Thursday 31 July 2014

दस लाख रुपये लेने के बाद भी पप्पू ने करा दिया सहारनपुर दंगा | सहारनपुर दंगे का मास्टरमाइंड गिरफ्तार,सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान, आज कर्फ्यू में ढील

दस लाख रुपये लेने के बाद भी पप्पू ने करा दिया सहारनपुर दंगा | सहारनपुर दंगे का मास्टरमाइंड गिरफ्तार,सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान, आज कर्फ्यू में ढील

दस लाख रुपये लेने के बाद भी पप्पू ने करा दिया सहारनपुर दंगा

Updated Date:Friday,Aug 01,2014 11:29:45 AM
दस लाख रुपये लेने के बाद भी पप्पू ने करा दिया सहारनपुर दंगा
लखनऊ। सहारनपुर दंगे के मुख्य आरोपी मोहर्रम अली उर्फ पप्पू की गिरफ्तारी के बाद से परत दर परत पूरा मामला खुलता जा रहा है। एसएसपी सहारनपुर राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि मोहर्रम अली 'पप्पू' ने स्वीकार किया कि विवादित जमीन का मामला निस्तारित करने को उसने गुरुद्वारा कमेटी से 25 लाख मांगे थे। इस बाबत उसको दस लाख का भुगतान भी हो चुका था।
इस स्थान पर 15 जुलाई से निर्माण चल रहा था। जब पप्पू को लगा कि उसे अब पैसा नहीं मिलेगा तो अचानक 25 जुलाई की रात तीन बजे थाने पहुंचा। पप्पू ने सहरी के वक्त का फायदा उठाया और कुतबुशेर मस्जिद के शहीद करने की अफवाह उड़ा भीड़ एकत्र कर ली और आगजनी शुरू करवा दी।
सौ लीटर केमिकल लेकर आए थे पप्पू के गुर्गे
सहारनपुर दंगा सुनियोजित था और गुरुद्वारा रोड व अंबाला रोड को पूरी तरह से तबाह करने की साजिश रची गई थी। इसके लिए पप्पू के गुर्गे आगजनी के लिए सौ लीटर केमिकल लेकर आए थे। दंगे के दो मुख्य आरोपी मोहर्रम अली उर्फ पप्पू और भतीजे इरशाद की गिरफ्तारी से कई रहस्यों से पर्दा उठा है। इसमें कुछ ऐसे राज है, जिनकी पुष्टि के लिए खुफिया विभाग की टीम ने पप्पू से जुड़े दर्जन से अधिक लोगों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लिए हैं। इनमें कुछ नेताओं के नंबर भी बताए जा रहे हैं, जिनसे पप्पू ने घटना से करीब दो-तीन घंटे पहले मोबाइल पर बात थी। पप्पू ने शहर को सांप्रदायिक हिंसा में झोंकने के लिए प्लानिंग की थी, जिसका पता पप्पू के बेटे दानिश, भतीजे इरशाद व हाजी इरफान को 24 घंटे पहले चल गया था। पूछताछ के दौरान पप्पू के बेटे दानिश ने पुलिस के सामने इसका खुलासा भी किया।
पप्पू के कहने पर उसके गुर्गो ने कुतुबशेर चौराहे के पास ंही शुक्रवार को सौ लीटर केमिकल डिब्बों में भर रख दिया था। पप्पू की साजिश थी कि अगर वार्ता सफल नहीं हुई तो उसका इशारे मिलते ही भीड़ में शामिल गुर्गे आगजनी व लूटपाट शुरू कर दें। अधिकारियों को उस पर शक न हो इसलिए वह भीड़ को समझाने का नाटक करता रहा। बात न बनने पर भीड़ में शामिल दानिश, भतीजा इरशाद के साथ आए सौ से अधिक युवकों ने पप्पू का इशारा मिलते ही लूटपाट और आगजनी शुरू कर दी। साजिश में पप्पू अस्सी फीसद सफल भी रहा, लेकिन उसे नहीं पता थी कि वह अपने जाल में खुद फंस जाएगा। सांप्रदायिक हिंसा का तीसरा मास्टर माइंड हाजी इरफान जो विवादित प्लाट के मुकदमे में वादी है। वह आज तक विवादित स्थल तक पर नहीं गया था। उसने भी पप्पू के इशारे पर ही मुकदमा दर्ज कराया था।
पप्पू की संपत्ति भी होगी कुर्क
कुछ सालों में अथाह संपत्ति के मालिक बने मोहर्रम अली उर्फ पप्पू की संपत्ति का भी लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है। हालांकि अधिकारिक रुप से इसकी कोई पुष्टि नहीं कर रहा है, पर बताया गया है कि डेढ़ दशक पहले किराये के मकान में रहने वाले मोहर्रम अली उर्फ पप्पू अब करोड़ों की संपत्ति का मालिक है। उसके विरुद्ध पहले भी कई मुकदमे है। पप्पू की संपत्ति और आय के स्त्रोतों की जांच खुफिया विभाग कर रहा है।
राजनीतिक कनेक्शन
पुलिस के अनुसार पप्पू कांग्रेस नेता इमरान मसूद का सहयोगी है। हालांकि इमरान ने कहा पप्पू से मेरा कोई संबंध नहीं है और उस दिन मौके पर भीड़ को समझाते समय पप्पू ने मेरे साथ अभद्रता की और लोगों को मेरे खिलाफ उकसाया। मोहर्रम अली सभासद रह चुका है और पेशे से प्रॉपर्टी डीलर है। उसके खिलाफ पहले भी सहारनपुर के जनकपुरी, मंडी व कुतुबशेर थानों में बवाल करने से लेकर फर्जीवाड़े तक के दर्जनभर मामले हैं। गुरुद्वारा सिंहसभा का भी आरोप है कि 2001 में मोहर्रम अली ने अपने को पर्दे के पीछे रखकर अब्दुल वहाब नाम के एक शख्स से वाद दायर करवाया। इसी के चलते यह विवाद इतना बढ़ा।

