सीरियाः पुतिन ने अमरीका को सबूत पेश करने की चुनौती दी
शनिवार, 31 अगस्त, 2013 को 22:00 IST तक के समाचार
रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर
पुतिन ने अमरीका से कहा है कि वो संयुक्त राष्ट्र के सामने इस बात के सबूत
पेश करे कि रसायनिक हमले के लिए सीरियाई सरकार ही ज़िम्मेदार है.
पुतिन ने कहा कि रासायनिक हमले करके विपक्षियों को
भड़काने का कदम उठाना सीरिया की सरकार के लिए बड़ी बेवकूफ़ी होता, वो भी
तब जब सीरियाई सेना विरोधियों को ख़िलाफ़ बढ़त हासिल कर रही थी.इससे पहले अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था कि ख़ुफ़िया रिपोर्टों के आधार पर वे सीरिया के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं.
राष्ट्रपति पुतिन का ये बयान संयुक्त राष्ट्र के हथियार निरीक्षकों के दल के सीरिया छोड़ने के बाद आया है.
गौरतलब है राजधानी दमिश्क के नज़दीक हुए रसायनिक हमले में बच्चों समैत सैंकड़ों लोग मारे गए थे. अमरीका का मानना है कि इस रासायनिक हमले के पीछे सीरिया की सरकार है.
हमले की संभावना से दमिश्क के शहरी चिंतित हैं. नागरिक खाने के सामान का भंडारण कर रहे हैं. भारी तादाद में लोग देश भी छोड़ रहे हैं. वही सीरिया की सरकार का कहना है कि वह किसी भी हमले से देश की रक्षा करेगी.
भारतीय नागरिकों को सीरिया छोड़ने की सलाह
भारत ने अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने और सीरिया न जाने की सलाह दी है.भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरउद्दीन ने एक बयान में कहा, "हम दमिश्क में अपने दूतावास से संपर्क में है जो वहाँ मौजूद 25-30 भारतीयों के संपर्क में हैं. सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित हैं. इससे पहले हमने सीरिया में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को भारत लौटने की सलाह दी थी. एक बार फिर उन्हें वापस भारत लौटने की सलाह दी जाती है. भारतीय नागरिकों को सीरिया न जाने संबंधी सलाह अब भी प्रभाव में है."
जाँच दल ने सीरिया छोड़ा
दमिश्क के पास पिछले दिनों रासायनिक हमले से जुड़े आरोपों की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों ने सीरिया छोड़ दिया है. 21 अगस्त को दमिश्क के नज़दीक हुए रसायनिक हमले की चार दिन तक जाँच करने के बाद निरीक्षण दल लेबनान चला गया है.सीरिया में सैन्य कार्रवाई की बढ़ती संभावनाओं के बीच संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों की जाँच को बेहद अहम माना जा रहा है.
अमरीका का कहना है कि उसने सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया है लेकिन वहां एक सीमित सैन्य कार्रवाई पर विचार हो रहा है.
अमरीका का कहना है कि इस बात के पर्याप्त सबूत है कि सीरिया में सरकार ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया जिसमें 1400 से ज्यादा लोग मारे गए.
बीबीसी संवाददाता का कहना है कि सीरिया से संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षको के चले जाने के बाद वहां अमरीकी नेतृत्व में सैन्य कार्रवाई के लिए अब राजनीतिक और व्यवहारिक अड़चनें दूर हो गई हैं.
'धमकी स्वीकार्य नहीं'
रूस ने कहा है कि सीरिया पर बल प्रयोग की अमरीकी धमकी को स्वीकार नहीं किया जा सकता है.रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एलेक्जेंडर लुकासेविच ने कहा कि वहां एकतरफा सैन्य कार्रवाई सीधे तौर पर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगी और इससे सीरियाई संकट के राजनीतिक समाधान की कोशिशों को धक्का लगेगा.
कैरी ने कहा कि मरने वालों में 426 बच्चे भी शामिल थे. उन्होंने इन हमलों को एक ऐसा खौफ़ बताया है जो समझ से परे है.
संसद से सलाह
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार ने इन हमलों से इनकार किया है और रासायनिक हमलों के लिए विद्रोहियों को जिम्मेदार ठहराया है.राष्ट्रपति ओबामा ने सीरिया को लेकर कहा कि इस बारे में अगले कदम पर अमरीकी सरकार को संसद से सलाह लेनी चाहिए.
वहीं तुर्की के प्रधानमंत्री रचेप तयैप एर्दोआन ने कहा है कि सीरिया में किसी भी तरह के हस्तक्षेप का मकसद राष्ट्रपति बशर अल असद को सत्ता से हटाना होना चाहिए.
हमले के पर्याप्त साक्ष्य
कैरी का कहना था कि अमरीका के पास इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि दमिश्क में रासायनिक हमले किए गए और हमलों में 1429 लोगों की मौत हुई."हम जानते हैं कि रॉकेट उन्हीं क्षेत्रों से आए थे जिन पर असद सरकार का नियंत्रण है और इन रॉकेटों ने उन्हीं इलाकों को निशाना बनाया जो विरोधियों के कब्जे में हैं."
जॉन केरी, अमरीकी विदेश मंत्री
उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि रॉकेट उन्हीं क्षेत्रों से आए थे जिन पर असद सरकार का नियंत्रण है और इन रॉकेटों ने उन ही इलाकों को निशाना बनाया जो विद्रोहियों के कब्जे में हैं."
उनका कहना था, "हम जानते हैं कि इन सभी तथ्यों पर अमरीकी ख़ुफ़िया समुदाय को पूरा भरोसा है."
अमरीका लगातार सीरिया पर इस बात के लिए दबाव बनाता रहा है कि वो रासायनिक हथियारों से हमले बंद करे.
फ्रांस अमरीका के साथ
इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा था कि क्लिक करें ब्रितानी सांसदों के सीरिया पर सैन्य हमले के खिलाफ़ वोट देने के बावजूद फ्रांस का मज़बूत कदम उठाने का निश्चय नहीं बदला है.फ्रांस के राष्ट्रपति फ़्रांसुआ ओलांद ने कहा कि सभी विकल्पों पर विचार हो रहा है और कुछ ही दिनों में हमले की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
गुरुवार को ब्रितानी सासंदों ने सीरिया के खिलाफ़ सैन्य कार्रवाई के सिद्धांत को 272 के मुकाबले 285 मतों से खारिज कर दिया था.
इससे पहले अमरीकी रक्षा मंत्री चक हेगल ने कहा था कि क्लिक करें अमरीका संभावित सैन्य कार्रवाई के लिए सहयोग जुटाने की कोशिश जारी रखेगा.
दूसरी तरफ जर्मनी ने कहा है कि वो सैन्य हस्तक्षेप में हिस्सा नहीं लेगा.
अमरीका ने सीरिया पर रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है लेकिन सीरिया इससे इनकार करता रहा है.
No comments:
Post a Comment