कश्मीर पंडितों की कौसर नाग यात्रा से नया बखेडा
यह आरएसएस (संघ) का नया एजेंडा है। इसके कश्मीर क्षेत्र की मुस्लिम पहचान खत्म हो जाएगी।भारत कश्मीर में इजरायल द्वारा फिलीस्तीन में अपनाई गई नीति अपना रहा है : गिलानी
Updated: Tue, 29 Jul 2014 03:04 PM (IST) |
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4000 श्रद्वालु यहां पहुंचकर नाग पंचमी उत्सव मनाएंगे। यहां ग्लेशियर से बनी झील में स्नान व पूजा के बाद वे पुन: लौट जाएंगे। कश्मीर के शौपियां जिले में स्थित इस हिन्दू तीर्थ स्थल पर यह यात्रा हर साल होती है, दकेमि इस वर्ष यह बड़े पैमाने पर हो रही हैं। कश्मीरी अलगाववादियों के विरोध का कारण भी यही है।
कहां है कौसर नाग
कौसर नाग कश्मीर घाटी में पीर पंजाल पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है। इसे कौसर नाग झील के रूप में भी जाना जाता है। कश्मीर में विशुद्ध पानी का यह प्रमुख स्रोत है।
सालाना मेला
समुद्र की सतह से 12000 फुट की ऊंचाई पर स्थित इस तीर्थस्थल पर पिछले तीन सालों से सालाना मेला लगने लगा है, इस बार इसका नेतृत्व कश्मीरी पंडितों के समूह-आल पार्टी माइग्रेंट्स कोऑर्डिनेशन कमेटी द्वारा किया जा रहा है।
हिन्दू तीर्थ स्थल घोषित
जम्मू-कश्मीर सरकार ने कौसर नाग को हिन्दू तीर्थ स्थल घोषित किया है। सरकार ने यहां पहुंचने वाले वाले श्रद्वालुओं के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। हेलिकॉप्टर तैनात किए जाने की भी संभावना है। सरकार यात्रा के आधार शिविर कटरा पर वैष्णोदेवी आने वाले तीर्थ यात्रियों को कौसर नाग यात्रा के लिए प्रेरित करने हेतु होर्डिंग आदि भी लगा रहीं है।
मुस्लिम पहचान खो जाएगी : गिलानी
कश्मीरी पंड़ितों की कौसर नाग यात्रा का पृथकतावादी नेता सैयद अली शाह गिलानी व अन्य कड़ा विरोघ कर रहे हैं। उनका कहना कि यह आरएसएस (संघ) का नया एजेंडा है। इसके क्षेत्र की मुस्लिम पहचान खत्म हो जाएगी। यात्रा से कश्मीर के पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा।
इजरायल जैसी नीति का आरोप
गिलानी ने आरोप लगाया कि भारत कश्मीर में इजरायल द्वारा फिलीस्तीन में अपनाई गई नीति अपना रहा है। अलगाववादी नेता ने कहा कि यदि इसे नहीं रोका गया तो मुस्लिमों को उसी तरह प्रताड़ित होना पड़ेगा, जैसा फिलिस्तीन में हो रहा है। अलगाववादी नेता गिलानी ने 15 दिनी अमरनाथ यात्रा को बढ़ाकर 2 माह करने का भी विरोध किया। आरंभिक रूप से यह यात्रा पंद्रह दिन की ही होती थी।
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