भारत सरकार ने फेसबुक से मांगी 4 हजार यूजर्स की जानकारी
अंतिम अपडेट 28 अगस्त 2013 3:34 PM IST पर
दुनिया
भर की सरकारों ने 2013 की पहली छमाही के दौरान फेसबुक का इस्तेमाल करने
वाले करीब 38,000 लोगों या खातों के बारे में जानकारी मांगी है।
फेसबुक ने पहली बार मंगलवार को 'ग्लोबल गवर्नमेंट रिक्वेस्ट रिपोर्ट' जारी की। इस रिपोर्ट में 74 देशों से मिले सरकारी अनुरोधों का ब्यौरा है।
फेसबुक को सबसे अधिक अनुरोध अमेरिकी सरकार से मिले हैं, जहां 20,000 से 21,000 उपयोगकर्ताओं के बारे में जानकारी मांगी गई।
अमेरिका के बाद दूसरा स्थान भारत का रहा। भारत में सरकार ने कुल 4,144 खातों के बारे में जानकारी मांगी।
इनमें से करीब 50 प्रतिशत मामले ऐसे थे, जहां कुछ न कुछ जानकारी सरकार को दी गई।
ब्रिटेन में अधिकारियों ने 2,337 खाताधारकों के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया।
जारी रहेगी यह शुरुआत
फेसबुक ने कहा है कि, "हम ज्यादा से ज्यादा जानकारी की पुरजोर वकालत करते रहेंगे।"
फेसबुक के वकील कॉलिन स्ट्रेच ने लिखा है कि आधिकारिक जांच के दौरान उपयोगकर्ताओं की जानकारी के लिए सरकारें अनुरोध करती हैं। उन्होंने कहा, "इसके मद्देनजर हमें उम्मीद है कि समुचित मानकों को लेकर जारी बहस में यह रिपोर्ट हमारे उपयोगकर्ताओं के लिए लाभप्रद होगी।"
स्ट्रेच ने आगे कहा, "हालांकि हम इस संकलन को एक महत्वपूर्ण पहली रिपोर्ट के रूप में देखते हैं, लेकिन यह हमारी अंतिम रिपोर्ट नहीं होगी।"
उन्होंने यह भी कहा, "आगामी रिपोर्ट में हमें उम्मीद है कि हम इन अनुरोधों के बारे में कहीं अधिक जानकारी उपलब्ध करा सकेंगे।"
इस रिपोर्ट में 30 जून को समाप्त हुई 2013 की पहली छमाही को शामिल किया गया है। फेसबुक ने पहली बार इस तरह के अनुरोधों के बारे में आंकड़ों को जारी किया है।
कार्रवाई का प्रतिशत
फेसबुक ने उम्मीद जाहिर की है कि वह हर छह महीने पर इस तरह की रिपोर्ट प्रकाशित करेगा।
कंपनी ने यह नहीं बताया है कि ये अनुरोध क्यों किया गया। कंपनी ने बस आंकड़ों को देशों के अनुसार विभाजित करते हुए इतना बताया है कि कुल कितने अनुरोध किए गए, और इसमें कितने खाताधारक शामिल थे।
हो सकता है कि एक ही अनुरोध में कई खाताधारकों के बारे में जानकारी मांगी गई हो।
फेसबुक ने यह जानकारी भी दी है कि कितने प्रतिशत अनुरोधों पर जानकारी मुहैया कराई गई।
भारत में करीब 50 प्रतिशत अनुरोधों पर कार्रवाई की गई, जबकि ब्रिटेन में यह आंकड़ा 68 प्रतिशत और अमेरिका में 79 प्रतिशत रहा।
जन विद्रोह का असर
जन विद्रोह से प्रभावित देशों के आंकड़े खासतौर से काफी रोचक हैं।
तुर्की में 96 अनुरोध के जरिए 173 खाताधारकों के बारे में जानकारी मांगी गई, जिनमें से 45 को पूरा किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक मिस्र की सरकार ने कोई भी अनुरोध नहीं किया।
राइट्स ग्रुप प्राइवेसी इंटरनेशनल ने इस प्रकाशन का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही कुछ चिंताएं भी जताईं हैं।
संस्था ने कहा है कि, "दुनिया भर में फेसबुक की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए हम आज इस रिपोर्ट को जारी करने के लिए उनकी प्रशंसा करते हैं- इसका लंबे समय से इंतजार था।"
राइट्स ग्रुप प्राइवेसी इंटरनेशनल ने कहा है कि एडवर्ड स्नोडेन के हाथों लीक दस्तावेजों के प्रकाशन के बाद इस बात से पर्दा उठ गया है कि सरकार वास्तव में हमारे बारे में क्या सूचना जमा करती है।
"हम इस भयानक वास्तविकता से परिचित हैं कि सूचनाएं हासिल करने के लिए सरकार को फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी मध्यवर्ती संस्थाओं की आवश्यकता नहीं है।"
