गुजरात का प्राचीन सीढ़ीदार कुआं (बावड़ी) और हिमाचल प्रदेश स्थित खूबसूरत हिमालयन नेशनल पार्क यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज सूची में शामिल
गुजरात का सीढ़ीदार कुआं और हिमालयन पार्क यूनेस्को की विरासत
Thu, 19 Jun 2014
और जानें : UNESCO |
Tender period |
Insurability |
Himachal Pradesh |
Gujarat tourism |
Great Himalayan National Park |
distinct ecological zones representative |
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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सूत्रों ने बताया, कतर में चल रहे 38वें वर्ल्ड हैरिटेज सेशन में शुक्रवार को 11वीं सदी की "रानी की वाव" और ग्रेट हिमालय नेशनल पार्क को विश्व धरोहर की क्रमशः सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत सूची में शामिल किया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, यूनेस्को ने पाटन स्थित "रानी की वाव" की जल प्रबंधन प्रणाली को भूमिगत जल संसाधनों के उपयोग का असाधारण उदाहरण माना है।
गुजरात पर्यटन विभाग की वेबसाइट के अनुसार, रानी की वाव वर्ष 1063 में सोलंकी राजवंश के संस्थापक राजा भीमदेव की याद में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने बनवाई थी। बावड़ी मूल रूप से सात मंजिला थी लेकिन इसकी पांच मंजिलों को ही सुरक्षित रखा जा सका है।
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