Wednesday, 25 June 2014

नरेंद्र मोदी: दाऊद और हाफिज सईद का हश्र ओसामा जैसा करेगा भारत? कर सकता है कोवर्ट ऑपरेशन,...डोभाल कराएंगे गुप्त कोवर्ट ऑपरेशन अभियान?...पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में अमेरिकी कमांडो दस्ते ने ऑपरेशन नेप्च्यून स्पियर में अल कायदा का कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन मारा गया था।

नरेंद्र मोदी: दाऊद और हाफिज सईद का हश्र ओसामा जैसा करेगा भारत? कर सकता है कोवर्ट ऑपरेशन,...डोभाल कराएंगे  गुप्त कोवर्ट ऑपरेशन  अभियान?...पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में अमेरिकी कमांडो दस्ते ने ऑपरेशन नेप्च्यून स्पियर में अल कायदा का कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन मारा गया था।

दाऊद और हाफिज सईद का हश्र ओसामा जैसा करेगा भारत? कर सकता है कोवर्ट ऑपरेशन


Jun 25, 2014, 12:52PM IST




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नरेंद्र मोदी

फाइल फोटो: लाहौर के कंपाउंड के बाहर खड़ा सुरक्षाकर्मी। इसी कंपाउंड के भीतर रहता है हाफिज सईद। 
नई दिल्ली. सत्ता में बदलाव के साथ ही देश की अंदरूनी और बाहरी सुरक्षा से जुड़ी नीति को लेकर बदलाव के कयास लगाए जाने लगे हैं। क्या नरेंद्र मोदी की अगुआई में भारत सरकार कांग्रेस या उसके समर्थन से चलने वाली सरकारों के उलट जाकर एबटाबाद स्टाइल में किसी गुप्त ऑपरेशन (कोवर्ट ऑपरेशन) में मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद को ढेर कर सकती है? यह सवाल इसलिए अहम है, क्योंकि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहे शशांक जोशी जैसे कुछ सिक्युरिटी एक्सपर्ट मान रहे हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) बनाए गए अजीत डोभाल पाकिस्तान में गुप्त अभियान को अंजाम दे सकते हैं। डोवाल ऐसे गुप्त अभियानों के पक्षधर रहे हैं। यही नहीं, खुद नरेंद्र मोदी ने एक अखबार से बातचीत में पाकिस्‍तान में एबटाबाद जैसे ऑपरेशन का जिक्र किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक इंटरव्यू में कहा कि वह दाऊद को देश वापस लाएंगे। उनकी योजना के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने उलटे सवाल दागा था कि क्‍या ओसामा बिन लादेन के खात्‍मे से पहले अमेरिका ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की थी? 
डोभाल कराएंगे कोवर्ट ऑपरेशन?

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) डोभाल गुप्त अभियान के पक्षधर रहे हैं। 2012 में उन्होंने एक लेख में कोवर्ट ऑपरेशन का समर्थन करते हुए लिखा था, 'कम लागत का आक्रामक विकल्प जिसे नकारा न जा सके और जिसका मकसद हो दुश्मन को घुटने टेकने पर मजबूर कर देना ही विकल्प है।' वे भारत सरकार की उन नीतियों की आलोचना करते रहे हैं, जिसमें कोवर्ट ऑपरेशन पर ज्यादा जोर नहीं दिया गया। अजीत डोभाल युद्ध के पारंपरिक तरीकों को बेहद महंगा और बहुत जोखिम भरा मानते हैं। वे सीमा पार से होने वाली घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों पर काबू पाने के लिए उनसे सीधी भिड़ंत को बेहतर विकल्प बताते हैं। इस बारे में उनका कहना है, 'आतंकवाद से डील करने के लिए सबसे अच्छा तरीका ऐसे युवाओं की तलाश करना है, जो फिदायीन हमलावर का मानसिक स्तर पर न सिर्फ मुकाबला कर सकें, बल्कि उन्हें मुंहतोड़ जवाब भी दे सकें।' डोभाल की इन बातों और प्रधानमंत्री के चुनाव के दौरान दिए गए बयानों की रोशनी में यह कहा जा सकता है कि भारत एबटाबाद जैसे किसी ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। 

