकों के परिजनों में से कुछ से मुलाकात की. सभी परिवारों के घर मातम छाया हुआ है. वो इस कदर दुख में डूबे हुए हैं कि किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं.
सभी की आँखों से आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे. किसी ने अपना पति, किसी ने अपना बेटा तो किसी ने अपने पिता को खो दिया है.


लीजू लॉरेंस, उम्र 28 साल, केरल

हादसे में लीजू लॉरेंस ने भी जान गंवा दी, लीजू लॉरेंस की उम्र 28 साल थी और वो केरल के तिरुअनंतपुरम् के रहने वाले थे. कुछ महीनों पहले ही लीजू लॉरेंस रूस से आए थे और उन्होंने पांच जून 2013 को शादी की थी.

लीजू लॉरेंस के भाई बीजू लॉरेंस ने बताया, "जब से लीजू की पत्नी को इस हादसे का पता चला है तब से वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठी हैं.
वो कभी रोती हैं तो कभी बेहोश हो जाती हैं. तो कभी दिवंगत लीजू लॉरेंस की वर्दी पहन कर बैठ जाती हैं. उन्हें डिफेंस के अस्पताल में भी इलाज के लिए ले जाया गया."
लीजू के भाई बीजू लॉरेंस बताते हैं, "लीजू इन दो महीनों में काफी व्यस्त थे और शादी के बाद उऩ्हें अपने परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका ही नहीं मिला.
वो बहुत जल्द ही छुट्टी के लिए अर्जी देने वाले थे और अपनी पत्नी के साथ कश्मीर घूमने जाने वाले थे, लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था."

अतुल शर्मा, उम्र 23 साल, हिमाचल प्रदेश


अतुल शर्मा
नौसैनिक अतुल शर्मा हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से हैं.
अतुल शर्मा के करीबी दोस्तों ने बताया कि वो बहुत ही होनहार और खुशदिल इंसान थे. उन्हें बाइक की सवारी और गाने गुनगुनाना बहुत पसंद था. जब भी छुट्टी मिलती तो वो हमेशा वैष्णो देवी के मंदिर जाना पसंद करते थे.
14 अगस्त की रात 11 बजकर 58 मिनट पर पनडुब्बी सिंधुरक्षक हादसे का शिकार हुई. उस हादसे के दो मिनट बाद ही अतुल शर्मा का जन्मदिन आने वाला था. लेकिन जन्मदिन के आने से पहले ही वो इस हादसे का शिकार बन गए.
उनके परिवार वाले उन्हें जन्मदिन की बधाइयां देने के लिए बेकरार थे. उनके पिता आशीर्वाद देने के लिए फोन लगाते रहे लेकिन फोन नहीं लगा और जब इस हादसे की खबर आई तो उनके परिवार के पैरों तले से ज़मीन खिसक गई.
घर में सन्नाटा पसर गया. अतुल अपने परिवार के सबसे बड़े बेटे थे. माता-पिता ने अपना जवान बेटा खोया. इस बेटे को लेकर उन्होंने बहुत से सपने संजोए थे. शादी कराने के बाद उनके बहुत से अरमान थे. मगर सब टूट गए. अतुल के छोटे भाई और चाचा मुंबई आए हैं.

केवल सिंह, उम्र 28 साल, जम्मू और कश्मीर


केवल सिंह कुछ दिन पहले ही छुट्टी से लौटे थे. उन्होंने छुट्टी इसलिए ली थी, क्योंकि उनके घऱ में एक नया मेहमान आया था. पिता बनने की खुशी में उन्होंने लौटते ही अपने सभी दोस्तों के बीच मिठाइयां बांटी थीं.
अपनी गोद में बच्चे की किलकारियों से उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था, लेकिन ये खुशी ज़्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई.
हादसे के बाद उनका परिवार पूरी तरह से टूट गया है.
केवल सिंह की पत्नी इस सदमे से उबर नहीं पा रही है. उन्हें इस बात का यकीन ही नही है कि कुछ दिन पहले जो उनके बीच में थे, अब वो कहीं दूर जा चुके हैं.
उस बच्चे का क्या, जो अभी इस दुनिया में आया है और उसे तो ये भी नहीं मालूम कि पिता और पिता का प्यार होता क्या है.
केवल सिंह के परिवार से उनके बड़े भाई के साथ दो लोग मुंबई आए हैं..क्लिक करें

दसारी प्रसाद, 34 साल, आंध्र प्रदेश


विशाखापत्तनम् के गोपालपत्तनम् के रहने वाले दसारी प्रसाद के परिवार में उनके माता-पिता, उनकी पत्नी और चार साल की बेटी है. कुछ दिन बाद ही दसारी प्रसाद छुट्टी पर जाने वाले थे, लेकिन ये हादसा हो गया.
उनकी पत्नी गर्भवती हैं और कभी भी उनके घर में नया मेहमान आ सकता है.
दसारी प्रसाद का कुछ दिन पहले ही विशाखापत्तनम् से मुंबई की पनडुब्बी सिंधुरक्षक में तबादला हुआ था. वो काफी खुश थे, क्योंकि बहुत जल्द ही अपने परिवार वालों से मिलने वाले थे.
उन्हें इंतज़ार था अपने घर आने वाले उस मेहमान का जिसे वो अपनी गोद में खिलाने वाले थे, लेकिन अफ़सोस ऐसा नहीं हो सका.
अपने आने वाले शिशु की शक्ल देखने की चाहत लिए ही दसारी प्रसाद इस हादसे का शिकार हो गए.
चार साल की बेटी को इंतज़ार है अपने पिता का और उसे उम्मीद है कि पापा जल्दी घर वापस आएंगेक्लिक करें

दर्दनाक हादसा

धमाके के वक़्त सिंधुरक्षक में 18 नौसैनिक सवार थे जिनमें तीन अधिकारी और 15 नाविक थे.
अधिकारियों में लेफ़्टिनेंट कोमोडोर निखिलेश पाल, लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आलोक कुमार और लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आर वेंकटराज शामिल थे.
सैनिकों में संजीव कुमार, केसी उपाध्याय, टिमोथी सिन्हा, केवल सिंह, सुनील कुमार, दसारी प्रसाद, लीजू लॉरेंस, राजेश टूटिका, अमित के सिंह, अतुल शर्मा, विकास ई, नरोत्तम देउरी, मलय हलदर, विष्णु वी और सीताराम बडापल्ली शामिल थे.

 

उत्तराखंड आपदाः तिवारी के पत्र में बहुगुणा पर सवाल



 रविवार, 18 अगस्त, 2013 को 08:14 IST तक के समाचार


उत्तराखंड में जीवन

उत्तराखंड में आई प्रलयंकारी आपदा के दो महीने पूरे हो जाने के बावजूद अब भी पहाड़ में जीवन पटरी पर नहीं लौट पाया है. कई प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों की स्थिति ये है कि मुठ्ठी भर अनाज के लिए लोगों को मीलों पैदल चलना पड़ रहा है. लोग शिविरों में गुजारा करने के लिए मजबूर हैं, स्कूल-कॉलेज खुल नहीं पाए हैं और रास्ते अभी भी कटे हुए हैं.
लगातर भूधंसाव हो रहा है. कई जगह राहत सामग्री सड़ रही है और जरूरी सामान लोगों तक पंहुच ही नहीं पा रहा है. राज्य की बहुगुणा सरकार अपने राहत अभियान के प्रचार पर करोड़ों रूपये खर्च कर रही है लेकिन प्रभावित इलाकों के प्रति जिस तरह की संवेदनहीनता दिखाई जा रही है, उससे विपक्ष तो विपक्ष ऐसा लगता है कि सत्तापक्ष भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चाबंद हो रहा है.


आरोप

विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत और केंद्रीय मंत्री हरीश रावत के बाद अब उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉग्रेस के वयोवृद्ध नेता नारायण दत्त तिवारी ने बहुगुणा सरकार पर आरोप लगाया है कि वो आपदा पीड़ितों को सिर्फ कोरे आश्वासन दे रही है और अपना निजी एजेंडा चला रही है.

"पहाड़ में आपदा की वजह से गरीबी, भूख, लाचारी और पलायन के बीच अगर सरकार इसी तरह अपने निजी एजेंडे पर चलती रहेगी तो इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं."
नारायण दत्त तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड
अपने विशेष कार्याधिकारी भवानी दत्त भट्ट की मदद से लिखी चिठ्ठी में तिवारी ने कहा है कि पहाड़ में आपदा की वजह से गरीबी, भूख, लाचारी और पलायन के बीच अगर सरकार इसी तरह अपने निजी एजेंडे पर चलती रहेगी तो इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं.


न्यायिक जाँच

उन्होंने माँग की है कि आपदा पीड़ितों को चिन्हित करने की प्रक्रिया सरल रखी जाए और राहत के लिये प्राप्त राशि का 50 प्रतिशत प्रभावित परिवारों में बाँट दिया जाए और बाकी 50 प्रतिशत सुरक्षित रख दिया जाए. गौरतलब है कि आपदा पीड़ितों को राहत के नाम पर उत्तराखंड सरकार को सरकारी और गैरसरकारी स्त्रोतों से अरबों रूपये मिल रहे हैं.

आपदा के बाद उत्तराखंड
उत्तराखंड में आई आपदा के दो महीने बाद भी हालात बेहतर नहीं हो पाए हैं.
तिवारी ने ये भी आरोप लगाया है कि बहुगुणा सरकार उनके ख़िलाफ़ षडयंत्र कर रही है और प्रोटोकॉल के तहत उन्हें दी गई गाड़ी का तेल रोक दिया गया है और उनके साथ धोखा किया जा रहा है. उन्होंने इसकी न्यायिक जाँच की भी माँग की है.
तिवारी की चिठ्ठी में ये भी कहा गया है कि वो पूरी तरह स्वस्थ हैं और नई स्फूर्त्ति के साथ जल्द ही उत्तराखंड लौटेंगे. नारायण दत्त तिवारी इन दिनों लखनऊ में रह रहे हैं. उन्होंने अपनी चिठ्ठी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जमकर तारीफ़ की है.


राजनीति

जाहिर है कि इस चिठ्ठी के राजनीतिक मायने हैं और ये क्या गुल खिलाएंगे, इसका सही अंदाजा तभी लगेगा जब कथित रूप से आगामी 18 अक्तूबर को वो अपने समर्थकों के साथ अगली रणनीति की घोषणा करेंगे.
तिवारी के कार्याधिकारी भवानी दत्त भट्ट ने बीबीसी को फोन पर बताया कि तिवारी समाजवादी विचारों से जुड़े रहे हैं और इस नाते उनका आशीर्वाद अखिलेश यादव के साथ है.
तिवारी का प्रकट जनाधार पहले की तरह नहीं रहा है लेकिन पिछले विधानसभा में उन्होंने अपने राजनीतिक कौशल और दबाव का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश कर दी थी और फिर कुछ सीटों पर अपने चहेतों को टिकट दिलाने में भी खासे सफल रहे थे.

एक गुफा जिसने बचाई 25 लोगों की जान



 शनिवार, 27 जुलाई, 2013 को 11:47 IST तक के समाचार


उत्तराखंड बाढ़ से प्रभावित, धारचुला में राहत शिविर

उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा के विनाश का कहर धारचूला के लोगों ने सबसे ज़्यादा झेला है.
दुर्गम पहाड़ी इलाक़े में बसे धारचूला के लिए 16 जुलाई का वो दिन बेहद खौफ़नाक था. धौली गंगा नदी अपने पूरे उफान पर थी. आसपास के गाँव में बसे लोगों ने शायद इतना पानी अपने जीवन में कभी नहीं देखा था. इस इलाके में पड़ने वाले चार गाँवों का अब नामोनिशान भी नहीं बचा है.

शोबला, कंजोती, खिम और खेत. सबसे पहले, शोबला बहा, फिर कंजौती, खिम और खेत. इन सभी गाँवों के लोगों की दास्तान एक जैसी ही है. धारचूला इंटर कॉलेज में अब इन गाँवों के करीब 158 से ज्यादा परिवार रह रहे हैं. इस स्कूल में बच्चों की कक्षाएं नहीं लग पा रही हैं क्योंकि पिछले एक महीने से यहाँ बच्चे, महिलाएँ और बूढ़े सभी एक छत के नीचे रह रहे हैं.

सरस्वती बिष्ट खिमस्वा गाँव, कंजोती की रहने वाली हैं. उनके साथ कम से कम 25 लोग किसी तरह जान बचाकर शिविर में आए. वे उस दिन को याद नहीं करना चाहतीं, लेकिन जब वे इसके बारे में सोचती हैं तो उनकी आँखों में आँसू आ जाते हैं.

घर तबाह


उत्तराखंड बाढ़ से प्रभावित सरस्वती देवी
16 जुलाई की रात सरस्वती देवी के लिए न भूलने वाली रात साबित हुई.
हादसे वाले दिन क्या हुआ था, इस बारे में पूछे जाने पर वह कहती हैं, "16 तारीख के दिन से ही धौली गंगा नदी में पानी बढ़ने लगा था. जिस तरह नदी में पानी बढ़ रहा था, उसे देखते हुए हमें लगा कि कुछ अनर्थ होने वाला है. हमारे घर तबाह होने जा रहे हैं. हमने अपना थोड़ा बहुत सामान बाँधा, और दूसरी जगह रखने लगे. शाम पाँच बजे के आसपास हमने देखा कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा में पड़ने वाला पुल भी ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा था."

उस लम्हें भय और आशंका के माहौल के बीच बचाव की कोशिशों के लिए तमाम विकल्पों पर विचार किया जा रहा था.
सरस्वती बताती हैं, "यही एक मात्र पुल है जो हमारे गाँव को जोड़ता है. इस पुल के टूटने के बाद तो जान बचाना असंभव था. हम सब ने जल्दी-जल्दी पुल पार किया और खिम गाँव से भागकर कंजौती आ गए. रात में कंजौती का जो झरना है, उसमें भी ज़बरदस्त पानी आ गया था."

"एक ओर नदी बढ़ रही थी तो दूसरी तरफ़ झरने से पानी और मलबा गिर रहा था. रात में बारह बजे के आसपास नदी से ऐसी भयानक आवाज़ें आने लगीं कि हम सब बहुत डर गए. मेरे साथ दस बच्चे थे. मैंने दो बच्चों को कंधे पर उठाया और एक को गोद में लिया और सारे के सारे पहाड़ की एक गुफा में छिप गए."

पूरा गाँव शमशान


उत्तराखंड बाढ़ से प्रभावित एक गाँव
"साढ़े बारह बजे भयानक तूफान आया कि सब कुछ उड़ने लगा. मकान की छतें उड़ गईं, मोटर साइकिलें बह गईं. गाय, भैंस, बकरी सब पानी में बहने लगे. मेरी 50 से ज़्यादा बकरियां ग़ायब हो गईं. बहते हुए लोगों ने नदी में जो कुछ सहारा मिला, पकड़कर अपनी जान बचाई लेकिन फिर भी दो लोग बहकर मर गए."

