आम के बाद अब भारतीय पान पर भी यूरोप में बैन लगाने की तैयारी
लंदन, 15 जून 2014 | अपडेटेड: 10:31 IST
आम के बाद अब भारतीय पान के आयात पर भी यूरोपीय संघ (ईयू) में पाबंदी
लगायी जा सकती है. ईयू ने भारत के अल्फांसो आम पर ऐसे कीट पतंगे होने के
आरोप में इस बार अस्थाई पाबंदी लगा दी है जो यूरोप में नहीं पाए जाते.
भोजन और चारे के बारे में ईयू की त्वरित चेतावनी प्रणाली (रास्फ) ने इसी
सप्ताह जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि भारत से आई पान के पत्ते
की कुछ खेपों में साल्मोनेला बैक्टीरिया का संक्रमण पाया गया है.
ईयू इससे पहले इसी साल बांग्लादेश से पान के अयात पर पाबंदी लगा चुका है जो कम से कम जुलाई तक प्रभावी रहेगी.
रास्फ की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘2011 से पान के पत्तों में रालमोनेला के संक्रमण के मामले लगातार मिलते रहे हैं. ब्रिटेन से लगातार इस तरह की रिपोर्ट मिलने के बाद बांग्लादेश से पान के पत्तों का अयात अस्थाई रूप से रोक दिया गया है तथा भारत और थाइलैंड से आने वाली पान की खेप की निगरानी बढा दी गई है.’ सालमोनेला बैक्टीरिया के संक्रमण से गंभीर उल्टी-दस्त की शिकायत हो सकती है.
इस संगठन ने पिछले साल भारत को खाद्य पदाथो’ में संक्रमण को लेकर 111 बार अधिसूचित या आगाह किया था. इसमें से 12 मामले कढ़ी पत्तों ओर 84 मामले भिंडी को लेकर थे. इनके अलावा पांच मामले लाल मिर्च को लेकर थे.
ईयू इससे पहले इसी साल बांग्लादेश से पान के अयात पर पाबंदी लगा चुका है जो कम से कम जुलाई तक प्रभावी रहेगी.
रास्फ की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘2011 से पान के पत्तों में रालमोनेला के संक्रमण के मामले लगातार मिलते रहे हैं. ब्रिटेन से लगातार इस तरह की रिपोर्ट मिलने के बाद बांग्लादेश से पान के पत्तों का अयात अस्थाई रूप से रोक दिया गया है तथा भारत और थाइलैंड से आने वाली पान की खेप की निगरानी बढा दी गई है.’ सालमोनेला बैक्टीरिया के संक्रमण से गंभीर उल्टी-दस्त की शिकायत हो सकती है.
इस संगठन ने पिछले साल भारत को खाद्य पदाथो’ में संक्रमण को लेकर 111 बार अधिसूचित या आगाह किया था. इसमें से 12 मामले कढ़ी पत्तों ओर 84 मामले भिंडी को लेकर थे. इनके अलावा पांच मामले लाल मिर्च को लेकर थे.
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