 

सहारनपुर दंगे का मास्टरमाइंड गिरफ्तार,सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान, आज कर्फ्यू में ढील



1

सहारनपुर शहर को दंगे की आग में झोंकने के मास्टरमाइंड पूर्व सभासद मोर्हरम अली उर्फ पप्पू और उसके छह साथियों को पुलिस कप्तान राजेश पांडेय की टीम ने बुधवार शाम गिरफ्तार कर लिया। सभी के खिलाफ कुतुबशेर समेत कई थानों में आगजनी, लूटपाट, जानमाल की क्षति पहुंचाने संबंधित 72 अभियोग पंजीकृत हैं। कप्तान ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर और रासुका की भी कार्रवाई की जा रही है।

एसएसपी राजेश पांडेय ने पत्रकार वार्ता में मोहर्रम अली पप्पू की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया कि दंगे में करीब 35 लोग घायल हुए और सैकड़ों दुकानें, वाहन जला दिए गए और तीन निर्दोष लोगों की मौत हुई। दंगे में अहम भूमिका निभाने वाले मास्टर माइंड पीरवाली गली नंबर दो निवासी मोहर्रम अली उर्फ पप्पू को उसके छह अन्य साथियों इरशाद पुत्र जमशेद, दानिश पुत्र मोहर्रम अली, शाहिद पुत्र अब्दुल हमीद, हाजी इरफान पुत्र इमरान सभी पीरवाली गली निवासी, आबिद पुत्र याकूब कमेला कॉलोनी को विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया गया।

एसएसपी के मुताबिक पूछताछ में पता चला है कि 26 जुलाई की सुबह जब थाना कुतुबशेर में विवाद को लेकर पंचायत चल रही थी। उसी समय मोहर्रम अली ने सुनियोजित ढंग से सैकड़ों उपद्रवियों को थाने के आसपास एकत्र कर अपने पक्ष में मनमुताबिक फैसला नहीं होता देख भीड़ को उकसाते हुए हिंसक कार्रवाई के लिए प्रेरित किया और खुद और चुनिंदा विश्वसनीय साथियों के साथ सक्रिय रूप से मारपीट, आगजनी की घटना की।


सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान

12
एसएसपी ने बताया कि हिंसक घटनाओं की वीडियो, सीसीटीवी फुटेज में ज्यादातर लोगों की पहचान कर ली गई है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। सभी के खिलाफ गैंगस्टर और रासुका के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि दंगों से संबंधित आगजनी, लूटपाट, जानमाल की क्षति के 72 मामले पंजीकृत किए गए हैं। इनमे अभी तक 89 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। दंगे कराने की साजिश में मोहर्रम अली के साथ� इरशाद, इरफान शामिल रहे हैं।गिरफ्तारी में क्राइम ब्रांच के संजय पांडे और एके सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कांग्रेस ने झाड़ा पप्पू से पल्ला
मोहर्रम अली उर्फ पप्पू की गिरफ्तारी होते ही कांग्रेस ने भी उससे पल्ला झाड़ लिया है। जिलाध्यक्ष मेहरबान आलम ने कहा कि मोहर्रम अली का कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है। गिरफ्तारी के बाद पत्रकारों के पूछने पर मोहर्रम अली पप्पू ने न केवल खुद को कांग्रेस में बताया, बल्कि यहां तक कहा कि उसने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे इमरान मसूद को चुनाव भी लड़वाया है। वह उनके साथ है। इस संबंध में कांग्रेस जिलाध्यक्ष मेहरबान आलम से बात की गई तो उनका कहना था कि मोहर्रम अली पप्पू का कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है। वो पार्टी का सदस्य भी नहीं है।


आज 10 से 4 बजे तक रहेगी कर्फ्यू में ढील

13
शहर के बाशिंदों को बृहस्पतिवार को पहली बार बड़ी राहत मिलेगी। अमन की ओर बढ़ रहे शहर में जिला प्रशासन एक साथ सुबह दस से शाम चार बजे तक कर्फ्यू में ढील देगा। अभी तक शहर को पुराने और नए हिस्से में बांटकर पांच-पांच घंटे तक की ढील दी गई थी। अब शाम चार बजे तक किसी भी क्षेत्र में कोई बंदिश नहीं रहेगी।

पूरे शहर में कर्फ्यू की ढील से उन लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी जो कई कारणों से अब तक नए और पुराने शहर के हिस्सों में कैद हैं और अपने लोगों के बीच नहीं पहुंच पाए हैं। इसके चलते पिछले चार दिन के मुकाबले जिंदगी पहले से अधिक रफ्तार से दौड़ पाएगी। इस मामले में जिलाधिकारी संध्या तिवारी का कहना है कि अमन की बढ़ती उम्मीदों को देखते हुए इतनी छूट दी गई है।

उन्होंने कहा कि अब शहर के लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वे फिर से पहले जैसा विश्वास का


हवा में कर दिया नुकसान का सर्वे

14
शहर में हुए दंगे को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है, इसका अंदाजा जली संपत्ति और वाहनों की सर्वे रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। लगता है कि रिपोर्ट हवा में ही तैयार कर दी गई है। फूंकी गई मोबाइल शॉप का नुकसान मात्र 10 हजार और बैटरी-इनवर्टर की दुकान में 20 हजार का नुकसान दर्शाया है। तहसीलदार और लेखपालों द्वारा तैयार इस रिपोर्ट को डीएम ने खारिज कर दिया है। अब नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कराने के निर्देश दिए गए हैं।

अंबाला रोड पर जलीं दुकानें, ठेलियां, बस, अन्य वाहन और प्रतिष्ठान आज भी दंगे की कहानी स्वयं बयां कर रहे हैं। प्रशासन के मुताबिक करीब 165 दुकानें, ठेलियां आदि दंगाइयों ने लूटी और जलाईं। 45 बस, बाइक आदि वाहन जलाए गए। दंगे से पूर्व फेस्टीवल सीजन के लिए व्यापारियों ने खूब माल स्टॉक किया था। ऐसे में मुआवजे के लिए तैयार की गई सर्वे रिपोर्ट चौंका देने वाली है। सर्वे रिपोर्ट को शायद हवा में बना दिया गया। जली मोबाइल शॉप का नुकसान सिर्फ दस हजार रुपये दिखाया गया है।
जबकि शोरूम में वर्तमान में एक स्मार्ट फोन ही इससे महंगा होता है। इनवर्टर-बैटरी की दुकान का नुकसान 20 हजार� दिखाया गया। जबकि एक इनर्वटर बैटरी ही 10 हजार से अधिक बैठती है। सचिव भुवनेश कुमार ने भी रिपोर्ट पर हैरानी जताई है। डीएम संध्या तिवारी ने रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर नए सिरे से वास्तविक आकलन कर सर्वे रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए।