"हम सब उस गुफा में बैठे रहे, बच्चे रो रहे थे. गुफा में भी डर लग रहा था कि कहीं पत्थर ऊपर से न बरसने लगें. लेकिन ऊपर वाले की कृपा है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ. पूरी रात और पूरा दिन हम उस गुफा में ही छिपे रहे. वो रात अब तक की सबसे काली रात थी, सवेरा होने पर देखा कि गाँव तो है ही नहीं, पूरा गाँव बह चुका था. पूरा गाँव श्मशान बन चुका था."
"पहने हुए कपड़ों को छो़ड़कर कुछ भी नहीं बचा था हमारे पास. हम इसके बाद एक पड़ोसी गाँव न्यूसुआ गए, वहाँ लोगों ने हमें खाना खिलाया और पहनने को कपड़े दिए. कुछ दिन बाद पुलिस वाले हमें इस शिविर में ले आए. इस शिविर में रहते हुए एक महीना होने को है. हम खाना तो खा रहे हैं लेकिन बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. हमारा मकान, मवेशी सब कुछ बह गया. समझ नहीं आता क्या करें. अब आगे क्या होगा, भगवान ही मालिक है."

यह कहानी अकेले सरस्वती बिष्ट की नहीं है. उत्तराखंड में बाढ़ से बच गए तकरीबन सभी लोगों के पास ऐसे ही कई अनुभव हैं जिससे सुनकर यह समझना मुश्किल नहीं कि कि उस रात बाढ़ की शक्ल में मौत किस तरह आई होगी.

 

विंबलडन चैम्पियन बारतोली ने लिया संन्यास

 गुरुवार, 15 अगस्त, 2013 को 15:46 IST तक के समाचार


बारतोली ने विंबलडन जीत के बाद ही संकेत दिया था कि उनक फिटनेस सही नहीं है
वर्तमान महिला विंबलडन चैंपियन मारियन बारतोली ने अपनी जीत के महज़ 40 दिन के भीतर ही खेल से संन्यास की घोषणा कर दी है. विंबलडन 2013 उनके करियर का एकमात्र ग्रैंड स्लैम ख़िताब है.
दुनिया की सातवें नंबर की इस फ्रेंच खिलाड़ी ने एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहा कि उनकी लगातार बरक़रार चोटों की वजह से उन्हें ये फ़ैसला लेना पड़ रहा है.
बारतोली ने सिनसिनाटी ओपन में सिमोना हैलेप के हाथों मिली हार के बाद प्रेस के सामने बेहद भावुक होकर कहा, ''यही वक्त है जब मुझे संन्यास लेना होगा और इसे अपना करियर मानना होगा. मुझे लगता है मेरी विदाई का समय आ चुका है.''

मुश्किल फ़ैसला

बारतोली ने कहा, ''ये फ़ैसला बेहद मुश्किल है. मैं लंबे समय से टेनिस खेल रही हूं और मुझे अपना सबसे बड़ा सपना सच करने का मौक़ा मिला है. सब लोग मेरी वो जीत याद रखेंगे न कि ये आख़िरी मैच. मैने ख़्वाब को सच्चाई में बदला है और ये मेरे साथ हमेशा रहेगा. लेकिन अब मेरा शरीर हर चीज़ सहने के लिए तैयार नहीं है.''
महिला टेनिस संघ की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी स्टेसी एलेस्टर ने बारतोली की तारीफ़ करते हुए कहा, ''वो एक प्रेरणादायक चैंपियन और महिला टेनिस की महान प्रतिनिधि हैं जिन्होने खेल को अपना जीवन समर्पित किया. मुझे उन पर, उनके मूल्यों और विंबलडन जीत को संभव बनाने पर गर्व है.''

विंबलडन जीत


बारतोली ने विंबलडन फ़ाइनल मे सबीन लेज़िकी को मात दी थी
जुलाई में विंबलडन फ़ाइनल मुक़ाबले में जर्मनी की सबीन लिज़ीकी को हराकर ख़िताब अपने नाम करने वाली बारतोली ने कहा कि वो जब खेलती हैं तो उन्हें लगातार कंधे,पीठ और ऐड़ी के ऊपर दर्द रहता है.
उन्होने कहा कि ‘‘ये हमेशा से मुश्किल रहा है.मैं इससे ज़्यादा नहीं खेल सकती.’’ विंबलडन जीत विंबलडन में 6-1 6-4 की अपनी फा़इनल जीत के बाद ही बारतोली ने इस बात का संकेत किया था कि खेल में लगने वाली मेहनत उनकी सेहत पर बुरा असर डाल रही है.
2007 में विंबलडन उप-विजेता रही बारतोली के हाथ कोई ग्रैंड स्लैम का ख़िताब 47वें प्रयास में लगा. वो इतना लंबा इंतज़ार करनी वाली पहली महिला टेनिस खिलाड़ी हैं. फ़िलहाल सिनसिनाटी ओपन खेलने टोरंटो पहुंची इस खिलाड़ी को पहले राउंड में बाय मिला था जबकि दूसरा राउंड हारने के बाद ही उन्होने ये फ़ैसला ले लिया.

 

फाइनल में पहुँचने से चूकी सिंधु, मिला कांस्य पदक

 शनिवार, 10 अगस्त, 2013 को 15:27 IST तक के समाचार

बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु
भारत की उभरती हुई बैटमिंटन स्टार खिलाड़ी पीवी सिंधु को विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल मुकाबले में कांस्य पदक मिला है. अस्सी के दशक के बाद पहली बार किसी भारतीय खिलाड़ी ने इस प्रतियोगिता में पदक जीता है.
शनिवार को हुए एक महत्वपूर्ण मुकाबले में पीवी सिंधु के सामने दुनिया की नंबर तीन खिलाड़ी थाईलैंड की रचनोक इंथैनन थीं.
रचनोक ने सिंधु को सीधे मुकाबले में 21-10 और 21-13 के अंतर से हराया.
दुनिया की 12 नंबर की खिलाड़ी पीवी सिंधु अपना पहला बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप खेल रही थीं.
सेमिफाइनल में पहुँचने के लिए सिंधु ने इस प्रतिस्पर्द्धा में कई बड़े उलट फेर किए.
वे अभी तक वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में जाइंट किलर साबित हुई थीं.
उन्होने प्री क्वार्टर फाइनल में दूसरी वरीयता प्राप्त चीन की यिहान वांग को हराया था और क्वार्टर फाइनल में चीन की ही शिजियान को शिकस्त दी थी.

एकतरफा मुकाबला

बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु
लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में सिंधु रचनोक के सामने लगभग बेबस ही हो गईं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 36 मिनट तक चले महिलाओं के इस एकल मुकाबले में रचनोक ने कोर्ट के हर छोर पर अपने शॉट्स खुलकर खेले.
इसके ठीक उलट सिंधु संघर्ष करती हुई दिख रही थीं. उन्होंने कुछ ऐसी गलतियाँ कर दीं जिससे उनकी विरोधी रचनोक को खेल की शुरुआत में बढ़त मिल गई.
रचनोक ने कुछ ललचाने वाले शाट्स खेले जिसने सिंधु को उलझाकर रख दिया और इस चक्कर में वे मैदान पर संघर्ष करती हुई दिख रहीं थीं.
सिंधु को थाईलैंड की इस खिलाड़ी का खेल समझने में मुश्किल पेश आ रही थी और इसका नतीजा यह निकला कि रचनोक को 19-10 की बढ़त मिल गई.
पहले दौर की 10 अंकों की बढ़त के बाद रचनोक का खेल खत्म होने तक दबदबा बरकरार रहा.
सिंधु भले ही हार गईं लेकिन विश्व बै़डमिंटन चैंपियनशिप के एकल वर्ग में पदक जीतने वाली वे पहली भारतीय महिला बन गई हैं.

दबाव में साइना

साइन नेहवाल
साइना चौथी बार क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाईं.
भारत की साइना नेहवाल तीन बार इस चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थीं और इत्तेफ़ाक से इस बार चौथी मर्तबा भी उनका सफर क्वार्टर फाइनल में ही टूट गया.
साइना नेहवाल क्वार्टर फाइनल में अपने से कहीं नीचे की वरीयता हासिल कोरिया की यिओन जू बेई से 21-19,21-17 से हार गईं.
साइना नेहवाल को इस टूर्नामेंट में तीसरी वरीयता दी गई थी जबकी जू बेई को तेरहवी वरीयता हासिल थी.
इसके साथ ही विश्व चैंपियनशिप में कोई पदक जीतने का सपना एक बार फिर साइना नेहवाल के लिए सपना ही साबित हुआ.

 

यूसैन बोल्ट की बादशाहत कायम, जीता विश्व खिताब

 सोमवार, 12 अगस्त, 2013 को 03:39 IST तक के समाचार

यूसैन बोल्ट
100 मीटर फर्राटा दौड़ के ओलंपिक चैंपियन जमैका के क्लिक करें यूसैन बोल्ट ने मॉस्को में चल रही विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया. इस जीत के साथ ही बोल्ट ने एक बार फिर साबित कर दिया कि 100 मीटर फर्राटा दौड़ में उनके मुकाबले में कोई नहीं है.
यूसैन बोल्ट
साल 2011 में दाएगु में बोल्ट गलत शुरुआत के कारण अयोग्य करार दिए गए थे और तब उनके हमवतन योहान ब्लैक ने सोना जीता था. लेकिन इस बार बोल्ट ने कोई गलती नहीं की और 2009 का इतिहास दोहराते हुए दूसरी बार इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया.
यूसैन बोल्ट
इस बार बोल्ट के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी अमरीका के जस्टिन गैटलिन थे. फ़ाइनल रेस में गैटलिन ने बोल्ट को कड़ी चुनौती दी और आधे समय तक वो आगे भी रहे. लेकिन हमेशा की तरह फ़िनिशिंग लाइन के करीब पहुंचने से पहले बोल्ट ने तेज़ रफ्तार भरी और गैटलिन को पछाड़कर चैंपियन बन गए.
यूसैन बोल्ट
बीजिंग ओलंपिक और लंदन ओलंपिक के चैंपियन बोल्ट ने इस दौड़ को पूरा करने में महज़ 9.77 सेकंड का समय लिया जो इस सत्र में उनका सर्वश्रेष्ठ समय है. गैटलिन ने 9.85 सेकंड का समय निकाला और उनका बोल्ट को पछाड़ने का सपना अधूरा रह गया.
जमैका के ही नेस्टा कार्टर ने 9.95 सेकंड का समय लेते हुए तीसरा स्थान हासिल किया.
यूसैन बोल्ट
दिलचस्प बात यह है कि प्रतियोगिता में शीर्ष पांच एथलीटों में चार जमैका के ही रहे. चौथे स्थान पर जमैका के केमर बैले कोले और पांचवें स्थान पर निकेल शमेदे रहे.

 

भारतीय पनडुब्बी में आग, 18 फंसे


सिंधुरक्षक हादसा: चार नौसैनिकों के शव मिले

बुधवार, 14 अगस्त, 2013 को 12:30 IST तक के समाचार

आईएनएस सिंधुरक्षक
आईएनएस सिंधुरक्षक को हाल ही में रूस में उन्नत बनाया गया था. (फ़ोटो: रॉयटर्स)
मुंबई में मंगलवार देर रात भारतीय नौसेना की एक पनडुब्बी में धमाका हुआ. धमाके के बाद पनडुब्बी डूबने लगी. इसमें कुछ नौसैनिकों के मारे जाने और कुछ के फंसे होने की आशंका है. पनडुब्बी को निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं.
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि इस घटना में मारे गए लोगों के प्रति उन्हें दुख है. उन्होंने कहा कि घटनास्थल का दौरा करने के लिए वे मुंबई जाएंगे.
आईएनएस सिंधुरक्षक नाम की इस पनडुब्बी में धमाके के बाद आग लग गई. कई नौसैनिक अपनी आग से बचाने के लिए पानी में कूद गए.
भारतीय नौसेना ने एक बयान में घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि पनडुब्बी और उसमें फंसे नौसैनिकों को निकालने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.

मुंबई से बीबीसी संवाददाता मधु पाल के मुताबिक अभी यह बात साफ नहीं हुई है कि धमाका मशीनी गड़बड़ी के कारण हुआ या फिर इसकी वजह कुछ और है. अमूमन इस पनडुब्बी में करीब 100 नौसैनिक काम करते है लेकिन रात के समय इसमें करीब 50 नौसैनिक रहते हैं.
संवाददाता का कहना है कि धमाके के बाद पनडुब्बी डूबने लगी. इसके साथ खड़ी एक अन्य पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरत्न को भी मामूली नुकसान पहुंचा है.
इस घटना में कई नौसैनिक घायल भी हो गए जिन्हें कोलाबा स्थित नौसैनिक अस्पताल आईएनएचएस अश्विनी ले जाया गया है.

कारण

आग और धमाके के कारणों, पनडुब्बी को हुए नुकसान एवं हताहतों की संख्या के बारे में अभी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
आग बुझाने में मुंबई दमकल विभाग और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की कम से कम 16 गाड़ियों की मदद ली गई. आग से उठने वाले धुंए को दक्षिण मुंबई के कई इलाक़ों में साफ देखा जा सकता था.
दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि तड़के क़रीब तीन बजे आग पर काबू पा लिया गया.
अधिकारियों ने बताया कि आग के कारणों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

रुसी मीडिया में चर्चा

रूस निर्मित 16 साल पुरानी सिंधुघोष क्लास की इस पनडुब्बी को हाल ही में उन्नत बनाया गया था.
अधिकांश रुसी वेबसाइटों ने सिंधुरक्षक पनडुब्बी में धमाके की खबर को प्रमुखता दी है.
समाचार पत्र ‘वेडोमोस्ती’ ने लिखा है कि हाल ही में ये पनडुब्बी रुस से अपग्रेड होकर भारत वापस आई थी, लेकिन अखबार ने रुस के काम की गुणवत्ता पर कोई सवाल नहीं उठाया है.


हाल ही में अपग्रेड हुई थी आईएनएस सिंधुरक्षक

 बुधवार, 14 अगस्त, 2013 को 11:18 IST तक के समाचार

(तस्वीर: रॉटयर्स )
मुंबई में नौसेना की गोदी में धमाके का शिकार हुई पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक को 16 साल पहले भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और इसका हाल ही में आधुनिकीकरण किया गया था.
सिधुघोष श्रेणी की इस डीज़ल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को रूस में बनाया गया था और 24 दिसंबर 1997 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.
भारत ने 1986 से 2000 के बीच किलो क्लास की ऐसी दस पनडुब्बियां रूस से हासिल की थी.
आईएनएस सिंधुरक्षक के बैट्री कम्पार्टमेंट में फरवरी 2010 में आग लगी थी जिसमें एक नौसैनिक मारा गया था. तब यह पनडुब्बी विशाखापट्टनम में नौसेना गोदी में तैनात थी.
उसी साल इसे उन्नत बनाने के लिए रूस भेजा गया. ज़्वेजदोच्का गोदी में दो साल तक चली मरम्मत के दौरान इसमें कई आधुनिक प्रणालियां जोड़ी गईं थीं.