फेसबुक ने कहा है कि वह नियमित रूप से अधिक विस्तृत आंकड़े जारी करने के लिए प्रतिबद्ध है।
फेसबुक ने पहली बार मंगलवार को 'ग्लोबल गवर्नमेंट रिक्वेस्ट रिपोर्ट' जारी की। इस रिपोर्ट में 74 देशों से मिले सरकारी अनुरोधों का ब्यौरा है।
फेसबुक को सबसे अधिक अनुरोध अमेरिकी सरकार से मिले हैं, जहां 20,000 से 21,000 उपयोगकर्ताओं के बारे में जानकारी मांगी गई।
अमेरिका के बाद दूसरा स्थान भारत का रहा। भारत में सरकार ने कुल 4,144 खातों के बारे में जानकारी मांगी।
इनमें से करीब 50 प्रतिशत मामले ऐसे थे, जहां कुछ न कुछ जानकारी सरकार को दी गई।
ब्रिटेन में अधिकारियों ने 2,337 खाताधारकों के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया।
जारी रहेगी यह शुरुआत
फेसबुक ने कहा है कि, "हम ज्यादा से ज्यादा जानकारी की पुरजोर वकालत करते रहेंगे।"
फेसबुक के वकील कॉलिन स्ट्रेच ने लिखा है कि आधिकारिक जांच के दौरान उपयोगकर्ताओं की जानकारी के लिए सरकारें अनुरोध करती हैं। उन्होंने कहा, "इसके मद्देनजर हमें उम्मीद है कि समुचित मानकों को लेकर जारी बहस में यह रिपोर्ट हमारे उपयोगकर्ताओं के लिए लाभप्रद होगी।"
स्ट्रेच ने आगे कहा, "हालांकि हम इस संकलन को एक महत्वपूर्ण पहली रिपोर्ट के रूप में देखते हैं, लेकिन यह हमारी अंतिम रिपोर्ट नहीं होगी।"
उन्होंने यह भी कहा, "आगामी रिपोर्ट में हमें उम्मीद है कि हम इन अनुरोधों के बारे में कहीं अधिक जानकारी उपलब्ध करा सकेंगे।"
इस रिपोर्ट में 30 जून को समाप्त हुई 2013 की पहली छमाही को शामिल किया गया है। फेसबुक ने पहली बार इस तरह के अनुरोधों के बारे में आंकड़ों को जारी किया है।
कार्रवाई का प्रतिशत
फेसबुक ने उम्मीद जाहिर की है कि वह हर छह महीने पर इस तरह की रिपोर्ट प्रकाशित करेगा।
कंपनी ने यह नहीं बताया है कि ये अनुरोध क्यों किया गया। कंपनी ने बस आंकड़ों को देशों के अनुसार विभाजित करते हुए इतना बताया है कि कुल कितने अनुरोध किए गए, और इसमें कितने खाताधारक शामिल थे।
हो सकता है कि एक ही अनुरोध में कई खाताधारकों के बारे में जानकारी मांगी गई हो।
फेसबुक ने यह जानकारी भी दी है कि कितने प्रतिशत अनुरोधों पर जानकारी मुहैया कराई गई।
भारत में करीब 50 प्रतिशत अनुरोधों पर कार्रवाई की गई, जबकि ब्रिटेन में यह आंकड़ा 68 प्रतिशत और अमेरिका में 79 प्रतिशत रहा।
जन विद्रोह का असर
जन विद्रोह से प्रभावित देशों के आंकड़े खासतौर से काफी रोचक हैं।
तुर्की में 96 अनुरोध के जरिए 173 खाताधारकों के बारे में जानकारी मांगी गई, जिनमें से 45 को पूरा किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक मिस्र की सरकार ने कोई भी अनुरोध नहीं किया।
राइट्स ग्रुप प्राइवेसी इंटरनेशनल ने इस प्रकाशन का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही कुछ चिंताएं भी जताईं हैं।
संस्था ने कहा है कि, "दुनिया भर में फेसबुक की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए हम आज इस रिपोर्ट को जारी करने के लिए उनकी प्रशंसा करते हैं- इसका लंबे समय से इंतजार था।"
राइट्स ग्रुप प्राइवेसी इंटरनेशनल ने कहा है कि एडवर्ड स्नोडेन के हाथों लीक दस्तावेजों के प्रकाशन के बाद इस बात से पर्दा उठ गया है कि सरकार वास्तव में हमारे बारे में क्या सूचना जमा करती है।
"हम इस भयानक वास्तविकता से परिचित हैं कि सूचनाएं हासिल करने के लिए सरकार को फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी मध्यवर्ती संस्थाओं की आवश्यकता नहीं है।"
फेसबुक ने कहा है कि वह नियमित रूप से अधिक विस्तृत आंकड़े जारी करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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