कहां हैं हाफिज सईद और दाऊद? 
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, भारत में सत्ता परिवर्तन के साथ ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने दाऊद इब्राहिम को कराची से हटाकर अफगानिस्तान सीमा के नजदीक के इलाके में भेज दिया है। यह इलाका तालिबान के प्रभाव में माना जाता है। वहीं, 26/11 का मास्टर माइंड हाफिज सईद लाहौर में रहता है। पाकिस्तानी पुलिस की निगरानी में वह एक कंपाउंड में रहता है, जिसके भीतर घर, दफ्तर और मस्जिद मौजूद हैं। अमेरिका ने भी उसके सिर पर करीब 60 करोड़ रुपए का इनाम रखा हुआ है, लेकिन बावजूद इसके सईद पाकिस्तान में बड़ी-बड़ी रैलियां करता है और भारत के खिलाफ जहर उगलता है। दिलचस्प बात यह है कि जिस अमेरिका ने उसके सिर पर इनाम रखा है, उसी देश के मशहूर अखबार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' के रिपोर्टर ने सईद का इंटरव्यू लाहौर में उसके घर में फरवरी, 2013 में किया।    
कोवर्ट ऑपरेशन ही विकल्प?

1993 के मुंबई बम कांड के आरोपी दाऊद इब्राहिम और 2008 के मुंबई हमले के मास्टर माइंड और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद को पाकिस्तान परोक्ष रूप से समर्थन देता रहा है। इस बात के सबूत भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास मौजूद हैं और मीडिया में भी गाहे-ब-गाहे इससे जुड़ी खबरें आती रहती हैं। भारत इन दोनों मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादियों को सौंपने की मांग पाकिस्तान से लंबे समय से कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान का इन मांगों को लेकर रुख बहुत ही निराशाजनक रहा है। पड़ोसी देश दाऊद के अपने यहां होने तक से इनकार करता है और वहीं हाफिज सईद के बारे में कहता है कि देश की अदालत में हाफिज के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। जानकार मानते हैं कि पाकिस्‍तान किसी भी हालत में स्वयं दाऊद को भारत को नहीं सौंपने वाला। इंटेलिजेंस के लोग बताते हैं कि दाऊद के पास आईएसआई की बहुत सारी खुफिया जानकारी है। ऐसे में, उसे भारत को सौंपने या किसी तरह से खोने के बजाए पाक उसे खत्‍म कर देना बेहतर समझेगा। दूसरी तरफ, भारत की तरह पाकिस्तान भी परमाणु बम से लैस देश है। इसलिए सीधा या पारंपरिक युद्ध भी बेहतर विकल्प नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में सईद और दाऊद को उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए कोवर्ट ऑपरेशन एक बेहतर विकल्प हो सकता है।  
      
क्या होता है ओवर्ट और कोवर्ट ऑपरेशन? 
सिक्युरिटी के मामले में दो तरह के ऑपरेशन होते हैं। पहला ओवर्ट और दूसरा कोवर्ट। ओवर्ट ऑपरेशन वह ऑपरेशन होता है, जिसकी घोषणा पहले से ही कर दी गई हो। यानी उसकी जानकारी दुनिया के सामने हो। उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान में इन दिनों चल रहा ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब ऐसा ही ऑपरेशन है। इस ऑपरेशन में पाकिस्तानी फौज आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर रही है। पाकिस्तान सरकार ने इस ऑपरेशन की घोषणा पहले से ही कर दी थी। वहीं, कोवर्ट ऑपरेशन बहुत ही गुप्त तरीके से किया जाता है। इस ऑपरेशन के बारे में बहुत ही सीमित लोगों को जानकारी होती है। कई बार ऐसे ऑपरेशन के नतीजे भी दुनिया के सामने नहीं आ पाते हैं। कोवर्ट ऑपरेशन का अच्छा उदाहरण मई, 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिका की ओर से ओसामा बिन लादेन के खिलाफ किया गया ऑपरेशन नेप्च्यून स्पियर था। 
क्या हुआ था एबटाबाद में? 
पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में अमेरिकी कमांडो दस्ते ने ऑपरेशन नेप्च्यून स्पियर में अल कायदा का कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन मारा गया था। अमेरिकी कमांडो दस्ते ने ओसामा को मारकर अरब सागर में उसे जल समाधि दे दी थी। इस ऑपरेशन के बारे में खुद पाकिस्तान को बाद में पता चला।   
 भारत के लिए क्यों मुश्किल है कोवर्ट ऑपरेशन और क्या होगा उसका संभावित नतीजा: 


दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद का हश्र ओसामा ही जैसा करेगा भारत? कर सकता है कोवर्ट ऑपरेशन
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नरेंद्र मोदी
फाइल फोटो: कराची के क्लिफ्टन रोड पर मौजूद बंगला। पहले दाऊद इब्राहिम इसी बंगले में रहता था।  
आसान नहीं होगा कोवर्ट ऑपरेशन 
भले ही अजीत डोभाल गुप्त ऑपरेशन के हिमायती रहे हों, लेकिन भारतीय इंटेलिजेंस से जुड़े लोग मानते हैं कि पाकिस्तान के भीतर जाकर इस तरह के मिशन को अंजाम देना आसान नहीं है। पाक में दाऊद की सुरक्षा बेहद सख्‍त है और देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई के ट्रेंड किए गए लोग उसकी सुरक्षा में लगे हैं। भारत से जुड़ी कई खुफिया जानकारियां दाऊद के नेटवर्क से ही पाक को मिलती हैं। 2 मई, 2011 को एबटाबाद में ओसामा को खात्मे के लिए अमेरिका की ओर से चलाए गए मिशन के बाद आईएसआई ने सीख लेते हुए दाऊद की सुरक्षा और ज्‍यादा सख्‍त कर दी है। दूसरी ओर, पाकिस्तान में जबर्दस्ती घुसकर ऑपरेशन करना बहुत ही मुश्किल फैसला होगा। भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते इतने तनावपूर्ण रहते हैं कि सीमा पर घुसपैठ की घटना भी बड़े विवाद का रूप ले लेती है। 
अगर गुप्त अभियान हुआ तो युद्ध का खतरा!

भारत पाकिस्तान की सीमा लांघ कर उसकी जमीन पर दाऊद या हाफिज सईद के खिलाफ गुप्त अभियान चलाएगी तो पाकिस्तानी फौज के पास भारत के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के सिवा शायद ही कोई चारा बचे। इसके कारण ऐतिहासिक हैं। भारत विरोध पाकिस्तानी फौज की सबसे बड़ी ताकत मानी जाती है। ऐसे में, भारत के गुप्त अभियान से बौखलाई पाकिस्तानी सेना युद्ध का एलान भी कर सकती है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि अगर युद्ध की स्थिति बनती है तो किसका पलड़ा भारी पड़ सकता है। वैसे, इतिहास बताता है कि भारत ने पाकिस्तान को हर युद्ध में हराया है। लेकिन दोनों देशों की सैन्य ताकत को समझना जरूरी है।  
भारत और पाकिस्तान की सैन्य ताकत
 
सैन्य ताकत के मामले में आंकड़े बताते हैं कि भारत पाकिस्तान के मुकाबले 20 है। लेकिन पाकिस्तान के पास एटमी हथियार हैं।
67 साल पहले भारत और पाकिस्तान को आजादी मिली और इन 67 सालों में दोनों मुल्क चार जंग लड़ चुके हैं। 1971 की लड़ाई में मिली शिकस्त के बाद से पाकिस्तान ने अपनी सैनिक ताकत बढ़ाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया। 
आमने-सामने खड़ी फौजों की ताकत

भारत और पाकिस्तान की एक-दूसरे के खिलाफ सैन्य तैनाती लगभग बराबर है। भारतीय कॉर्प्स (एक कॉर्प्स में 20 से 45 हजार सैनिक होते हैं) की संख्या 9 है तो पाकिस्तान के 8 कॉर्प्स भारत की तरफ निशाना साधे हुए हैं। 
युद्ध की रणनीति
 