क्रूज़ मिसाइल

आईएनएस सिंधुरक्षक को क्लब एस क्रूज़ मिसाइलों से सुसज्जित किया गया जो 200 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम हैं.
साथ ही इसमें भारत और विदेश में विकसित दस नई प्रणालियों को भी जोड़ा गया था जिनमें यूएसएचयूएस हाइड्रो एकॉस्टिक सोनार सिस्टम और सीएसएस एमके-2 रेडियो कम्यूनिकेशन सिस्टम शामिल था.
अधिकारियों के मुताबिक़ इसे उन्नत बनाने में आठ करोड़ डॉलर का खर्च आया था.
इसके इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, कंट्रोल सिस्टम और इंटिग्रेटेड वेपन कंट्रोल सिस्टम को भी अपडेट किया गया था.

नौसेना की ताकत

भारत के पास किलो क्लास में सिंधुरक्षक के अलावा सिंधुघोष, सिंधुध्वज, सिंधुरत्न, सिंधुवीर, सिंधुकेसरी, सिंधुकीर्ति, सिंधुविजय, सिंधुराज और सिंधुराष्ट्र पनडुब्बियां हैं.
7.2 मीटर लंबी सिंधुरक्षक पनडुब्बी भारतीय नौसेना की ताकत का एक अहम हिस्सा है. यह समुद्र के अंदर 640 किलोमीटर तक जा सकती है.
2300 टन वजन वाली पनडुब्बी की कीमत करीब 490 करोड़ रुपये है.
सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियां समुद्र में 300 मीटर की गहराई तक गोता लगा सकती हैं. इनकी अधिकतम रफ्तार 18 समुद्री मील है और ये चालक दल के 53 सदस्यों के साथ 45 दिन तक समुद्र में रह सकती हैं.

सिंधुरक्षक की मरम्मत ठीक से हुई थी: रूसी कंपनी

 बुधवार, 14 अगस्त, 2013 को 16:47 IST तक के समाचार

सिंधुरक्षक को 24 दिसंबर 1997 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था .
सिंधुरक्षक को 24 दिसंबर 1997 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था.
मुंबई में नौसेना की गोदी में धमाके का शिकार हुई पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक को बनाने वाली रूसी कंपनी का कहना है कि पनडुब्बी की मरम्मत ठीक से की गई थी.
रूस की सरकारी न्यूज़ एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार सिंधुरक्षक की हाल ही में रूस के जहाज बनाने वाले कारखाने ज़्वेजदोच्का में मध्यम स्तर की मरम्मत की गई थी और उसे अधिक उन्नत बनाया गया था.
ज़्वेजदोच्का के प्रवक्ता ने बुधवार को आरआईए को बताया कि क्लिक करें पनडुब्बी को ठीक करने के बाद भारत की तरफ से उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली थी.
प्रवक्ता ने कहा, "हमने पनडुब्बी की मध्यम श्रेणी की मरम्मत और उसके आधुनिकीकरण के लिए जून 2010 में एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे और जनवरी 2013 में इसे ठीक कर वापस लौटा दिया गया"

'कई पुर्ज़े'


"मरम्मत के नियमों के अनुसार पनडुब्बी के पावर ब्लॉक पर भी काम किया गया था." (फ़ोटो: रॉयटर्स)
उन्होंने बताया, "पनडुब्बी में नया क्लब मिसाइल तंत्र लगाया गया था, बहुत से विदेश निर्मित और भारतीय पुर्ज़े लगाए गए थे. इनमें नेविगेशन और कम्यूनिकेशन तंत्र, एक रेफ्रिजरेशन ब्लॉक और एक्युमलेटर्स शामिल थे."
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि , "मरम्मत के नियमों के अनुसार पनडुब्बी के पावर ब्लॉक पर भी काम किया गया था."
ज़्वेजदोच्का की तरफ से कहा गया कि समुद्र में परिक्षण के समय कुछ दिक्कतें आई थीं लेकिन ऐसा आम तौर पर होता ही है.
ज़्वेजदोच्का के प्रवक्ता ने कहा कि ज़्वेजदोच्का के जहाज़ निर्माताओं ने पनडुब्बी मिलने पर सभी दिक्कतों को दूर किया था और हस्तांतरण के नियमों के पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे.

'कोई शिकायत नहीं'

प्रवक्ता ने कहा कि पनडुब्बी में कोई कमी नहीं थी और भारत ने कोई शिकायत नहीं की थी.
आरआईए नोवोस्ती ने प्रवक्ता का नाम दिए बगैर बताया कि ज़्वेजदोच्का के प्रवक्ता का कहना है कि उनके आठ लोग इस समय रूस में हैं लेकिन इस समय उनमें से किसी से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है.

सिंधुरक्षक में सवार नौसैनिकों की सूची जारी

 शुक्रवार, 16 अगस्त, 2013 को 00:09 IST तक के समाचार

नरोत्तम देउरी
सिंधुरक्षक पर सवार नरोत्तम देउरी असम के लखीमपुर के रहने वाले हैं.
भारतीय नौसेना ने सिंधुरक्षक पनडुब्बी हादसे में लापता अधिकारियों और सैनिकों के नामों की सूची जारी की है. बुधवार तड़के भारतीय नौसेना की पनडुब्बी सिंधुरक्षक धमाके के बाद मुंबई तट पर डूब गई थी.
धमाके के वक़्त सिंधुरक्षक में 18 नौसैनिक सवार थे जिनमें तीन अधिकारी और 15 नाविक थे.
अधिकारियों में लेफ़्टिनेंट कोमोडोर निखिलेश पाल, लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आलोक कुमार और लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आर वेंकिटराज शामिल थे.
नाविक अतुल शर्मा
नौसैनिक अतुल शर्मा हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से हैं.
सैनिकों में संजीव कुमार, केसी उपाध्याय, टिमोथी सिन्हा, केवल सिंह, सुनील कुमार, दसारी प्रसाद, लीजू लारेंस, राजेश टूटिका, अमित के सिंह, अतुल शर्मा, विकास ई, नरोत्तम देउरी, मलय हलदर, विष्णु वी और सीताराम बडापल्ली शामिल हैं.

भारतीय रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य के मुताबिक़ फंसे नौसैनिकों को अभी तक देखा या ढूँढा नहीं जा सका है. मंत्रालय ने कहा, "पनडुब्बी के भीतर पानी भरा हुआ है जिसके कारण गोताख़ोर भीतर देख नहीं पा रहे हैं. साथ ही अंदर बेहद सीमित जगह है और घटना के कारण उपकरण अपनी जगह से हिल गए हैं."
टिमोथी सिन्हा
नौसैनिक टिमोथी सिन्हा 29 साल के हैं और असम के सिलचर से हैं.
मंत्रालय ने कहा कि धमाके से उपजी गर्मी के कारण पनडुब्बी का कुछ हिस्सा टूट-फूट गया है. प्रवक्ता के मुताबिक़ उनको तलाशने का अभियान जारी है.
भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए कहा, "हमें इस बात से बहुत तकलीफ़ है कि बुधवार को एक दुर्घटना में हमने अपनी पनडुब्बी सिंधुरक्षक को खो दिया."

सिंधुरक्षक की हाल ही में रूस के जहाज़ बनाने वाले कारख़ाने ज़्वेजदोच्का में मध्यम स्तर की मरम्मत की गई थी और उसे अधिक उन्नत बनाया गया था.
भारत ने 1986 से 2000 के बीच किलो क्लास की ऐसी दस पनडुब्बियां रूस से हासिल की थी.
आईएनएस सिंधुरक्षक के बैट्री कम्पार्टमेंट में फरवरी 2010 में आग लगी थी जिसमें एक नौसैनिक मारा गया था. तब यह पनडुब्बी विशाखापट्टनम में नौसेना गोदी में तैनात थी.


सिंधुरक्षक हादसा: चार नौसैनिकों के शव मिले

 शुक्रवार, 16 अगस्त, 2013 को 17:04 IST तक के समाचार

भारतीय नौसेना ने कहा है कि उनके गोताखोर डूबी हुई पनडुब्बी क्लिक करें सिंधुरक्षक से चार नौसैनिकों के शव निकालने में सफल हो गए हैं और बाकी के जीवित होने की संभावना न के बराबर है.
हादसे के वक्त पनडुब्बी में 18 नौसैनिक थे. भारतीय नौसेना के मुताबिक चार शव निकाले जा चुके हैं लेकिन उनकी स्थिति इतनी खराब है कि उन्हें पहचानना बेहद मुश्किल है.
नौसेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि 14 अगस्त से ही क्लिक करें पनडुब्बी में पहुँचने के उनके प्रयास जारी थे लेकिन पनडुब्बी में खौलते हुए पानी के चलते वे अंदर दाख़िल नहीं हो पा रहे थे.
बयान के अनुसार क्लिक करें पनडुब्बी के भीतरी हिस्से में जाना तो लगभग असंभव ही था क्योंकि दुर्घटना के बाद दरवाज़े जाम थे, सीढ़ियाँ ध्वस्त थीं, हर जगह तेल और कीचड़ फैला हुआ था. घुप्प अंधेरे में इन नौसैनिकों की तलाश करना बेहद मुश्किल था.
नौसैनिकों को खोजने में आ रही मुश्किलों के बारे में नौसेना का कहना है कि पनडुब्बी के अंदर स्थितियाँ इतनी खराब थीं कि एक समय में सिर्फ़ एक ही गोताखोर आगे बढ़ सकता था और रास्ता साफ़ कर सकता था.

विपरीत परिस्थितियाँ

36 घंटे तक विपरीत परिस्थितियों में काम करने के बाद आख़िरकार नौसेना के गोताखोर शुक्रवार 16 अगस्त तड़के पनडुब्बी के दूसरे हिस्से में दाख़िल होने में कामयाब हो पाए.
बयान में कहा गया है कि तीनों शव इतनी बुरी स्थिति में हैं कि उनकी पहचान करना फ़िलहाल मुश्किल है.
इन तीनों शवों को नौसेना के अस्पताल आईएनएचएस अश्विनी ले जाया गया है. शवों की पहचान करने के लिए डीएनए जाँच की जाएगी और इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है.
नौसेना का कहना है कि धमाके के चलते क्लिक करें पनडुब्बी का नियंत्रण कक्ष का इलाका बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है. अत्यधिक गर्मी पैदा होने की वजह से धातु पिघल गई है. इस वजह से बाकी नौसैनिकों को भी खोजने में परेशानियाँ पेश आ रही हैं लेकिन नौसेना पनडुब्बी के हर कोने तक पहुँचने की कोशिश कर रही है.
सिंधुरक्षक बुधवार तड़के मुंबई गोदी में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी.
इससे पहले गुरुवार को नौसेना ने लापता अधिकारियों और सैनिकों के नामों की सूची जारी की थी.
अधिकारियों में लेफ़्टिनेंट कोमोडोर निखिलेश पाल, लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आलोक कुमार और लेफ़्टिनेंट कोमोडोर आर वेंकटराज शामिल थे.
सैनिकों में संजीव कुमार, के सी उपाध्याय, टिमोथी सिन्हा, केवल सिंह, सुनील कुमार, दसारी प्रसाद, लीजू लारेंस, राजेश टूटिका, अमित के सिंह, अतुल शर्मा, विकास ई, नरोत्तम देउरी, मलय हलदर, विष्णु वी और सीताराम बडापल्ली शामिल हैं.




 

चार वर्षों में शेयर बाज़ार में 769.41 अंकों की ज़बरदस्त बड़ी गिरावट


 शुक्रवार, 16 अगस्त, 2013 को 19:17

सेंसेक्स
सेंसेक्स में ज़बरदस्त गिरावट दर्ज की गई है

भारत में रुपए की क़ीमत में रिकॉर्ड गिरावट का असर शुक्रवार को शेयर बाज़ार पर भी देखा गया जब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक में 769.41 अंकों की ज़बरदस्त गिरावट देखी गई. ये 18598 पर बंद हुआ.
पिछले चार सालों में ये सबसे बड़ी गिरावट है. लुढ़कते रुपए के अलावा अमरीका में सरकारी आर्थिक मदद वापस लेने की अटकलों का भी बाज़ार पर असर पड़ा.

बैंकों, धातु सेक्टर और रियलिटी क्षेत्र के शेयरों में सबसे ज़्यादा गिरावट आई.
30 शेयरों वाले सेंसेक्स में हीरो मोटोकोर्प को छोड़कर बाकी सभी को नुकसान हुआ, खा़सकर रिलायंस इंडसट्रीज़, ओएनजीसी, जिंदल स्टील और मारुति को.
कारोबार शुरु होने पर सूचकांक 19,297.11 अंकों पर था और एक समय ये 18,559.65 तक गिर गया. निफ़्टी भी 234.45 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ.
इससे पहले दिन में शुक्रवार को बाजार खुलने के साथ हीक्लिक करें रुपये में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई . सुबह 10.30 बजे कारोबार में एक डॉलर की कीमत 62.03 रुपये पहुँच गई थी. हालांकि इसके बाद कारोबार में कुछ नरमी दिखाई दी.
पिछले सप्ताह एक डॉलर 61.80 रुपए तक बिका था.पिछले कई महीनों से डॉलर की कीमत रुपए के मुकाबले काफी कमजोर हुई है.

रेटिंग में गिरावट


अभी कुछ दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग संस्था फिच ने भारत की क्रेडिट रेटिंग आउटलुक में कटौती करते हुए इसे ‘स्थिर’ से ‘नकारात्मक’ कर दिया था.
इससे पहले स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने भी नीतिगत फैसलों में सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए भारत के लिए अपनी क्रेडिट रेटिंग में कटौती की थी.

फिच का अनुमान है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी जो पिछले अनुमान 7.5 फीसदी से कम है.
भारतीय औद्योगिक जगत की कई हस्तियाँ देश की आर्थिक स्थिति पर चिंता जता चुकी हैं. एनआर नारायण मूर्ति और अजीम प्रेमजी ने आर्थिक बदहाली के लिए कुछ दिन पहले यूपीए सरकार की कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि इससे देश की छवि को धक्का पहुंचा है.

 

 

Happy :) Independence Day 15 August 2013(67th)


Jai Hind......happy :) independence day to all my friends...


