Saturday, 31 August 2013

भारत ने दुनिया का भरोसा खो दिया

भारत ने दुनिया का भरोसा खो दिया

Updated on: Thu, 29 Aug 2013 01:35 AM (IST)
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भारत ने दुनिया का भरोसा खो दिया
नई दिल्ली। एक ओर देश का दिवाला निकल रहा है और दूसरी तरफ सरकार एवं विपक्ष एक-दूसरे पर ताने मारने का काम कर रहे हैं। डॉलर के मुकाबले रुपये की भारी गिरावट से भारतीय उद्योग जगत पूरी तरह से आहत हो चुका है। देश के गहराते आर्थिक संकट से न सिर्फ विदेशी निवेशकों बल्कि घरेलू उद्योगपतियों का भी भरोसा डगमगा गया है। सुस्ती भारतीय अर्थव्यवस्था को अपने शिकंजे में जकड़ती जा रही है। दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने कहा है कि दुनिया का भरोसा भारत से उठ गया गया है और सरकार इसे समझ ही नहीं पाई।


टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने एक इंटरव्यू में कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश को सही राह दिखाई थी। मगर पिछले कुछ समय में सरकार रास्ता भटक गई और आज देश बुरे हालात में फंस चुका है। नीतियों को लेकर सही समय पर फैसला न कर पाने की स्थिति सरकार की मुसीबत बन गई। नीतियों को बदला गया, देरी हुई और वह फंस गई। इसका नतीजा आज सामने है।
उन्होंने कहा कि सरकार विदेशी निवेशकों का रुख भांप नहीं सकी। हमने उनका भरोसा खो दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि देश के हित में यही है कि मौजूदा नीतियों को उसी स्वरूप में तुरंत लागू किया जाए।
टाटा ने कहा कि निजी क्षेत्र के लिए बनाई गई नीतियों को कई बार बदला गया और बनने के बाद भी उन्हें लागू करने में देरी की गई। किसी न किसी कारण से सरकार लगातार भटकती रही। 1991 में हुए सुधारों को याद करते हुए रतन ने कहा कि यह वही टीम (मनमोहन की अगुवाई वाली) है, जिसने साहसी फैसले लिए थे। मगर पुराने तौर तरीकों की छाप आज बिल्कुल भी नहीं दिखाई देती। ऐसा लगता है कि कुछ लोगों के हित सरकार को परेशान कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर देखें तो जो भी हो रहा है, वह केवल कुछ लोगों को फायदा पहुंचा रहा। इससे जनता का हित नहीं हो रहा।
उन्होंने कहा, 'मनमोहन सिंह की नेतृत्व क्षमता का आज भी वो सम्मान करते हैं। मगर मौजूदा समय में यह ऐसा नहीं है जो देश का नेतृत्व कर सके। हम उनके जिस नेतृत्व की बात करते रहे हैं, वह फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा है।' उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न दिशाओं में खिंचती जा रही है। एक टीम इस दिशा में है तो सहयोगी दूसरी दिशा में भाग रहे हैं। हम एकीकृत सरकार के तौर पर दुनिया के सामने खुद को पेश ही नहीं कर रहे। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश के नेतृत्व ने खुद को साबित किया है। मोदी ने गुजरात को एक मजबूत स्थिति में पहुंचाया है। हालांकि, मैं यह अनुमान लगाने की स्थिति में नहीं हूं कि वह देश के लिए क्या कर सकते हैं।

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