मोदी सरकार:हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के बाहरी किसानों की गुजरात में जमीन जब्त
Now on Gujrat After vote if bjp win it is on Over India!
Now you have choice Kunthit leader or other!!!
हरियाणवियों पर कुठाराघात है मोदी सरकार का ये फरमान
सितंबर 2013 8:02 AM IST पर
वर्षो
से गुजरात में जमीन खरीदकर खेती कर रहे हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के
किसानों के अरमानों पर गुजरात सरकार ने ही अघात कर दिया है।
गुजरात सरकार ने 1973 रेवन्यू विभाग का हवाला देते हुए बाहरी किसानों की गुजरात में जमीन जब्त करने के निर्देश दिए हैं।
गुजरात सरकार के रवैये के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने शनिवार को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर हरियाणा से उच्च स्तरीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गुजरात भेजने की मांग की है। ताकि गुजरात में खेतीबाड़ी करने वाले हरियाणा के किसानों को बर्बाद होने से बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने सीमा पर शहीद हुए सैनिक परिवारों को गुजरात में काफी जमीन अलॉट की गई थी।
मौजूदा समय में लगभग डेढ़ लाख एकड़ जमीन पर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के उन्हीं शहीद सैनिकों के परिजन तथा रिश्तेदार खेती कर रहे थे।
सिक्ख समाज ने 25 वर्षो से गुरुद्वारे का निर्माण किया हुआ है। हरियाणा के किसानों ने पांच एकड़ में धर्मशाला बनाई हुई है।
अब गुजरात सरकार ने आदेश नंबर नंबर टीएनसी/1073/58184/जे तीन अप्रैल को जारी कर 1973 रेवन्यू विभाग का हवाला देते हुए हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के किसानों की जमीन जब्त करने के आदेश दिए हैं। बाहरी किसानों के इंतकाल रद्द किए जा रहे हैं।
गत 22 जून 2012 को हाईकोर्ट गुजरात ने किसानों के हक में फैसला दिया था। जिसके खिलाफ गुजरात सरकार सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई। गत 26 जून 2013 को अल्पसंख्यक आयोग की टीम ने गांधी नगर व कच्छ क्षेत्र की जानकारी हासिल की।
इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी किसान प्रतिनिधिमंडल ने बातचीत की। इसके अलावा पंजाब था हरियाणा के किसान प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा।
गुजरात सरकार ने 1973 रेवन्यू विभाग का हवाला देते हुए बाहरी किसानों की गुजरात में जमीन जब्त करने के निर्देश दिए हैं।
गुजरात सरकार के रवैये के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने शनिवार को मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर हरियाणा से उच्च स्तरीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गुजरात भेजने की मांग की है। ताकि गुजरात में खेतीबाड़ी करने वाले हरियाणा के किसानों को बर्बाद होने से बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने सीमा पर शहीद हुए सैनिक परिवारों को गुजरात में काफी जमीन अलॉट की गई थी।
मौजूदा समय में लगभग डेढ़ लाख एकड़ जमीन पर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के उन्हीं शहीद सैनिकों के परिजन तथा रिश्तेदार खेती कर रहे थे।
सिक्ख समाज ने 25 वर्षो से गुरुद्वारे का निर्माण किया हुआ है। हरियाणा के किसानों ने पांच एकड़ में धर्मशाला बनाई हुई है।
अब गुजरात सरकार ने आदेश नंबर नंबर टीएनसी/1073/58184/जे तीन अप्रैल को जारी कर 1973 रेवन्यू विभाग का हवाला देते हुए हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के किसानों की जमीन जब्त करने के आदेश दिए हैं। बाहरी किसानों के इंतकाल रद्द किए जा रहे हैं।
गत 22 जून 2012 को हाईकोर्ट गुजरात ने किसानों के हक में फैसला दिया था। जिसके खिलाफ गुजरात सरकार सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई। गत 26 जून 2013 को अल्पसंख्यक आयोग की टीम ने गांधी नगर व कच्छ क्षेत्र की जानकारी हासिल की।
इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी किसान प्रतिनिधिमंडल ने बातचीत की। इसके अलावा पंजाब था हरियाणा के किसान प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा।
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