Mera Mulk Mera Desh Lyrics - Diljale (1996)

Movie/Album:Diljale (1996)
Singers:Aditya Narayan Jha, Kumar Sanu
Song Lyricists:Javed Akhtar
Music Composer:Anu Malik
Music Director:Anu Malik
Director: Harry Baweja
Music Label:T-series
Starring:Ajay Devgn, Sonali Bendre, Madhoo, Amrish Puri, Shakti Kapoor, Parmeet Sethi
Release on:20th September, 1996

Mera Mulk Mera Desh Song Lyrics

Song Duration: 06:11
Mera mulk mera desh mera yeh watan
Shanti ka unnati ka pyaar ka chaman
Mera mulk mera desh mera yeh watan
Shanti ka unnati ka pyaar ka chaman
Is ke vaaste nisaar hai mera tan mera man
Aye watan aye watan aye watan
Jaaneman jaaneman jaaneman
Aye watan aye watan aye watan
Jaaneman jaaneman jaaneman
Mera mulk mera desh mera yeh watan
Shanti ka unnati ka pyaar ka chaman

Is ki mitti se bane tere mere yeh badan
Is ki dharti tere mere vaaste gagan
Is ne hi sikhaya humko jeene ka chalan
Jeene ka chalan
Is ke vaaste nisaar hai mera tan mera man
Aye watan aye watan aye watan
Jaaneman jaaneman jaaneman
Mera mulk mera desh mera yeh watan
Shanti ka unnati ka pyaar ka chaman

Apne is chaman ko swarg hum banayenge
Kona kona apne desh ka sajayenge
Jashn hoga zindagi ka honge sab magan
Honge sab magan
Is ke vaaste nisaar hai mera tan mera man
Aye watan aye watan aye watan
Jaaneman jaaneman jaaneman
Mera mulk mera desh mera yeh watan
Shanti ka unnati ka pyaar ka chaman
Mera mulk mera desh mera yeh watan
Shanti ka unnati ka pyaar ka chaman
Is ke vaaste nisaar hai mera tan mera man
Aye watan aye watan aye watan
Jaaneman jaaneman jaaneman
Aye watan aye watan aye watan
Jaaneman jaaneman jaaneman.


A Beautiful Song Fully Dedicated to My Hindustan...must watch and enjoy...

http://youtu.be/MoYJJyczOTg







 

 

हाफिज सईद ने देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले पर हमले की धमकी दी है

 लाल किला उड़ाने की धमकी, दिल्ली में अलर्ट

नई दिल्ली 9 अगस्त 2013 4:50 PM IST
high alert in delhi after warning of hafiz saeed
लश्कर-ए-तैयबा का चीफ और मुंबई हमलों का मास्टर माइंड हाफिज सईद एक बार फिर दिल्ली को दहलाने की फिराक में है।

सूत्रों के मुताबिक लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में शुक्रवार को ईद की नमाज के दौरान हाफिज सईद ने देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले पर हमले की धमकी दी है।

इस संबंध में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने दिल्ली पुलिस को चिट्ठी लिखी है।


पुलिस ने चिट्ठी मिलने के बाद दिल्ली में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। इसके साथ ही दिल्ली में सुरक्षा-व्यवस्‍था भी चाक चौबंद कर दी गई है।



हाफिज सईद ने शुक्रवार को लाहौर में हजारों लोगों के साथ ईद की नमाज अदा की। नमाजियों का नेतृत्व सईद ने ही किया। इसके लिए लाहौर में कई जगह उसके पोस्टर भी लगाए गए थे।

घुसपैठ की कोशिश
पिछले कई दिनों से भारत में घुसपैठ करने में नाकाम रहने के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। बृहस्पतिवार तड़के पाकिस्तानी सेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर मेंढर तहसील स्थित सोना गली क्षेत्र में आतंकियों को घुसपैठ करवाने का प्रयास किया, लेकिन भारतीय सेना ने आतंकियों को वापस पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की ओर खदेड़ दिया।

 रक्षा मंत्री ने कहा साजिश में शामिल थी पाक सेना

 गुरुवार, 8 अगस्त, 2013 को 12:05 IST तक

रक्षा मंत्री ने कहा है कि भारतीय जवानों पर हमला करने वाले दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा.
रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने लोक सभा में दिए गए अपने पिछले बयान में सुधार करते हुए कहा है कि भारतीय सैनिकों पर हुए हमले में पाकिस्तान की सेना का विशेष दल शामिल था.
उन्होंने कहा कि उन्होंने इससे पहले सदन में जो बयान दिया था, वह उस समय उन्हें मिली जानकारी पर आधारित था.
उन्होंने कहा कि “ऐसा मानकर नहीं चलना चाहिए कि हमारा संयम हमेशा बना रहेगा.”
एंटनी ने सदन को बताया कि कि "रक्षा मंत्री के रूप में सदन के समक्ष बयान देने की उनकी जिम्मेदारी थी, उस समय उपलब्ध जानकारी के आधार पर उन्होंने ऐसा किया."
उन्होंने कहा कि “हालांकि उसके बाद सेना प्रमुख ने मौके का मुआयना किया और यह पाया कि हमले में पाकिस्तानी सेना का विशेष बल शामिल था.”
उन्होंने कहा कि "इस दुखद घटना और इससे पहले क्रूरता पूर्वक दो सैनिकों के सिर काटने की घटना के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हे बख़्शा नहीं जाएगा."
उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से भारत और पाकिस्तान के राजनयिक संबंध प्रभावित होंगे.

बयान का स्वागत


लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि रक्षा मंत्री का बयान सेना के बयान से मेल नहीं खाता है, इसलिए उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए.
लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने एंटनी के बयान का स्वागत करते हुए कहा है कि, "हम आभार व्यक्त करते हैं कि रक्षा मंत्री ने जो गलती है थी उसे सुधारने का काम किया है. हम राजनीति नहीं कर रहे थे. हम सरकार की गलती को सुधारने की कोशिश में लगे थे."
उन्होंने कहा, "सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए की ऐसी गलती दोबारा न हो."
इससे पहले राज्य सभा की कार्रवाई में बाधा डालने वाले सांसदों की सूची में कांग्रेस पार्टी के एक भी सांसद का नाम न होने पर प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के सांसदों ने ज़ोरदार हंगामा किया. इस सूची में 20 भाजपा सांसदों सहित कुल 22 सांसदों के नाम हैं.
साथ ही तेलंगाना मसले पर हुए हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्रवाई दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी.

विपक्ष की आपत्ति

"इस दुखद घटना और इससे पहले क्रूरता पूर्वक दो सैनिकों के सिर काटने की घटना के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हे बख्शा नहीं जाएगा."
ए के एंटनी, रक्षा मंत्री
एंटनी बुधवार को क्लिक करें राज्यसभा में स्पष्टीकरण दे चुके थे, लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं था और वह उनके बयान पर लोकसभा में स्पष्टीकरण की मांग कर रहा था.
रक्षा मंत्री ने मंगलवार को संसद में दिए बयान में कहा था, ''घात लगाकर यह हमला हथियारों से पूरी तरह लैस 20 उन आतंकवादियों ने किया, जो पाकिस्तानी सेना की वर्दी में थे.''
इस बयान पर क्लिक करें विपक्ष को काफ़ी आपत्ति थी. विपक्ष का कहना था कि एंटनी ने ऐसा कहकर पाकिस्तानी सेना को क्लीन चिट दे दी है.
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते कहा कि एक तरफ तो भारतीय सेना इस हमले के लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहरा रही है, वहीं दूसरी तरफ़ रक्षा मंत्री पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं.
एके एंटनी ने राज्यसभा में अपने बयान पर स्पष्टीकरण के दौरान कहा कि उन्होंने जो बयान दिया वो उपलब्ध जानकारी के मुताबिक था.
विपक्षी दल इस बयान से संतुष्ट नहीं हुए. भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि एंटनी को अपने क्लिक करें 'ग़लत' बयान के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए.
भाजपा के सांसद यशवंत सिन्हा ने एंटनी के बयान को लेकर उनके ख़िलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस दिया था.
उन्होंने एंटनी के बयान को 'हास्यास्पद' बताया था.

 

सैनिकों पर बयान: बिहार के मंत्री ने मांगी माफ़ी

 गुरुवार, 8 अगस्त, 2013 को 15:04 IST
भारतीय सेना प्रमुख
बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री भीम सिंह ने सैनिकों पर दिए अपने 'विवादित' बयान पर खेद व्यक्त किया है.
दरअसल भीम सिंह ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा था कि सैनिक शहीद होने लिए ही सेना में भर्ती होते हैं.
भीम सिंह ने कहा कि वे अपने बयान के लिए क्षमा माँगते हैं, उनका बयान गलत था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके बयान का संज्ञान लिया और उनसे माफ़ी माँगने के लिए कहा.
जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में हुए हमले में मारे गए सैनिकों के शव बुधवार को पटना पहुँचे थे. मारे गए पाँच सैनिकों में से चार बिहार के थे.
सैनिकों के शवों के पटना पहुँचने पर किसी भी मंत्री के मौजूद न रहने पर एक टीवी चैनल के पत्रकार ने मंत्री भीम सिंह से सवाल किया था जिसके जबाव में उन्होंने कहा था कि सैनिक तो शहीद होने के लिए ही सेना में भर्ती होते हैं.
भीम सिंह ने पत्रकार से ही पूछ लिया था कि क्या तुम्हारे माता या पिता अंतिम संस्कार में शामिल हुए हैं.


ग़लत बयान

गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "सैनिकों का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है. मैं विनम्रता से कहना चाहूँगा कि ऐसे संवदेनशील मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुटता दिखानी चाहिए."
मंत्री के बयान पर दुख जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, "ऐसी परिस्थिति में हमारे सहयोगी का जो बयान दिया है वह बहुत ग़लत है. इस बयान का मुझे बेहद दुख और अफ़सोस है. मैं इस पर खेद प्रकट कर रहा हूँ. वे हमारे शहीद हैं, हमारा गौरव हैं. हम उनका अहसान नहीं भूल सकते हैं. उन्होंने अपने प्रयाण न्यौछावर करके देश की सेवा की है."

मुआवज़ा

भीम सिंह
भीम सिंह ने कहा था शहीद होना ही सैनिकों की ड्यूटी है
इससे पहले बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सैनिकों का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार और सैनिकों के परिवारों को राज्य सरकार की ओर से दस-दस लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की थी.
एक सैनिक की विधवा ने मुआवज़े का चेक लेने से भी इनकार कर दिया था.
गुरुवार को ही रक्षामंत्री एके एंटनी ने लोकसभा में घटना की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना के स्पेशल दस्ते इस हमले में शामिल थे.
एंटनी ने कहा कि भारतीय सेना ऐसी घटनाओं से निपटने और नियंत्रण रेखा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है.

 

 

सैनिक मरने के लिए ही सेना में भर्ती होते हैं.

नीतीश के मंत्री ने किया शहीदों का अपमान, कहा- सेना, पुलिस में लोग मरने ही जाते है


नई दिल्ली, 8 अगस्त 2013 | अपडेटेड: 14:36 IST


बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह
बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह

नीतीश कुमार के मंत्री शहीदों का अपमान करने में जुट गए हैं. गुरुवार को बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह से यह पूछा गया कि वे शहीदों के अंतिम संस्कार में क्यों शामिल नहीं हो सके. उन्होंने जवाब दिया, 'सेना और पुलिस में लोग मरने ही जाते हैं.' हालांकि, राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फटकार के बाद भीम सिंह ने अपने बयान पर माफी मांग ली. दरअसल, भीम सिंह से जब एयरपोर्ट न जाने बारे में एक रिपोर्टर ने पूछा तो उन्होंने कहा, 'जवान तो शहीद होने के लिए ही होते हैं. सेना में और पुलिस नौकरी किसलिए होती है. आप थोड़े ही शहीद होइएगा. लोग शहादत के लिए ही जाते हैं. यही उसकी भावना है.'
भीम सिंह ने उल्टे रिपोर्टर से ही सवाल कर डाला, 'आप क्यों नहीं गए नागरिक के तौर पर. आप ड्यूटी पर थे न. आपके बाबूजी गए थे वहां? आपके पिता नागरिक हैं न? आपके पिता गए वहां?'
जैसे ही भीम सिंह का यह बयान सामने आया बिहार में सियासी हंगामा मच गया. आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने तो उनसे इस्तीफे की मांग कर ली. बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने मंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए. अपने मंत्री के कारनामे के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक्शन में आए. उन्होंने भीम सिंह के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और माफी मांगने को कहा.
जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने बताया, 'नीतीश कुमार इस बयान से आहत हैं. उन्होंने भीम सिंह को बयान वापस लेने को कहा है.'
नीतीश कुमार की नाराजगी के बाद भीम सिंह ने मीडिया के सामने माफी मांग ली. मीडिया के तमाम सवालों पर वह एक ही वाक्य कहते नजर आए, 'मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. लेकिन मैं इस पूरे प्रकरण पर खेद प्रकट करता हूं.'
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी सेना के हमले में शहीद हुए बिहार के चार जवानों का पार्थिव शरीर पटना पहुंचा तो राज्य सरकार का एक भी मंत्री जवानों को श्रद्धांजलि देने एयरपोर्ट नहीं पहुंचा.
राज्य के मंत्रियों की बेरुखी यहीं नहीं खत्म हुई. गुरुवार सुबह छपरा में शहीद जवान प्रेमनाथ सिंह और रघुनंदन के अंतिम संस्कार में भी राज्य का कोई मंत्री नहीं पहुंचा.
केंद्र ने भी दिखाई थी बेरुखी
हैरानी की बात यह रही कि शहीदों के सम्मान में कसमें खाने वाला एक भी मंत्री जवानों को श्रद्धांजलि देने एयरपोर्ट नहीं पहुंचा. बुधवार रात दिल्ली एयरपोर्ट पर पूरे सम्मान के साथ शहीदों के शव उतारे गए, पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मौके पर न तो रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी मौजूद थे और न ही केंद्र सरकार का कोई और मंत्री. यह हाल तब है, जब संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है और केंद्र सरकार का लगभग हर मंत्री दिल्ली में मौजूद है. बावजूद इसके एक भी मंत्री को इतनी फुरसत नहीं मिली कि शहीदों के सम्मान में एयरपोर्ट तक पहुंचता.


