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इराक़: 'जानवरों से भी बदतर थे वो आईएसआईएस के चरमपंथी लोग'... 'अल्लाह हु अकबर' कहकर लोगों को गोली मार रहे थे, गला काट रहे थे...शिया सुन्नी का झगड़ा नहीं है वहां. इराक़ में सुन्नियों और शियाओं के बीच शादियां होती हैं. ये तो सिर्फ आईएसआईएस इस तरह पेश करने की कोशिश कर रहा है...वहां भारत की बहुत याद आई. सही मायनों में इतना प्यारा देश और कहीं नहीं है जहाँ हर सौ किलोमीटर पर भाषा और संस्कृति बदल जाती है मगर फिर भी लोग खुली हवा में सांस लेते हैं.
बुधवार, 25 जून, 2014 को 18:33 IST तक के समाचार
10 जून को जब हम करबला पहुंचे तो वहां बिल्कुल कर्फ़्यू जैसा माहौल था. आतंकवादियों ने लोगों को धमकी दे रखी थी.
उस दिन इमाम मेहदी का जन्मदिन था. मेरे साथ मेरा बेटा भी था और भतीजा भी.वे यह नहीं देख रहे थे कि किसको मार रहे हैं. सुन्नी को मार रहे हैं या शिया को. वे अंधाधुंध गोलियां चला रहे थे.
जब हम बग़दाद में ही थे तभी मोसूल में 40 भारतियों को बंधक बनाये जाने की ख़बर हमें मिली.
जो कुछ वहां हो रहा है वो बहुत ही ग़लत है. इस्लाम का नाम लेकर जिस तरह चरमपंथी 'अल्लाह हु अकबर' कहकर लोगों को गोली मार रहे थे, गला काट रहे थे, जानवरों से भी बदतर थे वो लोग.
जब हम भारत से जा रहे थे तब इसका आभास भी नहीं था. लेकिन जब हमें कड़ी तलाशी का सामना करना पड़ा तो शक हुआ की कुछ गड़बड़ है.
मुझे वहां जाते हुए 20 साल हो गए. इससे पहले इतनी सघन तलाशी कभी नहीं हुई थी.
'आयतुल्लाह का जिहाद का फ़तवा'
आतंकवादी लोगों के घरों में घुसकर बेगुनाह और बेकसूर लोगों को मार रहे थे. इसमें औरतें और बच्चे भी शामिल थे.
बग़दाद में मेरे बेटे अकबर ने अपने मोबाइल फोन से सुरक्षा बलों द्वारा पकडे गए कुछ आतंकवादियों की तस्वीरें भी लीं. वो बुर्क़े में छिपकर भागने की कोशिश कर रहे थे जब उन्हें पकड़ा गया.
शिया सुन्नी का झगड़ा नहीं है वहां. इराक़ में सुन्नियों और शियाओं के बीच शादियां होती हैं. ये तो सिर्फ आईएसआईएस इस तरह पेश करने की कोशिश कर रहा है.
वहां भारत की बहुत याद आई. सही मायनों में इतना प्यारा देश और कहीं नहीं है जहाँ हर सौ किलोमीटर पर भाषा और संस्कृति बदल जाती है मगर फिर भी लोग खुली हवा में सांस लेते हैं. भारत में अगर एक भी हत्या होती है तो वो काफी बड़ा मुद्दा बन जाता है. इस तरह सड़कों पर क़त्ले आम की तो कोई सोच भी नहीं सकता. यहाँ एक दूसरे के बीच जो प्यार और संबंध हैं, वो और कहीं नहीं है.
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