Tuesday 29 July 2014

Now BJP Also in way of Congress First Controversial Statement On Poor Indians: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा का बयान-गरीब लोग टमाटर नहीं खाते | BJP National Vice-President Prabhat Jha ​​Controversial Statements On Tomatoe

Now BJP Also in way of Congress First Controversial Statement On Poor Indians:

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा का बयान-गरीब लोग टमाटर नहीं खाते
BJP National Vice-President Prabhat Jha ​​Controversial Statements On Tomatoe

  | Jul 29, 2014, 19:48PM IST
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फाइल फोटो: प्रभात झा 

भोपाल. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रभात झा का महंगाई और टमाटर की बढ़ती कीमत पर दिया गया बयान चर्चाओं में आ गया है। उन्होंने टमाटर को अमीरों का खाना बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने अपने घर पर प्रेस वालों से कहा, 'टमाटर गरीबों का खाना नहीं है।' प्रभात झा ने यह भी कहा कि किसी भी सरकार को टमाटर के दाम बढ़ने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने तर्क दिया कि आलू, प्याज, गेंहू, चावल यहां तक कि रसोई गैस भी सस्ती है। प्रभात के मुताबिक, टमाटर पर बारिश की मार पड़ी है। दो महीने पहले तक टमाटर 2-6 रुपए किलो बिक रहा था। दो महीने बाद फिर सस्ता हो जाएगा।

बयानों के लिए चर्चित रहे हैं प्रभात...
 
  • बीएसएफ और सीआरपीएफ को कहा था डकैत (अगस्त 2010)
इंदौर में प्रभात झा ने बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवानों को डकैत कहा था। उन्होंने कहा था, 'बीएसएफ और सीआरपीएफ डकैत हो गए हैं। देश की सीमाओं पर होने वाली तस्करी में ये शामिल हैं।' उन्होंने आरोप लगाया था कि नक्सलियों को हमारे ही जवान हथियार बेच रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि सीमा का रक्षक ही यदि नक्‍सलियों को हथियार बेचने लगेगा देश का क्या होगा?
  • बीजेपी नेता को बताया था सिगरेट पीने वाला ( अक्टूबर 2010)
 भाजपा के दिवंगत नेता प्यारेलाल खण्डेलवाल की पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा में प्रभात झा ने कहा था कि आपातकाल के समय श्री खण्डेलवाल उन्हें ग्वालियर में मिले थे और उस समय वे बेलबाटम पहने हुए थे मुंह में सिगरेट थी। प्रभात झा के इस बयान से भाजपा के नेताओं को झटका लगा था क्योंकि उनका कहना था कि खण्डेलवाल सिगरेट नहीं पीते थे। 
  • कांग्रेस नेता केपी सिंह का बनाया था मजाक (फरवरी 2012)
प्रभात झा द्वारा कांग्रेस नेता केपी सिंह के नाम के आगे कक्काजू को महिलाओं के सिर का जू कहने पर क्षत्रिय समाज ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। समाज के लोगों ने डिप्टी कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में उल्लेख किया गया था कि प्रभात झा ने राजनीतिक सभा में सामाजिक पदवी जू का असम्मान किया था। चूंकि जूदेव, कक्काजू, नन्नाजू आदि हमारे वरिष्ठ एवं सम्माननीय लोगों के प्रति सम्मानजनक शब्द है।
 
  •  कांग्रेसियों को कहा था कूड़ा-करकट (जुलाई 2913)
प्रभात झा द्वारा कांग्रेसियों को कूड़ा-करकट कहने व सांसद कांतिलाल भूरिया के बारे में अशोभनीय टिप्पणी करने का कांग्रेस ने विरोध किया था। कांग्रेसियों ने कहा था कि कांग्रेस नेताओं पर बेतुके आरोप लगाने से पहले झा यह बताएं कि यदि राघवजी का कृत्य मानवीय स्वभाव था तो कानून इसे अपराध क्यों मानता है।
 
 
 
यह भी कहा था झा ने...
  1. प्रभात झा ने कहा था कि वह राजनीति से 62 साल की उम्र में राजनीति से संन्यास लेंगे। उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने कोई इच्छा नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि वे एक एकड़ जमीन खरीदेंगे और पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूल चलाएंगे। संन्यास लेने के बाद पांच गाय और दो भैंस पालेंगे। 
आसाराम बापू को रेप तथा अन्‍य आरोपों में निर्दोष बताया, जिसके बाद प्रभात झा की खूब आलोचना हुई थी।
 
 
पत्रकार से राजनीति तक का सफर...
पत्रकार और राज्‍यसभा सदस्य प्रभात झा का जन्‍म 6 अप्रैल 1957 को बिहार के दरभंगा के हरिहरपुर ग्राम में हुआ था। वे अपने परिवार के साथ ही मध्‍यप्रदेश के ग्‍वालियर में आ गए तथा यहीं से उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा संपन्न हुई।
इसके बाद उन्होंने ग्‍वालियर के पीजीवी कॉलेज से राजनीति शास्‍त्र में बीएससी, माधव कॉलेज से राजनीति शास्‍त्र में ही एमए तथा एमएलबी कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।
1975 में प्रभात झा की शादी रंजना झा से हुई और उनके दो पुत्र हैं। विवाह के उपरांत वे पत्रकारिता करने लगे। लंबे समय तक पत्रकारिता करने के बाद वे राजनीति में आ गए और बीजेपी के सदस्‍य बने। इस दौरान भी वे लगातार अनेक पत्र-पत्रिकाओं के लिए आलेख व स्‍तंभ लिखते रहे। 
अप्रैल 2008 में मध्‍यप्रदेश से वे बीजेपी के टिकट पर राज्यसभा के सदस्‍य बने। इसके बाद वे रुरल डेवलपमेंट कमेटी के सदस्‍य बनाए गए। जनवरी 2010 में वे पॉपुलेशन एवं पब्लिक हेल्‍थ के संसदीय फोरम सदस्‍य चुने गए। 
अगस्‍त 2012 में वे रेलवे कमेटी के सदस्‍य बने और अप्रैल 2013 से वे शिल्पकारों और कारीगरों के संसदीय फोरम के सदस्‍य रहे। अप्रैल 2014 में वे दोबारा से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए हैं।
 
 
 

 

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