 

हमले पर अरुण जेटली बोले- एंटनी ने तो पाकिस्तान को बचने का रास्ता दे दिया


  नई दिल्ली, 6 अगस्त 2013 | अपडेटेड: 17:14 IST


अरुण जेटली
अरुण जेटली
पाकिस्‍तान हमले पर जब संसद में हंगामा मचा तो रक्षा मंत्री एके एंटनी सामने आए, करीब दो मिनट का बयान दिया. पूरे घटनाक्रम का ब्यौरा देते हुए दम भरा कि सीमा पर हमारी सेना तैयार है. पर विपक्ष ने उनके इस बयान को खारिज कर दिया है. राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने आरोप लगाया है कि रक्षा मंत्री ने ऐसा बयान दिया है जिसे पाकिस्‍तान ढाल की तरह इस्तेमाल कर सकता है. दरअसल, रक्षा मंत्री ने अपने बयान में कहा था कि बीती रात की घटना को अंजाम देने के लिए करीब 20 आतंकी पाकिस्तानी सेना की वर्दी में भारतीय सीमा के अंदर घुस आए थे. एंटनी के इस बयान पर करारा प्रहार करते हुए अरुण जेटली ने कहा, 'यह बयान पाकिस्तान को ही बचने का रास्ता देता है. पाकिस्तान पहले से दावा करता रहा है कि भारत में होने वाली आतंकी गतिविधियों से उसका कोई लेना-देना नहीं है. चाहे कोई भी आतंकी वारदात हो, पाक का एकमात्र जवाब यही होता है. 1999 के करगिल युद्ध को ही ले लीजिए. पाक आज भी उन घुसपैठियों को अपना नहीं मानता. अगर एंटनी भी इस भाषा में बोलेंगे तो पाक इसे चोर रास्ते की तरह इस्तेमाल करेगा ही.'
अरुण जेटली ने कहा, 'पाकिस्तानी सरकार संबंध सुधारने की बात करती है. वहीं उसकी सेना हमारे सैनिकों पर हमले कर रही है. क्या वाकई में पाकिस्तानी सेना अपने सरकार की बात नहीं मानती है या फिर एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. हमारे लिए यह जानना जरूरी है. पाकिस्तान से बातचीत होनी चाहिए. पर यह इस बात पर निर्भर करे कि पड़ोसी मुल्क का रवैया कैसा है. मौजूदा हालात में सरकार को मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है. '
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान को शक का फायदा नहीं दिया जा सकता. पीएम ने कई साल पहले हरारे में कॉमनवेल्थ मीट से लौटते हुए कहा था कि पाकिस्तान भी आतंकवाद का विक्टम है. शर्म अल शेख में हमने अपनी विदेश नीति में बदलाव किया. पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि उनकी जमीन का इस्तेमाल भारत में आतंक को बढ़ावा देने के लिए ना किया जाए. इसी स्थिति में दोनों देशों के बीच वार्ता आगे बढ़ी. पर स्थिति आज भी नहीं बदली है. पाक की धरती पर अब भी हमारे देश के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं.'
क्या बोले सपा सांसद रामगोपाल यादव
रक्षा मंत्री का बयान निराशाजनक हैं. हमारी सीमा पर चीन और पाकिस्तान की तरफ से घटनाएं हो रही हैं. ये देश के लोगों का, सेना का, बलों का मनोबल तोड़ रही हैं. हम इस स्थिति में नहीं है, नेतृत्व इस स्थिति में नहीं है कि हम पाकिस्तान या चीन की सरकार से ठीक ढंग से मजबूती से अपनी बात कह सकें.

विपक्ष के नेता ने शुरू में ही कहा कि पाकिस्तान से बात करेंगे ये कहकर बचने का रास्ता दे दिया. उन्होंने सेना के लोगों को मारा. आप कह रहे हैं कि आतंकवादियों ने मारा. वही तो ये भी कह रहे हैं. आपने अपने बयान से बचने का रास्ता दे दिया. हम उनसे कुछ कह ही नहीं सकते हैं.


चुप्पी तोड़कर बोली यूपीए सरकार, हम पाकिस्तानी हमले की निंदा करते हैं



रक्षा मंत्री एके एंटनी
रक्षा मंत्री एके एंटनी
विपक्ष और खासतौर पर बीजेपी के आक्रामक तेवरों के बाद आखिर यूपीए सरकार के रक्षा मंत्री एके एंटनी को सोमवार रात पाकिस्तानी सेना की पुंछ सेक्टर में घुसपैठ और भारतीय सेना के पांच जवानों की मौत पर लोकसभा में बयान देना पड़ा. रक्षा मंत्री एंटनी बोले कि हम पाकिस्तान के हमले की निंदा करते हैं. उन्होंने बताया कि पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के आधे किलोमीटर अंदर आकर युद्ध विराम का उल्लंघन किया है. उन्होंने सदन के जरिए देश को सूचित किया कि सीमा पर भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है.गौरतलब है कि सोमवार रात पुंछ सेक्टर के चक्कां दा बाग इलाके में आतंकवादियों के साथ पाकिस्तानी सेना के जवानों ने नियंत्रण रेखा पार की और सीमा पर निगरानी कर रहे बिहार रेजिमेंट के जवानों पर गोलियां बरसाईं. इस कायराना हमले में एक जेसीओ और चार जवान शहीद हुए. मंगलवार को मॉनसून सत्र के दूसरे दिन संसद के दोनों सदनों में इस पर बवाल हुआ. बीजेपी के यशवंत सिन्हा, सपा के मुलायम सिंह यादव और दूसरे नेताओं ने रक्षा मंत्री के बयान की मांग की. इस दबाव के बाद एंटनी भोजनावकाश के बाद कुछ मिनटों के लिए बोले.
उन्होंने कहा कि इस साल अब तक पाकिस्तान से सटी सीमा पर घुसपैठ की 17 घटनाओं को रोका गया है.उन्होंने कहा कि इस साल अब तक 57 केस नियंत्रण रेखा के उल्लंघन के हुए हैं. ये पिछले साल के मुकाबले 80 फीसदी ज्यादा हैं. एंटनी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने 19 खुंखार आतंकवादियों को पकड़ा या मारा गया है.एंटनी ने घुसपैठ के कुछ और आंकड़े दिए और निंदा की बात कहकर बैठ गए.


मणिशंकर अय्यर ने कहा, 'हिम्मत कैसे हुई मुझे ऐसा कहने की'



मणिशंकर अय्यर
मणिशंकर अय्यर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर और एसपी सांसद नरेश अग्रवाल के बीच आज राज्यसभा में तीखी तकरार हो गई. यह तकरार तब हुई जब विपक्षी सांसद जम्मू-कश्मीर में बीती रात पाकिस्तान की ओर से हमले में पांच भारतीय जवानों के शहीद होने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से जवाब मांग रहे थे.सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने हंगामा थमते न देख सदस्यों से पूछा कि क्या वह प्रश्नकाल चलने देना चाहते हैं. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने प्रश्नकाल चलने देने की मांग की लेकिन विपक्षी सदस्यों ने इस पर कड़ा विरोध जताया.
अग्रवाल ने कहा कि भारतीय चौकी पर हमला एक गंभीर मुद्दा है. यह राष्ट्रीय मुद्दा है और देश से ऊपर कुछ नहीं होता. इस पर अय्यर ने कहा कि प्रश्नकाल के लिए भी ऐसे ही गंभीर प्रश्न सूचीबद्ध हैं.
अय्यर ने एसपी सदस्यों से पूछा कि क्या वह प्राकृतिक गैस के दामों में बढ़ोतरी को लेकर चिंतित नहीं हैं? तब अग्रवाल ने कोई टिप्पणी की जिस पर अय्यर नाराज हो गए. अंसारी ने तत्काल यह टिप्पणी कार्यवाही से निकालने के लिए कहा. लेकिन अय्यर शांत नहीं हुए और अग्रवाल की ओर बढ़ते हुए कहा, ‘आपकी हिम्मत कैसे हुई मुझे ऐसा कहने की.’
अय्यर को पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार सहित अन्य सांसदों ने रोका और इसी बीच अंसारी ने बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. कुमार ने अग्रवाल से कहा ‘आपने इतनी बड़ी बात कैसे कह दी.’ भाकपा के डी राजा सहित कुछ सदस्य भी अग्रवाल से यह कहते सुने गए कि अय्यर के खिलाफ की गई टिप्पणी उचित नहीं थी.


सोनिया और राहुल गांधी ने कहा, पाकिस्तान के हमले से सकते में हैं हम, जताया दुख



राहुल और सोनिया गांधी
राहुल और सोनिया गांधी
गांधी परिवार के दोनों राजनीतिक सदस्यों सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने भी पाकिस्तान के कायराना हमले पर दुख जताकर अपना राजनैतिक कर्तव्य पूरा कर लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का लिखित बयान कांग्रेस ने ट्विटर और दूसरे नेटवर्क पर जारी किया. वहीं मीडिया सेल के प्रभारी अजय माकन ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का बयान वाया ट्वीट जारी किया. दोनों ही नेताओं ने पाकिस्तान की निंदा की और सरकार से कड़े कदम उड़ाने का आग्रह किया.
देखें क्या कहा गांधी परिवार ने
कांग्रेस की अध्यक्ष और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने पाकिस्तान के हाथों पांच भारतीय सिपाहियों की धोखे से हत्या पर गहरा दुख और क्षोभ जताया है. शहीद जवानों को श्रद्धांजलि और उनके परिवार को सांत्वना देते हुए सोनिया ने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी और पूरा देश उनके साथ है.उन्होंने कहा कि भारत देश को इस तरह के धोखे भरे कामों से नीचा नहीं दिखाया जा सकता है. सोनिया ने भारत सरकार से आग्रह किया कि इस मसले पर उचित कदम उठाया जाए.
कांग्रेस की मीडिया सेल के प्रभारी महासचिव और पूर्व मंत्री अजय माकन ने ट्वीट कर राहुल गांधी का संदेश बताया. उन्होंने लिखा कि श्री राहुल गांधी ने सरकार से आग्रह किया है कि पाकिस्तान के इस उकसाऊ कदम को शीर्ष स्तर पर उठाया जाए. गांधी ने इस कायराना घटना पर शॉक महसूस किया.


पुंछ में हमले पर संसद में बोले यशवंत सिन्‍हा- कांग्रेस का हाथ किसके साथ? भारत या फिर पाकिस्‍तान



यशवंत सिन्हा
यशवंत सिन्हा
कांग्रेस का हाथ किसके साथ? भारत के या फिर पाकिस्तान के? ये बयान है बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा का. उन्होंने ये बातें लोकसभा में पुंछ में पाकिस्तानी हमले में 5 जवानों के शहीद होने के मसले पर चर्चा के दौरान कहीं. गौर करने वाली बात है कि जब यशवंत सिन्हा बोल रहे थे तो उस वक्त सदन में जमकर हंगामा हो रहा था. यशवंत सिन्हा और अन्य बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इस अहम मुद्दे पर जानबूझकर बीजेपी को बोलने से रोका जा रहा है, जबकि मुलायम सिंह के बयान के दौरान सभी चुप थे.
हंगामे से नाराज यशवंत सिन्हा ने यह सवाल उठाया, 'कांग्रेस अपनी स्थिति स्पष्ट करे. वह किसके साथ है. भारत के या फिर पाकिस्तान के?'
बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने अपने बयान में कहा, 'पाकिस्तान ने हमारी धरती में घुसकर सेना के पांच जवानों को मौत के घाट उतार दिया. जनवरी में भी एक जवान का सिर काटकर ले गए थे. पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना होगा. हमारी सेना में बहुत ताकत है पर उसे असहाय कर दिया गया है.'
हंगामे के बीच उन्होंने कहा, 'बीजेपी की दो मांग है. इस मसले पर रक्षा मंत्री एके एंटनी को बयान देना चाहिए. सदन में व्यवस्थित चर्चा होनी चाहिए'
इससे पहले, मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा में इस मुद्दे पर बयान दिया. उन्होंने कहा, 'पाक से हमारी सीमा को खतरा है. इसके अलावा चीन से भी सचेत रहने की जरूत है. चीन धोखेबाज देश है. इस बार दोनों देश एक साथ धोखा दे रहे हैं. सोनियाजी और रक्षा मंत्री साहब चीन पर भरोसा मत करिएगा.'
उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि पाकिस्तान अब हमसे नहीं डरता है. इसलिए ऐसी हरकतें कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ चीन भारत पर हमला करने की तैयारी कर रहा है. उसने तो नया नक्शा भी तैयार कर लिया है.'
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मुलायम बोले, 'मैंने पहले भी इस सरकार को चेताया था. पीएम बताएं कि सावधान करने के बावजूद सीमा पर जवानों की सुरक्षा में चूक कैसे हो रही है. सरकार को ऐसे हमलों के बारे में पहले से जानकारी क्यों नहीं होती है.'
मुलायम सिंह रक्षामंत्री एके एंटनी पर भी निशाना साधने से नहीं चूके. उन्होंने कहा, 'इस मसले पर रक्षा मंत्री जवाब नहीं दे पाएंगे. पीएम को जवाब देने की जरूरत है.'


 

दुर्गा निलंबन को लेकर FB पर कमेंट करने वाले दलित लेखक कंवल भारती गिरफ्तार

नई दिल्‍ली/रामपुर, 6 अगस्त 2013 |

दुर्गा शक्ति नागपाल
दुर्गा शक्ति नागपाल
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करने के आरोप में बहुचर्चित दलित लेखक कंवल भारती को यूपी पुलिस ने मंगलवार को रामपुर में गिरफ्तार कर लिया. हालांकि पुलिस द्वारा स्‍थानीय अदालत में पेश किए जाने के कुछ देर बाद ही कंवल भारती को जमानत मिल गई. कंवल भारती ने फेसबुक पर लिखा था, 'आरक्षण और दुर्गा शक्ति नागपाल इन दोनों ही मुद्दों पर अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार पूरी तरह फेल हो गयी है. अखिलेश, शिवपाल यादव, आज़म खान और मुलायम सिंह (यूपी के ये चारों मंत्री) इन मुद्दों पर अपनी या अपनी सरकार की पीठ कितनी ही ठोक लें, लेकिन जो हकीकत ये देख नहीं पा रहे हैं, (क्योंकि जनता से पूरी तरह कट गये हैं) वह यह है कि जनता में इनकी थू-थू हो रही है, और लोकतंत्र के लिए जनता इन्हें नाकारा समझ रही है. अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और बेलगाम मंत्री इंसान से हैवान बन गये हैं. ये अपने पतन की पटकथा खुद लिख रहे हैं. सत्ता के मद में अंधे हो गये इन लोगों को समझाने का मतलब है भैंस के आगे बीन बजाना.'
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिए जैसे ही ये खबर आई कि दलित लेखक कंवल भारती को गिरफ्तार कर लिया गया हर कोई अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करने लगा. अधिकांश लोगों ने यूपी सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की. कंवल भारती के इस फेसबुक स्टेटस को सैकड़ों लोगों ने शेयर किया था.


 

 

 

पुंछ: गोलीबारी में पांच भारतीय सैनिकों की मौत


-अगर वे हमारे पांच लोगों को मारते हैं तो पाकिस्तान की सीमा में घुसकर 50 लोगों का मारो

-पाकिस्तान को उसकी औकात बताना जरूरी है

मंगलवार, 6 अगस्त, 2013 को 10:55 
भारत प्रशासित जम्मू और कश्मीर के पुंछ सेक्टर में भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर हुए एक हमले में पाँच भारतीय सैनिकों की मौत हो गई है.
अधिकारियों के मुताबिक ये घटना मंगलवार तड़के भारतीय सेना की एक चौकी पर घटी है. श्रीनगर में मौजूद बीबीसी संवाददाता रियाज़ मसरूर के अनुसार भारतीय सेना के अधिकारियों ने ऐसा हमला होने का दावा किया है.

इस्लामाबाद में मौजूद बीबीसी संवाददाता हारुन रशीद के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के सूत्रों ने सीमा पर किसी तरह की गोलीबारी से इनकार किया है.
पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी ने बीबीसी से कहा है कि, 'भारत की तरफ़ से लगाए जा रहे संघर्ष विराम के आरोप गलत है.'

