Mumbai BMC Campa Cola Society Evacuation
फोटो: आरपीआई के कई कार्यकर्ता भी कैंपा कोला सोसाइटी पहुंच गए और विरोध करने लगे। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को अरेस्ट किया है।
Date:Friday,Jun 20,2014 01:19:51 PM
मुंबई। कैंपा कोला सोसायटी को खाली करने गए बीएमसी के अधिकारी वहां भारी
विरोध की वजह से वैरंग लौट गए। बीएमसी के अधिकारी और कर्मचारी कोर्ट के
आदेश पर वहां लोगों से जबरन घर खाली कराने गए थे। फ्लैट के मालिक
अपार्टमेंट के सामने आकर इसका कड़ा विरोध कर रहे थे। लोगों से घर खाली कराने
के लिए सुरक्षा का भारी प्रबंध किया गया था। उधर, इस मसले पर शहरी विकास
मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि यहां रहने वाले लोगों के साथ हमारी पूरी
सहानुभूति है लेकिन हम कर क्या सकते हैं? यह तो कोर्ट का फैसला है।
कैंपा कोला सोसाइटी के अवैध फ्लैटों को कैमरे की निगरानी में ढहाया जाएगा। बृहन मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का कहना है कि आज इस प्रक्रिया में यदि वहां के बाशिंदों ने बाधा पहुंचाई तो सुप्रीम कोर्ट में वीडियो रिकॉर्डिग का इस्तेमाल बतौर सुबूत किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध फ्लैटों के बाशिंदों की याचिका खारिज किए जाने के बाद बीएमसी ने 20 जून से इन फ्लैटों को ढहाने की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी। अपर निगम आयुक्त मोहन अदतानी ने मंगलवार बताया कि वीडियो रिकॉर्डिग का उद्देश्य प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने वालों के खिलाफ इसका बतौर सुबूत इस्तेमाल करना है। उनके मुताबिक, ढहाने की प्रक्रिया 17 जून से ही शुरू होनी थी, लेकिन दो लोगों की मौत की वजह से मानवीय आधार पर इसे तीन दिनों के लिए टाल दिया गया। पीड़ित परिवार को अतिरिक्त मोहलत दी जाएगी, ताकि वे क्रिया कर्म की विधियां पूरी कर सकें।
पहले चरण में निगम अवैध फ्लैटों के बिजली, पानी और गैस कनेक्शन काटेगा और उसके बाद ढहाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। कैंपा कोला सोसाइटी में 102 अवैध फ्लैट चिह्नित किए गए हैं।
LIVE: कैंपा कोला में बुलडोजर चलवाने पहुंचे अधिकारी, लोगों ने बंद किया गेट जोड़े हाथ,
कैंपा कोला सोसायटी खाली कराने गए बीएमसी के लोग बैरंग लौटे
Jun 20, 2014, 13:06PM IST
(फोटो: कैंपा कोला सोसाइटी के निवासी अपने फ्लैट्स बचाने के लिए
पूजा-पाठ का भी सहारा ले रहे हैं। गुरुवार को सोसाइटी के बुजुर्ग निवासियों
ने हवन किया।)
मुंबई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए बीएमसी की टीम
शुक्रवार को कैंपा कोला सोसाइटी में अवैध फ्लैट्स को खाली कराने पहुंची।
बीएमसी अधिकारियों ने कहा कि वे सबसे पहले सोसाइटी में बिजली, पानी और गैस
की आपूर्ति बंद करेंगे। उधर, फ्लैट खाली कराए जाने के विरोध में सोसायटी के
निवासी जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बीएमसी की टीम को रोकने के
लिए लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई है। शुक्रवार सुबह से ही हवन और अनुष्ठान
भी किया जा रहा है। घर खाली कराने के लिए पहुंची टीम का कहना है कि लोगों
का यह कदम कोर्ट की अवमानना है।
राजनीति हुई तेज
फ्लैट्स खाली कराने के लिए कैंपा कोला सोसायटी में भारी तादाद में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। उधर, इस मसले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कई स्थानीय नेता सोसाइटी में पहुंचे हैं। मुंबई पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रहे आरपीआई के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। बीएमसी के अफसरों को सोसाइटी के 102 घरों का पानी और बिजली कनेक्शन काटना है। इसके बाद वे दीवारें तोड़ने का काम शुरू करेंगे।
