वापस होगा दुर्गा का निलंबन, डीएम का तबादला
नई दिल्ली/इंटरनेट डेस्क | अंतिम अपडेट 28 अगस्त 2013 4:59 PM IST पर
नोएडा
में निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार गिराने के आरोप में सस्पेंड की गईं आईएएस
अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन वापस लिया जा सकता है। वहीं
दुर्गा को क्लीनचिट देने वाले डीएम का तबादला कर दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने सस्पेंशन के निर्णय को रद्द करने का फैसला ले लिया है। लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा होनी बाकी है।
इसके अलावा इस पूरे मामले में एक तरफा रिपोर्ट सौंपने के आरोप में तत्कालीन डीएम रविकांत सिंह को दोषी के तौर पर तबादला कर दिया गया है। रविकांत सिंह के स्थान पर हरिलाल गुप्ता को नोएडा का नया डीएम नियुक्त किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुर्गा शक्ति का सस्पेंशन वापस लेने का निर्णय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और चीफ सेकेट्ररी के बीच हुए विचार विमर्श के बाद लिया गया।
इस मामले में ट्रांसफर किए गए डीएम रविकांत सिंह ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि दुर्गा शक्ति ने मस्जिद की दीवार गिराने का कोई आदेश नहीं दिया था और न ही इस मामले को लेकर कादलपुर गांव में किसी तरह का कोई सांप्रदायिक तनाव था।
वहीं अपने जवाब में दुर्गा शक्ति ने बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का ही पालन करते हुए निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार को गिराया था। साथ ही उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज किया कि उनके इस कदम से क्षेत्र में किसी प्रकार का कोई सांप्रदायिक तनाव था।
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने सस्पेंशन के निर्णय को रद्द करने का फैसला ले लिया है। लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा होनी बाकी है।
इसके अलावा इस पूरे मामले में एक तरफा रिपोर्ट सौंपने के आरोप में तत्कालीन डीएम रविकांत सिंह को दोषी के तौर पर तबादला कर दिया गया है। रविकांत सिंह के स्थान पर हरिलाल गुप्ता को नोएडा का नया डीएम नियुक्त किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुर्गा शक्ति का सस्पेंशन वापस लेने का निर्णय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और चीफ सेकेट्ररी के बीच हुए विचार विमर्श के बाद लिया गया।
इस मामले में ट्रांसफर किए गए डीएम रविकांत सिंह ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि दुर्गा शक्ति ने मस्जिद की दीवार गिराने का कोई आदेश नहीं दिया था और न ही इस मामले को लेकर कादलपुर गांव में किसी तरह का कोई सांप्रदायिक तनाव था।
वहीं अपने जवाब में दुर्गा शक्ति ने बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का ही पालन करते हुए निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार को गिराया था। साथ ही उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज किया कि उनके इस कदम से क्षेत्र में किसी प्रकार का कोई सांप्रदायिक तनाव था।
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