Thursday, 31 July 2014

जासूसी बर्दाश्त नहीं: सुषमा

जासूसी बर्दाश्त नहीं: सुषमा


 शुक्रवार, 1 अगस्त, 2014 को 00:33 IST

सुषमा स्वराज और जॉन केरी 

भारत की यात्रा पर आए अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी से मुलाक़ात में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि जासूसी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
एक संयुक्त प्रेस वार्ता में सुषमा स्वराज की बात के जवाब में केरी ने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गुप्तचर एजेंसियों को अपने तौर-तरीक़े बदलने को कहा है.

भारतीय विदेश मंत्री ने बताया कि अमरीका के नए आप्रवासन क़ानून पर भी भारत ने चिंता ज़ाहिर की है क्योंकि इससे भारत के आईटी विशेषज्ञों को नुक़सान हो सकता है.
अमरीकी विदेश मंत्री ने स्वीकार किया कि इस क़ानून में कुछ बदलाव की ज़रूरत है. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि यह विधेयक महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि विधेयक अगले कुछ महीनों तक पेश नहीं होगा और फिर ज़रूरी बदलावों के बाद ही आएगा.

'21वीं सदी के सहयोगी'

सुषमा स्वराज ने कहा कि अमरीका के साथ रणनीतिक संबंधों को लेकर कोई संदेह नहीं है. उन्होंने कहा कि अमरीकी विदेश मंत्री के साथ सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के कई विषयों पर बात हुई है.
केरी ने कहा कि भारत-अमरीका संबंधों में उतार-चढ़ाव इतिहास की बात हो चुकी है. उन्होंने कहा कि भारत और अमरीका 21वीं सदी के संभावित सहयोगी हैं.

अमरीकी विदेश मंत्री ने कहा कि अमरीका भारत को सस्ती बिजली हासिल करने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि वह मोदी की भारतीय अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने की योजनाओं को पूरा होते देखना चाहेंगे.
यूक्रेन को लेकर नीति में किसी बदलाव को लेकर पूछे गए सवाल पर सुषमा स्वराज ने कहा कि इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. उन्होंने कहा कि विदेशी नीति जारी रहनी चाहिए, सरकार बदलने के साथ बदलनी नहीं चाहिए.
ग़ज़ा के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में सुषमा स्वराज ने भारत के रुख़ को साफ़ करते हुए कहा कि ग़ज़ा के मामले में भारत फ़लस्तीनियों का पूरा समर्थन करता हैं लेकिन इसराइल के साथ भारत के अच्छे संबंध हैं.

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