कॉर्प्स की तैनाती के साथ-साथ अहम बात ये होती है कि हमला करने के लिए स्ट्राइक फॉर्मेशन की क्षमता किसके पास है। जानकारों के मुताबिक, इस मामले में भारत का पलड़ा थोड़ा भारी है। अपने आर्म्ड डिविजन के इर्द-गिर्द भारत तीन स्ट्राइक फॉर्मेशन कर सकता है, जबकि पाकिस्तान सिर्फ दो। 
फौजी ताकत  
भारतीय सेना में करीब 13 लाख सैनिक हैं, जबकि पाकिस्तानी सेना में 6 लाख सैनिक हैं। 
टैंक 
भारत के पास करीब 2295 टैंक हैं तो पाकिस्तान के पास नए-पुराने मिलाकर 3620 टैंक हैं। 
लड़ाकू विमान
भारत की वायु क्षमता पाकिस्तान के मुकाबले कहीं बेहतर दिखती है। भारत के पास 600 फाइटर प्लेन हैं, तो पाकिस्तान के पास भी 400 लड़ाकू विमान हैं। 
एयर बेस 
भारत के पास पाकिस्तान से सटे 12 एयर बेस हैं जहां मिग, जगुआर, सुखोई और मिराज जैसे लड़ाकू विमान तैनात हैं। इसके मुकाबले पाकिस्तानी वायुसेना के पास 7 एयरबेस हैं, जहां मिराज, जेएफ और एफ 16 जैसे लड़ाकू विमानों की तैनाती है।
अवॉक्स में पाकिस्तान आगे! 
आधुनिक अवॉक्स एयरक्राफ्ट के मामले में पाकिस्तान ने भारत को पीछे छोड़ दिया है। आधुनिक युद्ध में इन विमानों का इस्तेमाल बेहद अहम होता है। ये विमान रडार युक्त होते हैं, जो दुश्मन देश के प्लेन, पानी के जहाज और मिसाइल की जानकारी दे सकते हैं। भारत के पास फिलहाल सिर्फ 3 अवॉक्स एयरक्राफ्ट हैं, जबकि पाकिस्तान ने 9 विमानों का जखीरा तैयार कर लिया है। 
एटम बम 
पाकिस्तान ने पिछले कुछ सालों में अत्याधुनिक हथियार और परमाणु शक्ति हासिल कर ली है। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के पास 90 से 100 न्यूक्लियर वॉरहेड्स हैं जो भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा हैं। 
नेवी 
भारतीय नेवी पाकिस्तान के मुकाबले जरूर मजबूत है। लेकिन जानकारों की मानें तो भारत और पाकिस्तान के बीच अहम भूमिका थल सेना और वायुसेना की है। 1971 की लड़ाई के बाद पाकिस्तान ने रक्षा बजट में जबर्दस्त बढ़ोत्तरी की है। 
कूटनीति और विश्व राजनीति पर असर
 
अगर भारत अमेरिका की तर्ज पर हाफिज सईद या दाऊद को पकड़ने के लिए कोई गुप्त अभियान चलाता है तो वह विश्व बिरादरी में अलग-थलग पड़ सकता है। अमेरिका समेत दुनिया के बड़े देश पाकिस्तान के साथ आ सकते हैं। भारत को चीन और कुछ हद तक अमेरिका के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, अमेरिका के पास भारत का विरोध करने का नैतिक बल नहीं होगा, क्योंकि वह खुद एबटाबाद में लादेन को मारने के लिए ऐसा ऑपरेशन चला चुका है। वहीं, खुद भारत की जमीन पर अक्सर घुसपैठ करने वाला चीन पाकिस्तान की सार्वभौमिकता का सवाल उठाएगा। इसके अलावा, अरब देश भी भारत का विरोध कर सकते हैं। भारत को ऐसे तीखे सवालों का सामना करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। वैश्विक दबाव में भारत के ऊपर कुछ प्रतिबंध भी लग सकते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ने जब पोखरण में परमाणु परीक्षण किए थे, तब अमेरिका ने भारत के ऊपर बड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। 
इतिहास पलटेगा! 
‍अगर भारत पाकिस्तान में घुसकर कोई गुप्त ऑपरेशन करता है तो वह एक तरह से भारत-पाकिस्तान के जंगी इतिहास को बदलने जैसा होगा। दोनों देशों के बीच अब तक चार बार-1947, 1965, 1971, 1999 में युद्ध हो चुका है। लेकिन इन चारों मौकों पर या तो जंग की शुरुआत पाकिस्तान की तरफ से की गई थी या फिर जंग के पीछे वजह वह बना। भारत ने अपनी तरफ से कभी जंग की शुरुआत नहीं की। लेकिन बदले हुए माहौल में अगर भारत ने पाकिस्तान में हाफिज सईद या दाऊद के खिलाफ कोई ऑपरेशन किया तो यह जंग की शुरुआत का कारण बन सकता है और इस तरह से भारत इतिहास को पलट देगा

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