Saturday 31 August 2013

अमरीका में निगरानी कार्यक्रम के खिलाफ़ प्रस्ताव गिरा

अमरीका में निगरानी कार्यक्रम के खिलाफ़ प्रस्ताव गिरा

 गुरुवार, 25 जुलाई, 2013 को 12:53 IST तक के समाचार
जस्टिन अमाश
जस्टिन अमाश ने यह निगरानी कार्यक्रम के विरोध में प्रस्ताव पेश किया था.
अमरीका की प्रतिनिधि सभा ने अमरीकी नागरिकों के फोन कॉल के बारे में आँकड़े इकट्ठा करने के कार्यक्रम को जारी रखने की मंज़ूरी दे दी है. यह इस कार्यक्रम पर सदन का पहला विधायी फैसला था.
नेशनल सिक्यूरिटी एजेंसी (एनएसए) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक जानकारी इकट्ठा करने के कार्यक्रम को रोकने का प्रयास सदन में 205 के मुकाबले 217 मतों से नाकाम हो गया.
एनएसए के मुखिया ने प्रस्तावित फेरबदल को रोकने के लिए तगड़ी लॉबिंग की थी.
सदन में वोटिंग के दौरान कंजरवेटिव और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टियों के बीच एनएसए के जासूसी कार्यक्रम के खिलाफ़ असामन्य गठबंधन भी देखने को मिला.
एनएसए के जासूसी महाजाल के बारे में खुफ़िया जानकारियाँ लीक करने के आरोपी एडवर्ड स्नोडेन ने जानकारी सार्वजनिक की थी. एडवर्ड स्नोडेन फिलहाल मॉस्को एयरपोर्ट पर हैं और उन्होंने रूस से शरण माँगी हैं.
यदि यह संशोधन सदन में पास हो जाता तो एनएसए को अपने जासूसी कार्यक्रम के लिए फंड मिलना बंद हो जाता और फिर विशेष स्थिति में ही कॉल रिकॉर्ड उपलब्ध कराए जाते. फिलहाल एनएसए अमरीका से किए जाने वाले या अमरीका आने वाले हर फोन कॉल का रिकॉर्ड रखता है.

डर

यह संशोधन प्रस्ताव रिपब्लिकन सांसद जस्टिन अमाश ने पेश किया था. बुधवार को सदन में बहस के दौरान उन्होंने चेतावना दी कि प्रस्ताव के विरोधी उसी तर्क का इस्तेमाल करेंगे जो इतिहास में हर सरकार नागरिकों के अधिकारों के हनन को सही ठहराने के लिए करती रही है. यह तर्क है डर.
उन्होंने कहा, "वे आपको बताएंगे कि सरकार के लिए अमरीकी नागरिकों के अधिकारों का हनन करना जरूरी है क्योंकि वे हमें उन लोगों से सुरक्षित रखना चाहती है जो अमरीकी स्वतंत्रता से नफरत करते हैं."
व्हाइट हाऊस ने भी इस प्रस्ताव के खिलाफ़ लॉबिंग की थी. लेकिन फिर भी 111 डेमोक्रेट सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया जबकि 83 ने इसके खिलाफ़ वोट किया.

क्या है निगरानी कार्यक्रम

9/11 हमले के बाद राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के आदेश पर अमरीका की राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनएसए) ने 2001 में अमरीकी नागरिकों को फोन रिकॉर्ड रखने शुरू किए थे.

राष्ट्रपति ओबामा के कार्यकाल में भी यह कार्यक्रम जारी रहा. लेकिन इसके बारे में लोगों को कोई जानकारी नहीं थी. जून में सीएआई के पूर्व कांट्रेक्टर एडवर्ड स्नोडोन द्वारा खुफ़िया जानकारियाँ लीक करने के बाद ही इसके बारे में पता चल सका.

