सारे भुगतान रुपये में हो:इससे रुपये में गिरावट पर लगाम लगाने में आसानी होगी।
ईरान का तेल थामेगा रुपये की गिरावट
Tue, 27 Aug 2013 11:31 PMनई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रुपये को और गिरने से बचाने के लिए भारत अब ईरान का रुख करने वाला है। ईरान से ज्यादा कच्चे तेल आयात कर भारत अपने आयात बिल में 10 अरब डॉलर की कमी करने की योजना बना रहा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी पेट्रोलियम मंत्रालय को यह निर्देश दिया है कि वह तेल आयात बिल में इस वर्ष किसी भी तरीके से 25 अरब डॉलर की कमी करे। पेट्रोलियम मंत्रालय इसके लिए काफी जोर-आजमाइश करने में जुटा है।
ईरान से खरीदे गए तेल का भुगतान रुपये में कर भारत डॉलर को बाहर जाने से रोक सकेगा। पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने सरकार की भावी योजना की जानकारी देते हुए बताया कि चालू खाते के घाटे (विदेशी मुद्रा के आने व देश से बाहर जाने का अंतर) की एक बड़ी वजह तेल आयात पर बढ़ता खर्च है। प्रधानमंत्री ने हमें आयात बिल में जो कमी करने का निर्देश दिया है उसके मुताबिक काम हो रहा है। अभी तक हमने 22 अरब डॉलर की कमी करने की रणनीति भी बना ली है। माना जा रहा है पेट्रोलियम मंत्रालय की इस नीति में ईरान की भूमिका काफी अहम होगी। भारत इस वर्ष ईरान से 1.1 करोड़ टन कच्चा तेल आयात कर अपने आयात बिल में 10 अरब डॉलर तक की कमी कर सकता है।
सूत्रों के मुताबिक भारत एक बार फिर ईरानी कच्चे तेल का बड़ा आयातक बनने जा रहा है। दो महीने पहले अमेरिका ने ईरान से व्यापार पर लागू कड़े प्रावधानों में भारत को कुछ छूट देने का फैसला किया था। पिछले तीन वित्त वर्षो से भारत ने तमाम प्रतिबंधों को देखते हुए ईरान से तेल आयात करना कम कर दिया था। उधर, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की वजह से ईरान भी भारत को ज्यादा से ज्यादा कच्चा तेल कम कीमत पर देने को तैयार है।
भारत के लिए सबसे बड़ी राहत यह है कि वह ईरान से जितना तेल खरीदेगा उसका 45 फीसद तक रुपये में भुगतान कर सकता है। अब जबकि रुपया डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुका है, ईरान को रुपये में भुगतान करना काफी आसान रहेगा। दस दिन पहले ही भारतीय तेल कंपनी एमआरपीएल ने ईरान से तेल खरीदा है। अन्य सरकारी कंपनियों की तरफ से भी जल्द खरीद शुरू होने की संभावना है।
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