वाणिज्य कर की रिपोर्ट होगी अहम
सचिव भुवनेश कुमार ने बताया कि व्यापारियों के हुए नुकसान का मुआवजा वाणिज्य कर विभाग की रिपोर्ट पर तैयार किया जाएगा। बीमा कंपनियों से भी संपर्क साधा जाएगा ताकि पीड़ित व्यापारियों को जल्दी बीमा धनराशि दिलवाई जा सके। प्रशासन का मकसद हर किसी को निष्पक्ष रूप से सहायता दिलाना है।


'नियोजित तरीके से हुआ दंगा'

15
भाजपा विधायक सुरेश राणा ने कहा कि सहारनपुर का दंगा पूर्व नियोजित तरीके साथ कराया गया। दंगे में प्रयुक्त किए गए केमिकल का इस्तेमाल अभी तक श्रीनगर जैसे इलाकों में ही किया गया था। दंगाइयों ने उसे अब यहां प्रयोग किया। उन्होंने सिख समाज और पीड़ितों को पूर्ण सुरक्षा दिलाने का भरोसा दिया।

भाजपा का छह सदस्य प्रतिनिधिमंडल बुधवार दोपहर श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा पहुंचा। वहां उन्होंने सिख समाज के वरिष्ठ लोगों से बातचीत की और दंगा पीड़ितों का दर्द सुना। बाद में उन्होंने कहा कि प्रशासन की लापरवाही के कारण ही दंगा हुआ है। दंगे में शामिल नेताओं के नाम मालूम होने के बाद भी प्रशासन उनकी ओर देख भी नहीं� रहा है। दंगाइयों ने इस घटना से पूरे समाज को चेलेंज किया है। सरकार, प्रशासन और कुछ नेताओं की मिलीभगत से दंगा हुआ है। कमेटी के अध्यक्ष मेरठ के पूर्व विधायक अमित अग्रवाल ने कहा कि न्यायालय का आदेश सिख समाज के पक्ष में है। सहारनपुर दंगे में व्यापारियों का सवा सौ करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। केंद्र सरकार इसकी भरपाई के लिए हर कदम उठाएगी और सरकार पीड़ितों के साथ है। प्रतिनिधिमंडल में रविंद्र भड़ाना, एसपी सिंह आदि शामिल रहे।

दुकानों में पहुंच कर जानी स्थिति
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने अंबाला रोड पर दंगे की भेंट चढ़ी दुकानों पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। भाजपा विधायकों और अन्य नेताओं ने इस स्थिति गहरा दुख व्यक्त करते हुए सहायता का आश्वासन दिया।

रिकॉर्डिंग पर बाहर जाने को कहा
जिस समय गुरुसिंह सभा गुरुद्वारे में सिख समाज के लोगों के साथ भाजपा प्रतिनिधिमंडल वार्ता कर रहा था। इसी बीच वहां मौजूद सिटी मजिस्ट्रेट कुंज बिहारी अग्रवाल को मोबाइल फोन से रिकॉडिंग करते देख वहां मौजूद लोग आक्रोशित हो उठे। उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए उन्हें मीटिंग कक्ष से बाहर जाने को कह दिया।

