मुरादाबाद बवाल: भाजपा ने किया महापंचायत का ऐलान,कांठ मंदिर पर लगे लाउडस्पीकर को पुलिस द्वारा जबरन उतारने और दलित महिलाओं पर लाठीचार्ज से सुलगा कांठ ,भाजपा नेताओं समेत 50 नामजद,धरपकड़ को पुलिस ताबड़तोड़ छापे,इंटेलीजेंस ने शासन को रिपोर्ट भेजी
मुरादाबाद बवाल: भाजपा ने किया महापंचायत का ऐलान
खुलकर मैदान में उतरी भाजपा
शुरुआती झिझक के बाद भाजपा शुक्रवार को मुरादाबाद के
कांठ में हुए बवाल में खुलकर मैदान में उतर आई है। पार्टी के प्रदेश
नेतृत्व ने अकबरपुर चेंदरी में हुई एक पक्षीय पुलिस कार्रवाई और दलित
महिलाओं पर लाठीचार्ज की घटना को मुद्दा बनाते हुए कांठ में महापंचायत करने
का ऐलान कर दिया है।
इस महापंचायत की अध्यक्षता खुद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी करेंगे और इसमें पश्चिमी यूपी के सभी सांसदों और विधायकों को पहुंचने के निर्देश पार्टी ने जारी कर दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी इस महापंचायत में हिस्सा लेंगे। भाजपा ने एक जांच दल का गठन भी किया है जो रविवार को प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेगा।
भाजपा के क्षेत्र अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह और महानगर अध्यक्ष रितेश गुप्ता ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर कांठ मुद्दे पर पार्टी के रुख की जानकारी दी। भाजपा नेताओं ने कहा कि जिस तरह जिला प्रशासन ने स्थानीय विधायक अनीसुर्रहमान और प्रदेश सरकार के एक ताकतवर मंत्री के दबाव में मंदिर के ताले तोड़कर लाउडस्पीकर उतारा और दलित महिलाओं को बेरहमी से पीटा, पार्टी उसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है।
इस महापंचायत की अध्यक्षता खुद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी करेंगे और इसमें पश्चिमी यूपी के सभी सांसदों और विधायकों को पहुंचने के निर्देश पार्टी ने जारी कर दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी इस महापंचायत में हिस्सा लेंगे। भाजपा ने एक जांच दल का गठन भी किया है जो रविवार को प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेगा।
भाजपा के क्षेत्र अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह और महानगर अध्यक्ष रितेश गुप्ता ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर कांठ मुद्दे पर पार्टी के रुख की जानकारी दी। भाजपा नेताओं ने कहा कि जिस तरह जिला प्रशासन ने स्थानीय विधायक अनीसुर्रहमान और प्रदेश सरकार के एक ताकतवर मंत्री के दबाव में मंदिर के ताले तोड़कर लाउडस्पीकर उतारा और दलित महिलाओं को बेरहमी से पीटा, पार्टी उसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है।
भाजपा ने बनाया जांच दल
भाजपा नेताओं ने कुछ पुलिस कर्मियों पर मंदिर से
लाउडस्पीकर उतारते वक्त मूर्तियों का अपमान करने का भी आरोप लगाया है।
क्षेत्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने एक
जांच दल बनाया है जिसमें उनके अलावा शामली विधायक सुरेश राणा, नूरपुर
विधायक लोकेंद्र चौहान, मेरठ पश्चिम के विधायक रविंद्र भड़ाना शामिल हैं।
यह जांच दल रविवार को अकबरपुर सेंदरी गांव जाकर हालात का जायजा लेगा और प्रदेश अध्यक्ष को रिपोर्ट देगा। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि चार जून को कांठ क्षेत्र में भाजपा महापंचायत करेगी। जिसका संयोजक कांठ के पूर्व विधायक राजेश कुमार उर्फ चुन्नू को बनाया गया है। इस महापंचायत के डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पश्चिमी यूपी के सभी भाजपा सांसद, विधायक और प्रदेश स्तर के सभी बड़े भाजपा नेता मौजूद रहेंगे।
