EXCLUSIVE: आतंक मचाने के लिए अमेरिका से मिला भटकल को फंड!
नई दिल्ली, 1 सितम्बर 2013 | अपडेटेड: 10:42 IST
भारत में इंडियन मुजाहिद्दीन का ऑपरेशन हेड यासीन भटकल आतंक मचाने के लिए
अमेरिका से फंड का इंतजाम कर रहा था. अमेरिका की खुफिया एजेंसी फेडरल
ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (एफबीआई) ने इस बात का खुलासा किया है. एफबीआई ने
इस आतंकवादी के खतों को खंगाला जिसके बाद ये जानकारी सामने आई. एफबीआई ने
भटकल के खत भारतीय खुफिया एजेंसी को सौंप दिए हैं.
एफबीआई को मिले भटकल के तीन खत
सूत्रों के मुताबिक भटकल ने तीन खत लिखे थे, जिन पर पता अमेरिका के न्यूजर्सी के किसी स्थान का था. जिनमें से एक खत पाकिस्तान से जबकि बाकी दोनों यूएई से भेजे गए थे. सूत्र ने बताया, 'एफबीआई को नहीं पता था कि ये खत भटकल ने लिखे हैं, लेकिन जब पता चला कि इन खतों का संबंध इंडियन मुजाहिद्दीन से है तो उन्होंने खत हमें सौंप दिए.'
अमेरिकी संगठन से मिला इंडियन मुजाहिद्दीन को फंड
खुफिया विभाग के अधिकारी के मुताबिक, 'खत उर्दू में लिखे गए हैं और इसमें न्यूमेरिक कोड्स हैं. आतंक के लिए फंड को लेकर ये खत लिखे गए थे.' सूत्रों की माने तो ऐसा शक है कि भटकल अमेरिका के कुछ संगठनों से संपर्क में था, जो इंडियन मुजाहिद्दीन को फंड देते थे. पांच साल से खुफिया एजेंसियों के साथ आंख-मिचौली खेल रहे भटकल को उसके खास असाउदुल्लाह अख्तर उर्फ 'हड्डी' के साथ नेपाल-भारत बॉर्डर से गुरुवार सुबह गिरफ्तार किया गया.
सूत्रों के मुताबिक इन खतों को देखकर साबित होता है कि भटकल पाकिस्तान और यूएई अक्सर जाता रहता था. नेपाल के पोखरा के पास भटकस का बेस था और वह अक्सर पाकिस्तान, यूएई, बांग्लादेश और भारत जाता रहता था. खुफिया एजेंसी को वो खत भी बरामद हुए हैं, जिनके जरिए भटकल ने अपने परिवार और साथियों से संपर्क किया था. खुफिया एजेंसी के अधिकारी ने एफबीआई से मिले खतों की हैंडराइटिंग इन खतों की हैंडराइटिंग से मिलाया.
भटकल ने पूछताछ में किए चौंकाने वाले खुलासे
एनआईए ने इस मामले में अपनी औपचारिक जांच शुक्रवार से शुरू की जब उसे इस आतंकी की 12 दिन की कस्टडी मिली. सूत्रों की माने तो भटकल कस्टडी में पूछताछ के दौरान झूठ बोल रहा है और किसी भी बात का खुलासा नहीं करना चाहता है. इसके के अलावा भटकल को अपने किए पर कोई पछतावा भी नहीं है. भटकल ने खुलासा किया कि पाकिस्तानी आर्मी के एक लेफ्टिनेंट कर्नल से वह लगातार संपर्क में रहता था. ये लेफ्टिनेंट कर्नल आईएसआई से भी जुड़ा हुआ है. हालांकि इंडियन मुजाहिद्दीन के भविष्य की साजिशों पर भटकल ने कुछ भी नहीं उगला है. भटकल ने बताया कि ये ऑफिसर उसका हैंडलर है और ग्रुप की तमाम गतिविधियों की जानकारी लेता रहता है.
इन सब के अलावा भटकल ने कहा कि इंडियन मुजाहिद्दीन की टॉप लीडरशिप पाकिस्तान में थी, जिसे आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा कंट्रोल करते थे. खुफिया एजेंसी को उम्मीद मिली है कि भटकल से मिली जानकारी के दम पर इंडियन मुजाहिद्दीन का नेटवर्क की कमर तोड़ी जाएगी. सूत्रों ने बताया कि इंडियन मुजाहिद्दीन के कम से कम चार टॉप मेंबर एजेंसी की रडार पर थे. सूत्रों की माने तो भटकल म्यांमार के रोहिनगया मुस्लिम्स के बारे में जिक्र किया. भटकल ने बोधगया ब्लास्ट में हाथ होने से इनकार किया है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इसके पीछे रोहिनगया मुस्लिम्स का हाथ है.
