Monday 28 July 2014

HACKING-सावधान: आपके इनबॉक्स पर हमला कर रहा है फेसबुक का नया 'स्पैम'

HACKING-सावधान: आपके इनबॉक्स पर हमला कर रहा है फेसबुक का नया 'स्पैम'


नई दिल्ली, 28 जुलाई 2014 | अपडेटेड: 14:38 IST
टैग्स: फेसबुक स्पैम| प्राइवेट वीडियो| लिंक| आईपी| आईपी| प्रॉक्सी सर्वर


ऐसा दिखता है आपके इनबॉक्स में आने वाला स्पैम
फेसबुक पर आ गई है एक और आफत. एक नए 'स्पैम' ने आपकी मुश्किलें बढ़ानी शुरू कर दी हैं. कोई फेसबुक फ्रेंड आपको इनबॉक्स में कोई लिंक भेजे तो उस पर क्लिक मत कीजिएगा, वरना बेवजह परेशानी मोल ले बैठेंगे. अब तक एक दूसरे की टाइमलाइन पर खुद-ब-खुद पोस्ट होने वाले स्पैम आते थे, लेकिन इस स्पैम ने इनबॉक्स के जरिये हमला बोला है. कैसे करें स्पैम की पहचान?
स्पैम एक निश्चित फॉरमैट में है, इसलिए उसकी पहचान बेहद आसान है. किसी भी फेसबुक फ्रेंड के अकाउंट से आपको इनबॉक्स में एक लिंक आएगा. लिंक में आपकी फेसबुक प्रोफाइल फोटो लगी होगी, आपका नाम होगा और उसके आगे यूट्यूब वीडियो लिखा होगा. (देखें ऊपर लगी तस्वीर) उसके नीचे एक लिंक लिखा होगा, जो है, 7.hidemyass.com. और सबसे नीचे लिखा होगा 'प्राइवेट वीडियो'. इस पर हरगिज क्लिक न करें.

कहां ले जाएगा ये स्पैम?
यह लिंक आपको कहां ले जाता है, इसकी पूरी पड़ताल हमने की. मोटा-मोटी यह समझ लीजिए कि इस लिंक पर क्लिक करते ही आपका आईपी एड्रेस बदल जाएगा. यह स्पैम लिंक 7.hidemyass.com पर ले जाता है. यह दरअसल एक प्रॉक्सी सर्वर पर है जिसके जरिये इंटरनेट पर अपनी पहचान छिपाई जा सकती है.


इस लिंक पर पहुंचते ही आपका आईपी एड्रेस खुद-ब-खुद बदल जाएगा. (ऊपर लगा स्क्रीनशॉट देखें). यह सर्वर आपको नया आईपी एड्रेस देगा. इसके बाद आप तकनीकी रूप से इंटरनेट की दुनिया में अदृश्य हो जाएंगे. यानी आप किसी भी साइट पर जाएंगे तो आपकी आईपी पकड़ में नहीं आएगी, आपकी जगह hidemyass.com की कोई आईपी दिखाई देगी. नीचे दिए गए लिंक (7.hidemyass.com) में अगर आप '7' की जगह कोई और नंबर लिखेंगे तो आपकी आईपी एक बार फिर बदल जाएगी. ध्यान रहे कि हर कंप्यूटर का अलग आईपी एड्रेस होता है और यही उसकी पहचान होती है.
अगर गलती से कर दिया क्लिक तो..?
क्लिक करते ही आपका आईपी एड्रेस बदल जाएगा. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. तुरंत सब कुछ लॉग आउट करके अपना ब्राउजर बंद कर दें. दोबारा ब्राउजर खोलेंगे तो आपकी असल आईपी ही एक्टिव हो जाएगी. ये प्रॉक्सी सर्वर सिर्फ टेंपरेरी आईपी देता है. लेकिन अगर 7.hidemyass.com पर आप 7 की जगह दूसरा नंबर डालें, (जिसके लिए यह उकसाता है), तो हो सकता है कि आपका सिस्टम तुरंत हैक हो जाए. हमने भी यह करके नहीं देखा है. इसलिए लिंक से बचकर रहिए, जागरुक रहिए, औरों को भी करिए.

साइबर अपराधों में होता है इसका इस्तेमाल
ऐसे कई प्रॉक्सी सर्वर इंटरनेट पर उपलब्ध हैं. जानकार बताते हैं कि इसका ज्यादातर इस्तेमाल हैकिंग के लिए और बैन साइट्स देखने के लिए होता है. मसलन कोई वेबसाइट भारत में बैन है तो भारत के आईपी से उसे नहीं देखा जा सकता. लेकिन प्रॉक्सी सर्वर के जरिये किसी और देश की आईपी लेकर आप वह साइट खोल सकते हैं. प्रॉक्सी सर्वर टेस्टिंग के मकसद से बनाए गए थे, लेकिन बाद में इनका दुरुपयोग होने लगा. साइबर अपराधों में लिप्त लोग प्रॉक्सी सर्वर का ही इस्तेमाल करते हैं.

स्पैम क्यों बनाया गया?
इस बारे में सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है. जानकारों का मानना है कि हर स्पैम की तरह यह एक शरारत ही है. इसके पीछे यह मकसद भी हो सकता है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रॉक्सी सर्वर से रूबरू करवाया जाए और इस तरह साइबर अपराधों को बढ़ावा मिले. यह खतरे से खाली हरगिज नहीं है.



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