भारतीय संसद में हंगामा

भारत के केंद्रीय गृहराज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा है कि ये घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर असर पड़ेगा.
संसदीय कार्यमंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि, "रक्षा मंत्री इस मुद्दे पर बयान देंगे. बहुत संवेदनशील मुद्दा है और आज ही इस पर बयान आएगा."
राज्यसभा में इस मामले पर खासा हंगामा हुआ और सभापति हामिद अंसारी ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि यदि वे बहस का नोटिस देंगे तो बहस के लिए समय दिया जाएगा.
लेकिन विपक्ष के सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए.
विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, "हमें तथ्य भी चाहिए क्योंकि ये मीडिया में आ रहा है. रक्षा और विदेश नीति पर भी इसका असर होगा तो सरकार इस सभी मुद्दों पर जवाब देने के लिए तैयार रहे."
इससे पहले भारत प्रशासित जम्मू और कश्मीर राज्य के मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर कहा है कि ये हमला मंगलवार सुबह हुआ जिसमें पांच भारतीय जवानों की मौत हो गई. उन्होंने मारे गए सैनिकों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं जताई है.

उमर अब्‍दुल्ला का ट्वीट
 
घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्‍दुल्ला ने ट्वीट किया, "आज सुबह मुझे एलओसी पर हमारे 5 भारतीय सैनिकों के मारे जाने की जानकारी मिली। मृतकों के परिवार के प्रति मैं हार्दिक संवेदना प्रकट करता हूं।"

उन्होंने ट्विटर पर कहा, "यह घटना पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्तों को सामान्य या बेहतर बनाने में मदद नहीं करेगी और पाक सरकार के इस दिशा में किए गए प्रयासों पर सवाल खड़े करेगी।"



सोमवार देर रात 2 बजे जम्मू के पुंछ सेक्टर में भारतीय जवानों पर पाकिस्तानी सेना के फायरिंग में सेना के पांच जवानों के शहीद होने की खबर हैं. राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला में जवानों के शहीद होने की पुष्टि की है.

सेना के सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों के मुताबिक सोमवार रात को पाकिस्तान सेना ने चक्कां दा बाग इलाके में सरला पोस्ट पर फायरिंग की. पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सीमा में घुसकर हमला किया. इस नापाक हमले में शहीद हुए पांचों जवान 21 बिहार रेजीमेंट के हैं.
दरअसल, कुछ आतंकी बीती रात भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे. जब भारतीय सेना इस घुसपैठ को रोकने की कोशिश तो पाकिस्तानी सेना ने फायरिंग शुरू कर दी. इस हमले में जैश और लश्कर के आतंकियों के शामिल होने की खबर है. भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की. भारत-पाक सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है.



गोली का जवाब गोली हो. पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब मिले. वो गोली मारते हैं और हम कबूतर उड़ाते हैं. इससे काम नहीं चलेगा. पाकिस्तान को उसकी औकात बताना जरूरी है. ये बोल हैं बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन के. जैसे ही जम्मू एवं कश्मीर के पुंछ जिला स्थित नियंत्रण रेखा (LOC) पार कर पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए हमले में पांच सैनिकों के शहीद होने की खबर आई. विपक्षी पार्टियों के नेता पाकिस्तान को सबक सिखाने की दलील दे रहे हैं.
शिवसेना नेता संजय राउत के मुताबिक अब पाकिस्तान पर हमला करने का वक्त आ चुका है. उन्होंने कहा, 'अगर वे हमारे पांच लोगों को मारते हैं तो पाकिस्तान की सीमा में घुसकर 50 लोगों का मारो. ऐसा करने पर ही पाक सबक सीखेगा.'


पाकिस्तानी हमले पर बीजेपी के पीएम दावेदार नरेंद्र मोदी की भी प्रतिक्रिया आई. उन्होंने ट्वीट किया, 'आखिर कब जागेगी केंद्र सरकार? सीमा पर हमारे सैनिकों की सुरक्षा करने में केंद्र सरकार विफल है.'

बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा, 'एक तरफ पाक संबंध सुधारने की बात करता है और दूसरी तरफ घुसपैठ और हिंसा करता है. यह नहीं चल सकता है. अगर यह सरकार देश की सीमा की रक्षा नहीं कर सकती है तो यह किसी काम की नहीं है.'

विपक्षी नेता भले ही युद्ध का बिगुल बजाने की बात कर रहे हों पर सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस अब भी बातचीत को ही संबंध सुधारने का एकमात्र विकल्प बता रही है. कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. अगर पाकिस्तान बातचीत के लिए गंभीर है तो ऐसे हमले बंद होने चाहिए.'

वहीं, केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने कहा, 'यह कोई नई घटना नहीं है. पिछले कई सालों से पाक इस तरह की हरकत करता रहा है. पाकिस्तान को समझना होगा कि दोस्ती और हिंसा एक साथ नहीं चल सकती. हमारी सेना के सब्र की भी सीमा है. प्रधानमंत्री सितंबर महीने में पाकिस्तानी पीएम से मिलने वाले हैं. उन्हें इस मसले को उठाना चाहिए. बातचीत बंद करने से मसले का समाधान नहीं निकलेगा.'

 

 

'अम्मा' बनी 'अन्नपूर्णा', मात्र आठ रुपये में भरपेट भोजन

Updated on: Sun, 04 Aug 2013 10:23 AM
Amma canteen
'अम्मा' बनी 'अन्नपूर्णा', मात्र आठ रुपये में भरपेट भोजन
चेन्नई। योजना आयोग की गरीबी की नई परिभाषा के अनुसार गांव में 27 और शहर में 33 रुपये खर्च करने वाले गरीब नहीं हैं। इसपर कुछ राजनेताओं द्वारा सहमति जताने और 12 रुपये, पांच रुपये और एक रुपये में भी भर पेट खाना मिलने वाली बात कहे जाने के बाद पूरे देश में उबाल आ गया। लेकिन लोगों को क्या पता कि चेन्नई में ऐसा संभव है और वह भी वहां की मुख्यमंत्री जयललिता की योजना की वजह से।

चेन्नई में ही डेढ़ लाख लोगों को एक रुपये में नाश्ता और आठ रुपये में लंच दिया जा रहा है, वह भी अच्छी गुणवत्ता वाला। यह योजना राज्य के नौ और शहरों में शुरू हो गई है।
अम्मा यानी जयललिता कैंटीन सुबह साढे़ सात खुलती है, लेकिन लोगों की कतारें सुबह छह बजे से लगनी शुरू हो जाती है। दस बजे तक एक रुपये में नाश्ते में इडली और पोंगल दिया जाता है। दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक लंच में तीन रुपये में दही-चावल और पांच रुपये में सांभर-चावल। दोनों मिलाकर भरपेट भोजन और खर्च सिर्फ आठ रुपये। शहर में ऐसी 200 कैंटीन हैं, जहां लोग सस्ते में लजीज खाने का लुत्फ उठा रहे हैं।
जयललिता ने इसी साल फरवरी में ऐसी 50 कैंटीन शुरू की थी। लोकप्रिय हुई तो एक ही महीने में इन्हें सारे 200 वार्डो में शुरू करना पड़ा। मकसद था कम आमदनी वालों को कम कीमत में अच्छा भोजन। मगर यहां ड्राइवर, सिक्योरिटी गार्ड, हेल्पर, मजदूर तबके के लोग ही नहीं आते, अच्छे-खासे खाते-पीते घरों के लोग भी कार साइड में लगाते नजर आएंगे।
अम्मा कैंटीन की देखरेख का जिम्मा नगर निगम के हाथों में है। जयललिता ने इस महत्वाकांक्षी स्कीम का जिम्मा 1988 बैच के आईएएस अफसर विक्रम कपूर को सौंपा, जो निगम में कमिश्नर हैं। आइआइएम बेंगलूर से प्रबंधन करने वाले कपूर बताते हैं कि चेन्नई में गरीबी की रेखा के नीचे 20 फीसद आबादी यानी करीब छह लाख लोग हैं। इनमें से हम हर दिन डेढ़ लाख लोगों को भोजन दे रहे हैं। हरेक व्यक्ति को कवर करने के लिए कुल एक हजार कैंटीन शुरू करने की योजना है। अगले महीने रिव्यू के बाद यह काम शुरू हो जाएगा।
अभी एक इडली की लागत एक रुपये 86 पैसे है। हर दिन का खर्च करीब 14 लाख और आमदनी नौ लाख रुपये। बाकी पैसा सरकार से सब्सिडी के रूप में मिल रहा है। योजना को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऐसी मशीनें लगने वाली हैं, जिनसे एक घंटे में तीन हजार इडली बन सकेंगी। कपूर कहते हैं कि तब एक इडली की लागत एक ही रुपये होगी। हम यह सिद्ध करेंगे कि पांच रुपये में पौष्टिक भोजन संभव है। सितंबर में चावल के अलावा चपाती भी मेनू में जुड़ जाएगी। यह स्कीम चेन्नई के बाहर नौ और शहरों-तिरुचिरापल्ली, मदुरई, वेल्लोर, कोयंबटूर, सलेम, तिरुनेलवेली, त्रिपोर, तूतिकोरिन और इरोड में फैल चुकी है

 

 

आईएएस दुर्गाशक्ति का निलंबन रद्द कर सकता है केंद्र

4 अगस्त 2013 12:28 AM 
centre may cancel the suspension of durgashakti
देश में ईमानदारी के साथ नारी शक्ति की नई पहचान बनीं उत्तर प्रदेश की युवा आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल के निलंबन के मामले में अब नया राजनीतिक मोड़ आ गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद इस मामले में दखल देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर कह दिया है कि महिला अफसर के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।

साथ ही सोनिया ने अफसरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करने की बात कही है। सोनिया के मनमोहन को लिखे खत के बाद केंद्र सरकार दुर्गाशक्ति के निलंबन को रद्द करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।

केंद्र के इस रुख को देखते हुए इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा रहा कि अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए यूपी सरकार खुद ही दुर्गाशक्ति का निलंबन रद्द कर दे।

केंद्र के पास निलंबन को रद्द करने का पूरा अधिकार
केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री नारायण सामी ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि दुर्गाशक्ति नागपाल के निलंबन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन बीत जाने के बावजूद अब तक कोई रिपोर्ट नहीं भेजी है और केंद्र के पास युवा आईएएस अधिकारी के निलंबन को रद्द करने का पूरा अधिकार है।

नारायणसामी ने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की कैडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी होने के नाते कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने बीते बृहस्पतिवार को अखबारों और मीडिया की खबरों को देखकर अखिलेश सरकार से नागपाल के निलंबन का कारण और पूरी घटना का ब्यौरा मांगा था।

लेकिन अपने फैसले के पक्ष में अजीबोगरीब तर्क दे रही सपा सरकार ने केंद्र के इस निर्देश की अब तक कोई सुध नहीं ली है। नारायणसामी ने कहा कि कार्मिक विभाग के नियम के मुताबिक अगर नागपाल के निलंबन के पीछे का कारण तर्कसंगत नहीं हुआ तो उनके पास राज्य सरकार के इस फैसले को खारिज करने का पूरा अख्तियार है।

सामी के मुताबिक इसके लिए दुर्गाशक्ति को विभाग के पास अर्जी देनी होगी जिसे तकनीकी तौर पर मेमोरियल कहा जाता है। डीओपीटी आईएएस अधिकारी के निलंबन के कारणों की जांच करेगा। इस क्रम में राज्य सरकार को भी पूरी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

निलंबन का सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने से कोई संबंध नहीं
उच्चपदस्थ सरकारी सूत्रों के मुताबिक आईबी की खुफिया रिपोर्ट से भी यह साफ हो गया है कि नागपाल के निलंबन का ग्रेटर नोएडा के गांव में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने से कोई संबंध नहीं है।

केंद्र को इस बारे में भी कोई शंका नहीं कि यह निलंबन रेत माफिया के दबाव में दिया गया है जिन पर इस महिला युवा अधिकारी ने अपना शिकंजा मजबूत कर लिया था।

लिहाजा डीओपीटी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आगे की कार्रवाई करने का मन बना लिया है। अधिकारी के मुताबिक हालांकि कोई भी कार्रवाई नियमों और उचित प्रक्रिया के तहत ही की जाएगी।

लेकिन केंद्र सरकार उदाहरण कायम करना चाहती है जिससे ईमानदार आईएएस अधिकारियों को अपने सही काम के लिए परेशान नहीं होना पड़े।

दो पत्र और लिखें सोनिया : सपा
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा है कि सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री को दो पत्र और लिखने चाहिए। एक पत्र उन्हें आईएएस अफसर अशोक खेमका के बारे में लिखना चाहिए, जिनका हरियाणा के सीएम ने तबादला कर दिया था।

वह दूसरा पत्र दो आईएएस अफसरों के बारे में लिखें, जिन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निलंबित कर दिया था। दोनों ही मामलों में जमीन सौदों को लेकर रॉबर्ट वाड्रा का नाम उछला था।

 

 

ऑपरेशन ब्लूस्टार के ज़ख़्म अब भी क्यों हरे?

 रविवार, 4 अगस्त, 2013 को 08:18
लंदन में सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले चार लोगों को भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त लेफ़्टिनेंट जनरल पर हमला करने के आरोपों में दोषी क़रार दिया गया.
रिटायर हो चुके लेफ़्टिनेंट जनरल कुलदीप सिंह बरार ने ही वर्ष क्लिक करें 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार का नेतृत्व किया था.
पिछले साल सितंबर में जब 78 वर्षीय क्लिक करें कुलदीप सिंह बरार पर हमला हुआ तो भारतीय इतिहास की एक बेहद विवादास्पद घटना फिर से सुख़िर्यों में आ गई. इसी मामले में लंदन में चार लोगों को दोषी ठहराया गया है.
क्लिक करें ऑपरेशन ब्लू स्टार के ज़रिये स्वर्ण मंदिर में छिपे क्लिक करें चरमपंथियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई थी जो क्लिक करें सिख अलगावादियों को प्रोत्साहन दे रहे थे.
सिख अलगाववादी अपने लिए पंजाब में एक स्वतंत्र राज्य क्लिक करें खालिस्तान की मांग कर रहे थे.
स्वर्ण मंदिर के पवित्र परिसर में हुई इस सैन्य कार्रवाई से दुनिया भर में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भड़क उठे और उन्होंने इस परिसर को अपवित्र करने का आरोप सेना पर लगाया.
भारत सरकार के मुताबिक इस घटना में क़रीब 400 लोग मारे गए जिनमें 87 सैनिक थे.