सूत्रों के मुताबिक भटकल ने तीन खत लिखे थे, जिन पर पता अमेरिका के न्यूजर्सी के किसी स्थान का था. जिनमें से एक खत पाकिस्तान से जबकि बाकी दोनों यूएई से भेजे गए थे. सूत्र ने बताया, 'एफबीआई को नहीं पता था कि ये खत भटकल ने लिखे हैं, लेकिन जब पता चला कि इन खतों का संबंध इंडियन मुजाहिद्दीन से है तो उन्होंने खत हमें सौंप दिए.'
अमेरिकी संगठन से मिला इंडियन मुजाहिद्दीन को फंड
खुफिया विभाग के अधिकारी के मुताबिक, 'खत उर्दू में लिखे गए हैं और इसमें न्यूमेरिक कोड्स हैं. आतंक के लिए फंड को लेकर ये खत लिखे गए थे.' सूत्रों की माने तो ऐसा शक है कि भटकल अमेरिका के कुछ संगठनों से संपर्क में था, जो इंडियन मुजाहिद्दीन को फंड देते थे. पांच साल से खुफिया एजेंसियों के साथ आंख-मिचौली खेल रहे भटकल को उसके खास असाउदुल्लाह अख्तर उर्फ 'हड्डी' के साथ नेपाल-भारत बॉर्डर से गुरुवार सुबह गिरफ्तार किया गया.
सूत्रों के मुताबिक इन खतों को देखकर साबित होता है कि भटकल पाकिस्तान और यूएई अक्सर जाता रहता था. नेपाल के पोखरा के पास भटकस का बेस था और वह अक्सर पाकिस्तान, यूएई, बांग्लादेश और भारत जाता रहता था. खुफिया एजेंसी को वो खत भी बरामद हुए हैं, जिनके जरिए भटकल ने अपने परिवार और साथियों से संपर्क किया था. खुफिया एजेंसी के अधिकारी ने एफबीआई से मिले खतों की हैंडराइटिंग इन खतों की हैंडराइटिंग से मिलाया.
भटकल ने पूछताछ में किए चौंकाने वाले खुलासे
एनआईए ने इस मामले में अपनी औपचारिक जांच शुक्रवार से शुरू की जब उसे इस आतंकी की 12 दिन की कस्टडी मिली. सूत्रों की माने तो भटकल कस्टडी में पूछताछ के दौरान झूठ बोल रहा है और किसी भी बात का खुलासा नहीं करना चाहता है. इसके के अलावा भटकल को अपने किए पर कोई पछतावा भी नहीं है. भटकल ने खुलासा किया कि पाकिस्तानी आर्मी के एक लेफ्टिनेंट कर्नल से वह लगातार संपर्क में रहता था. ये लेफ्टिनेंट कर्नल आईएसआई से भी जुड़ा हुआ है. हालांकि इंडियन मुजाहिद्दीन के भविष्य की साजिशों पर भटकल ने कुछ भी नहीं उगला है. भटकल ने बताया कि ये ऑफिसर उसका हैंडलर है और ग्रुप की तमाम गतिविधियों की जानकारी लेता रहता है.
इन सब के अलावा भटकल ने कहा कि इंडियन मुजाहिद्दीन की टॉप लीडरशिप पाकिस्तान में थी, जिसे आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा कंट्रोल करते थे. खुफिया एजेंसी को उम्मीद मिली है कि भटकल से मिली जानकारी के दम पर इंडियन मुजाहिद्दीन का नेटवर्क की कमर तोड़ी जाएगी. सूत्रों ने बताया कि इंडियन मुजाहिद्दीन के कम से कम चार टॉप मेंबर एजेंसी की रडार पर थे. सूत्रों की माने तो भटकल म्यांमार के रोहिनगया मुस्लिम्स के बारे में जिक्र किया. भटकल ने बोधगया ब्लास्ट में हाथ होने से इनकार किया है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इसके पीछे रोहिनगया मुस्लिम्स का हाथ है.
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