AGAIN UTTARAKHAND HAVE DISASTER ALERT 2014 :
उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से पुल बहे, सैकड़ों लोग फंसे,पहली बारिश में ही इतनी खतरनाक स्थिति,
पुल बहने के कारण गांव में फंसे लोग,
मलबा आने से मार्ग पर यातायात बंद
पहली बारिश में ही इतनी खतरनाक स्थिति
पिथौरागढ़ जिले में मूसलाधार बारिश में सुमदुम
ग्लेशियर से काफी बड़ा हिस्सा टूटने के चलते नाले पर बने तीजम और वतन गांव
को जोड़ने वाले दो पुल बह गए।
इससे तीजम, कर्तो, उमचिया, गम और सुमदुम गांव के लोगों का आवागमन ठप हो गया है। यह ग्लेशियर सुमदुम गांव के ऊपर ही स्थित है।
पहली बारिश में ही इतनी खतरनाक नौबत आने से लोग भयभीत हैं।
इससे तीजम, कर्तो, उमचिया, गम और सुमदुम गांव के लोगों का आवागमन ठप हो गया है। यह ग्लेशियर सुमदुम गांव के ऊपर ही स्थित है।
पहली बारिश में ही इतनी खतरनाक नौबत आने से लोग भयभीत हैं।
मलबा आने से मार्ग पर यातायात बंद
उधर, धारचूला-तवाघाट मार्ग पर ऐलागाड़ के पास मलबा आने से गुरुवार सुबह करीब पांच घंटे यातायात बंद रहा।
धारचूला क्षेत्र में बुधवार रात मूसलाधार बारिश हुई। भाकपा माले ने पुल बहने की जानकारी धारचूला के एसडीएम और डीएम को दी है।
भाकपा माले के जिला सचिव जगत मर्तोलिया ने बताया कि सुमदुम नाले में ग्रामीणों ने खुद कच्चा पुल बनाया था और आपदा मद से एक पक्का पुल भी बनाया गया था।
धारचूला क्षेत्र में बुधवार रात मूसलाधार बारिश हुई। भाकपा माले ने पुल बहने की जानकारी धारचूला के एसडीएम और डीएम को दी है।
भाकपा माले के जिला सचिव जगत मर्तोलिया ने बताया कि सुमदुम नाले में ग्रामीणों ने खुद कच्चा पुल बनाया था और आपदा मद से एक पक्का पुल भी बनाया गया था।
पुल बहने के कारण गांव में फंसे लोग
भाकपा माले ने आरोप लगाया कि आपदा मद से बनाए गए पुल को गलत जगह पर बनाया गया था। मामले की जांच होनी चाहिए।
साथ ही पुल बहने के कारण गांव में फंसे लोगों के लिए हेलीकॉप्टर से राशन पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।
एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि स्थिति का जायजा लेने के लिए टीम भेजी जा रही है।
साथ ही पुल बहने के कारण गांव में फंसे लोगों के लिए हेलीकॉप्टर से राशन पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।
एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि स्थिति का जायजा लेने के लिए टीम भेजी जा रही है।
पिथौरागढ़ व चंपावत में भारी बारिश की आशंका
उत्तराखंड में शुक्रवार को बादल, बारिश संभव है। खास तौर पर पिथौरागढ़, चंपावत में भारी बारिश की संभावना है।
देहरादून में गुरुवार को भी तकरीबन दिन भर बादल छाए रहे। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके इस बार भारी बरसात से सहमे हुए हैं।
देहरादून में गुरुवार को भी तकरीबन दिन भर बादल छाए रहे। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके इस बार भारी बरसात से सहमे हुए हैं।
नदियों में सिल्ट आने से उत्तराखंड की बत्ती गुल
बारिश से नदियों का जल स्तर बढ़ गया
उत्तराखंड की नदियों में सिल्ट आने से प्रदेश में
बिजली संकट गहराने लगा है। गुरुवार को प्रदेश की तीन जल विद्युत परियोजनाओं
से कोई उत्पादन नहीं हो पाया।
हिमाचल की नदियों में भी सिल्ट की वजह से उत्तराखंड के हिस्से की बिजली नहीं मिल सकी। उत्पादन कम होने से औद्योगिक क्षेत्रों में चार से पांच घंटे तक की बिजली कटौती करनी पड़ी।
मानसून आने से पहले ही पहाड़ में हो रही बारिश से नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। इसने उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएनएल) और उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (ऊर्जा निगम) की चिंता बढ़ा दी है।
हिमाचल की नदियों में भी सिल्ट की वजह से उत्तराखंड के हिस्से की बिजली नहीं मिल सकी। उत्पादन कम होने से औद्योगिक क्षेत्रों में चार से पांच घंटे तक की बिजली कटौती करनी पड़ी।
मानसून आने से पहले ही पहाड़ में हो रही बारिश से नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। इसने उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएनएल) और उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (ऊर्जा निगम) की चिंता बढ़ा दी है।
उत्पादन शून्य रहा
गुरुवार को यूजेवीएनएल के 190 मेगावाट क्षमता के जल विद्युत गृह कालागढ़, 10 मेगावाट के खटीमा विद्युत गृह से उत्पादन शून्य रहा।
इसके अलावा 120 मेगावाट के चीला जल विद्युत गृह से भी दोपहर दो बजे तक विद्युत उत्पादन नहीं मिल पाया। मनेरी भाली द्वितीय से 147 मेगावाट बिजली ही बन पाई।
हिमाचल के जल विद्युत गृह करछम वांगणु को भी सिल्ट की वजह से बंद किया गया है। इसके चलते उत्तराखंड के हिस्से की 60 मेगावाट बिजली भी नहीं मिल पायी।
इसके अलावा 120 मेगावाट के चीला जल विद्युत गृह से भी दोपहर दो बजे तक विद्युत उत्पादन नहीं मिल पाया। मनेरी भाली द्वितीय से 147 मेगावाट बिजली ही बन पाई।
हिमाचल के जल विद्युत गृह करछम वांगणु को भी सिल्ट की वजह से बंद किया गया है। इसके चलते उत्तराखंड के हिस्से की 60 मेगावाट बिजली भी नहीं मिल पायी।
औद्योगिक क्षेत्रों में ऐसी रही कटौती
नारा-रुड़की की विद्युत लाइन में फाल्ट आने की वजह
से मरम्मत के लिए दोपहर बारह बजे से डेढ़ बजे तक इमरजंसी शटडाउन लिया गया।
राज्य के जल विद्युत गृहों से विद्युत उत्पादन 16.74 मिलियन यूनिट रहा।
राज्य की विद्युत मांग 36.98 एमयू के सापेक्ष उपलब्धता 35.20 एमयू रही।
सिडकुल हरिद्वार और पंतनगर में चार घंटे, नान कंटीनियस इंडस्ट्री गढ़वाल में 5 घंटे और कुमाऊं में 3 घंटे की बिजली कटौती करनी पड़ी। सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया में छह घंटे तक की बिजली कटौती हुई।
सिडकुल हरिद्वार और पंतनगर में चार घंटे, नान कंटीनियस इंडस्ट्री गढ़वाल में 5 घंटे और कुमाऊं में 3 घंटे की बिजली कटौती करनी पड़ी। सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया में छह घंटे तक की बिजली कटौती हुई।
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