कई बार हत्या की कोशिश

लेफ़्टिनेंट जनरल बरार
लंदन में हुआ था लेफ़्टिनेंट जनरल बरार पर हमला. उस वक्त उनके साथ सुरक्षा कर्मी नहीं थे
हालांकि सिख समूहों में इन आंकड़ों को लेकर मतभेद है. उनका कहना है कि इस सैन्य कार्रवाई में हज़ारों लोग मारे गए थे जिनमें काफ़ी तादाद में श्रद्धालु भी थे जो वहां सिखों के पांचवे गुरू अर्जुन देव जी की पुण्यतिथि के सालाना आयोजन के मौके पर आए थे.
इस कार्रवाई में मंदिर के काफ़ी हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए और सिखों ने इस घटना को अपने धर्म पर हमला समझ लिया.
ऑपरेशन ब्लू स्टार की परिणति तत्कालीन क्लिक करें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के तौर पर हुई. उन्हें उनके एक क्लिक करें सिख बॉडीगार्ड ने इस सैन्य कार्रवाई के लिए ज़िम्मेदार समझते हुए प्रतिशोध में मौत के घाट उतार दिया.
इस घटना के तीन दशक बाद सिखों के एक समूह ने क्लिक करें लेफ़्टिनेंट जनरल बरार से बदला लेने का मौका ढूंढ लिया जो छुट्टियां बिताने के लिए अपनी पत्नी मीना के साथ लंदन में थे.
हैरानी की बात थी कि लंदन में लेफ़्टिनेंट जनरल बरार अपनी पत्नी के साथ बिना किसी सुरक्षा इंतज़ामात के घूम रहे थे जब उन पर हमला कर दिया गया.
लेफ़्टिनेंट जनरल बरार ने भारत से वीडियो लिंक के जरिये अदालत को कहा कि साल 1984 से ही उनकी हत्या करने की कई दफ़ा कोशिश की गई और कई चरमपंथी सिख वेबसाइटों की सूची में भी उन्हें निशाने पर लेने के लिए सबसे ऊपर रखा गया है.

चरमपंथियों के विरोध

स्वर्ण मंदिर
ब्लू स्टार की कार्रवाई में स्वर्ण मंदिर परिसर क्षतिग्रस्त हो गया था
साउथवॉर्क क्राउन कोर्ट की जूरी को लेफ़्टिनेंट जनरल बरार ने कहा, “ऑपरेशन ब्लू स्टार सिख समुदाय के ख़िलाफ़ नहीं बल्कि उन चरमपंथियों के विरोध में था जो बड़े पैमाने पर लोगों को मार रहे थे.”
उन्होंने कहा कि उन्होंने चरमपंथियों को कई दफ़ा चेतावनी भी दी थी लेकिन जब उन्हें उनसे कोई जवाब नहीं मिला तब उनके पास मंदिर में जाने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा.
उन्होंने कहा, “मैंने सैनिकों से कम से कम बलप्रयोग करने और मंदिर को क्षतिग्रस्त नहीं करने के लिए कहा था लेकिन जब सैनिकों पर चारों तरफ़ से हमले किए जाने लगे तब उन्होंने अपनी कार्रवाई तेज़ कर दी.”
लेफ़्टिनेंट जनरल बरार ने कहा, “आप बैठकर अपनी मौत का इंतजार नहीं कर सकते हैं. हमें अपनी सुरक्षा की वजह से कार्रवाई करनी पड़ी.”
उन पर हमला करने वाले 34 साल के मनदीप सिंह संधू, 36 वर्षीय दिलबाग सिंह जो लंदन में रहते हैं वे ऑपरेशन ब्लू स्टार के वक्त बेहद कम उम्र के थे लेकिन उनके मन में प्रतिशोध की भावना बनी हुई थी.

बदले की भावना


अदालत में यह कहा गया कि दिलबाग सिंह के परिवार के दो सदस्य उनके पिता और भाई 1984 के बाद से ही लापता हैं जो भारतीय सेना की कार्रवाई के वक्त मंदिर परिसर में ही मौजूद थे.
जब सिंह संधू और दिलबाग सिंह को मालूम चला कि लेफ़्टिनेंट जनरल बरार और उनकी पत्नी लंदन में मौजूद हैं तो उन्होंने एक अभियान शुरू कर दिया जिसके तहत उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके.
पश्चिमी लंदन के 38 वर्षीय उनके एक दोस्त हरजित कौर ने तो लेफ़्टिनेंट जनरल बरार और उनकी पत्नी का पीछा एक कैसिनो, रेस्त्रां और एक बस तक किया.
30 सितंबर की रात को उन्हें होटल से कुछ ही दूरी पर मौजूद एक शांत सड़क पर उन दोनों पर हमला हुआ.
अदालत की सुनवाई में यह कहा गया कि क्लिक करें हमलावरों ने उनकी पत्नी को एक दीवार की तरफ़ ढकेल दिया और उनकी तीन लोगों ने उनके पति को घेर लिया.
लेफ़्टिनेंट जनरल बरार ने अदालत को कहा, “मैं जोर से चिल्लाया, तुम लोग कौन हो? जाओ यहां से! मैंने उनसे लड़ने लगा.”
जनरैल सिंह भिंडरावाला
‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ में जनरैल सिंह भिंडरावाला की अगुआई में सैकड़ों सशस्त्र चरमपंथी मारे गए.
तीनों हमलावरों ने उनसे हाथापाई कर उन्हें ज़मीन पर गिरा दिया और चौथे व्यक्ति ने उनका गला काटने की कोशिश की.
उन्होंने कहा, “मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि मैं अपनी पत्नी और बच्चों को फ़िर से देख पाऊंगा.”

विरोध जताने की कार्रवाई

हालांकि रात के अंधेरे का फ़ायदा उठाते हुए हमलावर भाग निकले और पास के एक पब में आए लोगों ने लेफ़्टिनेंट जनरल बरार की मदद की जो ख़ून से लथपथ हो चुके थे.
उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनका एक ऑपरेशन हुआ. उनके चेहरे और गले पर धारदार हथियार से हमला किया गया था.
दिलबाग सिंह ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने लेफ़्टिनेंट जनरल बरार का पीछा किया था लेकिन उनका मकसद लंदन में उनकी मौजूदगी के प्रति विरोध जताना था.
मनदीप सिंह संधू ने कोई प्रमाण देने से इनकार कर दिया. कौर ने भी इन आरोपों को ख़ारिज़ किया.
लेकिन इन तीनों लोगों को गंभीर रूप से शारीरिक क्षति पहुंचाने का दोषी माना गया है. चौथे हमलावर बरजिंदर सिंह संघा भी इसके लिए पहले दोषी ठहराए गए हैं.

 

नाबालिग बेटी का हुआ अपहरण, परिवार 205 दिन से अनशन पर

  शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), 3 अगस्त 2013 | अपडेटेड: 14:57 IST



महिलाओं पर अत्याचार
महिलाओं पर अत्याचार
शाहजहांपुर में एक परिवार का 205 दिन का अनशन उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था के हालात बयां कर रहा है. यहां एक मां अपने मासूम बच्चों के साथ अपनी अपहृत नाबालिग बेटी की बरामदगी के लिए कलेक्ट्रेट में अनशन पर बैठी है. बेबस परिवार आत्महत्या करने की बात कर रहा है. उसका कहना है कि उनकी मौत के जिम्मेदार मुख्यमन्त्री समेत पुलिस और प्रशासन होगा. कलेक्ट्रेट में डीएम कार्यालय के बाहर बैठे तीन बच्चे और उनकी मां पिछले 205 पांच दिनों से अनशन पर हैं, क्योंकि इन बच्चों की नाबालिग बहन का अपहरण कर लिया गया है. कई महीने बीत जाने के बाद भी उसकी बरामदगी नहीं की जा सकी. मां सिर्फ अपनी उस 14 साल की बेटी पूजा की बरामदगी चाहती है जिसका सात महीने पहले अपहरण कर लिया गया था. इस परिवार की 14 साल की बेटी को 9 अक्टूबर 2012 को अगवा कर लिया गया था. पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ अपहरण का मामला भी दर्ज किया, लेकिन 205 दिन बीत जाने के बाद भी इनकी बेटी का कोई सुराग नहीं लग सका.
परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस सिर्फ खानापूर्ती ही कर रही है. पुलिस की इसी बेरुखी से नाराज ये परिवार अपने बच्चों समेत कलेक्ट्रेट में अपनी बेटी की बरामगी को लेकर डटी हुई है. बेटी मिलने की परिवार की आस अब टूटती नजर आ रही है.
परिवारजनों का कहना है कि अगर पूजा की जल्द ही बरामदगी नहीं की गई तो वे आत्महत्या कर लेंगे, जिसके जिम्मेदार प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव और पुलिस प्रशासन के अधिकारी होंगे.
पूजा की मां आरती ने कहा कि कई दिन हो गये हमें बैठे, हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई. इससे अच्छा तो हम मर जाएं. गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं है. मेरी लड़की अभी तक नहीं मिली है, उसका जिम्मेदार प्रशासन है.
ये परिवार पुलिस की चौकी से लेकर डीजीपी और मुख्यमन्त्री तक अपनी गुहार लगा चुका है, लेकिन अभी तक पूजा नहीं मिली है. प्रदेश के मंत्री की मानें तो कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त है और लड़की की बरामदगी के लिए भी प्रयासरत है, लेकिन बरामदगी होगी भी या नहीं ये उन्हें भी नहीं मालूम. फिलहाल जिले के नए पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच नए सिरे से करने के आदेश दिए हैं.
शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक सैयद वसीम अहमद ने कहा कि यह मामला जब से उनके संज्ञान में आया, वे पूरी तरह प्रयास कर रहा हूं कि लड़की को बरामद किया जाये.
प्रदेश के पिछड़ा वर्ग राज्य मन्त्री राम मूर्ति सिंह वर्मा ने कहा कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मामले में लगा है और उन्होंने खुद भी कई बार जाकर उन लोगों की खैर खबर ली है.
समाजसेवी फकीरे लाल भोजवाल का कहना है कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से फेल है. बड़ी मुश्किल से रिपोर्ट दर्ज हुई. पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही.


 

 

कैंसर के बाद मनीषा कोइराला ने नई पारी शुरु की

 शनिवार, 3 अगस्त, 2013 को 15:51
मनीषा कोइराला
मनीषा कोइराला एक बार फिर फ़िल्मों में वापसी के लिए तैयार हैं. मनीषा पाँच महीने तक न्यूयॉर्क में गर्भाशय के कैंसर का इलाज कराकर मुंबई लौटी हैं.
क्लिक करें मनीषा अब पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी हैं. वो कुछ दिन पहले ही नेपाल भी गई थीं. उन्होंने पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद अपने घर पर महापूजा का आयोजन किया था.
मनीषा ने मुंबई में आते ही काम शुरू भी कर दिया है. उन्होंने एक फोटोशूट करके अपनी नई पारी की शुरुआत भी कर दी है.
यह फोटोशूट एक कॉफीटेबल बुक के लिए किया गया है.
मनीषा को इस किताब में “इन्सपायरिंग वूमेन” के रूप में शामिल किया गया है. 'आइकॉनिक वूमन ऑफ इंडिया' प्रोजेक्ट के लिए मनीषा की बेहतरीन तस्वीरें ली गई हैं. मनीषा के अलावा किरण बेदी भी इस प्रोजेक्ट के लिए फोटोशूट कराएंगी.

प्रतिभाशाली अभिनेत्री

मनीषा कोइराला
क्लिक करें मनीषा कोइराला आमिर ख़ान, शाहरुख ख़ान, सलमान ख़ान, अनिल कपूर, रजनीकांत, कमल हसन जैसे बड़े स्टार्स के साथ काम कर चुकी हैं.
बीमारी के कारण मनीषा ने फ़िल्मों में काम करना छोड़ दिया था. बीमारी से पहले उनकी आखिरी फ़िल्म राम गोपाल वर्मा की 'भूत-रिटर्न' थी.
42 वर्षीय मनीषा कोइराला नेपाल के मशहूर राजनीतिक परिवार से संबंध रखती हैं. मनीषा ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरआत 1989 में एक नेपाली फ़िल्म फेरी भेटौला (फिर मिलेंगे) से की थी.
हिन्दी फ़िल्मों में उन्होंने 1991 में सुभाष घई की सुपरहिट फिल्म 'सौदागर' से कदम रखा था. मणिरत्नम की 'बॉंबे' और 'दिल से', विधु विनोद चोपड़ा की '1942 ए लव स्टोरी और राम गोपाल वर्मा की 'कंपनी' में क्लिक करें मनीषा के अभिनय की काफी तारीफ हुई थी.
मनीषा हिंदी के अलावा नेपाली, तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं.

 

'दुर्गाशक्ति मामले में प्रधानमंत्री को सोनिया का पत्र'

 शनिवार, 3 अगस्त, 2013 को 17:31
दुर्गाशक्ति नागपाल
सपा के नेता पर यह आरोप है कि उन्होंने आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है.
उत्तर प्रदेश की निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के ख़िलाफ़ कथित तौर पर अनुचित टिप्पणी करने पर लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर नूतन ठाकुर ने राष्ट्रीय महिला आयोग को शिकायत की है.
वहीं समाचार एजेंसियों के मुताबिक सोनिया गांधी ने भी क्लिक करें दुर्गा शक्ति के मामले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है.
इस बीच नूतन ठाकुर ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और उत्तर प्रदेश एग्रो के अध्यक्ष नरेंद्र भाटी की कथित टिप्पणी पर महिला आयोग के सामने अपनी शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने कहा है कि भाटी ने क्लिक करें आईएएस अधिकारी के ख़िलाफ़ 'औरत' और 'बेहूदगी' जैसे शब्दों का इस्तेमाल अपमानजनक तरीके से किया.
उन्होंने एक वीडियो फुटेज का हवाला देते हुए इन शब्दों को आपत्तिजनक बताकर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा से इस प्रकरण की जांच कराने का अनुरोध किया है.
सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने कहा, "मैंने यूट्यूब पर अपमानजनक टिप्पणी वाला वीडियो देखा जिसमें उन आपत्तिजनक शब्दों को दबा दिया गया है. इसके अलावा 'औरत' और 'बेहूदगी' जैसे शब्द भी आपत्तिजनक हैं. मैंने महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है कि वे इस गंभीर मामले की मांग करें."
28 वर्षीय दुर्गा शक्ति नागपाल गौतमबुद्ध नगर में एसडीएम (सदर) पद पर कार्यरत थीं. उन्हें 27 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार ने सांप्रदायिक सद् भाव बिगाड़ने के आरोप में निलंबित कर दिया. हालांकि विपक्ष के मुताबिक उन्हें रेत खनन माफ़िया के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के कारण निलंबित किया गया.

अदालत नहीं देगी दख़ल

National Commission
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुर्गा शक्ति को निलंबन करने की कार्रवाई को उचित बताया है
दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने दखल देने से इंकार कर दिया है. हाईकोर्ट में 30 जुलाई को नूतन ठाकुर ने याचिका दायर कर अधिकारियों के निलंबन मामले में दिशा-निर्देश जारी करने की माँग की थी.
हालाँकि अदालत ने याचिका में अवैध खनन और अवैध धार्मिक स्थलों के निर्माण के विषय में अधिक जानकारी माँगी है.
नूतन ठाकुर की याचिका में अवैध बालू खनन और अवैध निर्माण को बड़ी समस्या बताया गया है. याचिका में कहा गया है कि सरकार को इसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहित करना चाहिए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री क्लिक करें अखिलेश यादव ने कहा था कि दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन वापस नहीं लिया जाएगा. अखिलेश यादव ने इस बात से भी इनकार किया कि खनन माफ़िया के ख़िलाफ़ कार्रवाई के कारण दुर्गाशक्ति नागपाल को निलंबित किया गया है.
दुर्गा शक्ति नागपाल 2009 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. यूपीएससी परीक्षा में 20वां रैंक हासिल करने वाली नागपाल मूल रूप से छत्तीसगढ़ की हैं. उन्होंने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है.