महापंचायत के लिए तैयारियों का जिम्मा भाजपा ने हरिओम शर्मा, हुकुम सिंह, धर्मपाल सिंह, मुनीश चौहान, मंजू शर्मा, बालेचरन को सौंपा है। भाजपा का कहना है कि महापंचायत के जरिए वह मंदिर पर दोबारा लाउडस्पीकर लगाने, ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने, अकबरपुर गांव में ही बिना इजाजत बनाई जा रही दो मस्जिदों का निर्माण तत्काल रोकने की मांग करेगी।
यह जांच दल रविवार को अकबरपुर सेंदरी गांव जाकर हालात का जायजा लेगा और प्रदेश अध्यक्ष को रिपोर्ट देगा। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि चार जून को कांठ क्षेत्र में भाजपा महापंचायत करेगी। जिसका संयोजक कांठ के पूर्व विधायक राजेश कुमार उर्फ चुन्नू को बनाया गया है। इस महापंचायत के डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, पश्चिमी यूपी के सभी भाजपा सांसद, विधायक और प्रदेश स्तर के सभी बड़े भाजपा नेता मौजूद रहेंगे।
महापंचायत के लिए तैयारियों का जिम्मा भाजपा ने हरिओम शर्मा, हुकुम सिंह, धर्मपाल सिंह, मुनीश चौहान, मंजू शर्मा, बालेचरन को सौंपा है। भाजपा का कहना है कि महापंचायत के जरिए वह मंदिर पर दोबारा लाउडस्पीकर लगाने, ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने, अकबरपुर गांव में ही बिना इजाजत बनाई जा रही दो मस्जिदों का निर्माण तत्काल रोकने की मांग करेगी।
बंद रहे बाजार, फोर्स ने किया फ्लैग मार्च
कांठ मंदिर पर लगे लाउडस्पीकर को पुलिस द्वारा जबरन
उतारने और दलित महिलाओं पर लाठीचार्ज से सुलगा कांठ शनिवार को संगीनों के
साए में खामोश रहा। अलबत्ता इलाके में दहशत है और कस्बे के सभी बाजार दिनभर
बंद रहे।
पुलिस, पीएसी और आरएएफ लगातार फ्लैग मार्च कर रहे हैं। बीते दिन के 19 लोगों समेत पुलिस अब तक 23 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले में भाजपा नेताओं समेत 50 नामजद और पांच सौ अज्ञात की धरपकड़ को पुलिस ताबड़तोड़ छापे मार रही है।
उधर, घटना के विरोध में भाजपा और हिंदू संगठनों ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार के पुतले फूंके। भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में चार जुलाई को कांठ में महापंचायत का ऐलान करने के साथ ही रविवार को अपना एक जांच दल भी प्रभावित क्षेत्र में भेजने की घोषणा कर दी है।
पुलिस, पीएसी और आरएएफ लगातार फ्लैग मार्च कर रहे हैं। बीते दिन के 19 लोगों समेत पुलिस अब तक 23 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले में भाजपा नेताओं समेत 50 नामजद और पांच सौ अज्ञात की धरपकड़ को पुलिस ताबड़तोड़ छापे मार रही है।
उधर, घटना के विरोध में भाजपा और हिंदू संगठनों ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार के पुतले फूंके। भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष की अगुवाई में चार जुलाई को कांठ में महापंचायत का ऐलान करने के साथ ही रविवार को अपना एक जांच दल भी प्रभावित क्षेत्र में भेजने की घोषणा कर दी है।
महिलाओं पर लाठीचार्ज के बाद जल उठा कांठ
कांठ विधायक अनीसुर्रहमान के गांव अकबरपुर चैदरी में
एक वर्ग ने पंद्रह दिन पहले मंदिर पर लगे लाउडस्पीकर को उतारने की मांग की
थी। जिसके बाद पुलिस ने जबरन मंदिर के ताले तोड़कर लाउडस्पीकर उतार दिया
था, विरोध करने आई महिलाओं पर लाठीचार्ज कर चार महिलाओं समेत आठ लोगों को
सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में जेल भी भेजा था। जिसके विरोध में
शुक्रवार को कांठ जल उठा था।
पुलिस ने कांठ में हरिद्वार हाईवे पर जाम लगाकर बैठे भाजपा और हिंदू संगठनों के नेताओं को हिरासत में लिया था जिस पर बेकाबू हुई भीड़ ने पथराव कर दो सीओ समेत कई पुलिस वालों को जख्मी कर दिया था। कई वाहन तोड़ डाले थे। पुलिस ने भी करीब सौ राउंड फायरिंग की थी।