तीन दिन में 300 से ज्यादा रिजर्वेशन कैंसिल

16
शहर के सांप्रदायिक दंगे का खौफ अभी भी लोगों के दिलों से कम नहीं हुआ है। दैनिक यात्रियों और शहर के बाहर जाने के लिए रिजर्वेशन कराने वाले लोग अभी भी डरे हुए हैं, घर से बाहर नहीं निकाल रहे। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीन दिन से मिल रही कर्फ्यू में ढील के दौरान 300 से अधिक रिजर्वेशन कैंसिल हुए हैं। इससे रेलवे को भी लाखों की चपत लग चुकी है।

शनिवार को भड़के दंगे के बाद से ही शहर में कर्फ्यू लागू है। दहशत का माहौल है। लोग घरों में कैद हैं। शांत व्यवस्था के लिए पुलिस और प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील दी तो लोग बाजार की ओर दौड़ पड़े। जरूरत का सामान खरीदा और फिर अपने घरों को लौट आए। तीन दिन से लगातार प्रशासन कर्फ्यू में ढील देकर शहरवासियों के मिजाज को जानने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी दिलों में खौफ बाकी है। बुधवार को रेलवे रिजर्वेशन ऑफिस पर भी असर दिखाई दिया। सुबह दी गई कर्फ्यू में छूट के दौरान अधिकांश लोग रिजर्वेशन कैंसिल कराने पहुंचे। शारदा नगर के विनीत मितल ने बताया कि दिल्ली में कारोबार के सिलसिले में जाना था, लेकिन हालात देखते हुए परिजनों ने मना कर दिया।

आजाद कालोनी की शबाना का कहना है कि रिश्तेदारी के कार्यक्रम में जाना था, पूरी फैमिली का रिजर्वेशन कराया था, दंगे के कारण कैंसिल करा रही हूं। उधर, खलासी लाइन रिजर्वेशन ऑफिस से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को 25 हजार रुपये की कमाई हुई जबकि 10 हजार कैंसिल रिजर्वेशन पर रिफंड कराया गया। चार घंटे में 40 रिजर्वेशन कैंसिल कराए गए। कैंसिल रिजर्वेशन दिल्ली, अंबाला और मेरठ की ओर के ज्यादा हैं। रिजर्वेशन काउंटर की माने तो बुधवार को करीब 50 लोग ही रिजर्वेशन कराए हैं।

उधर, स्टेशन अधीक्षक अरविंद शर्मा का कहना है कि दंगे के कारण रिजर्वेशन कैंसिल हुए हैं। कर्फ्यू लगा होने से यात्री स्टेशन नहीं पहुंच रहे, जिससे रेलवे को नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालात सामान्य होने का इंतजार किया जा रहा है।

15 दिन से बंद है सामान की आपूर्ति

17
पहले कांवड़ के कारण रूट डायर्वजन और अब दंगे के कारण पिछले 15 दिन से सहारनपुर में जरूरी सामान की आवक बंद पड़ी है। मौजूदा कर्फ्यू के हालात में लोगों ने जमकर राशन आदि जरूरी सामान की खरीदारी की। ऐसे में शहर में राशन का संकट गहराने के आसार बन गए हैं।

15 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू में प्रशासन ने रूट डायर्वजन कर दिया था। दूसरे शहरों में भी भारी वाहनों का आवागमन बाधित रहा। परिणाम स्वरूप 10 दिन तक सहारनपुर में भी किसी तरह के माल की आवक नहीं हो पाई। कांवड़ यात्रा समाप्त होने के बाद माल से भरे ट्रकों के पहुंचने की उम्मीद थी कि अगले ही दिन 26 जुलाई को शहर में दंगा होने से कर्फ्यू लग गया।

परिणाम स्वरूप बाहर से आने वाले माल से लदे ट्रक फिर खड़े हो गए। काफी ट्रक सहारनपुर जिले की सीमा पर ही रुके हुए हैं। उधर, कर्फ्यू लगे होने के कारण लोग ढील मिलते ही आटा, दाल, चावल, मसाले आदि जरूरी सामान की जमकर खरीद कर रहे हैं। 15 दिन से माल की आवक बंद होने और खरीदारी बढ़ने से राशन का संकट गहराने के आसार बन गए हैं।