फ्लैट्स खाली कराने के लिए कैंपा कोला सोसायटी में भारी तादाद में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। उधर, इस मसले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कई स्थानीय नेता सोसाइटी में पहुंचे हैं। मुंबई पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रहे आरपीआई के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। बीएमसी के अफसरों को सोसाइटी के 102 घरों का पानी और बिजली कनेक्शन काटना है। इसके बाद वे दीवारें तोड़ने का काम शुरू करेंगे।
होगी वीडियो रिकॉर्डिंग
यह पूरी कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही है। कार्रवाई की
वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जा रही है। बताया जा रहा है कि इस रिकॉर्डिंग को
कोर्ट का आदेश पूरा करने में बाधा पहुंचाने के सबूत के तौर पर पेश किया
जाएगा। अगर कोई नेता कार्रवाई में बाधा डालता है तो उसे कोर्ट की अवमानना
का आरोपी भी बनाया जाएगा।
कैंपा कोला की पूरी कहानी
- साल 1981 में तीन बिल्डर्स यूसुफ पटेल, बीके गुप्ता और पीएसबी कंस्ट्रक्शन को कैंपा कोला की जमीन पर बिल्डिंग बनाने की इजाजत मिली थी।
- 1981 में इन तीनों ने 5-5 मंजिलों की 9 इमारत बनाने का प्लान BMC को सौंपा था। इस प्लान से बीएमसी को भी कोई एतराज नहीं था और उसने इसकी इजाजत दे दी।
- इसके बाद इन तीनों बिल्डर्स का इरादा बदल गया और इन्होंने अपना प्लान बदलकर ज्यादा मंजिलों का प्लान बीएमसी को सौंपा। बीएमसी को इस पर आपत्ति हुई और उसने इसे नामंजूर कर दिया। तब बिल्डर्स ने बीएमसी की आपत्ति को दरकिनार करते हुए अवैध रूप से फ्लैट्स बना डाले।
- तीनों बिल्डर्स का फर्जीवाड़ा यहीं नहीं रुका। इन्होंने साल 1989 तक सभी बिल्डिंगों में अवैध फ्लैट्स बनाकर उन्हें बेच डाला। फ्लैट्स बिकने के बाद बीएमसी नींद से जागा और उसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बिल्डरों ने अवैध निर्माण किया है।
- मामला पेंचीदा था लिहाजा कोर्ट चला गया। पहले सिविल कोर्ट, फिर हाईकोर्ट और अंत में सुप्रीम कोर्ट। मामला अदालत में चलता रहा और वो लोग एक राहत की उम्मीद पाले बैठे रहे जिन्होंने यहां पर अपनी पूंजी लगाकर फ्लैट्स खरीदे थे। मगर अंत में उनके हाथ निराशा लगी।
- साल 1981 में तीन बिल्डर्स यूसुफ पटेल, बीके गुप्ता और पीएसबी कंस्ट्रक्शन को कैंपा कोला की जमीन पर बिल्डिंग बनाने की इजाजत मिली थी।
- 1981 में इन तीनों ने 5-5 मंजिलों की 9 इमारत बनाने का प्लान BMC को सौंपा था। इस प्लान से बीएमसी को भी कोई एतराज नहीं था और उसने इसकी इजाजत दे दी।
- इसके बाद इन तीनों बिल्डर्स का इरादा बदल गया और इन्होंने अपना प्लान बदलकर ज्यादा मंजिलों का प्लान बीएमसी को सौंपा। बीएमसी को इस पर आपत्ति हुई और उसने इसे नामंजूर कर दिया। तब बिल्डर्स ने बीएमसी की आपत्ति को दरकिनार करते हुए अवैध रूप से फ्लैट्स बना डाले।
- तीनों बिल्डर्स का फर्जीवाड़ा यहीं नहीं रुका। इन्होंने साल 1989 तक सभी बिल्डिंगों में अवैध फ्लैट्स बनाकर उन्हें बेच डाला। फ्लैट्स बिकने के बाद बीएमसी नींद से जागा और उसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि बिल्डरों ने अवैध निर्माण किया है।