 

 

दुर्गा शक्ति: अधिकारी जो व्यवस्था के लिए बने चुनौती

3 अगस्त, 2013 को 18:32
ऐसे आरोप अकसर लगते रहते हैं कि प्रशासनिक सेवा में कार्यरत अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव होता है. लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे भी है जिन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है. एक नज़र ऐसे अधिकारियों पर जिन्होंने निलंबन झेला, इस्तीफ़ा दिया या जो अब भी अपने काम में डटे हैं.

दुर्गा शक्ति नागपाल

दुर्गा शक्ति नागपाल
यूपी सरकार ने दुर्गा शक्ति नागपाल को 27 जुलाई को निलंबित किया.
दुर्गा शक्ति नागपाल 2009 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. यूपीएससी परीक्षा में 20वां रैंक हासिल करने वाली नागपाल मूल रूप से छत्तीसगढ़ की हैं. उन्होंने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है.
प्रशिक्षण के बाद दुर्गा शक्ति नागपाल को पंजाब काडर मिला था लेकिन उत्तर प्रदेश काडर के आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह से शादी के बाद वे यूपी काडर में आ गईं.
28 वर्षीय दुर्गा शक्ति नागपाल गौतमबुद्ध नगर में एसडीएम (सदर) पद पर कार्यरत थीं. उन्हें 27 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार ने सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने के आरोप में निलंबित कर दिया. हालाँकि विपक्ष के मुताबिक उन्हें रेत खनन माफ़िया के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के कारण निलंबित किया गया.

अशोक खेमका

अशोक खेमका
अशोक खेमका का अब तक 43 बार तबादला किया जा चुका है.
आईएएस अशोक खेमका यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित एक जमीन सौदे को रद्द करने के बाद चर्चा में आए.
अशोक खेमका की पहली पोस्टिंग साल 1993 में हुई थी. 19 साल की नौकरी में उनका 43 बार तबादला किया जा चुका है. इस दौरान अलग-अलग विभागों में आठ पदों उन्होंने एक महीना या उससे भी कम काम किया.
वे सिर्फ़ दो बार ही एक साल से अधिक समय तक किसी पद पर रहे.

संजीव भट्ट

संजीव भट्ट
संजीव भट्ट को 2011 में जेल भी भेजा गया.
गुजरात के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के निलंबित अधिकारी संजीव राजेंद्र भट्ट सुप्रीम कोर्ट में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ हलफ़नामा दायर करने के बाद सुर्ख़ियों में आए.
इस हलफ़नामे में उन्होंने कहा कि गुजरात में वर्ष 2002 में हुए दंगों में नरेंद्र मोदी की भी भूमिका थी.
49 वर्षीय आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट इस समय गुजरात पुलिस सेवा से निलंबित हैं. 2011 में उन्हें अपने एक मातहत सिपाही पर दबाव डालने के आरोप में जेल भी भेजा गया था.
आईआईटी मुंबई से पोस्ट ग्रेजुएट संजीव भट्ट वर्ष 1988 में भारतीय पुलिस सेवा में आए थे. इस दौरान वे राज्य के कई ज़िलों, पुलिस आयुक्त के कार्यालय और अन्य पुलिस इकाइयों में तैनात रहे.
दिसंबर 1999 से सितंबर 2002 तक वे राज्य ख़ुफ़िया ब्यूरो में ख़ुफ़िया उपायुक्त के रूप में कार्यरत थे. गुजरात के आंतरिक सुरक्षा से जुड़े सभी मामले उनके अधीन थे.
इनमें सीमा सुरक्षा और तटीय सुरक्षा के अलावा अति विशिष्ट जनों की सुरक्षा भी शामिल थी. इस दायरे में मुख्यमंत्री की सुरक्षा भी आती थी.
संजीव भट्ट नोडल ऑफ़िसर भी थे, जो कई केंद्रीय एजेंसियों और सेना के साथ ख़ुफ़िया जानकारियों का आदान-प्रदान भी करते थे.
जब वर्ष 2002 में गुजरात में दंगे हुए थे, उस समय भी संजीव भट्ट इसी पद पर थे.

हर्ष मंदर

1955 में जन्में हर्ष मंदर सिंह 1980 में आईएएस बनें थे. आईएएस सेवा से जुड़ने के बाद उन्होंने अपने नाम से सिंह हटा लिया था ताकि वे किसी एक ख़ास जाति के न लगें.
हर्ष मंदर करीब दो दशक तक आईएएस रहे. इस दौरान वे मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में तैनात रहे.
कहा जाता है कि 1989 में नर्मदा बचाओ आंदोलन के दौरान उन्होंने मेधा पाटकर और बाबा आम्टे के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकने से इंकार कर दिया था.
साल 1990 में उन्होंने मध्यप्रदेश के रायगढ़ जिले में एक ताकतवर भाजपा नेता की दो हजार एकड़ जमीन गरीबों में बाँट दी थी. इस दौरान हर्ष मंदर का 22 से ज्यादा बार ट्रांस्फर किया गया.
साल 2002 में गुजरात दंगों के बाद उन्होंने दंगों को सरकार द्वारा प्रायोजित बताते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.

भूरे लाल

उत्तर प्रदेश काडर के 1955 बैच के आईएएस अधिकारी भूरे लाल 35 साल से अधिक साल तक आईएएस रहे. इस दौरान वे प्रधानमंत्री कार्यालय, वित्त मंत्रालय और केंद्रीय सतर्कता आयोग समेत कई अन्य अहम पदों पर रहे. अपनी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और निडरता से उन्होंने अलग पहचान बनाई.
राजीव गाँधी की सरकार में वीपी सिंह जब देश के वित्त मंत्री थी तब प्रवर्तन निदेशालय के मुखिया भूरे लाल थे. इस दौरान उन्होंने अनिल अंबानी और अमिताभ बच्चन समेत कई बड़े उद्योगपतियों के यहाँ छापेमारी की कार्रवाई की.
इसके बाद राजीव गाँधी ने वीपी सिंह को वित्त मंत्री के पद से हटा दिया था.
भूरे लाल साल 2004 में लोक संघ सेवा आयोग के सदस्य बने थे.

 

UPSC Civil Services Result (Preliminary ) IAS / IFS Exam 2013 

Work hard with positive effort definitely one day you got success.

Date: 03-08-2013 Time: 08.48am

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Union Public Service Commission ( UPSC) has conducting 
UPSC Civil Services (Preliminary ) Exam 2013 on 26th May, 2013 in various center on 26th May, 2013.




UPSC will publish UPSC IAS and IFS 2013 Result on its official website www.upsc.gov.in 
Candidates would be able to check the UPSC IAS and IFS 2013 Result

click in your option in the given below box:

RESULT OF CS(P) EXAMINATION 2013 FOR CANDIDATES WHO HAVE QUALIFIED FOR ADMISSION IN CIVIL SERVICES (MAIN) EXAMINATION 2013
 
RESULT OF CS(P) EXAMINATION 2013 FOR CANDIDATES WHO HAVE QUALIFIED FOR ADMISSION IN INDIAN FOREST SERVICE EXAMINATION 2013
 









Find us on Google Map: Click To Me-->Kosulla India Ltd. 












UPSC will publish UPSC IAS 2013 Answer key on its official website www.upsc.gov.in 
Candidates would be able to check the UPSC IAS 2013 Answer key, cut off marks on official website after few hours on End of Exam.

Official link of UPSC for answer key: http://adf.ly/PcGTR






BUT IF YOU WANT TO SEE IT IMMEDIATELY THEN CLICK ON GIVEN BELOW LINKS:


Click to find IAS Prelims CSAT 2013 Paper 1 Answer Key: http://adf.ly/PcLTz

Click to find IAS Prelims CSAT 2013 Paper 2 Answer Key: http://adf.ly/PcLY0
 
Click to find Cut of marks of IAS Prelims CSAT 2013 Papers: http://adf.ly/PcLb7

Click to find Result of IAS / IFS Prelims CSAT 2013 Papers: http://adf.ly/PcGoz


Friends give your comment,s and feed back for me...




By:  
Address:
Noida , Sector-49
E-Mail ID: bhupeshmandal84@gmail.com , bhupesh_mandal@yahoo.com
Mob No: +91-9716015884 , +91-9311464711
Web Address: kosullaindialtd.blogspot.com



 

 

 

 

 

KAWAD 2013 TRAFFIC UPDATE


please carry some eatables or snacks while travelling from doon to delhi as the alternate route of paonta-karnal-delhi is longer by 70 km's & there's almost no stoppage in between. travel time is between 8-9 hours. stuff up before travelling.

Following routes shall be diverted due to kanwad yatra from today till 5th august.

1. buses from doon to haridwar will go via rishikesh, chila, chandighat

2. buses from doon to saharanpur will go via kalasia (before chutmalpur)

3. buses from doon to delhi will go via shamli, bagpat, loni,

4. buses from doon to delhi will also go via paonta sahib, yamuna nagar, karnal, panipat.





News Dehradun:
_____________

The Kashmiri Gate ISBT New Delhi Is Now Operational.
All Delhi -Doon -Delhi Bound Buses IS Now Be Stationed At Kashmiri Gate Instead Of Anand Vihar From 25th July Onward.

Delhi has three ISBT (Inter State Bus Terminus)
* I.S.B.T., Kashmere Gate, Phone No. 23868836, 23865181
* I.S.B.T. Sarai Kale Khan, Phone No. 24358092
* I.S.B.T. Anand Vihar, Phone No. 22152431 link:http://wikimapia.org/25089/ISBT-Kashmiri-Gate

To get a bus from New Delhi to Dehradun DON’T go to Anand Vihar ISBT from now onwards. All buses will now go from the newly renovated Kashmere Gate ISBT. ------> http://www.dehradunbuzz.com/news/in-the-news/254-new-delhi-to-dehradun-bus-service-restarted-from-kashmere-gate-isbt

call here for more kashmiri gate bus station for  uttarakhand dehradun bus enquiry: 011-23862730,23860560

New Delhi to Dehradun Bus Service Restarted from Kashmere Gate ISBT




Thursday, 25 July 2013 14:55
 

Since the past two years, one had to go to Anand Vihar ISBT to catch a bus to Dehradun from New Delhi. This was because the main ISBT at Kashmere Gate was undergoing a major renovation. Now that is complete and from today all 500 buses on the Uttarakhand and Uttar Pradesh route will ply from the newly renovated ISBT at Kashmere Gate.
It has been well worth the wait because now commuters can enjoy much better amenities. The renovated ISBT has an airport like feel with an air conditioned waiting lounge, a food court, glass elevator and escalators.

आज निकले संभलकर, ज्यादातर रास्ते मिलेंगे बंद

Updated on: Sat, 03 Aug 2013 10:02 AM
New delhi
आज निकले संभलकर, ज्यादातर रास्ते मिलेंगे बंद
गाजियाबाद। अगर आप कार या दूसरे हल्के वाहनों से अपने ऑफिस या अन्य कार्य के लिए बाहर जाने की सोच रहे है तो जरा संभलकर निकलें। कांवड़ियों की बढ़ रही संख्या के मद्देनजर कई मार्ग शुक्रवार से हल्के वाहनों के लिए भी बंद कर दिए गए है। वहीं कई मार्ग वन-वे हो गए हैं।
5 अगस्त रात्रि आठ बजे तक हल्के वाहन (जैसे कार व मोटरसाइकिल) भी भारी वाहनों के लिए निर्धारित मार्गो पर ही चलेंगे। गाजियाबाद शहर के अंदर आने वाले हल्के वाहनों को भीड़ की स्थिति को देखते हुए लालकुआं से चौधरी मोड़, अंबेडकर रोड होते हुए पुराना बस अड्डा आने दिया जाएगा। जीटी रोड पर चौधरी मोड़ से घंटाघर की ओर जस्सीपुरा मोड़ तक कोई भी वाहन आने-जाने नहीं दिया जाएगा। नया बस अड्डा से जस्सीपुरा मोड़ तक तथा गौशाला तिराहे व हापुड़ तिराहे से किसी भी वाहन को दूधेश्वरनाथ मंदिर की ओर आने-जाने नहीं दिया जाएगा। एनएच-58 (मेरठ रोड) पर एएलटी फ्लाईओवर, संजय-गीता चौक, घूकना मोड़, डीपीएस कट, सिहानी चुंगी, पटेल नगर एवं भूसा मंडी की ओर से कोई भी वाहन नहीं आएगा।
दिल्ली हाइवे पर बसें भी बंद
गढ़मुक्तेश्वर में कांवड़ियों की भीड़ बढ़ने की वजह से शुक्रवार रात नौ बजे से दिल्ली हाइवे पर बसों का संचालन भी बंद कर दिया गया है। यह पाबंदी पांच अगस्त तक लागू रहेगी।
रोडवेज के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एके सिंह ने बताया कि हाइवे पर रोडवेज बसों का रास्ता बंद हो जाने से दिल्ली मुरादाबाद और मेरठ मुरादाबाद के बीच चलने वाली दर्जनों रोडवेज बसें बीच रास्ते में फंस गई हैं। इस संबंध में अमरोहा व हापुड़ के एसपी से वार्ता कर बीच रास्ते में फंसी बसों निकालने के लिए बात की गई लेकिन भीड़ के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया। अब दिल्ली-मुरादाबाद के बीच की बसों को हापुड़ से बुलंदशहर-संभल होकर चलाया जा रहा है। मेरठ की बसों को वाया बिजनौर चला रहे हैं। इस वजह से किराया भी बढ़ गया है।
आज से हाईवे पर छोटे वाहन भी बंद
कांवड़ यात्रा के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग-58 समेत 19 अन्य मार्गो पर शुक्रवार की रात 12 बजे से सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। मुजफ्फरनगर व मोदीनगर में कांवड़ियों की भीड़ अधिक होने से वहां के अफसरों ने पास भी अमान्य कर दिए हैं। इसके पहले बड़े वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया था।
एसपी ट्रैफिक पीके तिवारी ने बताया कि हाईवे-58 समेत उन मार्गों पर वाहन के चलने पर प्रतिबंध लगाया गया है, जहां से हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़िये शिवालयों की ओर बढ़ रहे हैं। हरिद्वार में पहले सभी कांवड़िये गंग नहर पटरी से निकाले जा रहे थे, पर अब भीड़ को ध्यान में रखते हुए हाईवे से ही कांवड़ियों को आगे बढ़ाया जा रहा है। सभी प्रकार के वाहनों पर यह प्रतिबंध 5 अगस्त दोपहर 12 बजे तक रहेगा। बस, ट्रक व अन्य भारी वाहन 5 अगस्त को रात 12 बजे के बाद ही चल पाएंगे।



 

 

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1 comment:

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