यह भी खुलासा हुआ कि अमरीका की एक खुफ़िया अदालत ने फोन कंपनी वेरीजोन को करोड़ों ग्राहकों को फोन कॉल रिकॉर्ड एनएसए को उपलब्ध करवाने का आदेश दिया था.

इस मेटाडाटा में फोन करने और रिसीव करने वाले नंबरों, कॉल की अवधि, समय, स्थान आदि की जानकारी होती है.

हालाँकि क्या बातचीत हुई इसके बारे में एनएसए के पास जानकारी नहीं होती है. यह निगरानी कार्यक्रम अमरीका से किए जाने वाले और यहाँ आने वाले हर कॉल पर लागू होता है.
वहीं 94 रिपब्लिकन सांसदों ने प्रस्तवा के पक्ष में और 134 ने विपक्ष में वोट किया.
स्नोडेन की ओर से कई जानकारियाँ सार्वजनिक होने के बाद एनएसए की नागरिकों की निजी जानकारी तक पहुँच के बारे में सदन में पहली बार हुई बहस काफी तीखी रही.
30 अरब डॉलर के निगरानी कार्यक्रम के बारे में डेमोक्रेटिक सांसद पीटर वेल्स ने कहा कि हम सुरक्षा मामलों में कुछ ज्यादा ही संजीदा हो रहे हैं. हालाँकि बाकियों ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ़ अमरीका की लड़ाई के लिए खुफ़िया कार्यक्रम जरूरी है.
सदन की इंटेलीजेंस कमेटी के मुखिया और रिपब्लिकन सांसद माइक रोजर्स ने कहा,"क्या 12 साल गुजरने के बाद हमारी याददाश्त इतनी बुरी हो गई है कि हम भूल गए हैं कि 11 सितंबर को क्या हुआ था."
राष्ट्रपति ओबामा के विरोध के लिए जानी जाने वाली मिनेसोटा की सांसद मिशेल बैचमैन ने भी इस मामले में उनका समर्थन किया. उन्होंने कहा, "हमें उन तथ्यों के बारे में सोचना चाहिए जो अमरीका को सुरक्षित रखेंगे."
लेकिन बुश के शासनकाल में पैट्रियट एक्ट को मूल लेखकों में से एक और रिपब्लिकन सांसद जिम सेनसेनब्रेनर ने कहा कि अब अमरीका को फोन रिकार्ड करने बंद कर देने चाहिए.

लॉबिंग

एडवर्ड स्नोडेन
एडवर्ड स्नोडेन ने जून में जासूसी कार्यक्रमों का खुलासा किया.
वोट से पहले जारी किए गए एक बयान में व्हाइट हाऊस ने अमाश के प्रस्ताव को 'कुंद दृष्टिकोण' बताते हुए इस आतंकवाद के खिलाफ़ अमरीकी प्रयासों को नुकासन पहुँचाने वाला बताया.
एनएसए के निदेशक जनरल कीथ एलेक्सेंडर ने भी वोटिंग से पहले मंगलवार को रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों के साथ बंद कमरों में मुलाकात कर प्रस्ताव के खिलाफ़ लॉबिंग की.
एक और निगरानी कार्यक्रम प्रिज्म के तहत अमरीका दुनियाभर के इंटरनेट इस्तेमाल की अमरीका स्थित 9 बड़े सर्विस प्रोवाइडरों के सर्वरों से जानकारी इकट्ठा कर निगरानी करता है.
अमरीका का कहना है कि उसने निगरानी कार्यक्रम से 20 देशों में कम से कम 50 आतंकी हमले रोकने में मदद की है. इनमें से कई हमले अमरीका के खिलाफ़ किए जाने थे.
सीबीएस द्वारा बुधवार को किए गए एक समाचार सर्वे में इस बारे में लोगो का विभाजित मत सामने आया. 67 प्रतिशत अमरीकी नागरिकों ने सरकार द्वारा नागरिकों के फोन रिकॉर्ड करने का विरोध किया जबकि 52 प्रतिशत का मानना था कि आतंकवाद के खिलाफ़ यह जरूरी है.

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