प्रमुख किराना व्यापारी यशपाल मैनी का कहना है कि यदि एक-दो दिन में मालवाहकों का आवागमन शुरू नहीं हुआ तो निश्चित रूप से जरूरी सामान की किल्लत उत्पन्न हो जाएगी। पश्चिमी उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र भूषण ने कहा कि कर्फ्यू के कारण अब तो पूरी सब्जी तक नहीं आ पा रही है।

'सुरक्षा नहीं मिली तो यूपी ही छोड़ देंगे'

18
शहर में सांप्रदायिक दंगे के बाद से जारी कर्फ्यू के तीन दिन बीतने के बाद बुधवार को राज्यमंत्री राजेंद्र राणा, विधानसभा उप चुनाव प्रत्याशी संजय गर्ग, सपा जिलाध्यक्ष जगपाल दास सहित अन्य नेताओं ने गुरुद्वारा सिंह सभा में दंगा पीड़ितों की समस्याएं सुनीं। समय से दंगा नियंत्रण न करने पर सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाए। उन्होंने राज्यमंत्री के सामने ही चेतावनी दी कि यदि उन्हें सुरक्षा और कारोबार के लिए बेहतर माहौल नहीं मिला तो वे यूपी छोड़ देंगे। वे बेहतर माहौल बनने तक न कारोबार शुरू करेंगे और न ही सिख समाज की शिक्षण संस्थाएं खोली जाएंगी।

सिख समाज की ओर से गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष बलबीर सिंह और पूर्व अध्यक्ष हरविंदर सिंह चड्ढा� ने कहा कि जिस धार्मिक स्थल के नाम पर यह बवाल किया गया, उस पर एडीजे की कोर्ट से बहुत पहले ही उनके पक्ष में निर्णय आ चुका है। प्रशासन से जुड़े अधिकारियों के संज्ञान में भी यह बात थी। बरसों से यहां उनके धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस फोर्स के सामने ही दंगाइयों ने गोलियां चलाईं, पथराव किया, आगजनी की और अंबाला रोड पर करोड़ों का कारोबार तबाह कर दिया गया। इसके बाद पूरे शहर को दंगे की आग में झोंका गया। सवाल किया गया कि कर्फ्यू में कई घंटे की देरी क्यों की गई। दंगा फैलाने का मौका क्यों दिया गया? सिखों ने कहा कि यह सुनियोजित साजिश के तहत हुआ।

मंत्री बोले, अफसरों ने नहीं सुनी हमारी बात
सिखों के सवाल पर राज्यमंत्री राजेंद्र राणा ने कहा उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को समय से कर्फ्यू लगाने के लिए कहा था, लेकिन काफी कहने पर भी अफसरों ने नहीं सुनी। इसके चलते बवाल का अधिक असर हुआ। शहर के बिगड़े माहौल पर उन्होंने कहा कि मैं खुद भी शर्मिंदा हूं। उन्होंने विश्वास दिलाया सुरक्षा और बेहतर माहौल के लिए प्रयास तेज होंगे।

मुख्यमंत्री के अलावा मदनी तक पहुंचाई बात
राज्यमंत्री राजेंद्र राणा ने कहा कि यहां के हालात के बारे में उन्होंने सीएम अखिलेश यादव के अलावा जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव और पूर्व सांसद महमूद मदनी से भी संपर्क किया है। उनसे अपील की है कि वे भी सकारात्मक कदम उठाएं।

दंगाइयों के घरों से निकलवाओ अवैध हथियार
सिखों ने कहा कि सीएम प्राथमिकता से मुआवजा दिलाएं। दंगाइयों के यहां से अवैध हथियार जब्त करें। बवाल में 12 से 15 साल के किशोर भी देसी तमंचे लहरा रहे थे। दुकानों में आग के लिए इस्तेमाल केमिकल की जांच और बरामदगी की भी मांग उठी।

You like My Reporting?

Did this Post help you? Share your experience below.
Use the share button to let your friends know about this update.


WANT TO DONATE FOR SITE?

 

DONATE! GO TO LINK: http://kosullaindialtd.blogspot.in/p/donate.html 

No comments:

Post a Comment