Wednesday 28 August 2013

उत्तराखंड- चीन के भय से पलायन: कुदरत के कहर के बाद अब चीन दे रहा है जख्म

उत्तराखंड- चीन  के भय  से पलायन: कुदरत के कहर के बाद अब चीन दे रहा है जख्म

Wed, 28 Aug 2013 08:57 AM
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उत्तराखंड: कुदरत के कहर के बाद अब चीन दे रहा है जख्म
नई दिल्ली, [जागरण ब्यूरो]। चीन सीमा पर लगातार जारी चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर चिंता के सुर संसद में भी गहरा रहे हैं। खास तौर पर उत्तराखंड के सीमांत इलाकों में चीनी सैनिकों की घुसपैठ से स्थानीय लोगों में फैले भय एवं पलायन का हवाला देते हुए मामले पर सरकार से कदम उठाने की मांग की। सरहदी इलाकों के लिए पृथक विकास आयोग बनाने का भी आग्रह किया गया।
भाजपा सांसद तरुण विजय ने शून्यकाल के दौरान मामला उठाते हुए कहा कि चीन के साथ 350 किमी की सीमा साझा करने वाले उत्तराखंड में चीनी सैनिक लगातार घुसपैठ कर रहे हैं। उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य तरुण विजय का कहना था कि राज्य के होटी क्षेत्र में बीते दिनों घुसे 21 चीनी सैनिक हर बार अपनी भाषा में इस जगह का नाम वू जे लिखकर चले जाते हैं। इतना ही नहीं, उत्तराखंड के मीलम क्षेत्र में स्थानीय लोग चीनी सैनिकों की घुसपैठ के भय से जगह छोड़कर जा रहे हैं।
तरुण विजय ने कहा कि एक ओर चीन ने सीमा तक सड़क नेटवर्क पहुंचा दिया है। जबकि भारतीय सैनिक अपने कंधों पर भार लेकर पांच दिन में सीमा तक पहुंचते हैं। उनका कहना था कि इस पूरे हिमालयी क्षेत्र में चीन से सटे सीमांत इलाकों में कमोबेश यही स्थिति है। उनकी मांग थी कि सरकार को इस बारे में जल्द कदम उठाना चाहिए। साथ ही सीमा से सटे इलाकों में विकास की रफ्तार तेज करने के लिए एक पृथक विकास आयोग का भी गठन किया जाना चाहिए।

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