आधी रात हालात को काबू करने के बाद शनिवार को भी पुलिस ने पूरे इलाके में कड़ी चौकसी रखी। लेकिन पूरे कांठ इलाके में जबरदस्त दहशत है। चैदरी गांव से कई परिवार पलायन कर गए हैं। पुलिस ने गिरफ्तार लोगों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
पुलिस ने कांठ में हरिद्वार हाईवे पर जाम लगाकर बैठे भाजपा और हिंदू संगठनों के नेताओं को हिरासत में लिया था जिस पर बेकाबू हुई भीड़ ने पथराव कर दो सीओ समेत कई पुलिस वालों को जख्मी कर दिया था। कई वाहन तोड़ डाले थे। पुलिस ने भी करीब सौ राउंड फायरिंग की थी।
आधी रात हालात को काबू करने के बाद शनिवार को भी पुलिस ने पूरे इलाके में कड़ी चौकसी रखी। लेकिन पूरे कांठ इलाके में जबरदस्त दहशत है। चैदरी गांव से कई परिवार पलायन कर गए हैं। पुलिस ने गिरफ्तार लोगों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में ‘फंस’ रहे अफसर
अकबरपुर चैदरी गांव में मंदिर पर लाउडस्पीकर कोई आज
से नहीं बल्कि वर्षों से बज रहा है। ग्रामीणों द्वारा कोई नई परंपरा नहीं
डाली गई है। इंटेलीजेंस की इस रिपोर्ट में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी
‘फंस’ रहे हैं। क्योंकि मंदिर से लाउडस्पीकर गैर परंपरागत बताकर उतारा गया
है। शासन को जो रिपोर्ट गई है उसमें इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि
यहां दोनों वर्गों की सहमति से लाउडस्पीकर लगा था। इंटेलीजेंस के अफसरों ने
शनिवार को गांव में पहुंचकर मंदिर की पुरानी फोटो इकट्ठा की हैं।
लाउडस्पीकर का विवाद पिछले करीब पंद्रह दिनों से चल रहा है। प्रशासन लगातार इसे गैर परंपरागत बता रहा है। ग्रामीणों पर लाउडस्पीकर को उतारने का दबाव बनाया जा रहा था। इसी को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी थी। जब कोई बीच का रास्ता नहीं निकला तो पुलिस ने गांव में जाकर जबरन लाउडस्पीकर उतार दिया। बस इसी से बवाल हुआ। कांठ जल उठा। जमकर पथराव और फायरिंग हुई। तेइस लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रशासन का कहना है कि ग्रामीण नई परंपरा डाल रहे थे। जबकि इंटेलीजेंस की रिपोर्ट ने पूरी कहानी ही पलट दी है। इंटेलीजेंस ने शासन को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें कहा है कि मंदिर पर लाउडस्पीकर पिछले कई साल से बज रहा है। इस पर दोनों में से किसी भी पक्ष को कोई ऐतराज नहीं था। यह अब बीच में विवाद उभरा है। लिहाजा इसके किसी नई परंपरा से नहीं जोड़ा जा सकता है। अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में मंदिर के पुराने फोटो भी संलग्न किए हैं। जिनमें मंदिर पर लाउडस्पीकर लगा है। कुल मिलाकर इस रिपोर्ट ने प्रशासन की बात को पूरी तरह से झुठला दिया है।
लाउडस्पीकर का विवाद पिछले करीब पंद्रह दिनों से चल रहा है। प्रशासन लगातार इसे गैर परंपरागत बता रहा है। ग्रामीणों पर लाउडस्पीकर को उतारने का दबाव बनाया जा रहा था। इसी को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी थी। जब कोई बीच का रास्ता नहीं निकला तो पुलिस ने गांव में जाकर जबरन लाउडस्पीकर उतार दिया। बस इसी से बवाल हुआ। कांठ जल उठा। जमकर पथराव और फायरिंग हुई। तेइस लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रशासन का कहना है कि ग्रामीण नई परंपरा डाल रहे थे। जबकि इंटेलीजेंस की रिपोर्ट ने पूरी कहानी ही पलट दी है। इंटेलीजेंस ने शासन को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें कहा है कि मंदिर पर लाउडस्पीकर पिछले कई साल से बज रहा है। इस पर दोनों में से किसी भी पक्ष को कोई ऐतराज नहीं था। यह अब बीच में विवाद उभरा है। लिहाजा इसके किसी नई परंपरा से नहीं जोड़ा जा सकता है। अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में मंदिर के पुराने फोटो भी संलग्न किए हैं। जिनमें मंदिर पर लाउडस्पीकर लगा है। कुल मिलाकर इस रिपोर्ट ने प्रशासन की बात को पूरी तरह से झुठला दिया है।
