ज़रूर पढ़ें: अमरीकी चैनलों का चैन छीनने वालेभारतीय को झटका,...भारतीय मूल के अमरीकी चेत कनोजिया की कंपनी एरियो को अमरीका के सुप्रीम कोर्ट ने ग़ैरक़ानूनी करार दिया
भारतीय मूल के अमरीकी चेत कनोजिया की कंपनी एरियो को अमरीका के सुप्रीम कोर्ट ने ग़ैरक़ानूनी करार दिया है.
भोपाल में पले बढ़े कनोजिया ने एक ऐसी मिनी एंटीना
का इजाद किया था जो टेलीविज़न सिगनल्स को इंटरनेट के ज़रिए दर्शकों तक
पहुंचाता है.हर उपभोक्ता के नाम पर एक अठन्नी जितने बड़े एंटीना को उस शहर में एक बड़े से सेंट्रल बोर्ड में प्लग कर दिया जाता है.
नाराजगी की वजह
उपभोक्ता को न तो तार की ज़रूरत होती है न केबल बॉक्स की. सिर्फ़ एक यूज़र आईडी और पासवर्ड के ज़रिए वो जिस उपकरण पर चाहे ये चैनल देख सकता है.अमरीकी टेलीविज़न नेटवर्क्स ने कनोजिया की कंपनी एरियो के ख़िलाफ़ मुकदमा दायर किया था.
टेलीविज़न नेटवर्क्स की दलील थी कि ये और कुछ नहीं कार्यक्रमों की चोरी है और कॉपीराइट कानून का उल्लंघन है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए एरियो कंपनी के सीईओ और संस्थापक चेत कनोजिया कहते हैं, "अमरीका के सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला अमरीकी उपभोक्ताओं के लिए करारा झटका है. हमने हमेशा कहा कि हमारी कंपनी कानून के दायरे में रहते हुए तकनीक के निमार्ण का काम कर रही है. लेकिन इस फैसले साफ है कि तकनीक के लिए काम करने का कोई मतलब नहीं."
चेत आगे कहते हैं, "हम कोर्ट के फैसले से निराश तो हैं, लेकिन हमारा काम अभी खत्म नहीं हुआ. हम अपने उपभोक्ताओं के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और दुनिया के लिए सार्थक और सकारात्मक महत्व वाली नई तकनीकों के निर्माण का प्रयास नहीं छोड़ेंगे."
अमरीकी क़ानून के मुताबिक़ उपभोक्ता निजी इस्तेमाल के लिए एंटीना के ज़रिए उन चैनलों को देख सकता है जो मुफ़्त हैं लेकिन सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए नहीं. अदालत ने एरियो की तकनीक को एक सार्वजनिक प्लेटफॉर्म करार दिया है.
जेब पर असर
एरियो की ये टेक्नॉलॉजी टीवी कंपनियों के लिए बड़ा ख़तरा साबित हो रही है क्योंकि इसका सीधा असर उनकी जेब पर हो रहा है. 'दी इकॉनॉमिस्ट' पत्रिका के अनुसार पिछले साल अमरीका की चार बड़ी टेलीविज़न कंपनियों की कमाई सिर्फ़ केबल ऑपरेटरों के ज़रिए 1.3 अरब डॉलर की थी.लेकिन केबल कंपनियां इन मुफ़्त चैनलों को दूसरे बीसियों चैनल के साथ बेचती हैं और उपभोक्ता को सौ से दो सौ डॉलर प्रतिमाह देना पड़ता है.
कुछ महीने पहले बात करते हुए चेत कनोजिया ने कहा था कि उनका ये आविष्कार दर्शकों की बदलती आदत से प्रेरित है.
उनका कहना था, "लोग अब टैबलेट और लैपटॉप पर टीवी देख रहे हैं. केबल के ज़रिए आज के दिन अमरीकी दर्शकों को 400 चैनल्स का पैकेज लेना पड़ता है लेकिन देखते वो सिर्फ़ आठ या दस हैं."
कनोजिया ने ये कंपनी दो साल पहले शुरू की थी लेकिन इस फ़ैसले से माना जा रहा है कि उन्हें इसे बंद करना पड़ सकता है.
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