रतन टाटा:देश की लीडरशिप में कमी, तभी बढ़ रहा है आर्थिक संकट
नई दिल्ली, 28 अगस्त 2013 | अपडेटेड: 21:53 IST
यूपीए सरकार और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की काबिलियत पर सवाल उठाते हुए
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने देश में बढ़ रहे आर्थिक संकट के
लिए नेतृत्व में कमी को जिम्मेदार ठहराया है. रतन टाटा की माने तो देश को
एक ऐसे लीडर की जरूरत है, जो सामने से आ कर देश का नेतृत्व करे.
एक इंग्लिश न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में रतन टाटा ने कहा,
'प्रधानमंत्री की टीम और राजनीतिक वर्ग के लोगों को जरूरत है कि वो एक दिशा
में काम करें और अपने व्यक्तिगत एजेंडों को देशहित से ऊपर न रखें.'
रतन टाटा ने कहा, 'कुछ ऐसे नेता हैं, जिनकी पब्लिक लाइफ के लिए मैंने हमेशा उनकी इज्जत की है. लेकिन कुछ ऐसा हुआ है जिससे उनकी ये छवि खराब हो जाती है. हमारे पास वो नेतृत्व नहीं है, जो सामने से आकर कमान संभाले.' हालांकि उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि वो अभी भी प्रधानमंत्री की इज्जत करते रहेंगे.
रतन टाटा के मुताबिक, 'मेरा मानना है कि वो बहुत कुछ करने में सक्षम हैं. शायद टीम एक दिशा में काम नहीं कर रही है. केंद्र एक दिशा में चल रही है और उसके सहयोगी अलग दिशा में.'
रतन टाटा की माने तो, 'हम खुद का सरकार के साथ सामंजस्य बिठा पा रहे हैं. हम खुद को अब एक देश के रूप में देखना बंद कर चुके हैं. हम पहले पंजाबी, बंगाली, तमिल हैं और बाद में इंडियन. हमें अपने देश के लिए ऐसा नहीं होना चाहिए.'
गुजरात के विकास के लिए मोदी की जमकर तारीफ
उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह ने देश के सम्मान को बढ़ाया है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हमने वो सम्मान खो दिया है. हम दुनिया का भरोसा खो चुके हैं. वहीं रतन टाटा ने गुजरात में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ की है. लेकिन देश की राजनीति में मोदी के रोल लेकर बोलने से रतन टाटा बचते हुए नजर आए. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि उन्होंने गुजरात में अपना कुशल नेतृत्व साबित किया है. उनके नेतृत्व में गुजरात ने ऊंचाइयों को छुआ है लेकिन वो देश के लिए क्या कर सकते हैं उस पर मैं कुछ नहीं बोल सकता.'
रतन टाटा ने कहा, 'कुछ ऐसे नेता हैं, जिनकी पब्लिक लाइफ के लिए मैंने हमेशा उनकी इज्जत की है. लेकिन कुछ ऐसा हुआ है जिससे उनकी ये छवि खराब हो जाती है. हमारे पास वो नेतृत्व नहीं है, जो सामने से आकर कमान संभाले.' हालांकि उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि वो अभी भी प्रधानमंत्री की इज्जत करते रहेंगे.
रतन टाटा के मुताबिक, 'मेरा मानना है कि वो बहुत कुछ करने में सक्षम हैं. शायद टीम एक दिशा में काम नहीं कर रही है. केंद्र एक दिशा में चल रही है और उसके सहयोगी अलग दिशा में.'
रतन टाटा की माने तो, 'हम खुद का सरकार के साथ सामंजस्य बिठा पा रहे हैं. हम खुद को अब एक देश के रूप में देखना बंद कर चुके हैं. हम पहले पंजाबी, बंगाली, तमिल हैं और बाद में इंडियन. हमें अपने देश के लिए ऐसा नहीं होना चाहिए.'
गुजरात के विकास के लिए मोदी की जमकर तारीफ
उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह ने देश के सम्मान को बढ़ाया है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हमने वो सम्मान खो दिया है. हम दुनिया का भरोसा खो चुके हैं. वहीं रतन टाटा ने गुजरात में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ की है. लेकिन देश की राजनीति में मोदी के रोल लेकर बोलने से रतन टाटा बचते हुए नजर आए. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि उन्होंने गुजरात में अपना कुशल नेतृत्व साबित किया है. उनके नेतृत्व में गुजरात ने ऊंचाइयों को छुआ है लेकिन वो देश के लिए क्या कर सकते हैं उस पर मैं कुछ नहीं बोल सकता.'
No comments:
Post a Comment