हैकरों के निशाने पर है एंड्रॉयड फोन
अंतिम अपडेट 30 अगस्त 2013 7:35 PM IST पर
अमेरिकी अफसरों के मुताबिक एंड्रॉयड आपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले मोबाइल फोनों को हैकरों ने सबसे ज़्यादा निशाना बनाया है।
साल 2012 के आंकड़ों के मुताबिक हैकिंग के कुल मामलों में से 79 फीसदी मामलों में उपभोक्ता गूगल के एंड्रॉयड आपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे थे।
सार्वजनिक सूचनाओं की वेबसाइट पब्लिक इंटेलिजेंस ने अमेरिकी सुरक्षा विभाग और फ़ेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (एफबीआई) के मेमो को प्रकाशित किया है।
इसके मुताबिक नोकिया का सिम्बियन सिस्टम हैकरों के निशाने पर दूसरे स्थान पर रहा है। जबकि एपल के आईओएस वाले फोन पर 0।7 फीसदी हैकिंग के हमले हुए।
एंड्रॉयड दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है और एफबीआई के मेमो के मुताबिक बाजार में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी और ओपन सोर्स आर्किटेक्चर के चलते इस सिस्टम को ज्यादा निशाना बनाया गया है।
गूगल फोन सॉफ्टवेयर पर सवाल
एंड्रॉयड पर ज्यादातर हमले फेक मैसेज के जरिए हुए हैं। मेमो के मुताबिक गूगल के प्ले मार्केट प्लेस और रूट किट्स की फेक साइट भी बन गई हैं जिनके ज़रिए हैकर फोन का इस्तेमाल करने वालों के की वर्ड और पासवर्ड को आसानी से तोड़ देते हैं।
इस मेमो में ये भी कहा गया है कि एंड्रॉयड का इस्तेमाल करने वाले लोगों में 44 फीसदी लोग अभी भी ऑपरेटिंग सिस्टम का पुराना वर्जन इस्तेमाल करते हैं।
खासकर 2।3।3 वाला वर्जन जबकि बाज़ार में आधुनिक वर्जन 2।3।7 तक उपलब्ध हो चुके हैं। पुराने सिस्टम में तकनीकी खामियां मौजूद थीं, जिसे बाद में दूर कर लिया गया।
इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि फेडरल, स्टेट और स्थानीय अधिकारियों के बीच मोबाइल फोन के बढ़ते इस्तेमाल के चलते यह जरूरी है कि सब आधुनिक मोबाइल का इस्तेमाल करें।
एपल ने कहा है कि 60 करोड़ लोग आईफोन और आईपैड का इस्तेमाल करते हैं जिसमें 93 फीसदी उपभोक्ताओं के पास सबसे आधुनिक आईओएस 6 वर्जन मौजूद है।
इसका अगला आधुनिक वर्जन अगले महीने बाजार में आ सकता है। ये पहला मौका नहीं है जब गूगल के लोकप्रिय फ़ोन सॉफ्टवेयर पर सवाल उठाए गए हैं।
सिक्योरिटी फर्म सिमनटेक के मुताबिक बीते महीने एक मास्टर की बग, जिसके जरिए हैकर एंड्रॉयड फोन का नियंत्रण अपने कब्जे में ले लेते हैं, ने चीन में काफी नुकसान पहुंचाया है।
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