अफसरों की मुस्तैदी पर खूब हुई टिप्पणी
शुक्रवार को जो भी हुआ उसके लिए अफसर कम जिम्मेदार
नहीं। सुबह से बवाल चल रहा था। जबरदस्त तनातनी थी। लेकिन पुलिस और प्रशासन
के आला अफसर अपने आफिस और बंगलों में आराम करते रहे। शनिवार को मुस्तैदी
दिखाई और पूरा दिन कांठ में डेरा जमाया। लोगों की जुबान पर एक ही बात थी,
अगर साहब कल यह तेजी दिखाई होती तो शायद कांठ न जलता।
अकबरपुर चैदरी गांव के मंदिर से लाउडस्पीकर उतारने का विरोध शुक्रवार की सुबह से शुरू हो गया है। कांठ में हरिद्वार मार्ग पर पेट्रोल पंप के सामने धरना शुरू कर दिया गया। मंदिर पर लाउडस्पीकर लगाने, लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की जा रही थी। ऐसा नहीं था कि यहां मौजूद लोगों को समझाया नहीं जा सकता था। अगर जिलाधिकारी या एसएसपी शुरूआत में ही पहुंच गए होते तो मामला निपटाया जा सकता था। लेकिन किसी ने सुध ही नहीं ली।
डीएम और एसएसपी पहुंचे भी तो तब जब हालात बेकाबू हो चुके थे। खैर शनिवार को अधिकारियों ने गजब की मुस्तैदी दिखाई। कमिश्नर शिवशंकर सिंह, डीआईजी गुलाब सिंह, डीएम चंद्रकांत और एसएसपी धर्मवीर सिंह सुबह ही पहुंच गए। फोर्स को लेकर फ्लैग मार्च किया। कस्बे के असरदार लोगों के साथ बैठकर माहौल संभालने की अपील की। आला अधिकारियों की मौजूदगी का असर भी पड़ा। एक बड़ा तबका माहौल संभालने के लिए बाहर आया। लोगों को जो नाराजगी थी उसे अफसरों से बयां किया। कांठ के लोगों का कहना था कि अगर अधिकारी शुक्रवार की दोपहर को ही आ जाते तो स्थिति कंट्रोल की जा सकती थी।
कमिश्नर और डीआईजी से भी हकीकत छुपाई गई। इन दोनों अधिकारियों को सही जानकारी नहीं दी गई। दोपहर को करीब तीन बजे तक इन अफसरों को वहां के तनावपूर्ण हालातों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। यह दोनों अधिकारी माहौल को शांतिपूर्ण बताते रहे।
अकबरपुर चैदरी गांव के मंदिर से लाउडस्पीकर उतारने का विरोध शुक्रवार की सुबह से शुरू हो गया है। कांठ में हरिद्वार मार्ग पर पेट्रोल पंप के सामने धरना शुरू कर दिया गया। मंदिर पर लाउडस्पीकर लगाने, लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की जा रही थी। ऐसा नहीं था कि यहां मौजूद लोगों को समझाया नहीं जा सकता था। अगर जिलाधिकारी या एसएसपी शुरूआत में ही पहुंच गए होते तो मामला निपटाया जा सकता था। लेकिन किसी ने सुध ही नहीं ली।
डीएम और एसएसपी पहुंचे भी तो तब जब हालात बेकाबू हो चुके थे। खैर शनिवार को अधिकारियों ने गजब की मुस्तैदी दिखाई। कमिश्नर शिवशंकर सिंह, डीआईजी गुलाब सिंह, डीएम चंद्रकांत और एसएसपी धर्मवीर सिंह सुबह ही पहुंच गए। फोर्स को लेकर फ्लैग मार्च किया। कस्बे के असरदार लोगों के साथ बैठकर माहौल संभालने की अपील की। आला अधिकारियों की मौजूदगी का असर भी पड़ा। एक बड़ा तबका माहौल संभालने के लिए बाहर आया। लोगों को जो नाराजगी थी उसे अफसरों से बयां किया। कांठ के लोगों का कहना था कि अगर अधिकारी शुक्रवार की दोपहर को ही आ जाते तो स्थिति कंट्रोल की जा सकती थी।
कमिश्नर और डीआईजी से भी हकीकत छुपाई गई। इन दोनों अधिकारियों को सही जानकारी नहीं दी गई। दोपहर को करीब तीन बजे तक इन अफसरों को वहां के तनावपूर्ण हालातों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। यह दोनों अधिकारी माहौल को शांतिपूर्ण बताते रहे।
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