- मामला पेंचीदा था लिहाजा कोर्ट चला गया। पहले सिविल कोर्ट, फिर हाईकोर्ट और अंत में सुप्रीम कोर्ट। मामला अदालत में चलता रहा और वो लोग एक राहत की उम्मीद पाले बैठे रहे जिन्होंने यहां पर अपनी पूंजी लगाकर फ्लैट्स खरीदे थे। मगर अंत में उनके हाथ निराशा लगी।
सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों कैंपा कोला सोसाइटी के रहवासियों की याचिका खारिज कर दी थी। इसमें अवैध रूप से निर्मित 96 फ्लैट्स को 31 मई तक खाली करने के आदेश पर रोक लगाने की अपील की गई थी। याचिका में यह भी कहा गया था कि एसोसिएशन को सूचना के अधिकार कानून के तहत कुछ नए तथ्य मिले हैं। ये पहले सामने नहीं आए थे। इनके मद्देनजर सारे मामले पर नए सिरे से सुनवाई होनी चाहिए। जस्टिस जेएस खेहर और सी नागप्पन की बेंच ने कहा, 'हमारी राय है कि मौजूदा याचिका गलत धारणा पर आधारित है। इसलिए इसे खारिज किया जाता है।' बेंच ने यह आग्रह भी नहीं माना था कि एसोसिएशन की क्यूरेटिव याचिका पर शीर्ष कोर्ट का फैसला होने तक अवैध फ्लैट को नहीं गिराया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों कैंपा कोला सोसाइटी के रहवासियों की याचिका खारिज कर दी थी। इसमें अवैध रूप से निर्मित 96 फ्लैट्स को 31 मई तक खाली करने के आदेश पर रोक लगाने की अपील की गई थी। याचिका में यह भी कहा गया था कि एसोसिएशन को सूचना के अधिकार कानून के तहत कुछ नए तथ्य मिले हैं। ये पहले सामने नहीं आए थे। इनके मद्देनजर सारे मामले पर नए सिरे से सुनवाई होनी चाहिए। जस्टिस जेएस खेहर और सी नागप्पन की बेंच ने कहा, 'हमारी राय है कि मौजूदा याचिका गलत धारणा पर आधारित है। इसलिए इसे खारिज किया जाता है।' बेंच ने यह आग्रह भी नहीं माना था कि एसोसिएशन की क्यूरेटिव याचिका पर शीर्ष कोर्ट का फैसला होने तक अवैध फ्लैट को नहीं गिराया जाए।
फोटो: बीएमसी के अधिकारी जब कैंपा कोला सोसाइटी पहुंचे तो वहां के निवासी उनसे हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगे।
फोटो: बीएमसी के अधिकारियों के कैंपा कोला पहुंचते ही सोसाइटी के निवासियों ने मेन गेट को बंद कर दिया।
कैंपा कोला सोसायटी खाली कराने गए बीएमसी के लोग बैरंग लौटे
कैंपा कोला सोसायटी खाली कराने गए बीएमसी के लोग बैरंग लौटे
कैंपा कोला सोसाइटी के अवैध फ्लैटों को कैमरे की निगरानी में ढहाया जाएगा। बृहन मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का कहना है कि आज इस प्रक्रिया में यदि वहां के बाशिंदों ने बाधा पहुंचाई तो सुप्रीम कोर्ट में वीडियो रिकॉर्डिग का इस्तेमाल बतौर सुबूत किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध फ्लैटों के बाशिंदों की याचिका खारिज किए जाने के बाद बीएमसी ने 20 जून से इन फ्लैटों को ढहाने की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी। अपर निगम आयुक्त मोहन अदतानी ने मंगलवार बताया कि वीडियो रिकॉर्डिग का उद्देश्य प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने वालों के खिलाफ इसका बतौर सुबूत इस्तेमाल करना है। उनके मुताबिक, ढहाने की प्रक्रिया 17 जून से ही शुरू होनी थी, लेकिन दो लोगों की मौत की वजह से मानवीय आधार पर इसे तीन दिनों के लिए टाल दिया गया। पीड़ित परिवार को अतिरिक्त मोहलत दी जाएगी, ताकि वे क्रिया कर्म की विधियां पूरी कर सकें।
पहले चरण में निगम अवैध फ्लैटों के बिजली, पानी और गैस कनेक्शन काटेगा और उसके बाद ढहाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। कैंपा कोला सोसाइटी में 102 अवैध फ्लैट चिह्नित किए गए हैं।
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